रक्षाबंधन पर भाषण

रक्षाबंधन भारत के प्रमुख त्यौहार में से एक है। श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन आने वाला यह त्यौहार भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतिक है। पूरे देश में यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर धर्म और जाती के लोग रक्षाबंधन को आनंद के साथ मनाते हैं।

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इस आर्टिकल में आपको रक्षाबंधन पर भाषण (Raksha Bandhan Speech In Hindi) के बारे में बेहद सरल भाषा में माहिति प्रदान करेंगे। यह भाषण हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

Raksha Bandhan Speech in Hindi

यहां उपस्थित मेरे प्यारे श्रोतागणों, सभी को मेरा नमस्कार।

भारत का प्रमुख त्यौहार रक्षाबंधन को मनाने के लिए आज हम सब यहां एकत्रित हुए है। भारत एक संस्कृति और सभ्यता का देश है। यहां सभी रिश्तों को मान दिया जाता है। रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का त्यौहार है।

वैसे तो भाई बहनों के बीच का प्रेम और कर्तव्य किसी एक दिन का मोहताज नहीं हैं। लेकिन ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह त्यौहार हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण बन गया है। वैसे तो यह पर्व सभी धर्म के लोग मानते है लेकिन हिंदी और जैन धर्म का यह प्रमुख त्योहार है।

रक्षा बंधन भारत के प्राचीनतम पर्वों में से एक है, जो श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता हैं। रक्षाबंधन का दूसरा नाम राखी, सलूनो, श्रावणी हैं। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। राखी का धागा बहन भाई के प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।

साथ साथ बहन अपने भाई के अच्छे स्वस्थ और लंबे जीवन की कामना करती है। उनके बदले में भाई अपनी बहन को आशीर्वाद देते है और जीवन भर उनकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा करते है। साथ साथ वो अपनी बहनों को यथाशक्ति उपहार देता है।

ऐसा माना जाता है कि रक्षा बंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार वर्ष पहले हुई थी। पौराणिक कथा के अनुसार राजा बलि को वचन देकर जब विष्णु पाताल जा पहुंचे तो श्रावण माह की पूर्णिमा को ही लक्ष्मी ने रक्षा सूत्र बांधकर विष्णु को मांगा था।

दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की तर्जनी अंगुली में चोट आ गई थी। उस समय द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर भगवान कृष्ण की ऊँगली पर बाँध दिया था।

यह घटना श्रावण पूर्णिमा के दिन हुई थी। कृष्ण ने भी भाई का फ़र्ज़ निभाते हुए द्रौपदी के चीर पुरकर उनकी रक्षा की थी। तभी से इस दिन को रक्षा बंधन के रूप में मनाया जाता रहा हैं। विभिन्न क्षेत्रीय मान्यताओं और लोक परम्परा के अनुसार इसके विविध रूप भारत में ही देखने को मिलते हैं।

वर्तमान समय में रक्षाबंधन की परम्परा का धीरे धीरे वैश्विकरण हो रहा हैं। भाई बहन के रिश्तों के मायने का अस्तित्व मिट रहा है। लोग इस पर्व के मूल्यों को हल्के से ले रहे है।

रक्षा बंधन का नाम सुरक्षा के बंधन को बताता है, जो एक ऐसे समाज को सुनिश्चित करता है, जहां लड़कियां पूरी तरह से सुरक्षित हो और कोई भी भाई किसी की बहन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। लेकिन आज जगह- जगह पर बहनें खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।

दिन ब दिन लड़कियों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे है। इन सबके बीच राखी का मूल्य कही खो गया है। हर भाई को बहन की राखी का आदर सत्कार करना चाहिए। बहन के प्रेमभाव और राखी के मूल्यों को समझना चाहिए।इन्ही के साथ मैं अपने रक्षा बंधन भाषण को यही पर पूर्ण करना चाहूंगा।

रक्षाबंधन  प्रेम, त्याग और कर्तव्य का बंधन है। मुझे उम्मीद है की आप भी रक्षा बंधन के महत्व को समझे और उन्हें अपने जीवन में उतरने की कोशिश करें।

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? इतिहास, महत्व और पौराणिक कथा आदि के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।

Speech on Raksha Bandhan in Hindi

आदरणीय अतिथि और मेरे प्यारे श्रोतागणों,

सबको मेरा प्यार भरा नमस्कार।

आज इस मंच पर मुझे आप लोगों ने बोलने का मौका दिया, इसके लिए में दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। आज हम यहाँ सब भाई बहन के प्रेम का त्यौहार रक्षा बंधन मनाने के लिए इकठ्ठा हुए है।

कहते है भारत त्यौहार का देश है और हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई ऐतिहासिक और धार्मिक कारण जरूर होता ही है। इस त्यौहार के पीछे भाई बहन बीच के प्रेम भाव छुपा हुआ है। भारत में बड़े उल्लास के साथ यह त्यौहार मनाया जाता है।

श्रावण के महीने में पूर्णिमा तिथि के दिन आनेवाला यह त्यौहार का सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। यह एक ऐसा पर्व है जिसे भारत का हर वर्ग बड़ी खुशी के साथ मनाते है।

सभी बहनें इस पर्व का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करती है। बाजारों में कई दिन पहले से तरह तरह की रंगीबेरंगी राखियां मिलनी शुरू हो जाती है। मिठाई और कपड़े की दुकानों पर लोगों की बडी भीड़ लगी रहती है। बाजार की कुछ अलग ही रंगत नजर आती है।

रक्षाबंधन के दिन बहनें जल्दी तैयार हो जाती है और आरती की थाली सजाती है। अपने भाई को माथे पर तिलक लगाती है और हाथ की कलाई पर राखी बांधती है और बाद में अपने भाई का मुंह मीठा करवाती है। भाई भी बहन को उपहार देता है और साथ में जीवन भर उनकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेता है।

इस पर्व के पीछे कई पौराणिक कथाएं जुडी हुई है। कहते है शिशुपाल के वध के दौरान कृष्ण को चोट लगने पर द्रोपदी ने अपना चीर फाड़कर कृष्ण की ऊँगली पर बाँध दिया था और कृष्ण ने भी द्रोपदी का मान सन्मान रखने का वचन दिया था।

उस दिन श्रावण के महीने में पूर्णिमा तिथि का दिन था। कृष्ण ने अपने वचन को चीरहरण के दौरान उसे निभाया भी था। वैसे रक्षा बंधन हिन्दुओं और जैनों का त्यौहार है, लेकिन उसे हर धर्म के लोग मानते भी है और निभाते भी है।

चितोर की रानी कर्णावती जो एक विधवा थी और सुल्तान बहादुर शाह के हमले से अपने राज्य को बचाना चाहती थी। अपने राज्य को बचाने के लिए असमर्थ रानी कर्णावती ने एक राखी सम्राट हुमायूँ को अपनी रक्षा करने के लिए भेजी।

हुमायूँ मुसलमान होते हुए भी अपनी बहन की रक्षा के हेतु अपनी एक सेना की टुकड़ी चित्तोर भेजी और बहादुर को पीछे हटना पड़ा। इतिहास में ऐसे हिन्दू मुस्लिम भाई-बहन की कई कहानियां मोजूद है।

रक्षाबंधन का त्यौहार समाज में प्यार और भाईचारा बढ़ता है। पूरी दुनिया में यह त्यौहार सबसे अलग है क्योंकि यह त्यौहार देश के प्राचीन और गौरवशाली संस्कृति की हमें याद दिलाती है।

इस भाषण के अंत में मैं यही कहना चाहता हूँ कि हमें इस पर्व का महत्व समझना चाहिए। हमें अपनी और दूसरों की बहनों को मान सन्मान देना चाहिए और एक भारतीय भाई होने के नाते हमें भारत की हर बहन की रक्षा के लिए सदा आगे खड़ा रहना चाहिए। रक्षाबंधन के मायने को हर हाल में साकार करना चाहिए।

Raksha Bandhan Par Speech

सबसे पहले सभी भाई-बहन को रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।

राखी का पर्व एक ऐसा पर्व है, जो बड़े और छोटे सभी के लिए खुशियां लाता है। यह पर्व भारत के हर कोने में अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है। भाई बहन के शुद्ध प्यार का प्रतीक यह त्योहार हमें भारतीय संस्कृति का गौरव दिलाता है।

हमारी संस्कृति में हर रिश्ते को मान दिया जाता है, इसलिए हर रिश्ते के पीछे एक पर्व जुड़ा हुआ होता ही है। भाई बहन का यह पर्व दोनों के बीच प्यार और शांति को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

रक्षा बंधन श्रावण महीने के पूर्णिमा दिवस पर मनाया जाता है। पश्चिमी घाट में राखी पूर्णिमा को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है। उत्तरी भारत में रक्षा बंधन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।

इस पर्व के दौरान खेत में गेहूं और दुसरे अनाज को बिछाया जाता है। दक्षिण भारत में, रक्षा बंधन को श्रावणी या ऋषि तर्पण भी कहा जाता है। रक्षा बंधन के दिन किये गए पुण्य के कार्य से मनुष्य के पापों का नाश होता है, इसलिए इस पर्व को ‘पापनाशक’ पर्व भी कहते है।

रक्षा बंधन का मतलब है रक्षा का धागा । यह भाई बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए रक्षा बंधन का काफी महत्व माना जाता है। हर साल बहन अपने भाई की कलाई में विधि अनुसार राखी बांधती है और अपने भाई से अपनी सुरक्षा का  का वचन मांगती है।

रक्षा बंधन से जुड़ी कुछ धार्मिक और ऐतिहासिक कहानियां भी जुडी हुई है। माना जाता है की रक्षा बंधन की शुरुआत प्राचीन काल के दौरान हुई थी।  देवाताओं और दैत्यों के बीच एक बार युद्ध हुआ, जिस में असुर बलि ने भगवान इंद्र को हरा दिया और अमरावती पर अपना अधिकार जमा लिया।

इंद्र की पत्नी सची भगवान विष्णु के पास पहुंची। भगवान विष्णु ने सची को इंद्र की कलाई में बांधने वाला एक धागा दिया और इंद्र  के सफलता की कामना की। सची ने इंद्र की कलाई में धागा बांध दिया। इसके बाद भगवान इंद्र ने बलि को हरा दिया।

प्राचीन काल से इस त्योहार को उसी तरीके से और परंपरा से मनाया जाता आ रहा है। चूँकि जैसे जैसे लोगों की जीवनशैली बदल रही है वैसे ही इस पवित्र त्यौहार को मानाने की परंपरा बदलती जा रही है। आज आधुनिकरण के दौर में रिश्तों के बीच दूरियां आ गई है।

आज इंसान को इंसान के लिए समय नहीं है। बहन भाई के बीच के प्यार के मायने बदल रहे है आज त्यौहार में भाव ना रहकर सिर्फ दिखावा रह गया है। समय की व्यस्तता के कारण राखी का पर्व में कम सक्रियता नज़र आने लगी है। अब मोबाइल पर ही राखी की शुभकामनाएं दे दी जाती हैं।

राखी एक पवित्र धागा है। भारतीय परंपरा में राखी के धागे को लोह से मजबूत माना जाता है क्योंकि यह आपस में प्यार और विश्वास की परिधि में भाइयों और बहनों को दृढ़ता से बांधता है। हमारे पर्व हमारी और हमारी संस्कृति की पहचान है। हमें इसे बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

Rakshabandhan Speech in Hindi

मेरे प्यारे श्रोतागणों को मेरा नमस्कार।

रक्षा बंधन एक ऐसा त्योहार है, जो भाई और बहन के बंधन का जश्न मनाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म में मनाया जाता है। यह उनके सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। साथ ही साल भर बहन-भाई इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। भारत में लोग इसे बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं।

हर उम्र के भाई-बहन रक्षा बंधन मनाते हैं। रक्षा का अर्थ है सुरक्षा और ‘बंधन’ का अर्थ बंधन है। रक्षा बंधन हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह सावन के महीने में आता है और लोग इसे महीने के आखिरी दिन मनाते हैं। यह शुभ त्योहार आमतौर पर अगस्त के आसपास ही पड़ता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाई-बहन का खास बंधन बहुत ही अनोखा होता है। एक-दूसरे के लिए उनकी जो देखभाल है, उसकी कोई सीमा नहीं है। आपस में कितनी भी लड़ाई क्यों न हो, सपोर्ट में हमेशा उनके पीछे खड़े रहते हैं। छोटी-छोटी बातों पर भाई-बहन आपस में झगड़ जाते हैं।

दूसरे शब्दों में, वे एक ऐसा बंधन साझा करते हैं, जो चिढ़ाने और प्यार से भरा होता है। जीवन के हर पड़ाव पर उनके बीच का बंधन मजबूत होता है। बड़े भाई अपनी बहनों को लेकर काफी प्रोटेक्टिव होते हैं।

इसी तरह बड़ी बहनें अपने छोटे भाइयों का बहुत ख्याल रखती हैं। छोटे अपने बड़े भाई-बहनों की ओर देखते हैं। रक्षा बंधन  दोनों द्वारा साझा किए गए अद्वितीय और विशेष संबंधों का प्रतीक है। यह उनके प्यार, एकजुटता और एक दूसरे में विश्वास के प्रतीक के रूप में कार्य करता है।

रक्षा बंधन बहनों के लिए लाड़ प्यार करने का समय है। इस शुभ अवसर पर बहनें अपने भाई की कलाई पर पवित्र धागा यानी राखी बांधती हैं। ऐसा अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना के लिए किया जाता है।

दूसरी ओर, भाई, बदले में, अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी रक्षा करने और जीवन भर उनकी देखभाल करने का वचन देते हैं। इस दिन बहनों को बहुत प्यार और लाड़  चॉकलेट, उपहार, पैसे, कपड़े और बहुत कुछ के रूप में मिलते है।

हम देखते हैं कि बाजार रंग-बिरंगी राखियों और उपहारों से सराबोर हैं। हर साल, फैशनेबल और नयी नयी राखियाँ बाजार में घूमती हैं। महिलाएं अपने भाइयों के लिए उत्तम राखी की खरीदारी करती हैं और पुरुष अपनी बहनों के लिए उपहार खरीदने के लिए बाहर जाते हैं।

रक्षा बंधन प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है, लेकिन अगर हम हिंदू पौराणिक कथाओं का अध्ययन करते हैं तो राखी केवल भाइयों और बहनों द्वारा नहीं की जाती थी।

भगवान इंद्र देव और सची के पौराणिक मिथक में भगवान इंद्र जब खतरे में थे, तब उनकी पत्नी सची ने उनकी कलाई पर एक पवित्र कंगन बांध दिया, जो उन्हें भगवान विष्णु ने दिया था।

इस प्रकार, प्राचीन काल में विवाहित जोड़ों के लिए धागा बांधने की परंपरा बन गई है, लेकिन वर्तमान समय में, यह भाई-बहनों से लेकर हर तरह के रिश्ते तक फैल गया है। ब्रिटिश राज के दौरान, यह पवित्र त्योहार विभिन्न समुदायों के बीच दोस्ती और एकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता था।

राखी एक पवित्र पर्व है। हमें इस पर्व की महत्ता को समझना चहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को भी हम इसका महत्व समझा सके।

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Rahul Singh Tanwar

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रक्षा बंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi)

रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा करने वाला बंधन मतलब धागा है। इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है। यह श्रावण माह के पूर्णिमा में पड़ने वाला हिंदू तथा जैन धर्म का प्रमुख त्योहार है।

रक्षा बंधन पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Raksha Bandhan in Hindi, Raksha Bandhan par Nibandh Hindi mein)

रक्षा बंधन पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द)- raksha bandhan par nibandh.

