एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।

जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।

Image Credit – Tulane Public Relations, CC BY 2.0 , via Wikimedia Commons

Table of Contents

प्रस्तावना (एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi)

भारतीय इतिहास में ऐसे लाखों लोगों ने जन्म लिया है उन्होंने अपने ज्ञान व कुशलता के माध्यम से भारतवर्ष को महान बनाने में अपना अप्रतिम योगदान दिया है।

आजाद भारत में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। जब भारत को दुनिया में गरीब कह कर संबोधित किया जाता था तब मिसाइल मैन कलाम जी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद किया था।

डॉ कलाम का जीवन बहुत ही साधारण स्तर का रहा। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी धन को ज्यादा महत्व नहीं दिया। भारत को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने मिसाइल की तकनीकों का निजात किया।

जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी तथा जब वे उच्च पद पर आसीन हुए तब भी सामान्य बच्चों के बीच जाकर शिक्षा पर जोर देते रहे।

मात्र मिसाइल ही नहीं बल्कि भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कलाम को हजारों- लाखों भारतीय आदर्श की दृष्टि से देखते हैं तथा उनके योगदान की भरपूर सराहना करते हैं। रॉकेट साइंटिस्ट कलाम को अपना भगवान भी मानते हैं।

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मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम My Favorite Scientist A. P. J. Abdul Kalam

दुनिया भर में ऐसे हजारों वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान और खोज के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरल बनाया है। चाहे वह जेम्स वाट हो जिन्होंने इंजन का आविष्कार किया। चाहे वह चार्ल्स बेबेज हों जिन्होंने कंप्यूटर का आविष्कार किया।

किसी भी वैज्ञानिक की तुलना उनकी उपलब्धियों से नहीं की जाती इसलिए हर किसी का योगदान अप्रतिम होता है। 

मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम है क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ मध्यम वर्ग में जन्म लेकर ऊंचाइयों तक पहुंचे बल्कि सफलता के बाद भी हजारों गरीब लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया।

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।

जहां एक तरफ भारत अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था वहीं दूसरी ओर गरीबी, बेरोजगारी और छुआछूत अपने चरम पर था। इसलिए ऐसे माहौल में योगदान तो दूर ज्ञानार्जन भी बहुत मुश्किल से हो पाता था।

कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था उनके पिता जी मछुवारों को नाव किराए पर देकर घर का गुजारा करते थे इसलिए कलाम भी बेहद कम उम्र  में अपने पिताजी की सहायता करने के लिए काम करने लगे थे।

लेकिन कलाम ने इतनी मजबूरियों के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। कई बार उन्होंने जातिगत भेदभाव के कारण प्रताड़ना भी सहा लेकिन वे शिक्षा ग्रहण करने के मार्ग पर डटे रहे।

उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे तथा अपने पिताजी की मदद किया करते थे।

तमाम तकलीफों के बावजूद भी कलाम ने पढ़ाई को हमेशा आगे रखा और वैमानिकी विज्ञान में अभिरुचि बनाए रखें और भारत के लिए तमाम मिसाइल का आविष्कार किया। आगे चलकर जो भारत के 11 वे राष्ट्रपति बने।

प्रारंभिक जीवन Early life of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

कलाम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता जी एक कट्टर मुस्लिम थे। जिसके कारण वे बचपन से ही कलाम को मस्जिद ले जाना तथा नमाज में शामिल करना शुरू कर दिए थे।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू, मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे। इसलिए उन्होंने कभी भी धार्मिक भेदभाव को मन में पनपने नहीं दिया।

उनके प्रारंभिक जीवन में बड़ी कठिनाइयां आई जब विद्यालय में उनके साथ धार्मिक भेदभाव तथा अन्याय पूर्ण बर्ताव किया जाने लगा।

उनका परिवार बेहद ही गरीब था उनके पिताजी चाहते थे कि कलाम पढ़ाई लिखाई छोड़ कर उनके साथ काम में हाथ बटाएं लेकिन कलाम ने कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संघर्ष करते रहे।

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शिक्षा Education of Abdul Kalam in Hindi

मध्यम वर्ग में जन्म लेने के कारण उनके पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था कि वे महंगी किताबें खरीद सके इसलिए वे पुस्तक की दुकान में छोटा मोटा काम कर किताबें पढ़ने के लिए मांग लेते थे।

  • डॉ कलाम कि शुरुआती पढ़ाई तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने विज्ञान में मद्रास इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही वे अपने भाइयों को पढ़ाया करते थे।

पढ़ाई में तेज होने के कारण वह पूरे कॉलेज में पसंद किए जाने लगे थे। उनकी तीव्र बुद्धि के आगे अंग्रेज प्रोफेसर भी आश्चर्यचकित रह जाते थे।

प्रारंभिक कैरियर Starting Carrier of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

डॉ कलाम ने अच्छे नंबरों से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में वे एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ से जुड़े ।

उनकी अगुवाई में कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में जरूरी दिशा निर्देशन प्राप्त हुआ। उनकी टीम ने एक हेलीकॉप्टर और होवरक्राफ्ट का मॉडल तैयार किया जिसमें कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान था।

उनके उत्साह और समर्पण भाव के कारण उन्हें बहुत जल्द डीआरडीओ और इसरो में मुख्य पहचान मिली। परिणाम स्वरुप उन्हें भारत के बड़े-बड़े अनुसंधान कार्यक्रमों में शामिल किया जाने लगा।

वैज्ञानिक के रूप में कार्य Work as a Scientist

इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनकी कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है।

डॉ कलाम ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक और इंजीनियर थे जिनके मार्गदर्शन में परमाणु परीक्षण और कई रॉकेट टेक्नोलॉजी का विकास हुआ।

उनके कार्य के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी सराहना की जाती है। ऑक्सफर्ड जैसे विशाल विश्वविद्यालयों में उनके संबोधन को आज भी याद किया जाता है।

डॉ कलाम मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी रहे। पोखरण परमाणु कार्यक्रम में उन्होंने एक मुख्य कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी भूमिका निभाई।

एक मुख्य वैज्ञानिक रहने के साथ वह एक कुशल लेखक तथा वक्ता भी थे। उन्हें संगीत से काफी लगाव था तथा छोटे बच्चों को सलाह देना उन्हें बहुत ही अच्छा लगता था।

उनके मुख्य किताबों में इंडिया 2020, इगनाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द लुमिनस स्पार्क और इंस्पायरिंग थॉट्स शामिल है।

निजी जीवन A. P. J. Abdul Kalam Personal Life in Hindi

अब्दुल कलाम राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण भाव को जारी रखना चाहते थे इसके फलस्वरूप उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया।

उनका मानना था कि राष्ट्र की सेवा के लिए अपना सर्वस्व त्याग देना ही मुख्य राष्ट्र धर्म है। व्यक्तिगत जीवन में उन्हें बच्चों के साथ घुलना मिलना बेहद ही पसंद था।

इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो छोटे बच्चों और युवाओं को संबोधित करने अवश्य ही जाते थे। डॉ कलाम अपने धन का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंद लोगों में बांट दिया करते थे।

डॉ कलाम को पुस्तकें पढ़ने का बहुत ही  शौक था वे अन्य धर्मों में बिल्कुल भी भेदभाव नहीं रखते थे इसलिए वे नमाज पढ़ने के साथ गीता भी पढ़ा करते थे।

उन्हें संगीत के प्रति गहरा लगाव था जिसके कारण वे अक्सर खाली समय में वीणा बजाया करते थे। जब वे राष्ट्रपति पद पर रहे तब उनका एक कमरा पुस्तकों से भरा रहता था।

राष्ट्रपति के पद पर कार्य Work as President of India

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी रहे जिसके बाद सन 2002 में वे निर्विवाद राष्ट्रपति के पद पर चुन लिए गए।

राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने व्हाट कैन आई गिव मोमेंट मिशन की शुरुआत की जिसमें युवाओं को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य था।

कलाम बेहद ही उदार स्वभाव के व्यक्ति थे इसलिए राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने कई गुनहगारों की फांसी पर रोक लगाया था तथा उन्हें सुधारने का मौका दिया था।

उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर रहकर भारत की बहुत ही अधिक सेवा की जिसके कारण उन्हें पद्मभूषण, पद्म विभूषण, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, अवार्ड वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवॉर्ड और भारत का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

मृत्यु Death

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के बच्चों और युवाओं को भारत की असली संपत्ति मानते थे इसलिए वे अक्सर ही विद्यार्थियों को संबोधित करते रहते थे और 2015 में ऐसे ही एक संबोधन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।

अस्पताल में अपनी आखरी सांसो के साथ उन्होंने यह आग्रह किया कि उनकी मृत्यु के बाद एक दिन की बेफिजूल की छुट्टी ना दी जाए बल्कि एक दिन अतिरिक्त पढ़ाई की व्यवस्था हो। 27 जुलाई 2015 के दिन डॉ कलाम जैसे सितारे का अस्त हो गया।

एपीजे अब्दुल कलाम जी पर 10 लाइन Few Lines on A. P. J. Abdul Kalam ji in Hindi

  • जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी।
  • भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
  • डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। 
  • कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशीयम्मा था।
  • उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे
  • डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे।
  • उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में उन्होंने एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ ज्वाइन किया।
  • इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनके कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारियों से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। 

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Updated On: July 26, 2024 01:38 pm IST

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वर्ष 27 जुलाई 2015 को कलाम "क्रिएटिंग ए लिवएबल प्लैनेट अर्थ" विषय पर व्याख्यान देने के लिए आईआईएम शिलांग गए थे। शाम करीब 6:35 बजे व्याख्यान के दौरान ही हृदयाघात हुआ जिसने मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम को हमसे छीन लिया।

बीएपीएस स्वामीनारायण संप्रदाय के हिंदू गुरु प्रमुख स्वामी जो को कलाम अपना परम आध्यात्मिक शिक्षक और गुरु मानते थे।

एपीजे अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क्स, इंस्पायरिंग थॉट्स आदि पुस्तकें लिखीं।

एपीजे अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया। 25 जुलाई, 2007 तक अब्दुल कलाम ने इस पद को सुशोभित किया।

एपीजे अब्दुल कलाम की मां नाम आशियम्मा और पिता का जैनुअलब्दीन है। कलाम अपने माता-पिता की पांचवी संतान थे। ये अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हिंदुओं के प्रसिद्ध तीर्थस्थल रामेश्वर के पंबन द्वीप पर हुआ। वर्तमान में यह जगह तमिलनाडु राज्य में है लेकिन उस समय मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा हुआ करती थी।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम जिले में हुआ था।

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Nibandh

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जीवन - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पढ़ाई - राष्ट्र के विकास में योगदान - पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ - निष्कर्ष।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था। वे मिसाइल मैन और राष्ट्रपति के रूप में भारतीय इतिहास में एक चमकते सितारे रहे हैं। उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। वह एक ऐसा व्यक्ति था जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल में अध्ययन किया और 'मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी' से इंजीनियरिंग की। डॉ. कलाम अपनी बाल्यावस्था से ही एक बहुत मेधावी छात्र थे।

उड़ान में उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें वैमानिकी इंजीनियरिंग के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा कभी नहीं रोकी। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज। वह वर्ष 1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में DRDO में शामिल हुए और एक प्रोटोटाइप होवरक्राफ्ट विकसित करने के लिए छोटी टीम का नेतृत्व किया।

डॉ. कलाम ने अनेक तरह से देश की सेवा की। उन्होंने सुरक्षाशोध एवं विकास-संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष शोध-संस्थान में विभिन्न पदों को सफलतापूर्वक सँभाला। इसरो में वे एस. एल. वी. परियोजना के अनुदेशक थे। इस परियोजना के तहत अभी तक कई प्रक्षेपास्त्रों को प्रक्षेपित किया गया है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