श्रावणी पूर्णिमा में, रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को रक्षा बंधन कहते हैं। पहले के समय में, रक्षा के वचन का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के अंतर्गत निभाया जाता था पर समय बीतने के साथ यह भाई बहन के बीच का प्यार बन गया है।

रक्षा बंधन का इतिहास

एक बार की बात है, देवताओं और असुरों में युद्ध आरंभ हुआ। युद्ध में हार के परिणाम स्वरूप, देवताओं ने अपना राज-पाठ सब युद्ध में गवा दिया। अपना राज-पाठ पुनः प्राप्त करने की इच्छा से देवराज इंद्र देवगुरु बृहस्पति से मदद की गुहार करने लगे। तत्पश्चात देव गुरु बृहस्पति ने श्रावण मास के पूर्णिमा के प्रातः काल में निम्न मंत्र से रक्षा विधान संपन्न किया।

“येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे मा चल मा चलः।”

इस पुजा से प्राप्त सूत्र को इंद्राणी ने इंद्र के हाथ पर बांध दिया। जिससे युद्ध में इंद्र को विजय प्राप्त हुआ और उन्हें अपना हारा हुआ राज पाठ दुबारा मिल गया। तब से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।

रक्षा बंधन पर सरकारी प्रबंध

भारत सरकार द्वारा रक्षा बंधन के अवसर पर डाक सेवा पर छूट दी जाती है। इस दिन के लिए खास तौर पर 10 रुपये वाले लिफाफे की बिक्री की जाती है। इस 50 ग्राम के लिफाफे में बहनें एक साथ 4-5 राखी भाई को भेज सकती हैं। जबकी सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक राखी ही भेजी जा सकती है। यह ऑफर डॉक विभाग द्वारा बहनों को भेट है अतः यह सुविधा रक्षाबंधन तक ही अपलब्ध रहता है। और दिल्ली में बस, ट्रेन तथा मेट्रो में राखी के अवसर पर महिलाओं से टिकट नहीं लिया जाता है।

उपयुक्त पौराणिक कथा से यह स्पष्ट है की रेशम के धागे को केवल बहन ही नहीं अपितु गुरु भी अपने यजमान की सलामति की कामना करते हुए उसे बांध सकते हैं।

इसे यूट्यूब पर देखें : रक्षा बंधन

रक्षाबंधन पर निबंध– 2 (400 शब्द)

वर्तमान समय में आपसी रंजिश दूर करने हेतु अनेक राजनेताओं द्वारा एक दूसरे को राखी बांधी जा रही है। साथ ही लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़-पौधों को भी राखी के अवसर पर राखी बांधते हैं। प्राचीन समय में ब्राह्मणों व गुरुओं द्वारा अपने शिष्य और यजमान को राखी बांधी जाती थी। पर अब राखी का स्वरूप पहले की अपेक्षा परिवर्तित हो गया है।

रक्षा बंधन मनाने की परंपरागत विधि

इस पर्व पर बहनें सुबह स्नान करके पूजा की थाल सजाती हैं, पूजा की थाल में कुमकुम, राखी, रोली, अक्षत, दीपक तथा मिठाई रखी जाती है। तत्पश्चात घर के पूर्व दिशा में भाई को बैठा कर उसकी आरती उतारी जाती है, सिर पर अक्षत डाला जाता है, माथे पर कुमकुम का तिलक किया जाता है फिर कलाई पर राखी बांधी जाती है। अंत में मीठा खिलाया जाता है। भाई के छोटे होने पर बहनें भाई को उपहार देती हैं अपितु भाई बहनों को उपहार देते हैं।

आधुनिकरण में रक्षा बंधन के विधि का बदलता स्वरूप

पुराने समय में घर की छोटी बेटी द्वारा पिता को राखी बांधी जाती थी इसके साथ ही गुरुओं द्वारा अपने यजमान को भी रक्षा सूत्र बांधा जाता था पर अब बहनें ही भाई के कलाई पर यह बांधती हैं। इसके साथ ही समय की व्यस्तता के कारण राखी के पर्व की पूजा पद्धति में भी बदलाव आया है। अब लोग पहले के अपेक्षा इस पर्व में कम सक्रिय नज़र आते हैं। राखी के अवसर पर अब भाई के दूर रहने पर लोगों द्वारा कुरियर के माध्यम से राखी भेज दिया जाता है। इसके अतिरिक्त मोबाइल पर ही राखी की शुभकामनाएं दे दी जाती हैं।

प्यार के धागे का महंगे मोतियों में बदल जाना

रक्षा बंधन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण रेशम का धागा है, जिसे महिलाएं भावपूर्ण होकर भाई के कलाई पर बांधती हैं पर आज बाजार में अनेक प्रकार की राखियां उपलब्ध हैं, जिसमें कुछ तो सोने-चांदी की भी हैं। रेशम के सामान्य धागे से बना यह प्यार का बंधन धीरे-धीरे दिखावें में तबदील हो रहा है।

रक्षा बंधन के महत्व को बचाए रखना आवश्यक है

स्वयं को नये जमाने का दिखाने के लिए, हम शुरु से हमारी सभ्यता को पुराना फैशन कह कर भूलाते आए हैं। हमने हमारी पूजा पद्धति बदली है। अतः अपने संस्कृति के रक्षा हेतु हमें हमारे पर्वों के रीति रिवाज में परिर्वतन नहीं करना चाहिए और राखी के पर्व की महत्व को समझते हुए हमें इस पर्व को बनाए गए पूजा पद्धति के अनुसार करना चाहिए।

हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए पर्वों, त्योहारों व उपवास के विधि-विधान हमारी सभ्यता, संस्कृति के रक्षक है। इन सब से हमारी पहचान है अतः हमें इसे बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

Raksha Bandhan par Nibandh – 3 (500 शब्द)

“बहना ने भाई के कलाई से प्यार बांधा है, प्यार के दो तार से संसार बांधा है” सुमन कल्याणपुर के इस लोकप्रिय गीत ने इन दो पंक्ति में राखी के महत्व का वर्णन किया है। आज महिलाओं द्वारा देश की सुरक्षा में तैनात सैनिकों को सीमा पर जाकर राखी बांधी जाती है क्योंकि वह बाह्य शक्ति से हमारी रक्षा करते हैं। राखी का त्योहार भाई बहन को भावनात्मक तौर पर जोड़ता है।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

रक्षा बंधन किस-किस स्थान पर मनाया जाता है

राखी का पर्व मुख्य रूप से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त मलेशिया तथा अन्य देशों में (जहां भारतीय निवास करते हैं) मनाया जाता है।

रक्षा बंधन का महत्व

यह पर्व भाई-बहन को और समीप ले आता है तथा जिनसे हमारा कोई संबंध नहीं हम उन्हें भी इस पर्व के माध्यम से भाई-बहन बना सकते हैं। राखी के पर्व का महत्व, इतिहास के इस कहानी से लगाया जा सकता है।

चित्तौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने जब देखा की उनकी सैनिक बहादुर शाह के सैन्य बल के आगे नहीं टिक पाएगी। ऐसे में रानी कर्णावती ने बहादुर शाह से मेवाड़ की रक्षा हेतु हुमायूँ को राखी भेजा। सम्राट हुमायूँ अन्य धर्म से संबंध रखने के बावजूद राखी के महत्व के वजह से बहादुर शाँह से युद्ध कर रानी कर्णावती को युद्ध में विजय दिलवाया।

राखी के महत्व से जुड़ी प्रसिद्ध पौराणिक कथा

राखी का इतिहास बहुत पुराना है। राखी के प्रचलित कहानियों में द्वापर की यह कहानी सर्वाधिक प्रचलित है, एक बार श्री कृष्ण के उंगली कट जाने पर द्रौपदी ने अपनी साड़ी के एक कोने को फाड़ कर कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। कथानुसार द्रौपदी के सबसे मुश्किल समय में श्री कृष्ण ने उस साड़ी के एक टुकड़े का कर्ज, द्रौपदी का चीर हरण होने से बचा कर निभाया। वह साड़ी का टुकड़ा कृष्ण ने राखी समझ कर स्वीकार किया था।

स्कूल में राखी का त्योहार

राखी का पर्व अपने घर के अतिरिक्त स्कूलों में उतने ही प्यार से मनाया जाता है। यह विद्यालयों में राखी के अवकाश से एक दिन पहले आयोजित किया जाता है। इसमें बालकों की पूरी कलाई बालिकाओं द्वारा रंग-बिरंगी राखी से भर दिया जाता है। कुछ बालकों की इसमें सहमति नहीं होती है परन्तु परिस्थिति के अनुसार उन्हें यह करना पड़ता है। सच में यह रोचक दृश्य होता है।

जैन धर्म में रक्षा बंधन क्यों और कैसे मनाते हैं ?

जैन धर्म मे रक्षा बंधन का दिन बहुत शुभ माना जाता है इस दिन एक मुनि ने 700 मुनियों के प्राण बचाए थे। इस वजह से जैन धर्म से संबंध रखने वाले लोग इस दिवस पर हाथ में सूत का डोर बांधते हैं।

राखी के पर्व पर भाई-बहन क्या-क्या कर सकते हैं

  • भाई-बहन जहां भी निवास कर रहे हो राखी के समय पर एक-दूसरे से मिल सकते हैं और अवश्य ही मिलना चाहिए।
  • राखी के त्योहार को और ख़ास बनाने हेतु भाई बहन कहीं बाहर घुमने जा सकते हैं।
  • अपने-अपने जीवन में एक-दूसरे के महत्व को बताने के लिए वह उनके पसंद का उपहार उन्हें दे सकते हैं।
  • किसी पुरुष द्वारा महिला के प्रति भाई का फर्ज निभाने पर राखी के अवसर पर महिला उसे विशेष महसूस कराने के लिए राखी बांध सकती हैं।

बहन भाई का रिश्ता खट्टा-मीठा होता है। जिसमें वह आपस में बहुत झगड़ते हैं पर एक-दूसरे से बात किए बिना नहीं रह सकते। राखी का पर्व उनके जीवन में एक-दूसरे के महत्व को बताने का कार्य करता है अतः हम सभी को यह उत्सव परंपरागत विधि से मनाना चाहिए।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – रक्षा बंधन भाई बहनों के बीच निःस्वार्थ प्रेम का त्योहार है।

उत्तर – रक्षा बंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार वर्ष पहले होने का अनुमान लगाया जाता है।

उत्तर – रक्षा बंधन श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

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रक्षाबंधन पर भाषण

Raksha Bandhan Speech in Hindi

भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। यहापर जो भी त्यौहार मनाया जाता है उसके पीछे कोई ना कोई कारण जरुर छिपा होता है। उसके पीछे कई बाते होती है जिसकी वजह से त्यौहार मनाया जाता है। हमारे यहाँ दीवाली , दसहरा, जैसे त्यौहार मनाये जाते है लेकिन इन त्योहारों को क्यों मनाया जाता, किस लिया मनाया जाता है, कब से मनाया जाता इसकी जानकारी मिल नहीं पाती। इसी वजह से हम त्यौहार के महत्व को समझ नहीं पाते। उस त्यौहार की पूरी जानकारी अगर हमें मालूम हो तो उसे और भी अच्छे तरीके से मनाया जा सकता है।

Raksha Bandhan Speech in Hindi

रक्षाबंधन पर भाषण – Raksha Bandhan Speech

यहापर हम आपको भाई बहन के त्यौहार की जानकरी देने जा रहे है। इस भाई बहन का त्यौहार नाम सुनने के बाद आपको पता चल गया होंगा की हम आपको किस त्यौहार की जानकारी देने वाले है। बिलकुल सही पहचाना आपने, आज हम आपको रक्षाबंधन की जानकारी देने जा रहे। इस त्यौहार की सारी जानकारी निचे दी गयी है।