1982 ई. में शोध एवं विकास-संगठन, हैदराबाद से वे निदेशक के रूप में जुड़े। उन्होंने एकीकृत नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के लिए कार्य किया। उन्होंने विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों, जैसे—अग्नि, आकाश, पृथ्वी, नाग, त्रिशूल आदि के प्रक्षेपण-परियोजना का नेतृत्व किया। भारत-जैसे देश के लिए यह कोई आसान कार्य नहीं था। किंतु, डॉ. कलाम ने कभी उम्मीदें नहीं छोड़ी। वे अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहे। इसके बाद, उन्होंने सन् 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।

डॉ. कलाम बहुत ही सामान्य व्यक्ति थे। उन्हें अध्ययन से प्रेम था। वे शास्त्रीय संगीत और कविताएँ लिखना भी पसंद करते थे। वे बच्चों और युवा छात्रों को प्रोत्साहित किया करते थे। वे भारत को पूर्णतया विकसित देश के रूप में देखना चाहते थे। वे बुद्धिमान् होने के साथ-ही विनम्र थे।

डॉ. कलाम को देश के प्रति अनुपम योगदान के लिए भारत रत्न' प्राप्त हुआ। २७ जुलाई २०१५ को उनकी मृत्यु शिलांग में हो गई। यह देश के लिए भारी क्षति थी। हमलोग उनके योगदान और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते। उनके जादुई उद्धरण हमें देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने हेतु सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे।

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a p j abdul kalam short essay in hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी

”अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।”

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद भारत के 11वें एवं पहले गैर राजनीतिज्ञ राष्ट्रपति थे। उनके द्धारा भारत देश की प्रगति के लिए किए गए महत्वपूर्ण और उत्कृष्ट कामों की वजह से आज भी देश उन्हें याद करता है, उनके प्रति आज भी सभी देशवासियों के हृदय में अपूर्व सम्मान है। वे जनता के सबसे चहेते और लोकप्रिय राष्ट्रपति थे।

इसके साथ ही वे एक मशहूर भारतीय एयरोस्पेस वैज्ञानिक भी थे, जिन्होंने तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर भारत को एक नई दिशा दी। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद जी देश के ऐसे महान व्यक्ति थे, जिन्होंने सर्वप्रथम देश में ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान दी।

इसलिए उन्हें भारत के मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। अब्दुल कलाम जी दूरदर्शी सोच वाले प्रख्यात वैज्ञानिक, महान व्यक्तित्व वाले एक प्रभावशाली वक्ता एवं ईमानदार और कुशल राजनैतिज्ञ थे। वे हर किसी की जीवन के लिए एक प्रेरणा हैं, उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष की कड़ी कसौटियों से गुजरकर सफलता की असीम ऊंचाईयों को छुआ है।

उनके प्रेरणात्मक विचार आज भी लाखों युवाओं के अंदर आगे बढ़ने का जोश और जज्बा पैदा करते हैं, आइए जानते हैं भारत के इस प्रभावशाली और महामहिम व्यक्तित्व डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद जी  के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में –

A. P. J. Abdul Kalam

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी – A. P. J. Abdul Kalam Biography in Hindi

अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम
15 अक्टूबर 1931, रामेश्वरम, तमिलनाडू, ब्रिटिश भारत
जैनुलाब्दीन मारकयार
आशिमा जैनुलाब्दीन
अविवाहित
1954 में, मद्रास विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड सेंट जोसेफ कॉलेज से फिजिक्स से ग्रेजुएशन
27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय, भारत

जन्म, परिवार एवं प्रारंभिक जीवन –

15 अक्टूबर, साल 1931 को तमिलनाडु में रामेश्वरम के धुनषकोड़ी गांव में एक मछुआरे के घर में ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी जन्में थे। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। वे जैनुलअबिदीन और अशिअम्मा की सबसे छोटी संतान थे।

अब्दुल कलाम जी के पिता जी मछुआरों को नाव किराए पर देकर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। अब्दुल कलाम जी से बड़े तीन भाई और 1 बहन थे। घर की माली हालत सही नहीं होने की वजह से अब्दुल कलाम जी को शुरुआत से ही काफी संघर्ष करना पड़ा था।

लेकिन वे इन कठिनाइयों से कभी घबड़ाए नहीं बल्कि सच्चे दृढ़संकल्प और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ते रहे और आगे चलकर उन्होंने अपने जीवन में असीम सफलताएं हासिल की।

पढ़ाई-लिखाई के लिए करना पड़ा काफी संघर्ष –

बेहद गरीब घर में पैदा होने की वजह से अब्दुल कलाम जी को अपनी पढ़ाई के लिए भी काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता था। वे अखबार बेचकर जो भी पैसे कमाते थे, उससे अपनी स्कूल की फीस भरते थे। अब्दुल कलाम जी ने अपनी शुरुआती शिक्षा रामनाथपुरम स्च्वार्त्ज़ मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की।

इसके बाद साल 1950 में उन्होंने तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ्स कॉलेज से फिजिक्स विषय से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1954 से 1957 तक मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से एरोनिटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया।

इस तरह कठिन परिस्थितियों में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी, और बाद में देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित हुए और भारत के सबसे मशहूर वैज्ञानिक के रुप में अपनी पहचान बनाई।

एक प्रख्यात वैज्ञानिक के तौर पर  –

अद्भुत प्रतिभा वाले व्यक्तित्व अब्दुल कलाम जी ने अपनी पढ़ाई  पूरी करने के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम कर अपने करियर की शुरुआत की। हमेशा कुछ नया और बड़ा करने की चाहत रखने वाले कलाम जी ने अपने वैज्ञानिक करियर की शुरुआत में ही एक छोटे से हेलीकोप्टर का डिजाइन तैयार कर लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ा था।

वहीं इसमें कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद वे ‘इंडियन कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च’ के सदस्य भी रहे। फिर साल 1962 में वे भारत के महत्वपूर्ण संगठन- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से जुड़े। फिर सन् 1962 से 1982 के बीच वे इस अनुसंधान से जुड़े और कई अहम पदों पर कार्यरत रहे। इसके बाद अब्दुल कलाम जी को भारत के सेटैलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना के निदेशक के पद का कार्यभार र्सौंपा गया।

अब्दुल कलाम जी ने यहां प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर रहते हुए भारत में अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 बनाया, जिसे साल 1980 में पृथ्वी की कक्षा के पास स्थापित किया गया। कलाम जी की इस सफलता के बाद उन्हें भारत के अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना दिया गया।

विलक्षण प्रतिभा के धनी कलाम जी ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल की डिजाइन तैयार की एवं भारतीय तकनीक का इस्तेमाल कर अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें बनाकर विज्ञान के क्षेत्र में न सिर्फ अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत को तकनीकी रुप से संपन्न राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके बाद सन् 1992 से लेकर दिसंबर 1999 में डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद जी ने भारत के रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार के तौर पर काम किया। वहीं इस दौरान अटल वाजपेयी जी की केन्द्र में सरकार थी। और इसी समय दूसरी बार एपीजे अब्दुल कलाम जी की देखरेख में राजस्थान के पोखरण में सफलापूर्वक परमाणु परीक्षण किए गए और इसी के साथ भारत परमाणु हथियार बनाने वाला, परमाणु शक्ति से संपन्न और समृद्ध देशों में शुमार हो गया।

भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के तौर पर काम कर चुके  अब्दुल कलाम जी ने भारत में विज्ञान के क्षेत्र मे विकास और तरक्की के लिए विजन 2020 दिया। साल 1982 में डॉक्टर एपीज अब्दुल कलाम जी को डिफेंस रिसर्स डेवलपमेंट लेबोरेट्री का डायरेक्टर (DRDL) बना दिया गया। इसी दौरानअन्ना यूनिवर्सिटी द्धारा उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से भी नवाजा गया।

यह वह समय था जब एपीजे अब्दुल कलाम आजाद ने डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) का प्रस्ताव तैयार किया था। इसके अलावा इसी दौरान आजाद साहब की अध्यक्षता में स्वदेशी मिसाइलों के विकास के एक कमेटी भी बनाई गई थी। वहीं सबसे पहले एक सीमित एवं मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने पर जोर दिया गया। इसके बाद पृथ्वी से हवा में मार करने वाली टैंकभेदी मिसाइल और रिएंट्री एक्सपेरिमेंट लॉन्च वेहकिल (रेक्स) बनाने पर जोर डाला गया।

दूरदर्शी सोच रखने वाले कलाम जी के नेतृत्व में सन् 1988 में पृथ्वी, साल 1985 में त्रिशूल और 1988 में ‘अग्नि’ मिसाइल का परीक्षण किया गया। इसके अलावा अब्दुल कलाम जी की अध्यक्षता में  आकाश, नाग नाम की मिसाइलें भी बनाईं गईं।

साल 1998 में एपीजे अब्दुल कलाम जी ने रुस के साथ मिलकर भारत ने ब्रह्रोस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने पर काम करने की शुरुआत की। आपको बता दें कि ब्रह्रोस एक ऐसी मिसाइल है, जिसे आकाश, पृथ्वी और समुद्र कहीं पर भी दागा जा सकता है। इसी साल उन्होंने ह्रद्य चिकित्सक सोमा राजू के साथ मिलकर एक सस्ता ”कोरोनरी स्टेंट” का विकास किया, जिसे कलाम-राजू स्टेंट नाम दिया गया।

विज्ञान के क्षेत्र में अब्दुल कलाम जी के द्धारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान और सफलताओं के बाद उनका नाम दुनिया के सबसे मशहूर वैज्ञानिकों में गिना जाने लगा और उनकी ख्याति ‘मिसाइल मैन’ के रुप में  दुनिया के चारों कोनों में फैल गई। वहीं विज्ञान के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए उन्हें कई बड़े पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।

देश के सबसे पहले गैरराजनीतिज्ञ राष्ट्रपति के रुप में –

भारत की ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान देने वाले मशहूर वैज्ञानिक अब्दुल कलाम आजाद जी द्धारा भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने एवं विज्ञान एवं भारतीय अनुसंधान एवं रक्षा के क्षेत्र में उनके द्धारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान देने की वजह से वे दुनिया भर में इतने मशहूर हो गए कि राजनैतिक जगत में कई राजनैतिक पार्टियां भी भी उनके नाम को भुनाने के जुगत में लग गईं।

एपीजे अब्दुल कलाम जी की प्रसिद्धि को देखते हुए सन 2002 में NDA की गठबंधन सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए उन्हें अपना एक मजबूत उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया, वहीं एपीजे की राष्ट्रपति उम्मीदवारी को विपक्ष ने बिना किसी विरोध के स्वीकार कर लिया। इसके बाद राष्ट्रपति के चुनाव में कलाम साहब जी ने अपने विरोधी लक्ष्मी सहगल को भारी वोटों से हराकर विजय प्राप्त की और फिर साल 2002 में देश के 11वें राष्ट्रपति के पद की शपथ ली।

इसी के साथ कलाम साहब देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति बने जिनका राष्ट्रपति बनने से पहले राजनीति से कोई वास्ता नहीं था, इसके साथ ही वे देश के पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जो इस पद पर सुशोभित हुए, राष्ट्रपति के पद की कमान संभालने के साथ ही उन्होंने देश के सभी वैज्ञानिकों का सीना फक्र से चौड़ा कर दिया।

इसके साथ ही अब्दुल कलाम जी देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित होने वाले ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे, जिन्हें इस पद पर बैठने से पहले भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था। इससे पहले डॉ. जाकिर हुसैन और डॉ राधाकृष्णन को राष्ट्रपति बनने से पहले इस सम्मान से नवाजा जा चुका था।