रक्षा बंधन का त्यौहार पुरे भारत में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को कुछ लोग राखी का त्यौहार भी कहते है। श्रावण के महीने में आने वाले इस त्यौहार का सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। इस त्यौहार को केवल भारत में ही नहीं बल्की नेपाल और मॉरिशस जैसे बाहरी देशो में भी बड़े आनंद के साथ मनाया जाता है।

हजारों सालों से इस त्यौहार को मनाने की परम्परा हमारे देश में है इस रक्षा बंधन के अवसर पर भाई अपनी बहन की पूरी जिंदगी उसकी रक्षा करने का वचन देता है।

इन्द्राणी ने जिस तरह से इन्द्र देव की रक्षा की थी, उसी तरह रानी कर्णावती की रक्षा करने का दायित्व हुमायु को सौपा गया था, कुछ इसी तरह भाई भी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है, और इसी वचन के लिए रक्षा बंधन जैसा पवित्र त्यौहार मनाया जाता है।

रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन का त्यौहार होता है। इस त्यौहार के दिन बहन अपने भाई के हाथों में राखी बांधती है और उसके बदले में भाई उसकी पुरे जीवन में रक्षा करने का वचन देता है, उसे सँभालने का वचन देता है।

श्रावण पौर्णिमा के पावन पर्व पर इस त्यौहार को मनाया जाता है – Why Celebrate Raksha Bandhan

बहन इस त्यौहार के आने की बड़ी बेसब्री से राह देखती है। इस राखी के सुनहरे अवसर पर जीन बहनों की शादी हो जाती है वो भाई के घर आकर उसकी हाथों की कलाई पर राखी बांधती है और अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है। इसके बाद में भाई अपनी प्यारी बहन को कुछ खास तौफे देता है जिसे देखकर बहन बहुत खुश हो जाती है। कुछ भाई भेट के रूप में अपनी बहन को नए कपडे और कुछ पैसे देता है।

इस त्यौहार के दिन पुरे परिवार में ख़ुशी की लहर छा जाती है। रक्षा बंधन के दिन बड़े बच्चे और लडको के हाथों पर राखी बंधी जाती है। इस शुभ अवसर पर घर में स्वादिष्ट पदार्थ बनाये जाते है।

इस त्यौहार के अवसर पर बाजार पूरी तरह से अलग दिखने लगता है। बाजारों में सभी लोग अपने अपने दुकानों में रंगीबेरंगी राखिया लेकर बैठते है चारो तरफ़ राखिया होने की वजह से बाजार बहुत ही खुबसूरत दिखने लगता है। लोग बाजार में जाकर सुन्दर सुन्दर राखिया खरीदते है। मिठाई के दुकानों पर लोगो की बडी भीड़ लगी रहती है। लोग इस मौके पर अलग अलग तरह की चीजे और मिठाइयाँ खरीदते है।

इस तरह से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने से समाज में प्यार और भाईचारा बढ़ता है। पूरी दुनिया में यह त्यौहार सबसे अलग है। इस त्यौहार के जरिये हमें देश के प्राचीन और गौरवशाली संस्कृति की याद आ जाती है।

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रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में - Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षाबंधन पर निबंध (raksha bandhan essay in hindi): रक्षाबंधन भाइयों और बहनों के बंधन का त्योहार है। इस लेख में हम आपके लिए स्कूल और कॉलेज छात्रों के लिए हिंदी में आसान और सरल रक्षाबंधन निबंध लेकर आए हैं।.

Pragya Sagar

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रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi) - कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए रक्षा बंधन पर निबंध

Updated On: September 29, 2023 12:37 pm IST

रक्षाबंधन कब है (Rakshabandhan Kab Hai?)

  • रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in …
  • रक्षाबंधन पर निबंध 500+ शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in …
  • रक्षाबंधन पर निबंध 10 लाइनों में (Raksha Bandhan Essay in …

निष्कर्ष (Conclusion)

रक्षाबंधन पर निबंध

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan): श्रावणी पूर्णिमा के दिन रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को 'रक्षा बंधन' कहते हैं। पहले के समय में, रक्षा के वचन का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के अंतर्गत निभाया जाता था पर समय बीतने के साथ यह भाई बहन के बीच का प्यार बन गया है। जिसे बड़ी ही खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का वचन देता है। यह पर्व उनके प्यार और संबंध को मजबूती देता है। इसके साथ ही भाई बहनों को उपहार भी देते हैं और खुशियों का त्योहार मनाते हैं। यह पर्व हमारे संबंधों को मजबूत बनाने का एक अच्छा मौका लेकर आता है और परिवार के बंधनों को मजबूत बनाता है। ये भी पढ़ें - महात्मा गांधी पर निबंध

रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in Hindi in 200 words)

रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में कुछ इस प्रकार है-

“रक्षाबंधन” भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाता है। यह पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिसका मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की रक्षा करेगा। इसके साथ भाई अपनी बहन को उपहार भी देता है।

राखी का यह परंपरागत आचरण भाई-बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। रक्षाबंधन एक परिवार में खुशियों और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह दिन भाई-बहन के बीच विशेष संबंध को मजबूती देता है और उनके प्यार को और भी गहराई देता है। इसके साथ ही, यह पर्व भाई-बहन के आपसी समर्थन और साथीपन की महत्वपूर्णता को भी प्रकट करता है। इस दिन प्रातः स्नानादि करके लड़कियाँ और महिलाएँ पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई, फूल और कुछ पैसे भी होते हैं। लड़के और पुरुष तैयार होकर टीका करवाने के लिये पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर फूलों को छिड़का जाता है, उसकी आरती उतारी जाती है और दाहिनी कलाई पर राखी बाँधी जाती है। भाई बहन को उपहार या धन देता है। इस प्रकार रक्षाबन्धन के अनुष्ठान को पूरा करने के बाद ही भोजन किया जाता है। प्रत्येक पर्व की तरह उपहारों और खाने-पीने के विशेष पकवानों का महत्त्व रक्षाबन्धन में भी होता है। आमतौर पर दोपहर का भोजन महत्त्वपूर्ण होता है और रक्षाबन्धन का अनुष्ठान पूरा होने तक बहनों द्वारा व्रत रखने की भी परम्परा है। यह पर्व भारतीय समाज में इतनी व्यापकता और गहराई से समाया हुआ है कि इसका सामाजिक महत्त्व तो है ही, धर्म, पुराण, इतिहास, साहित्य और फ़िल्में भी इससे अछूते नहीं हैं। यह बहुत ही खास त्योहार होता है। इस त्योहार को बहुत खुशी से मनाते है और सभी रश्में पूरी करते है।

समारोह और खास त्योहारी व्यंजन इस दिन को और भी ज्यादा यादगार बनाते हैं। रक्षाबंधन के माध्यम से हम अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ समय बिता सकते हैं और उनके साथ खुशियाँ मना सकते हैं। समानता, समर्पण और प्यार की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। इस त्योहार के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें-

रक्षाबंधन पर निबंध 500+ शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in Hindi in 500+ Words)

हमारा देश अनेक रिश्तों के बंधनों में बंधा हुआ देश है, जिसमें से एक पवित्र रिश्ता भाई और बहन का भी है, जो प्रेम की एक ऐसी अटूट डोर से बंधा हुआ है जिसे चाह कर भी कभी तोड़ा नहीं जा सकता। रक्षाबंधन के दिन राखी का विशेष महत्त्व होता है। वैसे तो राखी कच्चे धागे से बनी होती है, पर जब ये रक्षाबंधन पर्व के दिन भाई की दाहिनी कलाई में बंधती है, तो वह बहन का रक्षासूत्र बन जाती है। जिसमें बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु की कामना करती हैं और भाई भी जीवनभर अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले रक्षाबंधन के पर्व को राखी (Rakhi) का त्योहार भी कहते हैं।

रक्षाबंधन कब मनाया जाता है (When is Raksha Bandhan celebrated?)

रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अगस्त के महीने में आती है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व होता है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है। रक्षाबंधन के दिन बाजार मे कई सारे उपहार बिकते है, उपहार और नए कपड़े खरीदने के लिए बाज़ार मे लोगों की सुबह से शाम तक भीड़ होती है और घर मे मेहमानों का आना जाना रहता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi) - भाई-बहन के प्यार का प्रतीक

रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के बीच पवित्र प्रेम के प्रतीक को सदियों से दर्शाता हुआ चला आ रहा है। रक्षाबंधन का अर्थ होता है रक्षा का बंधन। जब एक भाई रक्षासूत्र के समान राखी अपनी कलाई में बांध लेता है, तो वह इस पवित्र प्रेम बंधन से बंध जाता है और अपने प्राणों की चिंता किये बिना भी हर हाल में अपनी बहन की रक्षा करता है। रक्षाबंधन भाई और बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक के साथ-साथ भाई-बहन के रिश्ते की अटूट डोर का भी प्रतीक है। रक्षाबंधन का त्योहार भावनाओं और संवेदनाओ का त्योहार है, जिसमें हर भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन उसे देता है। हर भाई-बहन को रक्षाबंधन के दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है जिसे बड़ें ही खुशियों के साथ मनाते है।

रक्षाबंधन की तैयारियाँ (Preparations for Rakshabandhan)

इस दिन बहने प्रात: काल में स्नानादि करके, कई प्रकार के पकवान बनाती है, इसके बाद पूजा की थाली सजाई जाती है। पूजा की थाली में राखी के साथ कुमकुम रोली, हल्दी, चावल, दीपक, अगरबती, मिठाई रखी जाती है। भाई को बिठाने के लिये उपयुक्त स्थान का चयन किया जाता है।

सबसे पहले अपने ईष्ट देव की पूजा की जाती है। भाई को चयनित स्थान पर बिठाया जाता है, इसके बाद कुमकुम हल्दी से भाई का टीका करके चावल का टीका लगाया जाता है और अक्षत सिर पर छिडके जाते है, आरती उतारी जाती है और भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है। सब अनूष्ठान पूरा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करती है। भारत के अन्य त्यौहारों की तरह इस त्यौहार पर भी उपहार और पकवान अपना विशेष महत्व रखते है।

रक्षाबंधन का महत्त्व (Importance of Raksha Bandhan)

रक्षा बंधन का पर्व विशेष रुप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व है, यह एक ऐसा बंधन है जो दो जनों को स्नेह की धागे से बांधता है। रक्षा बंधन को भाई - बहन तक ही सीमित रखना सही नहीं होगा बल्कि ऐसा कोई भी बंधन जो किसी को भी बांध सकता है। भाई - बहन के रिश्तों की सीमाओं से आगे बढ़ते हुए यह बंधन आज गुरु का शिष्य को राखी बांधना, एक भाई का दूसरे भाई को, बहनों का आपस में राखी बांधना और दो मित्रों का एक-दूसरे को राखी बांधना, माता-पिता का संतान को राखी बांधना हो सकता है। आज के परिपेक्ष्य में राखी केवल बहन का रिश्ता स्वीकारना नहीं है अपितु राखी का अर्थ है, जो यह श्रद्धा व विश्वास का धागा बांधता है वह राखी बंधवाने वाले व्यक्ति के दायित्वों को स्वीकार करता है उस रिश्ते को पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश करता है।

रक्षाबंधन का पौराणिक प्रसंग (Mythological of Raksha-Bandhan)

राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे। एक बार दैत्‍य वृत्रासुर ने इंद्र का सिंहासन हासिल करने के लिए स्‍वर्ग पर चढ़ाई कर दी, वृत्रासुर बहुत ताकतवर था और उसे हराना आसान नहीं था। युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया। युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया।संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। लोगों का विश्वास है कि इन्द्र इस लड़ाई में इसी धागे की मन्त्र शक्ति से ही विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है। इतिहास में श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी भी प्रसिद्ध है, जिसमें जब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तब उनकी तर्जनी में चोट आ गई। द्रौपदी ने उस समय अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उँगली पर पट्टी बाँध दी, और इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी संकट में द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था और उसी के चलते कृष्ण ने इस उपकार का बदला बाद में चीरहरण के समय उनकी साड़ी को बढ़ाकर चुकाया। कहते हैं परस्पर एक दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना रक्षाबन्धन के पर्व में यहीं से प्रारम्भ हुई।

रक्षाबंधन का ऐतिहासिक प्रसंग (Historical context of Raksha-Bandhan)

रक्षाबंधन का साहित्यिक प्रसंग (literary context of raksha-bandhan), रक्षाबंधन का सामाजिक प्रसंग (social context of raksha bandhan).

ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। यह एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। यही कारण है कि इस अवसर पर न केवल बहन भाई को ही अपितु अन्य सम्बन्धों में भी रक्षा (या राखी) बाँधने का प्रचलन है। गुरु शिष्य को रक्षासूत्र बाँधता है तो शिष्य गुरु को। भारत में प्राचीन काल में जब स्नातक अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात गुरुकुल से विदा लेता था तो वह आचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उसे रक्षासूत्र बाँधता था। जबकि आचार्य अपने विद्यार्थी को इस कामना के साथ रक्षासूत्र बाँधता था कि उसने जो ज्ञान प्राप्त किया है वह अपने भावी जीवन में उसका समुचित ढंग से प्रयोग करे ताकि वह अपने ज्ञान के साथ-साथ आचार्य की गरिमा की रक्षा करने में भी सफल हो। इसी परम्परा के अनुरूप आज भी किसी धार्मिक विधि विधान से पूर्व पुरोहित यजमान को रक्षासूत्र बाँधता है और यजमान पुरोहित को। इस प्रकार दोनों एक दूसरे के सम्मान की रक्षा करने के लिये परस्पर एक दूसरे को अपने बन्धन में बाँधते हैं। रक्षाबन्धन पर्व सामाजिक और पारिवारिक एकबद्धता या एकसूत्रता का सांस्कृतिक उपाय रहा है।

स्वतंत्रता संग्राम में रक्षाबंधन की भूमिका (Role of Raksha-Bandhan in Freedom Struggle)

स्वतंत्रता संग्राम काल में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, जो भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्रीय एकता और आत्मनिर्भरता को संरक्षित करता था।

राष्ट्रीय एकता को समर्थन: स्वतंत्रता संग्राम के समय, रक्षा बंधन ने लोगों को राष्ट्रीय एकता और समरसता की भावना के साथ एकजुट किया। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भारतीयों ने एकत्र होकर विदेशी शासन से मुक्ति के लिए संघर्ष किया। रक्षा बंधन के अवसर पर भाई-बहन एक-दूसरे के साथ आदर्श एकता का प्रतीक बन जाते थे। राष्ट्रीय भाव को उत्साहित करना: रक्षा बंधन स्वतंत्रता संग्राम के समय राष्ट्रीय भाव को उत्साहित करता था। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए जान की बाजी लगाई थी, और रक्षा बंधन के अवसर पर उन्हें समर्थन मिलता था और उनके लिए दुआएं बनती थी।

आत्मनिर्भरता की प्रेरणा: स्वतंत्रता संग्राम के समय रक्षा बंधन ने भारतीयों को आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दी। देश को स्वतंत्र बनाने के लिए, भारतीयों को अपने आप को सशक्त बनाने और देश के लिए स्वयं को समर्पित करने की जरूरत थी। रक्षा बंधन ने इस आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को शक्तिशाली बनाया। संबंधों को मजबूत करना: रक्षा बंधन के त्योहार ने भारतीयों के संबंधों को मजबूत किया। भाई-बहन के प्रेम और सम्मान को बढ़ावा देने से उनके बीच एक गहरा बंधन बनता था, जो आपसी समरसता को बढ़ावा देता था।

रक्षाबंधन पर सरकारी प्रबंध (Government arrangements on Raksha Bandhan)

भारत सरकार द्वारा रक्षा बंधन के अवसर पर डाक सेवा पर छूट दी जाती है। इस दिन के लिए खास तौर पर 10 रुपये वाले लिफाफे की बिक्री की जाती है। इस 50 ग्राम के लिफाफे में बहनें एक साथ 4-5 राखी भाई को भेज सकती हैं। जबकी सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक राखी ही भेजी जा सकती है। यह ऑफर डॉक विभाग द्वारा बहनों को भेट है अतः यह सुविधा रक्षाबंधन तक ही अपलब्ध रहता है। और दिल्ली में बस, ट्रेन तथा मेट्रो में राखी के अवसर पर महिलाओं से टिकट नहीं लिया जाता है। इसके अलावा और भी प्रदेशों में राखी के दिन महिलाओं के लिए बस की सुविधा फ्री की जाती है।

राखी और आधुनिक तकनीकी माध्यम (Rakhi and modern technical means)

आज के आधुनिक तकनीकी युग एवं सूचना सम्प्रेषण युग का प्रभाव राखी जैसे त्योहार पर भी पड़ा है। बहुत सारे भारतीय आजकल विदेश में रहते हैं एवं उनके परिवार वाले (भाई एवं बहन) अभी भी भारत या अन्य देशों में हैं। इण्टरनेट के आने के बाद कई सारी ई-कॉमर्स साइट खुल गयी हैं, जो ऑनलाइन आर्डर लेकर राखी दिये गये पते पर पहुँचाती है। इससे देश-विदेश रहने वाले भाई-बहनों के लिए भी यह त्योहार मनाना आसान हो गया है। इस तरह आज के आधुनिक विकास के कारण दूर-दराज़ में रहने वाले भाई-बहन जो राखी पर मिल नहीं सकते, आधुनिक तरीकों से एक दूसरे को देख और सुन कर इस पर्व को सहर्ष मनाते हैं।

उपसंहार (Epilogue)

रक्षाबंधन पर निबंध 10 लाइनों में (raksha bandhan essay in hindi in 10 lines).

  • रक्षा बंधन का त्योहार सावन के महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
  • रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है, जिससे कई प्राचीन कहानियां जुड़ी हुई हैं।
  • राखी के साथ ही बहन अपने भाई को आशीर्वाद देती है और भाई भी उसकी सुरक्षा का वादा करता है।
  • इस त्योहार का महत्व न केवल प्यार और समर्थन को प्रकट करने में है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच आदर्श संबंध की महत्वपूर्णता को भी दिखाता है।
  • इस दिन बहनें खासकर अपने भाई की रक्षा के लिए तैयारी करती हैं और भाई भी उन्हें उपहार और आशीर्वाद देते हैं।
  • रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहनों के प्रेम के साथ साथ एक-दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों का एहसास भी कराता है।
  • रक्षा बंधन पर बहने अपने भाई के लिए उपवास राखित है और उन्हें राखी बंधने के बाद अपना व्रत तोड़ती है।
  • जो बहनें अपने भाइयों के साथ नहीं रहती, वह अपने भाई को राखी डाक, ईमेल और ऑनलाइन भेजती हैं।
  • रक्षाबंधन पर सारे बाजार सज जाते हैं और दुकानों पर रंग बिरंगी मिठाइयां भी सजी होती है, हर तरफ प्यार का माहौल होता है।
  • हिंदू धर्म ग्रन्थों में रक्षा बंधन के पर्व का महत्व बताया गया है और इंद्रा देव और राजा बली की कहानी भी प्रचलित है।

अतः रक्षाबंधन आपसी प्यार सम्मान और एकजुटता को दर्शाने वाला त्यौहार है जिसके मनाने के तर्क तो बहुत है परंतु सब का उद्देश्य आपसी प्यार ही है। भाई बहन को मिलकर इस त्यौहार को बड़े प्यार से और अपनेपन के साथ पुराने सभी गिले-शिकवे भुलाते हुए मनाना चाहिए। समग्रता और सामाजिक सद्भावना के साथ, रक्षाबंधन एक परिवार के बंधनों को मजबूत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस त्योहार से हमें यह सीखने को मिलता है कि परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना कितना महत्वपूर्ण है और हमें उनके साथ खुशियाँ मनानी चाहिए। ऐसे ही और निबंध के लिए CollegeDekho के साथ जुड़ें रहें। निबंध संबधित आर्टिकल्स पढ़ें-

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रक्षाबंधन  30 और 31 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जायेगा लेकिन भद्रा के साए की वजह से शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखना होगा। 30 अगस्त को लगभग पूरे दिन ही भद्रा का साया रहेगा और 31 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सिर्फ सुबह कुछ देर तक ही है। 

रक्षाबंधन का पर्व प्रेम और पवित्रता का पर्व है। यह पर्व भाई और बहनों के लिए एक दूसरे की लंबी उम्र और सुखद जीवन की कामना करने का दिन होता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई उन्हें कोई तोहफा देने के साथ-साथ जीवन भर के सुख-दुख में उनका साथ देने का वादा करते हैं। इस पर्व की वजह से भाई-बहनों के रिश्तों में और मजबूती आती है।

क्षा बंधन मनाने के पीछे की कहानी यह है कि जब यमुना ने यम को राखी बांधी, तो मृत्यु के देवता ने उसे अमरता प्रदान की। ऐसा कहा जाता है कि वह इस भाव से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने घोषणा की कि जो भी भाई राखी बांधेगा और अपनी बहन की रक्षा करने की पेशकश करेगा, वह भी अमर हो जाएगा।

राखी बांधने के बाद बहनें अपने भाइयों को रोली (लाल तिलक), अक्षत और दीपक लगाती हैं। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं, ऐसा माना जाता है कि इससे भाई-बहन का रिश्ता मजबूत होता है। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं।

इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत की उत्पत्ति लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ हैं।

रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा करने वाला बंधन है। इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है।

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Raksha Bandhan Speech 2023: रक्षा बंधन पर शॉर्ट स्पीच निबंध ऐसे करें तैयार, चुटकियों में होगा याद

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Updated Aug 29, 2023, 03:10 PM IST

speech on raksha bandhan

Raksha Bandhan

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रक्षा बंधन पर भाषण – raksha bandhan speech in hindi 2024.

May 6, 2024 by: Jamshed Khan

रक्षाबंधन भाई बहन का त्योहार हैं। साथ ही, यह हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती है। यहाँ हम रक्षा बंधन पर भाषण लेकर आए हैं जिन्हें आप रक्षा बंधन के अवसर पर अपने स्कूल, कॉलेज आदि में सुना सकते हैं।

Raksha Bandhan Speech In Hindi

2024 में रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जाएगा। यह पर्व भाई बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है। यह त्योहार हर धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाना चाहिए।

यहाँ से आप अपनी पसंद और आवश्यकता के अनुसार रक्षा बंधन के लिए भाषण का चयन कर सकते हैं।

Table of Contents

रक्षाबंधन पर भाषण 2024: Raksha Bandhan Speech In Hindi

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सभी को सुप्रभात,

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकों, माता-पिता और मेरे प्यारे दोस्तों। हम इस अवसर पर रक्षा बंधन मनाने के लिए यहां हैं।

रक्षा बंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर, एक बहन अपने भाई की कलाई पर “राखी” नामक एक पवित्र धागा बांधती है।

भाई अपनी बहन को एक उपहार देता है और वह उसे मिठाई देती है।

यह वह दिन है जब भाई अपनी बहन से सभी मुसीबतों से रक्षा करने का वादा करते हैं और बहनें अपने भाइयों के भलाई के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं।

रक्षा बंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते तक ही सीमित नहीं है, यह केवल एक धागा बांधने के बारे में नहीं है, यह बंधन और अन्य बाहरी कारकों के बावजूद हर पहलू में सुरक्षा के बारे में भी है।

आप सभी को धन्यवाद।

आदरणीय मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, अतिथिगण और मेरे प्यारे साथियों!

आज रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर मैं आप लोगों के समक्ष अपने कुछ विचार व्यक्त करने जा रहा हूँ।

“राखी का त्योहार है, हर तरफ खुशियों की बौछार है, बंधा एक धागे में, भाई बहन का अटूट प्यार है।

राखी शब्द संस्कृत के रक्षा शब्द से बना है। बंधन का तात्पर्य बाँधने से है।

इस प्रकार रक्षा बंधन वह सूत्र है, जिसका संबंध रक्षा के लिए तत्पर रहने से है।

रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। रक्षाबंधन को राखी का त्योहार भी कहते हैं।

यह त्योहार पर भाई बहन का सबसे अनोखा त्योहार है। इस त्योहार पर सभी का मन हर्ष और उल्लास से भरा होता है।

रक्षाबंधन सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस पर्व पर बहनें सुबह स्नान करके पूजा की थाली सजाती हैं।

पूजा की थाली में कुमकुम, राखी, रोली, अक्षत, दीपक और मिठाई राखी जाती है।

उसके बाद घर के पूर्व दिशा में भाई को बैठाकर उसकी आरती उतारी जाती है।

सिर पर अक्षत डाला जाता है। माथे पर कुमकुम का तिलक किया जाता है। उसके बाद दाहिने हाथ पर राखी बाँधी जाती है, फिर मिठाई खिलाई जाती है।

भाई बहनों को उपहार देते हैं। रक्षाबंधन के दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर अपने भाई की लंबी उम्र की दुआ करती है।

भाई अपनी बहन की पूरे जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है। इस दिन खीर, सेवई आदि कई पकवानों को बनाया जाता है।

भाई से दूर होने पर बहनें अपने भाई के लिए कोरियर करके राखी भेजती हैं।

यह त्योहार भाई बहन को भावनात्मक तौर पर जोड़ता है। भाई बहन का रिश्ता खट्टा-मीठा होता है।

वे आपस में झगड़ते भी हैं पर एक दूसरे से बात किए बिना रह भी नहीं सकते।

रक्षाबंधन का त्योहार की परंपरा भाई बहन के रिश्ते को मानबूत बनाती है।

अत: हम सभी को यह उत्सव परंपरागत विधि से मनाना चाहिए।

आइए अब रक्षाबंधन के इतिहास की कहानी देखते हैं।

राखी का इतिहास बहुत पुराना है। राखी की कहानियों में यह कहानी सर्वाधिक प्रचलित है।

एक बार श्री कृष्ण की उंगली कट जाने पर द्रौपदी ने अपनी साड़ी के एक कोने को फाड़कर कृष्ण के हाथ पर बांध दिया।

कथनानुसार द्रौपदी के सबसे मुश्किल समय में श्रीकृष्ण ने उस साड़ी के एक टुकड़े का कर्ज द्रौपदी का चीर हरण होने से बचाकर निभाया।

वह साड़ी का टुकड़ा कृष्ण ने राखी समझकर स्वीकार किया था।

एक और कहानी यह है कि चित्तौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने जब देखा कि उनके सैनिक बहादुर शाह के सैन्य बल के आगे तिक नहीं पाएंगे तब रानी ने बहादुरशाह से अपने राज्य की रक्षा हेतु हुमायूँ कू राखी भेजी।

सम्राट हुमायूँ अन्य धर्म से संबंध रखने के बावजूद भी रानी कर्णावती की ओर से बहादुर शाह के विरुद्ध लड़ा।

आजकल महिलाएं देश की सुरक्षा में तैनात सैनिकों को सीमा पर जाकर राखी बाँधती है क्योंकि वह हमारी रक्षा करते हैं।

तो दोस्तों, इस आर्टिकल में हमने आपके लिए रक्षा बंधन पर भाषण प्रस्तुत किए। अगर आपने अपने स्कूल में राखी पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

भाषण के अलावा यहाँ हमने आपको रक्षाबंधन की कहानी भी बताई, जिसे पढ़ने के बाद आपको रक्षा बंधन के त्योहार के बारे में बहुत सीखने और जानने को मिला होगा।

यह भी पढ़ें:

  • रक्षा बंधन पर शायरी

अगर आपको रक्षा बंधन पर भाषण अच्छे लगे तो सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

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मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

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Raksha Bandhan in Hindi : जानिए रक्षा बंधन की शुरुआत कैसे हुई

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  • Updated on  
  • अगस्त 24, 2023

Raksha Bandhan in Hindi

एक भाई और बहन के बीच का रिश्ता बिल्कुल अनोखा होता है और इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। भाई-बहनों के बीच का रिश्ता असाधारण है और दुनिया के हर हिस्से में इसे महत्व दिया जाता है। हालाँकि, जब भारत की बात आती है, तो यह रिश्ता और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यहाँ भाई-बहन के प्यार को समर्पित “रक्षा बंधन” नामक त्योहार है। रक्षा बंधन का त्यौहार अब ज़्यादा दूर नहीं। आइये जानें क्या होता है Raksha Bandhan in Hindi, रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है और रक्षा बंधन से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी। रक्षा बंधन क्या है जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

रक्षा बंधन क्या है, रक्षा बंधन से क्या तात्पर्य है, रक्षा बंधन की शुरुआत कैसे हुई, कैसे मनाया जाता है रक्षा बंधन.