वहीं राष्ट्रपति बनने के बाद भी वे अपने स्तर पर लोगों से मिलते रहते थे, आम लोगों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। वहीं कई पत्रों का जबाव तो वे खुद अपने हाथों से लिखकर देते थे, इसलिए उन्हें ”जनता का राष्ट्रपति” (पीपुल्स प्रेसीडेंट) भी कहा गया। डॉ. अब्दुल कलाम जी के मुताबिक, राष्ट्रपति के रूप में उनके द्वारा लिए गए सबसे मुश्किल फैसलों में लाभ के कार्यालय के बिल पर हस्ताक्षर करना था।

यही नहीं साल 2001 में संसद हमलों में दोषी पाए गए कश्मीरी आतंकवादी अफजल गुरू समेत 21 में से 20 लोगों की दया याचिकाओं के भाग्य के फैसलों की निष्क्रियता के लिए अब्दुल कलाम जी को एक राष्ट्रपति रूप में काफी आलोचनाएं भी सहनी पड़ी थीं।

राष्ट्रपति पद छोड़ने का बाद का सफर –

भारत की ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान देने वाले मशहूर वैज्ञानिक अब्दुल कलाम आजाद जी ने अपने 11वें राष्ट्रपति के तौर पर 5 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद भी वे अपने काम के प्रति उतने ही ईमानदारी और निष्ठा के साथ समर्पित रहे। राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने के बाद वे टीचिंग, रिसर्च, लेखन, सार्वजनिक सेवा जैसे कार्यों में अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी से जुट गए।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, शिलांग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट इंदौर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट अहमदाबाद जैसे इंस्टीट्यूट से गेस्ट प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। अब्दुल कलाम  जी ने IIT हैदराबाद, अन्ना यूनिवर्सिटी एवं बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) में भी इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी का विषय पढ़ाया था।

इसके अलावा कलाम जी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर के फेलो, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम के वाइस चांसलर और चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर अपनी जिंदगी के आंखिरी पलों तक काम करते रहे।

अब्दुल कलाम जी हमेशा देश की प्रगित और विकास के बारे में सोचने वाले शख्सिसयत थे, जिन्होंने देश के युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने एवं भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से उनके लिए ”व्हाट कैन आई गिव” पहल की भी शुरुआत की थी।

इसके साथ ही आपको बता दें कि देश के हर नागरिक के दिल में अपने लिए प्यार और सम्मान जगाने वाले कलाम जी को छात्रों से खास लगाव था। वहीं अब्दुल कलाम जी के इस खास लगाव को देखते हुए देखकर संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिन को ‘विधार्थी दिवस’ ( World Students’ Day ) के रुप में मनाने का भी फैसला लिया है।

किताबें –

भारत के एक महान वैज्ञानिक, कुशल राजनैतिक और प्रख्यात टीचर होने के साथ-साथ अब्दुल कलाम जी एक महान लेखक भी थे, अब्दुल कलाम जी को शुरु से ही लिखने का शौक था, वहीं उनके द्धारा लिखी कुछ प्रसिद्ध किताबों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

  • ‘इंडिया 2020: अ विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम’,
  • ‘इग्नाइटेड माइंडस: अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’,
  • ‘विंग्स ऑफ़ फायर: ऐन ऑटोबायोग्राफी’,
  • ‘इंडोमिटेबल स्पिरिट’
  • ‘मिशन इंडिया’
  • एडवांटेज इंडिया
  • ”यू आर बोर्न टू ब्लॉसम”
  • ‘इन्सपायरिंग थोट्स’
  • ”माय जर्नी”
  • ”द ल्यूमिनस स्पार्क्स”
  • रेइगनिटेड

सम्मान और उपलब्धियां –

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम आजाद जी द्धारा तकनीकी और विज्ञान में दिए गए उनके महत्वपूर्ण योगदान एवं समाज में उनके द्धारा किए गए महत्वपूर्ण कामों के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न समेत पदम भूषण, पदम विभूषण समेत कई बड़े पुरस्कारों से सम्म्मानित किया गया।

इसके साथ ही उनके सम्माम में दुनिया की 35 से भी ज्यादा यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा। अब्दुल कलाम जी को मिले पुरस्कारों की लिस्ट नीचे दी गई है –

अब्दुल कलाम जी को मिले पुरस्कारों की लिस्ट:

भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
भारत सरकार द्धारा पद्म विभूषण से नवाजा गया
भारत सरकार द्धारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया
IEEE होनोअरी मेंबरशिप (मानद सदस्यता)
इंदिरा गांधी पुरस्कार से नवाजा गया।
भारत सरकार द्धारा वीर सावरकार पुरस्कार
चेन्नई के अलवर रिसर्च सेंटर ने रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया
संयुक्त राष्ट्र ने कलाम जी की जयंती को “विश्व छात्र दिवस”के रुप में मान्यता दी।

एपीजे अब्दुल कलाम जी का सरल स्वभाव एवं प्रेरक व्यक्तित्व भारत के मिसाइल मैन के नाम से पहचाने जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद जी ने अपने प्रेरक और प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रभाव हर भारतीय पर छोड़ा था। बहुमुखी प्रतिभा वाले कलाम साहब बेहद सौम्य एवं सरल स्वभाव वाले व्यक्ति थे, जो हर काम को बेहद बुद्दिमानी और संजीदगी के साथ उसके मुकाम तक पहुंचाते थे।

कलाम जी ने अपने जीवन में कठिन परिस्थितयों में पूरी हिम्मत और धैर्य के साथ कठोर संघर्षों का सामना किया और आगे बढ़ने का लक्ष्य लेकर वे ईमानदारी और निष्ठा के साथ आगे बढ़ते रहे और देश के एक मशूहर वैज्ञानिक और पहले गैरराजनैतिज्ञ राष्ट्रपति बनकर सभी के प्रेरणास्त्रोत बने।

देश में अग्नि मिसाइल की उडा़न भरने वाले कलाम जी के  महान विचार और प्रखर वाकशक्ति हर किसी को मंत्र-मुग्ध करती थी और नौ जवानों के दिल में कुछ नया करने का जोश भरती थी। उनकी दूरदर्शी सोच का अंदाजा उनके द्दारा लिखी गईं किताबों और उनके महान विचारों द्धारा लगाया जा सकता है।

कलाम जी का कहना था कि –

”सपने वो नहीं है जो आप सोते वक्त देखें, बल्कि सपने वो हैं जो आपको नींद नहीं आने दें” इसके अलावा उनके द्धारा दिए गए कई अन्य ऐसे अनमोल विचार हैं, जो युवाओं के अंदर उनकी जिंदगी में आगे बढ़ने का जज्बा पैदा करती हैं, और अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित करते हैं –

महान विचार –

  • ”अगर आप अपने किसी प्रयास में FAIL हो जाएं तो फिर से कोशिश करना बिल्कुल भी न छोड़ें क्योंकि, FAIL का मतलब होता है – First Attempt in Learning.
  • अपनी पहली सफलता के बाद आराम करने के बारे में बिल्कुल भी न सोचें क्योंकि अगर आप दूसरे प्रयास में असफल होंगे, तो सब लोग आपसे यही कहेंगे कि पहली सफलता आपको किस्मत से मिली थी।
  • रचनात्मकता का मतलब एक ही चीज के बारे में अलग-अलग ढंग से सोचना है।
  • अगर तुम भी चाहते हो कि तुम सूरज की तरह चमको, तो इससे पहले सूरज की तरह जलो।
  • हमें अपनी जिंदगी में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और ना ही समस्याओं को खुद को हराने देना चाहिए।
  • शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।

मृत्यु –

भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्ना राष्ट्र बनाने वाले अब्दुल कलाम जी को विद्यार्थियों के साथ अपना समय बिताना बेहद अच्छा लगता था। एक एक अध्यापक के रुप में हमेशा विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश में रहते थे।

वहीं 25 जुलाई, सन् 2015 में कलाम जी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलांग (IIM, शिलांग) में एक फंक्शन के दौरान लेक्चर दे रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत शिलांग के हॉस्पिटल में एडमिट किया गया, लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं आया और इसी दौरान उन्होंने अपनी जीवन की अंतिम सांस ली।

कलाम जी के शवयात्रा में अपने चहेते राजनेता के अंतिम दर्शन के लिए लाखों की तादाद में भीड़ उमड़ी। कलाम जी का अंतिम संस्कार रामेश्वर में उनके पैतृक गांव में किया गया। इस तरह भारत का यह महान शख्सियत हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गया। हालांकि उनकी तमाम यादें आज भी हर भारतीय के दिल में जिंदा है।

कलाम जी जैसी महान शख्सियत का भारत देश में जन्म लेना भारत के लिए गौरव की बात है। वहीं कलाम जी का संघर्षपूर्ण जीवन और उनके महान विचार हर व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। ज्ञानी पंडित की पूरी टीम की तरफ से भारत के इस महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी को भावपूर्ण श्रंद्धाजली ।।

25 thoughts on “ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी”

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Woow Nice biography of A P J Abdul Kalam I like kalam

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अब्दुल कलाम जी बहुत नम्र थे | छात्रों में वों जादा लोकप्रिय थे | इसलिये छात्रोंको प्रश्न पुछने का अवसर देते थे | बहुत अच्छा आर्टिकल है | धन्यवाद

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THIS ESSAY IS VERY INTERESTING. I GET ALL INFORMATION HERE ABOUT A. P. J. ABDUL KALAM JI. THANKS

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Very good biography of APJ Abdul Kalam sir, I want to details information about Agni missile.

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दा इंडियन वायर

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध

a p j abdul kalam short essay in hindi

By विकास सिंह

essay on apj abdul kalam in hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, short essay on apj abdul kalam in hindi (100 शब्द)

एपीजे अब्दुल कलाम को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है। वह मिसाइल मैन ऑफ इंडिया और पीपल्स पीपल्स प्रेसिडेंट के रूप में भारतीय लोगों के दिल में रहते हैं। दरअसल वे एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने कई नए आविष्कार किए।

वह भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे, जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को (रामेश्वरम, तमिलनाडु में) हुआ था, हालांकि उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को (शिलांग, मेघालय, भारत में) हुई थी। उनके पिता का नाम जैनुलबुदेने और माता का नाम आशियम्मा था।

उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्होंने कभी किसी से शादी नहीं की। वह एक महान व्यक्ति थे जिन्हें भारत रत्न (1997 में), पद्म विभूषण (1990 में), पद्म भूषण (1981 में), राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997 में), रामानुजन पुरस्कार (2000 में) जैसे पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है। ), किंग चार्ल्स II मेडल (2007 में), अंतर्राष्ट्रीय वॉन कर्मन विंग्स अवार्ड (2009 में), हूवर मेडल (2009 में), आदि से नवाजा गया।

ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on abdul kalam in hindi (150 शब्द)

apj abdul kalam

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वास्तव में देश के युवाओं के लिए एक महान किंवदंती थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन, करियर, कामकाज और लेखन के माध्यम से देश की नई पीढ़ी को प्रेरित किया है। वह अभी भी भारतीय लोगों के दिल में पीपल्स प्रेसिडेंट और मिसाइल मैन के रूप में रहते है।

वह एक वैज्ञानिक और एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे, जो भारत के मिसाइल कार्यक्रम से निकटता से जुड़े थे। बाद में उन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था।

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था और 27 जुलाई को 2015 में भारत के मेघालय के शिलांग में उनका निधन हो गया। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद, वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए।

उन्होंने विक्रम अंबालाल साराभाई (भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक) के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तहत काम किया है। बाद में वे भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, SLV-III के 1969 में प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on dr apj abdul kalam in hindi (200 शब्द)

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्हें भारत के मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को ब्रिटिश भारत (वर्तमान में रामनाथपुरम जिला, तमिलनाडु) के तहत मद्रास प्रेसीडेंसी के रामनाड जिले के रामेश्वरम में हुआ था।