यह एक विशेष हिंदू त्योहार है जो भाई और बहन के बीच प्यार के प्रतीक के रूप में भारत और नेपाल जैसे देशों में मनाया जाता है। रक्षा बंधन का अवसर हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर के श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त महीने में आता है।

रक्षाबंधन का मतलब क्या होता है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह त्यौहार दो शब्दों से मिलकर बना है, अर्थात् “रक्षा” और “बंधन।” संस्कृत शब्दावली के अनुसार, इसका अर्थ है “रक्षा का बंधन या गांठ” जहां “रक्षा” का अर्थ सुरक्षा है और “बंधन” बांधने की क्रिया को दर्शाता है। साथ में यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के शाश्वत प्रेम का प्रतीक है जिसका मतलब सिर्फ खून के रिश्ते से नहीं हैं। यह चचेरे भाई-बहनों, बहन और भाभी (भाभी), चाची (बुआ) और भतीजे (भतीजा) और ऐसे अन्य रिश्तों के बीच भी प्रचलित रूप से मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें – 2023 का रक्षाबंधन कब है?

किंवदंती है कि रक्षा बंधन का संबंध उस दिन से माना जा सकता है जब भगवान कृष्ण ने गलती से सुदर्शन चक्र से अपनी उंगली काट ली थी। उन्हें आहत देखकर पांडवों की पत्नी द्रौपदी को बहुत दुख हुआ और उन्होंने तुरंत अपने वस्त्र का एक टुकड़ा फाड़ा और भगवान कृष्ण की खून बह रही उंगली पर बांध दिया ताकि उनके दर्द को शांत किया जा सके और रक्त को बहने से रोका जा सके। भगवान कृष्ण उनके भाव से बहुत प्रभावित हुए और बदले में उन्हें दुनिया की सभी बुराइयों से बचाने का वादा किया। उन्होंने इसे रक्षा सूत्र कहा। और जैसा कि हम जानते हैं कि जब कौरवों ने उसे निर्वस्त्र करने का प्रयास करके दरबार में उसका अपमान करने की कोशिश की, तो भगवान कृष्ण ने अपनी बहन को आशीर्वाद दिया और सुनिश्चित किया कि उसने जो साड़ी पहनी थी उसकी लंबाई अंतहीन हो। इस तरह उसके भाई ने उसे उन बुराइयों से बचाया – जैसा कि उसने वादा किया था। 

यह त्योहार भाई-बहनों का पसंदीदा बन गया है, जहां वे चंचल और हल्के-फुल्के मजाक में व्यस्त रहते हैं और पूरा परिवार विशेष क्षणों का गवाह बनने के लिए एक साथ आता है। बदलते समय के साथ अब सिर्फ भाई-बहन ही एक-दूसरे को राखी नहीं बांधते बल्कि दोस्त, दूर के रिश्तेदार भी इस परंपरा की शुरुआत कर चुके हैं। कई महिलाएं भी मंदिरों में जाती हैं और भगवान कृष्ण की मूर्ति पर धागे बांधती हैं, आशा करती हैं और प्रार्थना करती हैं कि भगवान उन्हें कठिनाइयों और बुराइयों से बचाएं। दिलचस्प बात यह है कि यह त्योहार अब किसी महिला द्वारा पुरुष को धागा बांधने तक ही सीमित नहीं रह गया है। यहां तक ​​कि जिन बहनों के भाई नहीं हैं, वे भी एक-दूसरे के हाथों पर राखी बांधकर और हमेशा प्यार और सुरक्षा का वादा करके त्योहार मनाने लगी हैं! माता-पिता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे भाई-बहनों को इन त्योहारों को पूरे उत्साह से मनाने का महत्व समझाएं और इसकी भावना को कभी कम न होने दें। ताकि उनके जाने के लंबे समय बाद भी भाई-बहन रिश्ते और त्योहार की अनमोलता को बरकरार रखें।

यह भी पढ़ें – रक्षा बंधन पर निबंध

यह था Raksha Bandhan in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

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रक्षा बंधन पर भाषण हिंदी में – Raksha Bandhan speech in Hindi

Speech On Raksha Bandhan In Hindi – रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक माना जाने वाला रक्षाबंधन का यह त्योहार हम सभी के लिए विशेष महत्व रखता है। 

बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं और भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है। साथ ही भाई अपनी बहनों को सभी बुराइयों से बचाने का संकल्प लेते हैं। लेकिन रक्षाबंधन का त्यौहार न केवल भाई-बहन का त्यौहार है बल्कि प्रेम, सामाजिक कर्तव्य और भाईचारे का भी त्यौहार है।

आज इस लेख में हम आपको बहुत ही सरल भाषा में रक्षा बंधन पर भाषण (Raksha Bandhan Speech In Hindi) के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे है। यह भाषण हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

Table of Contents

रक्षा बंधन पर भाषण – 1 (200 शब्दों में) – Raksha Bandhan speech in Hindi

प्रिय विद्यार्थी मित्रों, सभी उपस्थित व्यक्तिगण,

आज मैं “रक्षाबंधन” के अवसर पर अपने विचार प्रकट करने के लिए आप सभी के सामने खड़ा हूं। आज आप गुरुजनों ने मुझे इस मंच पर बोलने का मौका दिया है, इसके लिए मैं हृदय से आपका आभारी हूं।

रक्षा बंधन भारत के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है, जो श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षाबंधन को राखी, सलोनो और श्रावणी जैसे नामों से भी जाना जाता है।

रक्षा बंधन हमें याद दिलाता है कि भाई-बहन का बंधन दो अद्वितीय आत्माओं के बीच एक विशेष मार्मिक संबंध होता है, जो सदैव मजबूती से बँधा रहता है। हमारे भाई-बहनों के साथ हमारी अनगिनत यादें और अनुभव होते हैं, जो हमारी जीवन यात्रा को खूबसूरत और यादगार बनाते हैं।

रक्षाबंधन के इस पर्व पर हमें यह सोचने का मौका मिलता है कि हम अपने रिश्ते को कैसे अधिक मजबूत और वृद्धिंगत बनाए रख सकते हैं।

हमें अपने भाई-बहनों के साथ समय बिताना चाहिए, उनके विचारों और सपनों का समर्थन करना चाहिए, उनके साथ खुशियों का आदान-प्रदान करना चाहिए और एक-दूसरे के जीवन में आने वाली कठिनाइयों का मिलकर सामना करना चाहिए।

इस अवसर पर, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि हम अपने करीबी रिश्तों को भी महत्व दें और उन्हें सहयोग और समर्थन की भावना दें। क्योंकि यह रक्षाबंधन हमें एक-दूसरे को स्नेह और समर्पण के प्रतीक के रूप में याद करने का अवसर देता है।

Also read: रक्षा बंधन कब से और क्यों मनाया जाता है? Raksha bandhan kyo manaya jata hai? रक्षा बंधन पर निबंध – Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षा बंधन पर भाषण – 2 (300 शब्दों में) – Raksha Bandhan speech in Hindi

आज हम सभी यहां एक विशेष अवसर पर एकत्र हुए हैं, जो हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह अवसर है “रक्षा बंधन” का, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का त्यौहार है। हालाँकि भाई-बहन के बीच का प्यार और कर्तव्य की भावना किसी एक दिन के लिए ही सीमित नहीं है, बल्कि अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण यह त्योहार हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।

रक्षा बंधन का अर्थ है ‘सुरक्षा’ और ‘बंधन’ – जो एक विशेष प्रकार के रिश्ते को संदर्भित करता है जिसमें एक भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा करता है। यह रिश्ता न सिर्फ खुशियों में बल्कि मुश्किलों में भी एक-दूसरे का साथ निभाने की शक्ति देता है।

भारतीय संस्कृति में रिश्तों का महत्व बहुत ज्यादा है और भाई-बहन का ये खास रिश्ता उसी का अहम हिस्सा है। हमने देखा है कि भारतीय समाज में भाई-बहन का प्यार और समर्पण अमूल्य है और यह एक-दूसरे के साथ साझा किए गए आदर्शों का परिणाम है।

आज बदलती दुनिया में जब हम तकनीक और विज्ञान से गहराई से जुड़े हुए हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पारिवारिक रिश्तों का महत्व हमारे जीवन में कभी कम नहीं हो सकता। रक्षा बंधन का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि हमारे प्रियजन हमेशा हमारा समर्थन और सुरक्षा करेंगे।

इस अवसर पर मैं आप सभी से आग्रह करना चाहूंगा कि हमें अपने संबंधों के महत्व को समझना चाहिए और उन्हें मजबूती से बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। हमारे पारिवारिक रिश्ते ही हमारे जीवन की सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं और हमें हमेशा इसका सम्मान करना चाहिए।

मुझे यकीन है कि रक्षा बंधन के इस पवित्र त्योहार को मनाकर हम अपने रिश्तों को मजबूती और खुशियों से भर देंगे। अंत में, मैं आप सभी के लिए शुभकामनाएं और ईश्वर से आशीर्वाद की कामना करता हूं।

Also read: 100+ रक्षा बंधन स्टेटस हिंदी में – Raksha Bandhan Status in Hindi 50+ रक्षा बंधन की शुभकामनाएं हिंदी में – Raksha Bandhan Wishes in Hindi

रक्षा बंधन पर भाषण – 3 (800 शब्दों में) – Raksha Bandhan speech in Hindi

हमने बचपन से ही “रक्षा बंधन” का आयोजन किया है, जो हमें सिखाता है कि भाई-बहन का रिश्ता कितना महत्वपूर्ण है। चूँकि भाई-बहन का रिश्ता सबसे पवित्र और पावन होता है, इसलिए चाहे बहन हो या भाई, दोनों एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखते हैं और एक-दूसरे की प्रगति चाहते हैं, वह भी बिना किसी स्वार्थ के। 

सच कहें तो रक्षाबंधन पवित्रता का पवित्र त्योहार है, जिसमें भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की रक्षा के लिए रक्षासूत्र बांधने की परंपरा है। इस त्योहार के जरिए जहां भाई अपनी बहनों की सुख-समृद्धि और तरक्की की कामना करते हैं, वहीं बहन भी अपने भाई की लंबी उम्र के साथ उसकी तरक्की की प्रार्थना करती है।

इस त्यौहार की शुरुआत क्यों और कैसे हुई, इसके बारे में एक पौराणिक कथा प्रचलित है। एक समय की बात है, श्री कृष्ण अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रहते थे। उन दिनों असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और ऋषि-मुनियों तथा अन्य लोगों को भी परेशान करते थे। 

असुरों के अत्याचार से तीनों लोकों के सभी प्राणी दुखी हो गये थे। ऋषि-मुनियों की पूजा तथा यज्ञ आदि करना सर्वथा असंभव हो गया था। राक्षस कभी बच्चों को चुरा लेते थे तो कभी अकारण ही लोगों को मारते-पीटते और लूट लेते थे, जो दिन शांति से बीत जाता था तो लोग उसे अपना बड़ा सौभाग्य समझते थे।

इस तरह काफी समय बीत गया और असुरों के बढ़ते उत्पात के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना बंद हो गया। लोग अपने बच्चों को घर के अंदर ही रखते थे और उन पर किसी की छाया भी नहीं पड़ने देते थे। ऋषि-मुनि और सन्यासी सभी डर के मारे कंदराओं में छिप जाते थे और वहीं पूजा-पाठ और यज्ञ-हवन करते थे।

समय-समय पर श्रीकृष्ण को राक्षसों के अत्याचारों की खबर मिलती रहती थी और वे प्रजा की रक्षा के लिए अपने दूत भेजते रहते थे। लेकिन राक्षसों के उपद्रव में कोई कमी नहीं आई, इसी पीड़ा से एक दिन सभी लोग इन उत्पात से दुखी होकर अपनी शिकायत लेकर रोते हुए श्री कृष्ण के पास आए।

अपनी प्रजा का कष्ट देखकर उस दिन श्रीकृष्ण के हृदय को बहुत ठेस पहुंची और उन्होंने उसी समय वचन दिया कि अब वे स्वयं इन राक्षसों का विनाश करके ही दम लूंगा।