वह एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद, वे लेखन, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के नागरिक जीवन में लौट आए। उन्होंने ISRO और DRDO में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम किया और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार बने।

उन्हें कम से कम 30 विश्वविद्यालयों के साथ-साथ देश के तीन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (पद्म भूषण 1981, पद्म विभूषण 1990 और भारत रत्न 1997) से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे जिन्होंने 27 जुलाई 2015 को अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण IIM, मेघालय में अपनी अंतिम सांस ली।

वह हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है लेकिन उनके महान कार्य और योगदान हमेशा के लिए हमारे साथ होंगे। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम” में भारत को एक विकसित देश बनाने के अपने सपने का उल्लेख किया है।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में, essay on apj abdul kalam in hindi (250 शब्द)

apj abdul kalam

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक मिसाइल मैन थे। उन्हें लोकप्रिय रूप से भारत के जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाता है। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह एक महान वैज्ञानिक और भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलुबुदेने और आशियम्मा के यहां हुआ था।

उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से साथ देना शुरू कर दिया था। उन्होंने 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से अपना स्नातक पूरा किया।

वह DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए जहाँ उन्होंने भारतीय सेना के लिए एक छोटा हेलीकॉप्टर तैयार किया। उन्होंने डॉ. विक्रम साराभाई के साथ INCOSPAR समिति के हिस्से के रूप में भी काम किया। बाद में, वह 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) के परियोजना निदेशक के रूप में शामिल हुए।

भारत में बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास के लिए उनके महान योगदान के कारण, उन्हें हमेशा “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है। 1998 के सफल पोखरण- II परमाणु परीक्षणों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वह भारत के तीसरे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने भारत रत्न (प्रथम डॉ. सर्वपाली राधाकृष्णन 1954 और द्वितीय डॉ. जाकिर हुसैन 1963) से सम्मानित किया।

उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में ISRO और DRDO के साथ-साथ भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने 2011 में विंग्स ऑफ फायर, इग्नेटेड माइंड्स, टारगेट 3 बिलियन, टर्निंग पॉइंट्स, इंडिया 2020, माई जर्नी, आदि कई किताबें लिखी हैं।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on apj abdul kalam in hindi (300 शब्द)

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह भारतीय इतिहास में मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में चमकदार सितारे रहे हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं।

वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। जिसके लिए उन्होंने उद्धृत किया है कि “आपको अपने सपने सच होने से पहले सपने देखने होंगे”। उड़ान में उनकी भारी रुचि ने उन्हें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग होने के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बना दिया।

एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने अपनी शिक्षा कभी बंद नहीं की। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह 1958 में DRDO में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में शामिल हुए, जहाँ एक छोटी सी टीम, जिसने एक प्रोटोटाइप होवर-क्राफ्ट विकसित किया था, की अगुवाई कर रही थी।

होवरक्राफ्ट कार्यक्रम से रोमांचक प्रतिक्रिया की कमी के कारण, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हो गए। वह व्यापक रूप से “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के रूप में प्रसिद्ध हैं क्योंकि उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों और अंतरिक्ष रॉकेट प्रौद्योगिकी को विकसित करने में बहुत योगदान दिया।

वह रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में देश के पीछे की ताकत थी। उनके महान योगदान ने हमारे देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में लाया है। वह एक उल्लेखनीय वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। 1998 के पोखरण -2 परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी है।

वह दूरदृष्टि वाले और विचारों से भरे व्यक्ति थे जिन्होंने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य रखा। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया-2020” के रूप में 2020 तक देश के विकास के बारे में कार्य योजनाओं पर प्रकाश डाला है। उनके अनुसार, देश की वास्तविक संपत्ति इसके युवा हैं, इसलिए उन्होंने हमेशा उन्हें प्रेरित और प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि, “राष्ट्र को नेतृत्व में रोल मॉडल की आवश्यकता होती है जो युवाओं को प्रेरित कर सके”।

अब्दुल कलाम पर निबंध, 400 शब्द:

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक थे, जो बाद में भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वह देश के सबसे सम्मानित व्यक्ति थे, क्योंकि उन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए बहुत योगदान दिया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके नेतृत्व में कई परियोजनाएं थीं जैसे कि रोहिणी -1, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलेन्ट का प्रक्षेपण, मिसाइल (मिशन अग्नि और पृथ्वी के तहत), आदि। भारत की परमाणु शक्ति को बढ़ाने में उनके महान योगदान के लिए, उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” लोकप्रिय के रूप में जाना जाता है। उन्हें उनके समर्पित कार्यों के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति के रूप में भारत सरकार के लिए अपनी सेवा पूरी करने के बाद, उन्होंने विभिन्न मूल्यवान संस्थानों और विश्वविद्यालयों में एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में देश की सेवा की।

उनका कैरियर और योगदान:

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलदेबेन और आशियम्मा के घर हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति थोड़ी खराब थी, इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए पैसा कमाना शुरू कर दिया लेकिन अपनी शिक्षा को कभी नहीं छोड़ा।

उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वह एक मुख्य वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में शामिल हो गए।

जल्द ही वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के परियोजना निदेशक के रूप में स्थानांतरित हो गए। उन्होंने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रूप में भी काम किया, जो मिसाइलों के एक साथ विकास में शामिल है।

वह 1992 से 1999 तक प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सचिव भी बने। पोखरण II परमाणु परीक्षणों के लिए मुख्य परियोजना समन्वयक के रूप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा गया। वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

उन्होंने कई प्रेरणादायक पुस्तकें लिखीं जैसे कि “इंडिया 2020”, “इग्नाइट्ड माइंड्स”, “मिशन इंडिया”, “द ल्युमिनस स्पार्क्स”, “प्रेरणादायक विचार”, आदि। देश में भ्रष्टाचार को मात देने के लिए उन्होंने युवाओं के नाम से एक मिशन शुरू किया।

उन्होंने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों (भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद और इंदौर, आदि) में प्रोफेसर के रूप में काम किया, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम, जेएसएस विश्वविद्यालय (मैसूर), अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के चांसलर के रूप में कार्य किया। ), आदि उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी पुरस्कार, वीर सावरकर पुरस्कार, रामानुजन पुरस्कार और कई और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Very nice information!!

Very useful for today’s generation kids!!!

This is very useful for students to get information about APJ Abdul Kalam THANK YOU

I AM VERY IMPRESED WITH DR APJ ABDUL KALAM I MISS SO MUCH

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मेरा प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay in Hindi)

मेरा प्रिय नेता एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay in Hindi) - एपीजे अब्दुल कलाम का नाम पूरी दुनिया में मशहूर है। उनकी गिनती 21वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक के रूप में की जाती है। बेहद सरल, सहज तथा सौम्य व्यक्तित्व के धनी एपीजे अब्दुल कलाम निरंतर देश की सेवा में लगे रहे तथा देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में उन्होंने समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध का प्रश्न पूछा जाता है। हिंदी में पत्र लेखन सीखें ।

मेरा प्रिय नेता एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay in Hindi)

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मेरा प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay in Hindi)

मेरा प्रिय नेता एपीजे अब्दुल कलाम इस विषय पर निबंध लिखने के लिए एकदम उपयुक्त व्यक्ति हैं। एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay Hindi) के जरिए हमने आपकी समस्या हल करने का प्रयास किया है। एपीजे अब्दुल कलाम के इस लेख (Dr APJ Abdul Kalam par nibandh) से न केवल छात्रों को परीक्षा के लिए महान नेता तथा व्यक्तित्व पर निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके जीवन को भी वे बेहतर ढंग से जान सकेंगे। एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay in Hindi) तैयार करने के लिए कलाम जी के जीवन की जानकारी देने वाले (essay apj abdul kalam biography in hindi) इस लेख को पूरा पढ़ें।

भारत के महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (apj abdul kalam nibandh) लिखने के लिए उनके जीवन के अहम पहलुओं की जानकारी जुटाने की जरूरत होगी। कलाम का पूरा नाम अबुल पकिर जैनुल आब्दिन अब्दुल कलाम है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम के तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। कलाम का गणित के प्रति गहरा लगाव था। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से भौतिकी और वैमानिकी इंजीनियरिंग का अध्ययन किया। कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए। नई सहस्त्राब्दी से जुड़ी अपनी अवधारणा को उन्होंने अपनी पुस्तक "इंडिया 2020: ए विजन ऑफ द न्यू मिलेनियम" के जरिए सामने रखा। इस पुस्तक ने "टेक्नोलॉजी विजन 2020" से अवगत कराया। भविष्य में टेक्नोलॉजी की भूमिका के संबंध में इस अवधारणा को उन्होंने 1990 के दशक के मध्य में तैयार किया था।

कलाम ने भारत की तकनीकी उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने टेक्नोलॉजी विजन 2020 राष्ट्रीय रणनीति पेश की। अपनी रणनीति में परमाणु ऊर्जा का विस्तार, प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा। देश-दुनिक के लोग कलाम को मिसाइलमैन के नाम से जानते हैं। पूरे भारत को बेहतर बनाने के लिए उनके प्रयासों के कारण वे देशभर में "पीपुल्स प्रेसिडेंट" के नाम से लोकप्रिय हुए।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्म के समय उनके परिवार के लिए परिस्थितियां बेहद प्रतिकूल थी, लेकिन अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत करके इस बाधा को पार किया। स्कूल के दिनों में वे समाचार पत्र बेचकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में परिवार की सहायता किया करते थे। औसत शैक्षणिक प्रदर्शन के बावजूद प्रतिबद्धता के साथ पढ़ाई करने के कारण कलाम को प्रोफेसरों से बेहद तारीफ मिलती रही।

कलाम का देश के लिए योगदान

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को तकनीक तथा सामरिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो योगदान दिया उसे देश कभी भुला नहीं पाएगा। अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों का विकास करना, उनसे मिली सबसे बड़ी भेंटों में से एक हैं। मिसाइल कार्यक्रम में उनकी सक्रिय भूमिका के कारण, एपीजे अब्दुल कलाम को भारत का मिसाइल मैन कहा जाता है। एपीजे अब्दुल कलाम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दोनों में शीर्ष शोधकर्ता के रूप में में सेवा दे चुके हैं। अपने जीवनकाल में कलाम को कई विश्वस्तरीय पब्लिकेशन कार्यों का श्रेय जाता है, लेकिन इंडिया 2020 को उनके सबसे प्रसिद्ध योगदानों में से एक माना जाता है। इंडिया 2020 पुस्तक भारत को एक शक्तिशाली देश बनाने बनाने की कार्य योजना पर केंद्रित है।

वह एक शानदार वैज्ञानिक और पथप्रदर्शक इंजीनियर थे जिनका पूरा जीवन देश सेवा को समर्पित रहा। भारत को महाशक्ति बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा थी। इसके लिए वे देश के विद्यार्थियों की भूमिका को प्रमुखता से स्वीकार करते थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश के बच्चे इसके सबसे बड़े संसाधन हैं, इसलिए उन्हें प्रोत्साहित और प्रेरित किया जाना चाहिए।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम वैश्विक ख्याति प्राप्त व्यक्ति थे; एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति दोनों के रूप में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के कारण भारत के लोग हमेशा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम की मिसालें देते नहीं थकते। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कलाम ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। भारत में परमाणु शक्ति के साथ उनकी भूमिका के कारण उन्हें "भारत का मिसाइल मैन" की संज्ञा दी जाती है। वर्ष 1997 में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।

अवुल पकिर जैनुअलब्दीन अब्दुल कलाम, जिन्हें एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है, का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। मां आशियम्मा और पिता जैनुअलब्दीन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। कलाम का बचपन काफी कठिनाइयों में गुजरा क्योंकि उनके पिता का व्यवसाय असफल हो चुका था और जीविकोपार्जन के लिए परिवार के पास कोई अन्य साधन नहीं था। बचपन से ही कलाम को मुश्किलों से दो-चार होना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ते रहे। विद्यालय के दिनों से ही उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए अखबार बेचना शुरू कर दिया। उनके औसत शैक्षणिक प्रदर्शन के बावजूद, उनके शिक्षकों ने उनकी सीखने की लगन, कड़ी मेहनत की प्रशंसा की।

कलाम की शिक्षा - डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम निबंध (dr apj abdul kalam nibandh)

कलाम ने रामेश्वरम प्राथमिक विद्यालय और श्वार्ट्ज हायर सेकंडरी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। कलाम की गणित में गहरी रुचि थी। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया, जहां साल 1955 में स्नातक होने के बाद, उन्होंने भौतिकी और वैमानिकी इंजीनियरिंग का अध्ययन किया।

स्नातक तीसरे वर्ष में, एपीजे अब्दुल कलाम को अपने समूह के छात्रों के साथ एक हवाई जहाज बनाने का प्रोजेक्ट पूरा करना था। बेहद कम समय मिलने के बाद भी उन्होंने समय पर काम पूरा किया और अपनी मौलिकता से सभी को चकित कर दिया। कलाम बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। बाद में उन्होंने एक वैज्ञानिक, लेखक, इंजीनियर, व्याख्याता और एक राजनीतिज्ञ के रूप में सफलता हासिल की।

डीआरडीओ में कलाम का काम- एपीजे अब्दुल कलाम हिंदी लेख (apj abdul kalam hindi essay)

उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद, कलाम एक वैज्ञानिक के रूप में DRDO यानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान से जुड़ गए और 1960 के दशक की शुरुआत में, प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के अधीन भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) के साथ काम किया। साल 1998 में किए गए ऐतिहासिक परमाणु परीक्षण कार्यक्रम "पोखरण 2" में एपीजे अब्दुल कलाम ने महत्वपूर्ण निभाई थी। पोखरण दो को भारत का दूसरा मौलिक परमाणु परीक्षण माना जाता है।

कलाम राष्ट्रपति के रूप में - एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (dr apj abdul kalam essay in hindi)

वर्ष 2002 में, एपीजे अब्दुल कलाम को भारत का 11वां राष्ट्रपति चुना गया। सेना और राष्ट्र ने उनके मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए, जिससे देश को बहुत लाभ हुआ। 90 के दशक की शुरुआत में कलाम ने हृदय रोग विशेषज्ञ बी. सोमा राजू के साथ कोरोनरी हृदय रोग पीड़ितों के लिए कलाम-राजू-स्टेंट विकसित करने के लिए साथ आए। कलाम लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पहले भारतीय राष्ट्राध्यक्ष थे और इसके अलावा उन्होंने भारत का पहला स्वदेशी हॉवरक्राफ्ट 'नंदी' को डिजाइन किया। सच्चे दिल से देश की सेवा करने के कारण उन्हें "जनता का राष्ट्रपति" कहा जाने लगा। कलाम ने "इंडिया 2020," "इग्नाइटेड माइंड्स," "मिशन इंडिया," "द ल्यूमिनस स्पार्क्स," "इंस्पायरिंग थॉट्स," सहित कई किताबें लिखीं।

कलाम को देश के लिए उनकी सेवाओं और योगदान के लिए रामानुजन पुरस्कार, इंदिरा गांधी पुरस्कार, वीर सावरकर पुरस्कार, पद्म विभूषण और कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

भारत के 11वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (apj abdul kalam par nibandh) के जरिए आपको एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी निबंध (apj abdul kalam essay in hindi) तैयार करने के लिए पर्याप्त सामग्री प्रदान की गई है। इसकी मदद से प्रभावी एपीजे अब्दुल कलाम निबंध (apj abdul kalam nibandh) लिखकर परीक्षा में बेहतर अंक लाने के लिए अग्रिम शुभकामनाएं, धन्यवाद।

Frequently Asked Question (FAQs)

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हिंदुओं के प्रसिद्ध तीर्थस्थल रामेश्वर के पंबन द्वीप पर हुआ। वर्तमान में यह जगह तमिलनाडु राज्य में है लेकिन उस समय मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा हुआ करती थी।

एपीजे अब्दुल कलाम की मां नाम आशियम्मा और पिता का जैनुअलब्दीन है। कलाम अपने माता-पिता की पांचवी संतान थे। ये अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिखने के लिए सबसे पहले इनके बारे में जानकारी जुटाएं। एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिल जाएगी। हिंदी में प्रभावी निबंध लिखने के तरीके को समझें और अपनी जानकारी को प्रभावी ढंग से लेख का आकार दें। 

एपीजे अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया। 25 जुलाई, 2007 तक अब्दुल कलाम ने इस पद को सुशोभित किया। 

एपीजे अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क्स, इंस्पायरिंग थॉट्स आदि पुस्तकें लिखीं।

भारत सरकार ने इसरो और डीआरडीओ में सेवाओं के लिए कलाम को 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया। 1997 में, कलाम को रक्षा प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण और वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। कलाम को 40 विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधियाँ प्रदान कीं। इसके अलावा भी बहुत से पुरस्कार कलाम जी को मिले।

कलाम भारत के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति थे जो राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किए जा चुके थे। राष्ट्रपति बनने से पहले सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1954) और जाकिर हुसैन (1963) को भारत रत्न मिल चुका था। कलाम राष्ट्रपति बनने वाले पहले वैज्ञानिक और अविवाहित व्यक्ति भी थे। 

बीएपीएस स्वामीनारायण संप्रदाय के हिंदू गुरु प्रमुख स्वामी जो को कलाम अपना परम आध्यात्मिक शिक्षक और गुरु मानते थे।

27 जुलाई 2015 को कलाम "क्रिएटिंग ए लिवएबल प्लैनेट अर्थ" विषय पर व्याख्यान देने के लिए आईआईएम शिलांग गए थे। शाम करीब 6:35 बजे व्याख्यान के दौरान ही हृदयाघात हुआ जिसने मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम को हमसे छीन लिया।

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एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है, उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। डॉ. कलाम का जीवन कई लोगों के लिए विशेष रूप से युवा छात्रों के लिए प्रेरणा दायक है। आपको विभिन्न अवसरों पर एपीजे अब्दुल कलाम के जीवनी पर भाषण देने की आवश्यकता पड़ सकती है, यहां कुछ भाषण आपकी सहायता के लिए दिये है।

एपीजे अब्दुल कलाम पर लम्बे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi)

भाषण – 1 (छोटे बच्चो के लिए छोटा भाषण).

सभी को सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे दोस्तों। इस अवसर पर उपस्थित रहने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं और एपीजे अब्दुल कलाम पर कुछ शब्द कहने का अवसर देने के लिए मैं अपने कक्षा शिक्षक को भी धन्यवाद देना चाहता हूं।

मैं थोड़ा उलझन में हूं कि कहां से शुरू करूं क्योंकि श्री अब्दुल कलाम एक बहुमुखी चरित्र थे। उन्होंने कभी सिनेमा में काम नहीं किया लेकिन असल जिंदगी में वे हीरो थे। इंटरनेट पर हजारों प्रेरणादायक उद्धरण हैं और वास्तव में सभी के लिए एक जीवंत प्रेरणा थी।

श्री कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका जन्म एक औसत परिवार में हुआ था और वो भारत के 11वां राष्ट्रपति बने। एक राष्ट्रपति के अलावा, वह एक महान वैज्ञानिक भी थे जिन्होंने भारत में मिसाइलों को पेश किया और “भारत के मिसाइल मैन” की उपाधि प्राप्त की।

वह दयालु, विनम्र, प्रतिभाशाली, मददगार, एक महान नेता आदि थे। मुझे नहीं लगता कि कोई ऐसा क्षेत्र था जिसमें वह विशेषज्ञ नहीं थे। उनका पूरा जीवन एक प्रेरणा है और सीखने के लिए बहुत कुछ है, जिस तरह से उन्होंने व्यवहार किया लोग वास्तव में उल्लेखनीय थे। वह शून्य नफरत वाले व्यक्ति थे और जब उन्होंने हमें छोड़ा तो पूरा देश रोया। मैं उनके एक सुंदर विचार के साथ अपना भाषण समाप्त करना चाहूंगा:

“हम सभी के पास समान प्रतिभा नहीं है। लेकिन, हम सभी के पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने का समान अवसर है।”

भाषण – 2 (अब्दुल कलाम के जन्मदिन के लिए भाषण)

प्रिय दर्शको

आज 15 अक्टूबर, विश्व प्रसिद्ध ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म दिवस है। वे डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक रहे और यही कारण है कि हम डीआरडीओ में उनके जन्मदिवस को बहुत उत्साह से मनाते हैं। डॉ. कलाम की पूरी जीवन यात्रा हर किसी के लिए और खासकर डीआरडीओ में काम करने वाले लोगों के लिए सदैव ही प्रेरणा दायक रहा है।

अब्दुल कलाम एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और इंजीनियर थे। उन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया। वर्ष 2002 में राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने से पहले ही, वे एक बहुत सफल और लोकप्रिय व्यक्ति थे।

डॉ. कलाम ने डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में विज्ञान प्रशासक और वैज्ञानिक के रूप में चार दशकों से अधिक समय व्यतीत किया।

डॉ. कलाम तमिलनाडु के एक बहुत साधरण दक्षिण भारतीय परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता नाव का निर्माण करते थे तथा तट पर काम कर रहे मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे। बच्चे के रूप में, डॉ. कलाम एक बेहद होनहार छात्र थे; उनका उड़ान के प्रति आकर्षण बहुत अधिक था औऱ उसके अध्ययन के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री प्राप्त की। हालांकि वह एक लड़ाकू पायलट में बनना चाहते थे लेकिन वे आईएएफ (भारतीय वायुसेना) द्वारा उसके लिए दक्षता प्राप्त नहीं कर पाये थे।

उसके बाद वे एक वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ में शामिल हो गए और बाद में उन्हें इसरो में स्थानांतरित कर दिया गया, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के कारण, वे अंततः तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार बने। एक राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में, उन्होंने विश्व प्रसिद्ध परमाणु परीक्षणों में पोखरण II में एक प्रमुख भूमिका निभाई।

डॉ. कलाम पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में जाने जाते है, डॉ. कलाम ने एक अवधि की सेवा के बाद राष्ट्रपति पद छोड़ दिया। बाद में वे अन्ना विश्वविद्यालय में प्राचार्य बन गए और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग पढ़ाने लगे। वह एक विजिटिंग प्रोफेसर भी थे और वे अलग-अलग संस्थानों में जाके वहां के युवा छात्रों और लोगों को प्रेरित करते थे।

डॉ. कलाम की जीवन यात्रा हम सब के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है। वे एक प्रसिद्ध राष्ट्रवादी थे और दुनिया उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के उपनाम से जानती है।

हालांकि एक व्यावहारिक मुसलमान होकर भी उन्होंने खुद को भारत की व्यापक संस्कृति में शामिल किया। अपने खाली समय में, वे भारतीय शास्त्रीय संगीत सुनते थे और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक भगवत गीता का अध्ययन करते थे।

डॉ. कलाम ने 40 से अधिक विश्वविद्यालयों से कई पुरस्कार और मानद उपाधि अर्जित की। उन्हें 1981 में पद्म भूषण पुरस्कार, वर्ष 1909 में पद्म विभूषण और भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी का आधुनिकीकरण करने तथा उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 1997 में भारत ‘भारत रत्न’ का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रदान किया गया। एक महान वैज्ञानिक और एक महान व्यक्तित्व होने के अलावा, वे एक उग्र लेखक भी थे। उन्होंने 1999 में अपनी आत्मकथा “विंग्स ऑफ फायर” समेत कई किताबें लिखीं, जो भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा दायक है।

डॉ. कलाम हमेशा एक साधारण जीवन जीते थे और वह एक उदार व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। वे भारत के गौरव के लिए सदैव कुछ न कुछ करना चाहते थे और करते भी थे। उन्होंने वर्ष 2011 में “वॉट कैन आई गीव मुवमेंट” का सृजन किया, यह एक दयालु समाज के विकास के उद्देश्य से बनाया गया था।

दिल का दौरे पड़ने के कारण डॉ. कलाम का 27 जुलाई, 2015 को निधन हो गया। अपनी आखिरी यात्रा के दौरान, वह आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान), शिलांग में एक भाषण दे रहे थे।

जिसने राष्ट्र के सैन्य आधार को मजबूत करने और अपने बौद्धिक तथा नैतिक विचारों के माध्यम से दुनिया को प्रबुद्ध करने के लिए भारतीय राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कड़ी मेहनत की।

मुझे ऐसे महान व्यक्तित्व के बारे में बस इतना ही कहना था।

भाषण – 3 (शिक्षक द्वारा कक्षा में बोलने के लिए डॉ कलाम पर भाषण)

प्रिय छात्रो – आप सभी को सुप्रभात!