श्रीकृष्ण और बलराम दोनों भाई असुरों का नाश करने के लिए अस्त्र-शस्त्र लेकर तैयार होने लगे। उन्होंने अपनी पूरी चतुरंगिणी सेना को तैयार रहने का आदेश भी दिया। बड़े उत्साह से युद्ध की तैयारियाँ होने लगीं। बलराम स्वभाव से थोड़े उग्र थे, लेकिन श्रीकृष्ण कभी क्रोध नहीं करते थे। परन्तु इस समय श्रीकृष्ण को भी क्रोधित होते देख सुभद्रा बहुत डर गयीं।

सुभद्रा इस बात से भली-भांति परिचित थीं कि श्रीकृष्ण का संकल्प कोई साधारण संकल्प नहीं है, वे एक बार जो कुछ करने की ठान लेते हैं तो उसे करके ही छोड़ते हैं। उन्हें श्रीकृष्ण की शक्ति का ज्ञान तो था ही, साथ ही वे राक्षसों के माया-जाल को भी जानती थीं।

यह सब सोचते-सोचते उनका मन अत्यंत बेचैन हो गया। फिर उन्होंने तुरंत पूजा की थाली सजाई और अपने भाइयों की मंगल कामना के लिए गौरी-पार्वती के मंदिर में प्रार्थना करने चली गई। मंदिर पहुंचकर उन्होंने गौरी-पार्वती की खूब पूजा-अर्चना की, साथ ही अपने भाइयों की लंबी उम्र और युद्ध में उनकी सफलता के लिए भी प्रार्थना की।

सुभद्रा की प्रार्थना से गौरी जी प्रसन्न हुईं। सुभद्रा ने देखा कि मां गौरी के गले का मंगलसूत्र अपने आप नीचे गिर गया है, उन्होंने प्रसाद समझकर तुरंत उसे उठा लिया और घर लौट आईं। सुभद्रा ने यह रेशम का धागा जो गौरी-पार्वती का मंगलसूत्र था, अपने दोनों भाइयों की कलाइयों पर बाँध दिया।

बहन सुभद्रा को पूर्ण विश्वास था कि गौरीजी का प्रसाद हाथ में बाँधने से उनके दोनों भाइयों का कल्याण अवश्य होगा और वे राक्षसों को परास्त करके अवश्य लौटेंगे। अंत में यह बात सत्य हुई, श्री कृष्ण और बलराम दोनों ही युद्ध में विजयी होकर आये। उनके लौटने पर बहन सुभद्रा ने बहुत उत्सव मनाया और कढ़ी चावल, खीर तथा अन्य स्वादिष्ट भोजन बनाकर अपने भाइयों को खिलाया।

माँ गौरी जी के मंगलसूत्र का प्रभाव किसी से छिपा नहीं था। अब सुभद्रा हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा को उसी मंदिर में जाती और गौरी-पार्वती की बहुत पूजा करती और जब मंगलसूत्र नीचे गिर जाता तो खुशी-खुशी उसे उठाकर माथे पर लगा लेती और घर लाकर अपने भाइयों के हाथों में बांध देती हैं और उनके सुखी जीवन की कामना करती।

धीरे-धीरे समय के साथ भाइयों के कलाई पर रक्षासूत्र बांधने का चलन बन गया और बढ़ता ही गया। अब सभी बहनें अपने भाइयों की रक्षा के लिए गौरा पार्वती का मंगलसूत्र लाकर हाथों में बांधने लगीं। कई सदियां बीत गईं लेकिन आज भी भाईयों की मंगलकामना के लिए रक्षाबंधन का त्योहार उसी भावना से मनाया जाता है।

Also read: 10+ रक्षाबंधन पर कविता – Raksha Bandhan Poem in Hindi 40+ रक्षा बंधन शायरी – Raksha Bandhan Shayari In Hindi 40+ रक्षाबंधन पर अनमोल विचार – Raksha Bandhan Quotes in Hindi

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Speech On Raksha Bandhan - 10 Lines, Short and Long Speech

Speech on Raksha Bandhan in English - Raksha Bandhan is a holiday that honours the relationship between siblings. Anyone can tie a rakhi and take part in the joyous occasion if they regard and love another person as one of their siblings. It represents the unwavering love that a brother and sister have for one another. Raksha Bandhan is a day dedicated to honoring sibling relationships .

10 Line Speech on Raksha Bandhan

Short speech on raksha bandhan, long speech on raksha bandhan.

Speech On Raksha Bandhan - 10 Lines, Short and Long Speech

Raksha Bandhan, commonly known as the festival of the rakhi, is a well-known holiday in India.

Raksha Bandhan is a festival that honours the sincerity of a sister's and a brother's bond.

On the day of Raksha Bandhan, the relationship of love and affection is celebrated.

Indians celebrate this holiday by tying a rakhi around their brother's wrists.

The main goal of activities is to fortify the relationship between a sister and a brother.

Raksha Bandhan is primarily observed in August.

In accordance with the lunar calendar, it is observed on the day of the full moon in the Shravan month.

Despite being an Indian holiday, Raksha Bandhan is becoming more and more well-known abroad.

Women from various regions of India offer rakhis to soldiers as tokens of gratitude for their selfless service.

Raksha Bandhan is celebrated on Purnima of the Shravan Month every year.

Raksha Bandhan is celebrated on Purnima of the Shravan Month every year. Many Indians consider Raksha Bandhan to be one of their favorite holidays. The whole family comes together to celebrate this day. Everyone in the family participates in various festive activities to enjoy every second of this lovely day, including siblings, friends, parents, and grandparents.

On The Day of Raksha Bandhan

Do you know how Raksha Bandhan is observed in almost every region of the nation? The sister and the brother get up early on the day of Raksha Bandhan. They both assemble with their families to pray and sit side by side. Sister and brother both offer prayers for one another and their family. Following their prayers, the sister covers the brother's forehead with a tilak. After that, the sister ties a rakhi to her brother's hand, symbolising her brother's unwavering faith in her. The brother promises to give his sister gifts as a sign of his affection and to keep her safe from harm. The entire family is present for this ceremony and enjoys seeing how much they care for one another. Following these activities, they want a special time while sharing specially crafted treats. Raksha Bandhan is an excellent example of global brotherhood .

Raksha Bandhan is a joyous holiday celebrating the relationship and love between a brother and a sister . The Hindu holiday of Raksha Bandhan is widely observed in India with much zeal and excitement. In the Hindi calendar's Shravan (Sawan) month, which falls in August, Rakshabandhan is observed.

One of the old festivals, Raksha Bandhan, was also observed by gods and goddesses. The Raksha Bandhan holiday has a rich history. According to the Vishnu Purana, after being instructed to request a favour from Lord Vishnu, Demon King Bali begged him to reside with him in his palace. Bali's plea was granted, and Lord Vishnu began living in his palace with him.

But Lord Vishnu's wife, Goddess Lakshmi, wished for him to return to his throne room. Then Lakshmi became Bali's sister by fastening a rakhi to his wrist. Then Bali enquired what Lakshmi Mata would accept in exchange for a gift. In response, goddess Lakshmi asked him to free Lord Vishnu so that he might go back to Vaikunth. The plea was granted, and Lord Vishnu was given back to Bali. This demonstrates a brother's affection and duty to his sister.

Raksha Bandhan is celebrated by many with delight and zeal. It is a beautiful holiday fostering closeness and affection between siblings. Raksha Bandhan is celebrated by siblings of all ages, whether they are little children or adults.

We are all aware of the special place that our brothers and sisters hold in our hearts. The particular bond that siblings share is quite rare. They are entirely considerate of one another. Their bond of affection is extraordinary. Brothers and sisters support one another and reinforce their link at every stage of life.

It is believed that Raksha Bandhan will deepen this tie. Celebrating this day and paying attention to the lovely relationship between siblings is appropriate. It represents their love, closeness, and faith in each other.

"Raksha" and "Bandhan" refer to protection and a bond, respectively. According to this, sisters pray for their brothers' well-being, wealth, and flourishing lives, and in exchange, brothers commit to looking out for their sisters throughout their lives. Raksha Bandhan is a celebration of the sister's and brother's love and responsibilities for one another. Raksha Bandhan is a celebration that celebrates more than just tying rakhi to one's siblings; it is also a time for cousins and other family members to get together and honour brother-sister ties.

On their special day, siblings start happy and excited. They dress up and sit down after getting dressed. The sister prays for her brother's long life and good health while tying the holy thread known as "RAKHI" around his wrists. She gives her brother candy to consume in exchange for many kind gifts from his brother. The sisters are showered with gifts of love, including gowns, money, sweets, and other items.

The family members are very well dressed on this occasion and typically wear ethnic clothing. The town market is crowded with colourful rakhis and various presents at this time.

Every year, stylish rakhis are offered in the market, and sisters make their brothers shine. The brothers spend a lot of time considering what the ideal present for their sisters would be.

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रक्षा बंधन स्पीच 2023 – Speech on Raksha Bandhan in Hindi, Marathi & English for Class 1-12 students

Speech on Raksha Bandhan in Hindi

रक्षा बंधन 2023 : रक्षाबंधन हिन्दू धर्मं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है| यह पर्व हर साल श्रावण माह के अंत में आता है| इस वर्ष 2023 में यह पर्व 31 अगस्त रविवार के समय पड़ रहा है| रक्षाबंधन का यह पर्व हिन्दू धर्म का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है| एक भाई सबसे ज्यादा अपनी बहन से प्रेम करता है| भाई और बहन का रिश्ता पवित्र और अटूट रिश्ता होता है| रक्षा बंधन का शुभ त्यौहार का भारतीय पौराणिक कथाओं में बहुत महत्वपूर्ण है। रक्षा बंधन मूल रूप से एक दूसरे के लिए भाइयों और बहनों के बंधन, देखभाल और प्यार का प्रतीक है|

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Raksha Bandhan Speech in Hindi

रक्षा बंधन भाई बहन के प्रेम का त्योहार है । यह प्रत्येक वर्ष सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । इस दिन बहन सुबह ही स्नान कर तैयार हो जाती है । इसके बाद वह थाली में आरती का सामान सजाकर भाई की आरती उतारती है और भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांध देती है । साथ ही भाई का मुंह मिठाईयों से भर देती है । भाई भी बदले में बहन को रूपये एवं अन्य उपहार देता है । भाई को राखी बांधते समय बहन की यह कामना रहती है कि मेरा भाई सुखी और ऐश्वर्यशाली बने । और भाई बहन की रक्षा करने का वचन लेता है । प्राचीन समय मे राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बांधती थी । इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हे विजयश्री के साथ वापस ले आएगा । राखी के साथ एक और ऐतिहासिक प्रसंग जुड़ा हुआ है । मुगल काल के दौर में जब मुगल बादशाह हुमायूँ चितौड़ पर आक्रमण करने बढ़ा तो राणा सांगा की विधवा कर्मवती ने हुमायूँ को राखी भेजकर रक्षा वचन ले लीआ । हुमायूँ ने इसे स्वीकार करके चितौड पर आक्रमण का ख्याल दिल से निकाल दिया और कालांतर में मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज निभाने के लिए चितौड की रक्षा हेतु बहादुरेशोंहे के विरूद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती और मेवाड़ राज्य की रक्षा की । रक्षा बंधन से संबंधित दूसरी घटना भी है, कि सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के हिंदू शत्रु पुरूवास को राखी बांध कर अपना मुंहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकंदर को न मारने का वचन लिया । पुरूवास ने युद्ध के दौरान हाथ में बंधी राखी का और अपनी बहन को दिये हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकंदर को जीवदान दिया । ऐतिहासिक युग में भी सिंकदर व पोरस ने युद्ध से पूर्व रक्षा-सूत्र की अदला-बदली की थी । युद्ध के दौरान पोरस ने जब सिकंदर पर घातक प्रहार हेतु अपना हाथ उठाया तो रक्षा-सूत्र को देखकर उसके हाथ रूक गए और वह बंदी बना लिया गया । सिकंदर ने भी पोरस के रक्षा-सूत्र की लाज रखते हुए और एक योद्धा की तरह व्यवहार करते हुए उसका राज्य वापस लौटा दिया । यह है रक्षा बंधन का पवित्र भाव । रक्षा बंधन मानवीय भावों का बंधन है । यह प्रेम, त्याग और कर्तव्य का बन्धन है । इस बंधन में एक बार भी बंध जाने पर इसे तोड़ना बड़ा कठिन है । इन धागों में इतनी शक्ति है, जितनी लोहे की जंजीर में भी नहीं । जिस प्रकार हुमायूँ ने इसी धागे से बंधे होने के कारण बहादुरशाह से लड़ाई की ठीक उसी प्रकार इस दिन हर भाई को यह प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि वह अपने प्राणों की बाजी लगाकर भी बहन की रक्षा करेगा। यही रक्षा-बंधन पर्व का महान् संदेश है ।