आज की कक्षा बाकी कक्षाओं से थोड़ी अलग होने जा रही है, क्योंकि आज मैं आपके पाठ्यपुस्तक से जुड़े किसी भी विषय पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं, बल्कि मैं आपको एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में बातने जा रहा हूँ जिसकी प्रशंसा हर कोई करता है वो है हमारे आदरणीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें लोग अपनी प्रेरणा मानते है और उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया का शीर्षक भी प्रदान किया गया, वे हमारे भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे, परन्तु हमे खेद है कि आज ये प्रतिष्ठित व्यक्ति हमारे बीच नहीं रहे। वे एक महान वैज्ञानिक, गहन विचारक और प्रेरक वक्ता भी थे।

हम सभी के लिए वास्तव में एक प्रेरणादायक व्यक्ति डॉ. कलाम जिन्होंने भारत के एक दूर-दराज के रामेश्वरम नामक दक्षिणी भारतीय गांव में एक बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्म लिया था। यह वह स्थान था, जहां उन्हें एक चलती ट्रेन से फेंके जाने वाले समाचार पत्रो के बंडलों को इकट्ठा करने का पहला काम मिला। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को हर किसी, खासतौर से बच्चों के साथ साझा किया और बताया है कि, कैसे वे अपनी पहली कमाई और काम करने के उन दिनों को याद करके कीतना गर्व महसूस करते है।

लेकिन ये महान व्यक्ति जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया, उन्होंने भी कई प्रतिष्ठित लोगों से प्रेरणा ली जिनसे उन्हें भारत के मिसाइल मैन की उपाधि प्राप्त करने में मदद मिली। आइए उन व्यक्तित्वों में से एक के बारे में जानें जिन्होंने डॉ. कलाम के व्यक्तित्व को आकार देने में मदद की। सबसे पहले, इयादुराई सुलैमान जो कलाम के अध्यापक थे और जिससे कलाम को बहुत लगाव था। इयादुराई सुलैमान के सोच प्रक्रिया से कलाम बहुत प्रभावित हुए औऱ उन्होंने उन्हें एक मंत्र दिया, वह यह था कि  “जीवन में सफल होने और परिणामों को प्राप्त करने के लिए, आपको तीन शक्तिशाली शक्तियों, इच्छा, विश्वास और अपेक्षाओं को समझना चाहिए।”

इयादुराई सुलैमान वास्तव में एक महान शिक्षक थे, क्योंकि उन्होंने अपने छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और उनके अन्दर आत्मनिर्भरता की भावना ढूंढने में उनकी सदैव मदद किया करते थे। उन्होंने अब्दुल कलाम को बताया कि “विश्वास के साथ, आप अपना भाग्य भी बदल सकते हैं।” यहीं से कलाम की वास्तविक यात्रा शुरू हुई औऱ उन्होंने लोगो को प्रेरणा दी और उनकी भलाई के लिए अनेक काम किए।

उन्हें इस बात पर दृढ़ विश्वास था कि, भले ही उनके माता-पिता अशिक्षित है फिर भी वह संसार में अपने कार्यो से एक अमिट छाप छोड़ सकते है। बचपन के दिनों में डॉ अब्दुल कलाम आकाश में पक्षियों को उड़ते देख उनसे बहुत ही प्रभावित रहते थे। इसके अलावा दिलचस्प बात यह भी थी कि वे रामेश्वरम से विमान यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति बने।

कई सालों बाद जब अब्दुल कलाम मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में गये तो उन्होंने अपने सबसे पसंदीदा शिक्षक रेव इयादुराई सुलैमान को मंच पर देखा। जब उन्होंने अपना भाषण समाप्त किया तो, डॉ अब्दुल कलाम उनके आगे सिर झुकाया और कहा, “सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पुरे हो जाते हैं”।

उसके शिक्षक ने बदले में उनसे दबे हुए स्वर में कहा, “आपने न केवल अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है, कलाम, बल्कि आपने उन्हें ग्रहण किया है”। डॉ कलाम ने हर काम में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपने कार्यो से न केवल अपने शिक्षक बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया। इसलिए छात्रों आप सभी उनके द्वारा बताये गये नक्शेकदम का पालन करे और ईमानदारी से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करे।

भाषण – 4 (शिक्षक दिवस पर बोलने के लिए अब्दुल कलाम पर भाषण)

आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय छात्रों!

आज 5 सितंबर है और हर साल की तरह हम शिक्षक दिवस मनाने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। इस अवसर पर इस कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। आज शिक्षक दिवस के दिन, मैं उन महान व्यक्तित्वों में से एक के बारे में बात करना चाहता हूं। जो है डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनकी मैं सदैव प्रशंसा करता हूं औऱ मुझे यकीन है कि उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए हर कोई इस महान मिसाइल मैन की प्रशंसा करता है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मेरे लिए एक महान प्रेरणा स्त्रोत रहे है और उनकी पूरी जीवन यात्रा ने मेरे जीवन को सकारात्मक रुप से परिवर्तित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हम सभी जानते हैं कि डॉ. कलाम एक भारतीय वैज्ञानिक और एक उदार राजनेता थे। जिन्होंने 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति के रूप में भारत की सेवा की। डॉ. कलाम 15 अक्टूबर, 1931 को एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे। उनका पूरा नाम अवल पाकिर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम है। डॉ कलाम एक तेज छात्र और आज्ञाकारी बालक थे, जिन्होंने आजीविका अर्जित करने में अपने परिवार की मदद की। उनका जन्म भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित धनुष्कोदी में हुआ था। एक बच्चे के रूप में डॉ. कलाम ने जब आकाश में पक्षियों को उड़ते देखा तब उनके मन में हवाई यात्रा के प्रति आकर्षण पैदा हुआ। डॉ. कलाम के विमान उड़ाने का शौक और भी दृढ हो गया, जब उन्होंने समाचार पत्र में ब्रिटिश लड़ाकू विमान के बारे में एक लेख देखा।

उनके पिता का पेशा नाव बनाने और उसे किराए पर देने का था। कलाम एक बहुत ही उज्ज्वल और मेहनती छात्र थे। अपने पिता का आर्थिक रुप से समर्थन करने के लिए वे अपने इलाके में समाचार पत्र वितरित किया करते थे, लेकिन वे हमेशा अध्ययन के प्रति रुचि रखते थे; वे बहुत ही होनहार छात्र थे, उन्हें विज्ञान और गणित में अधिक रुचि थी। स्कूल खत्म होने के बाद डॉ. कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज गए और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री अर्जित करने के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिल लिया।

वे हमेशा से एक होनहार छात्र थे और उन्होंने अपने स्कूल तथा कॉलेज में जितना संभव हो सके उतना ज्ञान हासिल किया। डॉ. कलाम स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत के रक्षा विभाग में भर्ती हो गए। भारत की परमाणु क्षमता के विकास में वे प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। उन्होंने अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान अर्जित किया। 1998 में विभिन्न सफल परीक्षणों के लिए राष्ट्रीय नायक कलाम को ‘मिसाइल मैन’ का खिताब दिया गया था। डॉ. कलाम मई 1998 में शुरू किए गए पोखरण-द्वितीय परीक्षणों में एक प्रमुख व्यक्ति थे। पोखरण-2 परीक्षण के समय राजस्थान के रेगिस्तान में कुल 5 परमाणु उपकरणों का विस्फोट हुआ था।

हालांकि 2002 में राजनीति ने कभी भी डॉ. कलाम को लुभाया नहीं, फिर भी भारत की सत्ताधारी पार्टी नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए खुद को नामित करने का अनुरोध किया। एनडीए के समर्थन से, डॉ कलाम ने चुनाव जीता और भारत के 11वें राष्ट्रपति बन गये। एक राष्ट्रपति के रूप में, डॉ कलाम एक बहुत ही सरल जीवन जीते थे और युवा छात्रों को सफल जीवन जीने और देश की सेवा करने के लिए सदैव प्रेरित करते थे। लोगों के राष्ट्रपति के रूप में सम्मानित, डॉ कलाम ने अपने पांच साल के राष्ट्रपति पद के दौरान युवा छात्रों और देश भर के लोगों के साथ 500,000 से अधिक बैठकें आयोजित की। डॉ. कलाम की इस लोकप्रियता ने उन्हें वर्ष 2003 और 2006 के लिए एमटीवी द्वारा आयोजित ‘युवा चिह्न’ का पुरस्कार प्रदान किया।

डॉ. कलाम ने भारत को 1 सत्र तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी और 27 जुलाई, 2015 को हार्ट अटैक  के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वे कई विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्राध्यापक तथा प्रेरक शिक्षक की भूमिका निभाते थे।

डॉ. कलाम सभी के लिए एक आदर्श रहे और प्रत्येक व्यक्ति उनकी इन उपलब्धि, योगदान और सादगी के लिए उनका सम्मान करते है। मैं हर छात्र को डॉ कलाम के मार्ग का पालन पर चलने और पूरे सम्मान से जीवन जीने के लिए, अपील करता हूं।

यहाँ आने के लिये मैं आप सब का हार्दिक अभिवादन करता हुँ – और मुझे आशा है कि आप सब सकुशल होंगे।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवनी पर अपने भाषण को शुरू करने से पहले, मैं इस महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करने आए आप सभी को धन्यवाद करना चाहता हूं। भारत के एक नागरिक के रूप में, हमें अपनी भूमि पर पैदा हुए उन महान व्यक्तित्वों के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और हमें सदैव हमारे देश के विकास में योगदान देना चाहिए। यह बताने की जरुरत नहीं की ऐसे एक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी थे, जिन्हें भारत के मिसाइल मैन के रुप में याद किया जाता हैं।

भारत रत्न से सम्मानित, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवल पाकिर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम है और वह भारत के 11वें राष्ट्रपति थे, उन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक राष्ट्र की सेवा की। उन्हें वर्ष 2002 में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ चुना गया था और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस – जैसे दो प्रमुख भारतीय राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त था। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पेशे से वह एक वैज्ञानिक और साथ ही साथ एक भारतीय प्रशासक भी थे।भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुने, जाने से पहले उन्होंने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) और डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में काम किया।