Short Speech on Raksha Bandhan

भारत त्यौहारों का देश है यहाँ पर अलग-अलग तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं। रक्षाबंधन भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। रक्षाबंधन को राखी भी कहते हैं। पहले गुरु पूर्णिमा आती है जो गुरु और शिक्षकों को समर्पित होती है। गुरु पूर्णिमा के बाद बुद्ध पूर्णिमा आती है और बुद्ध पूर्णिमा के बाद चैत्र पूर्णिमा आती है। चैत्र पूर्णिमा के बाद जो चौथी पूर्णिमा आती है वह श्रावण पूर्णिमा होती है। हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। रक्षाबंधन भाई-बहन का त्यौहार होता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार होता है लेकिन सभी धर्मों के लोग बहुत उत्साह से मनाते हैं। श्रावण पूर्णिमा का पूरा चाँद भाई-बहन के प्रेम और कर्तव्य को समर्पित होता है। रक्षाबंधन जुलाई या फिर अगस्त के महीने में आता है। इस त्यौहार में राखी का सबसे अधिक महत्व होता है। रक्षाबंधन एक सामाजिक , पौराणिक , धार्मिक , और ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक ऐसा पावन बंधन है जिसे जनसमाज में रक्षाबंधन के नाम से श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और मॉरेशिस में भी बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। भाई-बहन का प्यार : रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होता है। इस त्यौहार से भाई-बहन के बीच का प्रेम बढ़ता है और एक-दूसरे के लिए ख्याल रखने का भी भाव दृढ होता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधते समय अपने भाई के सुखमय जीवन की कामना करती है। इस दिन भाई अपनी बहन को हर प्रकार की मुसीबत से बचाने का वचन देता है। इस दिन राखी बाँधने की परम्परा की वजह से भाई-बहन के बीच के सभी मनमुटाव दूर होते हैं और उनके बीच प्रेम बढ़ जाता है। वैसे तो भाई-बहन का प्यार एक दिन का मोहताज नहीं होता है। लेकिन रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बन गया है। सालों से चला आ रहा यह त्यौहार आज भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आज के समय में राखी सिर्फ भाई-बहन के बीच का कार्यकलाप नहीं रह गया है यह राखी देश की रक्षा , पर्यावरण की रक्षा , हितों की रक्षा के लिए भी बांधी जाने लगी है। रक्षाबंधन का त्यौहार अनेक रूपों में दिखाई देता है। जो पुरुष राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के होते हैं वो भाई-चारे के लिए भगवा रंग की राखी बांधते हैं। राजस्तान में ननंद अपनी भाभियों को एक विशेष प्रकार की राखी बांधती हैं जिसे लुम्बी कहते हैं। कई जगह पर बहने भी अपनी बहनों को राखी बांधती हैं। ऐसा करने से लोगों के बीच प्रेम और अधिक बढ़ता है।

Raksha Bandhan Speech for Students

Short Speech on Raksha Bandhan

भारत त्योहारों का देश है । यहाँ विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं । हर त्योहार अपना विशेष महत्त्व रखता है । रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक त्योहार है । यह भारत की गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक त्योहार भी है । यह दान के महत्त्व को प्रतिष्ठित करने वाला पावन त्योहार है । रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है । श्रावण मास में ऋषिगण आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे । श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी । यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षा-सूत्र बाँधने की प्रथा थी । इसलिए इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ । इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षा-सूत्र बाँधते हैं । बाद में इसी रक्षा-सूत्र को राखी कहा जाने लगा । कलाई पर रक्षा-सूत्र बाँधते हुए ब्राह्मण निम्न मंत्र का उच्चारण करते हैं- येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबल: । तेन त्वां प्रति बच्चामि, रक्षे! मा चल, मा चल ।। अर्थात् रक्षा के जिस साधन (राखी) से अतिबली राक्षसराज बली को बाँधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बाँधता हूँ । हे रक्षासूत्र! तू भी अपने कर्त्तव्यपथ से न डिगना अर्थात् इसकी सब प्रकार से रक्षा करना । आजकल राखी प्रमुख रूप से भाई-बहन का पर्व माना जाता है । बहिनों को महीने पूर्व से ही इस पर्व की प्रतीक्षा रहती है । इस अवसर पर विवाहित बहिनें ससुराल से मायके जाती हैं और भाइयों की कलाई पर राखी बाँधने का आयोजन करती हैं । वे भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं तथा राखी बाँधकर उनका मुँह मीठा कराती हैं । भाई प्रसन्न होकर बहन को कुछ उपहार देता है । प्रेमवश नया वस्त्र और धन देता है । परिवार में खुशी का दृश्य होता है । बड़े बच्चों के हाथों में रक्षा-सूत्र बाँधते हैं । घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं । रक्षाबंधन के अवसर पर बाजार में विशेष चहल-पहल होती है । रंग-बिरंगी राखियों से दुकानों की रौनक बढ़ जाती है । लोग तरह-तरह की राखी खरीदते हैं । हलवाई की दुकान पर बहुत भीड़ होती है । लोग उपहार देने तथा घर में प्रयोग के लिए मिठाइयों के पैकेट खरीदकर ले जाते हैं । श्रावण पूर्णिमा के दिन मंदिरों में विशेष पूजा- अर्चना की जाती है । लोग गंगाजल लेकर मीलों चलते हुए शिवजी को जल चढ़ाने आते हैं । काँधे पर काँवर लेकर चलने का दृश्य बड़ा ही अनुपम होता है । इस यात्रा में बहुत आनंद आता है । कई तीर्थस्थलों पर श्रावणी मेला लगता है । घर में पूजा-पाठ और हवन के कार्यक्रम होते हैं । रक्षाबंधन के दिन दान का विशेष महत्त्व माना गया है । इससे प्रभूत पुण्य की प्राप्ति होती है, ऐसा कहा जाता है । लोग कंगलों को खाना खिलाते हैं तथा उन्हें नए वस्त्र देते हैं । पंडित पुराहितों को भोजन कराया जाता है तथा दान-दक्षिणा दी जाती है । रक्षाबंधन पारिवारिक समागम और मेल-मिलाप बढ़ाने वाला त्योहार है । इस अवसर पर परिवार के सभी सदस्य इकट्‌ठे होते हैं । विवाहित बहनें मायके वालों से मिल-जुल आती हैं । उनके मन में बचपन की यादें सजीव हो जाती हैं । बालक-बालिकाएँ नए वस्त्र पहने घर-आँगन में खेल-कूद करते हैं । बहन भाई की कलाई में राखी बाँधकर उससे अपनी रक्षा का वचन लेती है । भाई इस वचन का पालन करता है । इस तरह पारिवारिक संबंधों में प्रगाढ़ता आती है । लोग पिछली कडुवाहटों को भूलकर आपसी प्रेम को महत्त्व देने लगते हैं । इस तरह रक्षाबंधन का त्योहार समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ाने का कार्य करता है । संसार भर में यह अनूठा पर्व है । इसमें हमें देश की प्राचीन संस्कृति की झलक देखने को मिलती है ।

Raksha Bandhan Speech in Marathi

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भारत हा सणांचा एक उत्सव आहे. येथे विविध प्रकारचे उत्सव साजरे केले जातात. रक्षाबंधन भारतातील मुख्य उत्सवांपैकी एक आहे. रक्षाबंधनाने राखी म्हणूनही ओळखले जाते. प्रथम गुरु पूर्ण चंद्र येतो, जे शिक्षक आणि शिक्षकांना समर्पित आहे पूर्ण चंद्र मास्टर बुद्ध पौर्णिमा बुद्ध पौर्णिमा नंतर चैत्र पौर्णिमा येतो येतो आहे. चैत्र पौर्णिमेच्या चौथ्या पूर्ण चंद्राने श्रावण पौर्णिमा आहे. प्रत्येक वर्षी रक्षाबंधनचा उत्सव श्रावण पौर्णिमेला साजरा केला जातो. रक्षाबंधन हा भाऊ आणि बहीणचा सण आहे. हा हिंदूंचा मुख्य सण आहे परंतु सर्व धर्मांतील लोक मोठ्या उत्साहाने साजरा करतात. श्रवण पौर्णिमाचे संपूर्ण चन्द्र भाऊ व बहिणीच्या प्रेम व कर्तव्यांचे समर्पित आहे. रक्षाबंधन जुलै किंवा ऑगस्ट महिन्यात येतो. या उत्सवात राखीचा सर्वोच्च महत्व आहे. रक्षा बंधन सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक अर्थ एक पवित्र बंधन नाही अगदी पूर्ण चंद्र फक्त भारतात Jnsmaj रक्षा बंधन नावाने श्रावण महिन्याचा दिवस पण नेपाळ आणि Moreshis जास्त थाटामाटात साजरा की थ्रेड आहे जाता भाऊ-बहिणीचा प्रेम: रक्षाबंधनचा उत्सव भाऊ-बहिणीच्या प्रेमाचे प्रतीक आहे. हा सण भाऊ आणि बहीण यांच्यातील प्रेम वाढवते आणि एकमेकांची काळजी घेण्याची भावना ठाम आहे. आज बहीण आपल्या भावाला बांधणी वेळ राखी रोजी आपला भाऊ आनंदी जीवन इच्छा. या दिवशी भाऊ आपली बहीण सर्व प्रकारच्या संकटातून वाचवण्याचा आश्वासन देतो. या दिवशी राखी मात सर्व भाऊ आणि कारण ट्रायचे व.का.धा. रुप फरक परंपरा बहिणी आहे आणि वाढते त्यांना दरम्यान प्रेम. भाऊ आणि बहीण प्रेम एक दिवस प्रेम नाही परंतु रक्षा बंधनच्या ऐतिहासिक आणि धार्मिक महत्त्वामुळे हे दिवस इतके महत्त्वाचे बनले आहे. आजही हा उत्सव मोठ्या आनंदाने साजरा केला जातो. आजच्या काळात धागा फक्त खूप धागा दरम्यान दीर्घ प्रतिबद्धता, देश बचाव आहे पर्यावरण संरक्षण, आवडी भाऊ संरक्षण बद्ध झाले आहे. रक्षाबंधनचा उत्सव अनेक रूपांत आढळतो. राष्ट्रीय स्व-मदत संघटना असलेले पुरुष, ते भाऊ-खाद्यांसाठी केशरचे रंग ठेवतात. राजस्थान मध्ये बहीण धागा एक विशेष प्रकार तिच्या बहिणींना लुम्बी म्हणतात ठेवते आहेत. अनेक ठिकाणी वाहते तसेच आपल्या बहिणींनाही मारतो. हे प्रेम करून लोकांमध्ये अधिकाधिक वाढ होते.

Speech on Raksha Bandhan in English

Raksha Bandhan, one of the main Hindu festivals, is celebrated to strengthen the brother sister bond. On this day, the sisters tie a sacred thread, rakhi on their brothers’ wrist wishing good health and long life for them. The bothers, on the other hand, bless their sisters and pledge to take care of them all through their lives. Symbol of Brother-Sister Love The brother-sister relationship is extremely special. The way they care for each other is beyond compare. One can never love or care for their friends as much as they love their siblings. The connection and bond one shares with brothers and sisters is simply matchless. No matter how much they fight with each other over trivial things when the time comes they stand by one another and extend their support. The bond grows stronger as they age and go through various stages of life. They are there for each other in thick and thin. Elder brothers are highly protective of their sisters and the younger ones look up to their elder sisters for guidance. Likewise, elder sisters are extremely caring for their younger brothers and the younger ones seek their elder brother’s help and advice on various matters. A day to celebrate this beautiful bond has thus rightly been established. Raksha Bandhan is special for every brother and sister in the country. It is a symbol of their love, togetherness and faith in each other. Raksha Bandhan – A Time for Pampering Raksha Bandhan is a time for the ladies to pamper themselves. They also receive a lot of love and pampering from their brothers. Since it is time for family gatherings the ladies especially want to look their best. Ethnic clothing is preferred by most as it adds to the fervour of the Hindu festivals. The markets are filled with beautiful kurtis, suits and other ethic wear. Women are seen hoping from shop to shop to buy a piece that matches their taste. They also go on to purchase matching accessories and footwear. On the day of the festival, girls take a good amount of time dressing up. Besides the dress and accessories, they also go for special hair-dos to look different on this day. Their brothers also pamper them by showering their love and blessings and also by giving gifts. Conclusion Raksha Bandhan is known by different names in different parts of the country however the essence of the festival remains the same and that is to celebrate the sacred brother-sister bond.

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रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2024 | Paragraph On Raksha Bandhan In Hindi

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2024 | Paragraph On Raksha Bandhan In Hindi : Here Is A Article About Few Lines Good Information in 5,10 Line Paragraph On Raksha Short Essay & Speech On Rakhi 2024.

प्रिय दोस्तों आज के लेख में हम राखी पर हिंदी में अनुच्छेद साझा कर रहे हैं. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए यह उपयोगी हो सकता हैं.

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2022 | Paragraph On Raksha Bandhan In Hindi

Raksha Bandhan 2024 Paragraph Essay Article Few Lines On Rakhi Festival In Hindi : आगामी 11 अगस्त को हिन्दुओं का महत्वपूर्ण पर्व रक्षा बंधन मनाया जाना है.

इसे हम राखी के नाम से भी जानते हैं. इस साल समूची मानव सृष्टि कोरोना की महामारी से संघर्ष कर रही है. इसलिए इस बार रक्षा बंधन का पर्व घरों में रहकर ही मनाया जाए तो यह हमारे स्वयं तथा अपनों के लिए अच्छा होगा.

यहाँ हम रक्षा बंधन पर शोर्ट पैराग्राफ बता रहे है, छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए यह उपयोगी लेख होगा, इसमें संक्षिप्त और सारगर्भित रूप में राखी पर्व की जानकारी महत्व इतिहास आदि के बारें में जानकारी दी गई हैं.

Short Raksha Bandhan Paragraph For Students In Hindi Language

रक्षा बंधन के पर्व को भाई बहिन का उत्सव कहा जाता हैं. मूल रूप से यह हिन्दुओं का त्योहार हैं, वर्तमान काल में यह धर्म की सीमाओं से बाहर निकलकर भारत के सभी मत एवं सम्प्रदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता हैं.

सभी धर्मों के लिए प्रेम एवं मेलजोल से इस पर्व को मनाते हैं ऐसा हो भी क्यों न क्योकि यह भाई बहिन के स्नेह का प्रतीक पर्व हैं, जो भारत की संस्क्रति का परिचायक हैं.

वैसे तो हमारे समाज में बहिन भाई के रिश्ते की पवित्रता, आपसी समझ कर्तव्यनिष्ठां के भाव को किसी दिन विशेष पर प्रकट नहीं किया जा सकता हैं.

मगर इस दिन का अपना सामाजिक एवं धार्मिक महत्व इसे बड़ा दिन बना देते हैं. भारत में राखी का त्योहार रक्षा बंधन सैकड़ों वर्षों से मनाया जाता रहा हैं.

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार राखी का पर्व श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं. अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार यह अगस्त माह में पड़ता हैं.

रक्षा बंधन के दिन बहिन अपने भैया के घर जाती हैं तथा उन्हें मुहं मीठा करवाकर तिलक लगाकर राखी बांधती हैं. भाई बहिन को उनकी रक्षा का वचन देता हैं तथा ही वह उन्हें कुछ भेंट उपहार देकर विदा करता हैं.

राखी का अपना एक सांकेतिक महत्व हैं, यह हिन्दू धर्म के अनुसार एक भाई को अपनी बहिन के प्रति दायित्वों की याद दिलाता हैं. इस पर्व के सम्बन्ध में पुराणों में राजा बलि एवं इंद्र की एक कथा का प्रसंग मिलता हैं जिसके मुताबिक देवराज इंद्र के राज्य को बलि हडप लेता हैं.

राज्य प्राप्ति के लिए इंद्र भगवान् विष्णु की मदद से बलि से तीन पग जमीन मांगते हैं. वे जानते थे कि बलि बड़ा दानी राजा हैं वह ब्राह्मण को मना नहीं करेगा. उनकी हामी पर विष्णु ने विराट रूप दिखाकर तीनों लोक को अपने पैरों से नापकर बलि को पाताल लोक भेज दिया था.

हमें इतिहास की पुस्तकों में रक्षा बंधन से जुड़ा एक और प्रसंग कर्मावती और हुमायूं का बताया जाता हैं. कुछ भी मान्यता रही हो, वाकई साल के 365 दिनों में एक दिन भाई बहिन के समर्पण के दिन को हमें अपनी परम्पराओं के अनुसार मनाना चाहिए.

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद, paragraph on raksha bandhan in hindi – 2

रक्षा बंधन भारतीय संस्कृति से जुड़ा एक हिन्दू त्यौहार हैं. इसे भारत के अलावा नेपाल तथा मारीशस में भी सेलिब्रेट किया जाता हैं. इसे दुसरे शब्दों में भाई बहिन का त्यौहार भी कहा जाता हैं. इस दिन बहिने अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं.

पर्व के मौके पर चहुओर हरियाली का वातावरण होता हैं. लोगों में ख़ुशी और उत्साह के भाव होते हैं. बहिनें कई दिन पूर्व से ही अपने भाई के लिए सुंदर राखियाँ और मिठाइयाँ खरीदती हैं. श्रावण पूर्णिमा के दिन वह भाई का मुहं मीठा कर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं.

महिलाओं तथा बच्चों के लिए यह पर्व ख़ास उत्साह और उमंग का केंद्र होता हैं. बाजारों में खूब जमकर खरीददारी की जाती हैं रिश्तों में प्रगाढ़ता और प्रेम के बंधन का यह पर्व सभी भारतीय समुदायों द्वारा मनाया जाता हैं. लोग बड़ी दूर से एक दूजे को स्नेह से मिलते है.

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद, paragraph on raksha bandhan in hindi – 3

राखी का त्यौहार कहे जाने वाले भाई-बहिन का पर्व हैं. किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त में किया जाना अच्छा समझा जाता हैं. ठीक उसी प्रकार रक्षाबंधन में भी बहिन शुभ मुहूर्त में अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं.

अच्छे और मंगल मुहूर्त में राखी बहिन द्वारा राखी बाधने पर भाई की लम्बी आयु तथा सुख सम्रद्धि में बढ़ोतरी होती हैं. वर्ष भर बहुप्रतीक्षित राखी का त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं.

इस दिन का भाई-बहिन बेसब्री से राखी बाँधने और बंधवाने का इन्तजार करते हैं. इस वर्ष  राखी का पर्व हिन्दू कैलेंडर की नियत तिथि श्रावण पूर्णिमा के दिन को हैं. इस पर्व के पीछे कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं, भविष्य पुराण के अनुसार यह एक विजय पर्व हैं.

जिनमें देवताओं और असुरों के बिच हुए 12 वर्षो तक के युद्ध में इंद्राणी द्वारा इंद्र को राखी बाँधने पर उनमे खोई हुई पूर्ण शक्ति पुन: प्राप्त हो गईं थी. जिससे असुरों को हराकर अपना खोया हुआ पूर्ण राज्य वापिस पा लिया था.

इस दिन जब बहिन भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं तो इसका मतलब धागा या डोरा भर नही होता हैं. मगर यह भाई-बहिन के पावन रिश्ते और प्रेम का प्रतीक होता हैं. वह साधारण सा धागा रक्षा पोटली के रूप में काम करता हैं.

श्रावण माह शिवजी का महिना माना जाता हैं. और इसी महीने रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता हैं. इसलिए इस राखी के त्यौहार का और महत्व बढ़ जाता हैं. यह एक धार्मिक त्यौहार हैं,

जिनकी विविध पौराणिक कथाएँ इसके महत्व को दिखाती हैं, जिनमे माता लक्ष्मी जी द्वारा अपने पति विष्णु के बलि द्वारा छुड़वाने की कथा भी जुड़ी हुई हैं.

इसमे लक्ष्मी बली को राखी का धागा बांधकर उपहार स्वरूप अपने पति को मांग लेती हैं. कहते हैं उस दिन भी श्रावण मास की पूर्णिमा थी.

हमारे इतिहास में जब बच्चों को गुरुकुल में पढने के लिए भेजा जाता था. तो उनका उपाकर्म संस्कार रक्षाबंधन के दिन ही किया जाता था. साथ ही इस दिन से उनकी विद्या आरम्भ की जाती थी.

उपाकर्म संस्कार के दौरान सभी नये शिष्यों को पंचगव्य का पान करवाया जाता था. उनका उपाकर्म संस्कार होने के पश्चात जब वे पहले दिन घर पहुचते हैं. तो उनकी छोटी-बड़ी बहिन दाए हाथ के राखी बांधकर मुह मीठा करवाती हैं.

इस दिन भगवान् सूर्य को जल चढाने के साथ ही सप्त ऋषियों की पूजा की भी की जाती हैं. इस पूजा में दही सत्तू का अर्ध्य दिया जाता हैं, जिन्हें उत्सर्ज भी कहा जाता हैं.

कई दिनों से रक्षाबन्धन के इन्तजार के बाद बहिन अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधने से पूर्व अन्न का दाना भी ग्रहण नही करती हैं.

इस दिन प्रत्येक बहिन स्नान कर अगरबती जलाती हैं. तथा अपने भाई के लिए अपने हाथों से मीठे और स्वादिष्ट व्यजंन तैयार करती हैं.

इसके पश्चात एक थाली में फुल, फल, चावल, अगरबत्ती और रोली लेकर शुभ मुहूर्त का इन्तजार करने लगती हैं. अच्छे समय में बहिन अपने भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं,

बदले में भाई आजीवन अपनी बहिन की सुरक्षा और सहायता करने का वचन देता हैं. आज के समय में भाई अपनी बहिनों को बेशकीमती उपहार भी देते हैं.

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    Speech on Raksha Bandhan in Hindi. आदरणीय अतिथि और मेरे प्यारे श्रोतागणों, सबको मेरा प्यार भरा नमस्कार।. आज इस मंच पर मुझे आप लोगों ने बोलने का मौका दिया ...

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    Raksha Bandhan Speech 2022: The festival of Rakshabandhan is celebrated with great enthusiasm in India. This year Raksha Bandhan will be celebrated for two days in 2022 on 11th August and 12th August. The full moon date of Shravan month will start on 11th August 2022 at 10:38 am and will end on 12th August 2022 at 7.05 am.

  3. रक्षा बंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi)

    रक्षा बंधन पर निबंध - 1 (250 - 300 शब्द)- Raksha Bandhan par Nibandh. परिचय. श्रावणी पूर्णिमा में, रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को रक्षा बंधन ...

  4. रक्षा बंधन पर भाषण स्पीच 2021 Speech on Raksha Bandhan in Hindi

    Raksha Bandhan Speech in Hindi 2024 रक्षा बंधन पर छोटा सुंदर भाषण. सभी को नमस्ते और प्रणाम, आज रक्षा बंधन का दिन हैं और हम इस त्यौहार को मनाने बाबत यहाँ एकत्रित हुए हैं.

  5. रक्षाबंधन पर भाषण

    Raksha Bandhan Speech in Hindi. भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। यहापर जो भी त्यौहार मनाया जाता है उसके पीछे कोई ना कोई कारण जरुर छिपा होता है। उसके पीछे कई बाते होती ...

  6. रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में

    रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi): भारत देश के अनगिनत त्योहारों में से एक है ...

  7. रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi)

    रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi)- रक्षाबंधन या राखी का शुभ त्यौहार लगभग आ ही गया है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और हमारे भाई-बहनों के ...

  8. रक्षाबन्धन

    श्रावण पूर्णिमा. समान पर्व. भैया दूज. रक्षाबन्धन [1] भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन [2] का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को ...

  9. Raksha Bandhan Short Speech in Hindi 2023: Raksha Bandhan Par Bhashan

    Raksha Bandhan Short Speech in Hindi 2023: रक्षा बंधन का त्योहार आ गया है, अगर आप स्कूल स्टूडेंट हैं तो आपके पास इस दिन रक्षा बंधन पर स्पीच के माध्यम से आम से खास बनने का मौका है, आप ...

  10. रक्षाबंधन पर निबंध

    Raksha Bandhan Essay In Hindi/Raksha Bandhan Per Nibandh: भारत में रक्षा बंधन का त्योहार भाई और बहन के बीच के बंधन को मजबूत करने वाला पर्व है। रक्षा बंधन का अर्थ है रक्षा का बंधन, यह का पर्व ...

  11. रक्षाबंधन पर निबंध

    Raksha Bandhan Essay. प्रस्तावना- राखी या रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षाबंधन भाई-बहनों का वह त्योहार है ...

  12. रक्षा बंधन पर निबंध : स्टूडेंट्स के लिए रक्षा बंधन पर निबंध 100, 200 और

    Rakshabandhan par Nibandh 100 शब्दों में "रक्षाबंधन" एक पर्व है जो भाई-बहन के प्यार को मनाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का ...

  13. रक्षा बंधन पर भाषण

    रक्षाबंधन पर भाषण 2024: Raksha Bandhan Speech In Hindi. रक्षाबंधन पर भाषण, रक्षा बंधन के लिए भाषण, राखी पर भाषण, Sample Speech on Raksha Bandhan In Hindi, Raksha Bandhan Speech In Hindi, Speech on Rakhi In Hindi, Raksha Bandhan par Bhashan Hindi Mein.

  14. Raksha Bandhan in Hindi : जानिए रक्षा बंधन की शुरुआत कैसे हुई

    Raksha Bandhan in Hindi : जानिए रक्षा बंधन की शुरुआत कैसे हुई. एक भाई और बहन के बीच का रिश्ता बिल्कुल अनोखा होता है और इसे शब्दों में बयां नहीं किया ...

  15. रक्षा बंधन पर 10 लाइन का निबंध

    10 Lines On Raksha Bandhan In Hindi: श्रावण पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षाबंधन 2021 में 22 अगस्त को है। राखी का त्योहार श्रावण मास का अंतिम दिन होता है ...

  16. रक्षा बंधन पर भाषण हिंदी में

    Speech On Raksha Bandhan In Hindi - रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक माना जाने वाला ...

  17. Speech on Raksha bandhan |रक्षाबंधन पर ...

    In this video, we have discussed a Speech on Raksha Bandha in Hindi.Raksha Bandhan is a holy festival of Hindus and is celebrated throughout India. It is a s...

  18. Speech On Raksha Bandhan- 10 Lines, Short and Long Speech

    Raksha Bandhan, commonly known as the festival of the rakhi, is a well-known holiday in India. Raksha Bandhan is a festival that honours the sincerity of a sister's and a brother's bond. On the day of Raksha Bandhan, the relationship of love and affection is celebrated. Indians celebrate this holiday by tying a rakhi around their brother's wrists.

  19. रक्षाबंधन पर हिंदी भाषण।Speech on raksha bandhan in Hindi। few lines on

    रक्षाबंधन पर हिंदी भाषण।Speech on raksha bandhan in Hindi। few lines on rakhi। Shandar Study👉संस्कृत निबन्ध ...

  20. रक्षा बंधन स्पीच 2023

    Raksha Bandhan Speech in Hindi. रक्षा बंधन भाई बहन के प्रेम का त्योहार है । यह प्रत्येक वर्ष सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । इस दिन बहन सुबह ही ...

  21. Raksha Bandhan Essay in Hindi, रक्षा बंधन पर निबंध

    Essay on Raksha Bandhan in Hindi - रक्षा बंधन पर निबंध - इस निबंध में हम रक्षा-बंधन के बारे में विस्तार-पूर्वक जानेंगे। रक्षा-बंधन भारत के प्रसिद्ध ...

  22. How to give a Rakshabandhan speech ? (in Hindi)

    Rakshabandhan is celebrated across the country on Sharavan Maah Shuklapaksh Poonam. Few people need to deliver a speech on this festival. Everyone admires to...

  23. रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2022

    रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2024 | Paragraph On Raksha Bandhan In Hindi: Here Is A Article About Few Lines Good Information in 5,10 Line Paragraph On Raksha Short Essay & Speech On Rakhi 2024.. प्रिय दोस्तों आज के लेख में हम राखी पर हिंदी में अनुच्छेद साझा कर ...