प्रक्षेपण यान के विकास तथा बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के कारण उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया की उपाधि मिली। इसके अलावा, 1998 में भारत में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण किए गए, वास्तव में 1974 के परमाणु परीक्षण ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, तकनीकी और संगठनात्मक भूमिका प्रदान किया था।छात्रों के समुदाय के साथ उनके परस्पर क्रियाओं औऱ बातचीत ने उन्हें युवा आइकन बना दिया। वास्तव में, उन्होंने वर्ष 2011 में ‘व्हाट कैन आई गीव मूवमेंट’ नामक एक मिशन लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ना था।

लेकिन क्या आप जानते है डॉ कलाम जिनसे लाखों लोग आज प्रेरित हैं, उन्हें किसने प्रेरित किया? हालांकि, ऐसे बहुत सारे थे, लेकिन अगर मुझे एक नाम का उल्लेख करना हो तो मैं डॉ. विक्रम साराभाई का नाम लूंगा।

रॉकेट इंजीनियर के पद के लिए अब्दुल कलाम का साक्षात्कार करते समय डॉ. विक्रम साराभाई, डॉ. अब्दुल कलाम के अन्तर्निहित शक्ति को महसूस करने वाले पहले व्यक्ति थे। अब्दुल कलाम से पहले ही, साराभाई को उनकी क्षमताओ का एहसास हो गया था और साराभाई ने उन्हें एक बड़े योजना में शामिल करने की कल्पना भी कर ली थी।

साक्षात्कार का पूरा क्षण अब्दुल कलाम के लिए एक यादगार लम्हा था, जहां उनके आकाश में उड़ने का सपना सच होने जा रहा था। शेष कहानी इस बारे में है कि वे भारत के मिसाइल मैन कैसे बन गये जिसका जुनून महान दूरदर्शी वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई ने देखा था। महान अब्दुल कलाम के बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि वे अपनी सारी ज़िंदगी अपने देश के लिए समर्पित कर दिए और कभी भी अपने  स्वार्थी कारणों के लिए अपने लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक अपने पूरे जीवन को सक्रिय बनाए रखा और मानव जाति के लिए जो भी वो कर सकते थे उन्होंने उसमे अपना योगदान दिया।

इस महान और नम्र व्यक्तित्व के बारे में मुझे बस इतना ही कहना था।

आप सभी का धन्यवाद!

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APJ Abdul Kalam Essay for Students and Children

500+ words apj abdul kalam essay.

Dr. APJ Abdul Kalam is a famous name in the whole world. He is counted among the greatest scientists of the 21st century. Even more, he becomes the 11th president of India and served his country. He was the most valued person of the country as his contribution as a scientist and as a president is beyond compare. Apart from that, his contribution to the ISRO (Indian Space Research Organization) is remarkable. He headed many projects that contributed to the society also he was the one who helped in the development of Agni and Prithvi missiles. For his involvement in the Nuclear power in India, he was known as “Missile Man of India”. And due to his contribution to the country, the government awarded him with the highest civilian award.

Career and Contribution of APJ Abdul Kalam

APJ Abdul Kalam was born in Tamil Nadu. At that time the financial condition of his family was poor so from an early age he started supporting his family financially. But he never gave up education. Along with supporting his family he continued his studies and completed graduation. Above all, he was a member of the Pokhran nuclear test conducted in 1998.

There is a countless contribution of Dr.APJ Abdul Kalam to the country but he was most famous for his greatest contribution that is the development of missiles that goes by the name Agni and Prithvi.

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Source: sivadigitalart

Presidency Period

The great missile man becomes the President of India in 2002. During his presidency period, the army and country achieved many milestones that contributed a lot to the nation. He served the nation with an open heart that’s why he was called ‘people’s president’. But at the end of his term period, he was not satisfied with his work that’s why he wanted to be the President a second time but later on forfeited his name.

Post-presidency Period

After leaving the presidential office at the end of his term Dr. APJ Abdul Kalam again turn to his old passion which is teaching students. He worked for many renowned and prestigious institute of India located across the country. Above all, according to his the youth of the country is very talented but need the opportunity to prove their worth that’s why he supported them in their every good deed.

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Awards and Honors

During his lifetime Dr. APJ Abdul Kalam was not only awarded and honored by Indian organization and committees but also by many international organizations and committees.

Writings and Character

During his lifetime, Dr. APJ Abdul Kalam wrote many books but his most notable work was ‘India 2020’ which have an action plan to make India a superpower.

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Dr. APJ Abdul Kalam was a man of simplicity and integrity. He was so busy at work that he rises up early in the morning and work till late hours after midnight.

Death of APJ Abdul Kalam

He died during delivering a lecture to students in Shillong by sudden cardiac arrest in 2015. He was an outstanding scientist and a pioneer engineer who served his entire life for the nation and died while serving it. The man had the vision to make India a great country. And according to his the youth are the real assets of the country that’s why we should inspire and motivate them.

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डॉ ए पी जे अब्दुल कलामपर निबंध | Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

by Meenu Saini | Aug 10, 2022 | Hindi | 0 comments

डॉ ए पी जे अब्दुल कलामपर निबंध

Hindi Essay and Paragraph Writing – Dr. APJ Abdul Kalam (डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम) for all classes from Class 1 to Class 12

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध –  इस लेख में हम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे, एपीजे अब्दुल कलाम क्यों प्रसिद्ध थे, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का भारत में क्या योगदान है इन सबके बारे में जानेंगे|  डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था| उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनकी गिनती 21वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक के रूप में की जाती है। उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है| अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन  10 lines
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन  10 lines on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi

  • डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ है।
  • उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था ।
  • वे एक वैज्ञानिक तथा इंजीनियरिंग के तौर पर DRDO तथा ISRO में कार्य किया था।
  • अब्दुल कलाम को भारत का ‘मिसाइल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • अब्दुल कलाम के आर नारायणन के बाद भारत के 11वें राष्ट्रपति बने तथा उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा। 
  • अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया था।
  • अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020, मिशन इंडिया, माय जर्नी  जैसी कई किताबें भी लिखी है।
  • अब्दुल कलाम को उनके सराहनीय कार्यों के लिए  पद्मभूषण, पद्मविभूषण, भारत रत्न आदि जैसे कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • अब्दुल कलाम देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे। 
  • दुर्भाग्य से, कलाम साहब की मृत्यु  27 जुलाई, 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में भाषण देते समय दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी।

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Short Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम  पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद – डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। बच्चे उन्हें अंकल कलाम और बड़े उन्हें कलाम साहब कहते थे। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा थे। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक शक्तिशाली और आर्थिक रूप से समृद्ध देश होने का सपना देखा था। 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत देश के 11वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 1931 में 15 अक्टूबर को तमिलनाडु राज्य के एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशिअम्मा था। अब्दुल कलाम अपने परिवार में चार भाइयों और एक बहन से सबसे छोटे थे । बचपन से ही अब्दुल कलाम पढ़ने में बहुत होशियार थे तथा वे एक पायलट बनना चाहते थे। उन्होंने रामनाथपुरम से प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद तिरुचिरापल्ली चले गए और वहां से भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद एक वैज्ञानिक बनकर कई नए आविष्कार किए। वे जीवन भर पढाने में, रिसर्च में, लिखने में समाज सेवा जैसे कार्य करने में लगे रहे। 27 जुलाई 2015 को हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। उन्हें भारत के ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता का राष्ट्रपति’ के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्गीय तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन मरकयार था तथा वे एक नाव के मालिक और एक स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी मां अशिअम्मा एक गृहिणी थीं। कलाम को बचपन से कुछ-ना-कुछ सीखने की तीव्र इच्छा थी। वे पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे। उन्होंने विज्ञान में स्नातक के बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद वैज्ञानिक बनकर ISRO और DRDO में काम किया और कई नए आविष्कार किए। कलाम के सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न आदि पुरस्कारों से नवाजा गया।

अब्दुल कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 5 वर्षों तक उस पद पर रहे। राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद वे अपने सामान्य जीवन में वापस लौट आए और उन्होंने बच्चों को पढ़ाने में, बुक लिखने में और सार्वजनिक सेवा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अपना योगदान दिया। 27 जुलाई 2015 को शिलांग में विद्यार्थियों को भाषण देते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे ।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके माता का नाम आशियम्मा तथा पिता जी का नाम जैनुलब्दीन था जो पेशे से एक नाविक थे तथा माता गृहणी थी। कलाम अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कलाम के जन्म के समय उनका परिवार गरीबी से ग्रस्त था। उनके पिता नौका से हिंदू तीर्थयात्रियों को रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच आगे-पीछे ले जाते थे। जिससे उनका परिवार का गुजारा होता था। कलाम भी अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए  समाचार पत्र बेचना का काम करते थे। कलाम बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली और मेहनती थे उनमें सीखने की तीव्र इच्छा थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा रामनाथपुरम से ही हुई। रामनाथपुरम में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली में पढ़ने चले गए जहाँ से उन्होंने 1954 में भौतिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कलाम बचपन से ही पायलट बनना चाहते थे। इसलिए 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की । लेकिन पायलट बनने के अपने सपने को हासिल करने से चूक गए। सन 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से डिग्री प्राप्त करके सन 1958 में एक वैज्ञानिक के रूप में DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में शामिल हुए और अपने जीवन के करियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटा सा हेलीकॉप्टर डिजाईन करके की। 1962 में डॉ.कलाम जी ने DRDO से स्थानांतरित होकर ISRO में कार्य करने लगे। जहां भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह SLV-3(रोहिणी) के प्रोजेक्ट हेड बनकर कार्य किया और इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर उन्हें सन 1981 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके बाद कलाम जी ने सन 1963-64 में अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा की यात्रा की और अपने निर्देशन में देश को अग्नि तथा पृथ्वी जैसी कई मिसाइलें भी दी। जिस वजह से उन्हें ‘मिसाइल मैन’ कहा गया। इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने की वजह से सन 2002 में सरकार द्वारा उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। राष्ट्रपति पद पर अपनी पांच वर्ष की सेवा करने के बाद डॉ.कलाम पढाने में, रिसर्च में, लिखने में तथा समाज सेवा जैसे कार्य करने लग गए। वे विभिन्न कॉलेजे में गेस्ट प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। 27 जुलाई 2015 को, भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्या करते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। कलाम ने पूरी दुनिया में अपने कार्यों के वजह से पहचान बनाई और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बने। उन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न ” सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम से विख्यात हमारे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। कलाम जी का बचपन संघर्षों से भरा हुआ था। वह बचपन में अखबार बेचते थे, क्योंकि उनके परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और न ही उनके पिता जैनुलाब्दीन ज्यादा पढ़े लिखे थे। कलाम साहब पांच भाई-बहन में सबसे छोटे थे। वे बचपन से ही पढ़ाई में सामान्य बच्चों की तरह ही थे लेकिन उनका मन नई चीजों को सीखनें में ज्यादा लगता था वे उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते थे। जब कलाम आकाश में उड़ते हुए पक्षियों को देखते थे तो वह अक्सर यह सोचते थे की यह पक्षी आकाश में इतनी ऊंचाई में कैसे उड़ लेते है। उन्हीं उड़ते हुए पक्षियों को देखकर उन्हें पायलट बनने की चाहत हुई थी। 

कलाम साहब ने शुरुआती शिक्षा अपने गॉंव (धनुषकोडी) के ही प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। उसके बाद तिरुचिरापल्ली से भौतिकी में स्नातक किया। पायलट बनने के लिए मद्रास मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि, वह पायलट नहीं बन सके और 1960 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, एक वैज्ञानिक के रूप में भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए। जहां उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम किया। इसके बाद वह 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में आ गए, इसरो में कलाम साहब ने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। इसरो में अब्दुल कलाम ने परियोजना निदेशक के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 (रोहिणी) के निर्माण में बहुत मेहनत की और सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजकर पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था। इसके बाद, कलाम साहब ने देश को कई सारे मिसाइल दिए। जिस वजह से उन्हें मिसाइल मैन कहा गया। 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार बने। कलाम साहब के नेतृत्व में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।

सन 2002 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को NDA दलों ने भारतीय जनता पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया और सभी के समर्थन से 18 जुलाई 2002 को डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम, देश के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए और अपने कार्यकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 25 जुलाई 2007 को अपने राष्ट्रपति के पद से सेवानिवृत्त हो गये।

राष्ट्रपति के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद कलाम साहब अपने सामान्य जीवन में लौट आए और देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के सहायक बन गए। मई 2012 में, कलाम ने भारत के युवाओं के लिए एक कार्यक्रम, भ्रष्टाचार को हराने के एक केंद्रीय विषय के साथ, “मैं आंदोलन को क्या दे सकता हूँ” का शुभारंभ किया। कलाम साहब ने कई पुस्तकें भी लिखी है, जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुईं। उनके सराहनीय कार्यों के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया था। इसके साथ ही उन्हें दुनियाभर के देशों ने भी कई पुरस्कारों से नवाजा था। 27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे तभी अचानक दिल का दौरा पड़ने से गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दो घंटे बाद ही उनका निधन हो गया।

Essay on  Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi  

वैज्ञानिक जीवन, राष्‍ट्रपति बनने का सफर, शिक्षक के रूप में, साहित्य में योगदान, विश्व छात्र दिवस.

डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, आधुनिक भारत के उन महान वैज्ञानिकों में से एक है जिन्होंने भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिए अथक प्रयास किये और अपने जीवन में आने वाले संघर्षो का डटकर सामना किया ।

डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कहा करते थे कि

             – “सपने वो नही है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही न आने दे |”  

डॉ कलाम ने अपने जीवन काल में इन कथनों को सार्थक करके दिखाया हैं | डॉ कलाम ने ना केवल वैज्ञानिक बनने का सपना देखा बल्कि उसे सार्थक करके भी दिखाया | उन्होंने दिन रात मेहनत करके अपने मिसाइल बनाने के सपने को साकार किया जिससे देश ने रक्षा क्षेत्र में उन्नति की |  

                                    

“इंतजार करने वालो को उतना ही मिलता है जितना कि कोशिश करने वाले छोड़ देते है “ |

पूरे भारतवर्ष को यह संदेश देने वाले महान वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम को “मिसाइलमैन” के नाम से भी जाना जाता है | देश के परमाणु क्षेत्र में डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम के विशेष योगदान को देखते हुए इन्‍हे मिसाइलमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनका पूरा जीवन हर किसी के लिए एक मिसाल हैं |     Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्‍म 15 अक्‍टूबर 1931 को रामेश्‍वरम के धनुषकोडी गॉंव में हुआ। इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्‍दीन अब्‍दुल कलाम था। कलाम का जन्‍म एक तमिल मुस्लिम मछुआरे परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्‍दीन था | अब्‍दुल कलाम, पॉंच भाई-बहन थे। कलाम के पिता बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे | उन्होंने बचपन से ही कलाम को बहुत अच्‍छे संस्‍कार दिये थे।   Top  

कलाम की प्रारंभिक शिक्षा गॉंव के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई थी और फिर अपनी आरंभिक शिक्षा के लिए मद्रास चले गये। B.Sc. पूरी करने के बाद इन्‍होंने मद्रास इंस्‍टीटयूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्‍नातक की डि़ग्री हासिल की क्योंकि बचपन से ही उनका सपना एक फाइटर पायलट बनना था। परन्‍तु वक्‍त के साथ उनका सपना बदल गया और डीटीडी एण्‍ड पी के तकनीकी केन्‍द्र में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक का कार्याभार संभालने लगे और इंडियन आर्मी के लिए हेलिकॉप्‍टर का डिजाइन तैयार किया। इन्‍होने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास में प्रवेश लिया और कई उपग्रह प्रक्षेपण योजनाओं में सफलता प्राप्‍त की।    Top  

डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन में जुड़े ।  योजना महानिदेशक के रूप में भारत के पहले स्‍वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (रोहिनी) का निमार्ण करवाया और जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी के निकट स्‍थापित किया और इसी तरह से भारत भी एक अंतर्राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष क्‍लब का सदस्‍य बन गया। इस योगदान के लिए कलाम जी को 1981 और 1990 में भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से नवाजा गया। बाद में इन्‍होने देश का गाइडेड मिसाइल का डिजाइन तैयार किया और अग्नि व पृथ्‍वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों का निर्माण कराया। कलाम 1992 से लेकर 1999 तक रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार व  विकास विभाग के सचिव रहे थे। बाद में उन्‍होने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया। ऐसे में धीरे-धीरे देश के वैज्ञानिक सलाहकार बन गये। और गाइड़ेड मिसाइल को बनाया और परमाणु शक्तियो में सभी राष्‍ट्रों की सूची में भारत को शामिल कर दिया और इनका नाम वैज्ञानिकों की सर्वोच्‍च सूची में आ गया।    Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को सन 2002 में NDA दलों ने भारतीय जनता पार्टी से राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्‍मीदवार बनाया और सभी के समर्थन से 18 जुलाई 2002 को डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम, देश के 11वें राष्‍ट्रपति निर्वाचित हुए। इन्‍होने कभी राजनीति में अपना समर्थन नहीं दिया, फिर भी भारत के सर्वोच्‍च पद पर विराजमान रहें और अपने कार्यकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्‍पूर्ण भूमिका निभाई और 25 जुलाई 2007 को डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम राष्‍ट्रपति के पद से सेवानिवृत हो गये।   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम राष्‍ट्रपति पद छोड़ने के बाद तिरूवनंतपुरम में  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलाधिपति बन गये और अन्‍ना यूनिवर्सिटी के एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर बन गए । डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को देश के कई कॉलेजो व विद्यालयों में विसिटिंग प्रोफेसर के रूप में बुलाते थे ताकि वहा के सभी बच्‍चो को कलाम जी के द्वारा आगे की ओर बढ़ने का व अपने सपनो का पूरा करने का मार्गदर्शक मिल सके।   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम कहा करते थे कि यदि इंसान को मरने के बाद भी जिन्दा रहना है तो पढ़ने लायक लिखना चाहिए या फिर लिखने लायक काम करना चाहिए | डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम  ने अपने इन शब्दों को सार्थक करके बताया हैं उन्होंने ना सिर्फ  बहुत सी किताबे और अपनी आत्‍मकथा व कविताऐ लिखी है बल्कि अनेक सराहनीय कार्य किये जो आज भी हर वैज्ञानिक के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं उनकी प्रमुख पुस्तके निम्‍नलिखित है –

इग्‍नाइटेड़ माइंड

ऑटोबायोग्राफी विग्‍स ऑफ फायर

मिशन इंडि़या, 

दी लुमीनस स्‍पार्क

एड़वांटेज इंडिया, रेइगनिटेड़

ए विशन फॉर दी न्‍यु मिलेनियम इंडि़या 2020

ए मेनिफेस्‍टो फॉर चेंज, इन्‍सपारिंग थोट

यु आर बोर्न टू ब्‍लॉसम   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को कई देशो के द्वारा पुरस्‍कार व सम्‍मान प्राप्‍त किया हुआ है | भारत सरकार द्वारा 1997 में विज्ञान व भारतीय रक्षा के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए इनको भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया तथा 1981 व 1990 में पद्यभूषण का सम्‍मान दिया गया है।    Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम, जुलाई 2015 में मेघालय राज्‍य में भारतीय प्रबंधन संस्‍थान को शिलोंग में स्‍थापित करने के लिए एक बैठक में भाषण दे रहे थे। उस समय उनकी आयु लगभग 84 साल की थी। भाषण देते समय उनको अचानक दिल का दौरा पड़ा और वही पर बेहोश होकर गिर गये। चिकित्‍सा विभाग की सभी कोशिशे नाकाम रहीे और 2 घंटे बाद उनकी 27 जुलाई 2015 को मृत्‍यु हो गयी | वो हम सब को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चले गये थे। उनके निधन के दिन उनके सम्‍मान के लिए सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा कर गई थी ।   Top  

 हर वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाता हैं |  दरअसल डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम  का जन्‍म 15 अक्‍टूबर 1931 को हुआ | उन्हें छात्रों से बहुत लगाव था | साथ ही उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए बहुत कुछ किया था | उन्हें अपने पूरे जीवन काल में पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न जैसे अनेकों पुरूस्कार प्राप्त हुए, साथ ही उन्होंने कई क़िताबें लिखी जिनमें अग्नि की उड़ान, मेरी यात्रा, इंडिया विज़न प्रमुख हैं | इसीलिए उनके सम्मान में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2010 से विश्व छात्र दिवस मनाने की शुरुआत हुई | और आज भी हम प्रति वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाते हैं |   Top  

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Dr. A.P.J. Abdul Kalam: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 20 लाइन

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 12, 2023

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Ke Bare Me 20 Lines

भारत के महान एयरोस्पेस वैज्ञानिक “ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम” (A.P.J. Abdul Kalam) जिन्हें हम “ मिसाइल मैन” के नाम से भी जानते हैं। वह भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रह चुके हैं, डॉ कलाम को विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिए आज भी जाना जाता हैं। वहीं उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में हर वर्ष 15 अक्टूबर को ‘ विश्व छात्र दिवस ’ मनाया जाता हैं। क्या आप जानते हैं कि डॉ. कलाम भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित होने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। आइए अब हम डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में जानते हैं। 

नामअवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम)
उपनाम मिसाइल मैन
व्यवसायइंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ
जन्म तिथि 15-अक्टूबर 1931
जन्म स्थानधनुषकोडी गांव, रामेश्वरम, तमिलनाडु 
पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन
माता का नाम असीम्मा
डॉ. कलाम का निधन27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय
राष्ट्रपति11 वें (25 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007)
सम्मान पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न आदि 
आत्मकथा विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी
पुस्तकें इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (1998), इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया (2002), द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (2004) आदि। 

यह भी पढ़ें – मिसाइल मैन ए पी जे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय  

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 

यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 20 लाइन में उनके संपूर्ण जीवन के बारे में सभी आवश्यक जानकारी दी जा रही है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

  • डॉ. कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल’ कलाम था। 
  • डॉ. कलाम के पिता का नाम ‘ जैनुलाब्दीन’ था, जो एक नाविक थे और उनकी माता का नाम ‘ असीम्मा’ था, जो एक गृहणी थी। डॉ कलाम के पांच भाई-बहन थे। 
  • डॉ. कलाम का शुरूआती जीवन संघर्षों से भरा रहा था। उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था। उन्हें बचपन से ही सिखने की बहुत इच्छा थी। 
  • वह रामनाथपुरम, तमिलनाडु से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1955 में मद्रास चले गए। वहाँ उन्होंने ‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ , चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
  • बता दें कि डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे लेकिन उन्हें ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) की प्रवेश परीक्षा में नौवां स्थान मिला था। जबकि IAF ने केवल 8वीं रैंक तक ही रिजल्ट की घोषणा की थी इसलिए वह पायलट नहीं बन सके। 
  • इसके बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने ‘हावरक्राफ्ट परियोजना’ पर काम किया। 
  •  बता दें कि डॉ कलाम ने कुछ समय तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘विक्रम साराभाई’ के साथ भी काम किया था। 
  • इसके बाद वह वर्ष 1962 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) में आ गए, यहाँ उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।
  • क्या आप जानते हैं कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने ISRO में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल ‘SLV-III’ के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • इस प्रथम सैटेलाइट व्हीकल से भारत ने वर्ष 1980 में ‘रोहिणी सैटेलाइट’ सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल को बनाने में डॉ. कलाम में अपना अहम योगदान दिया था, जिस वजह से उन्हें ‘मिसाइल मैन’ की उपाधि से नवाजा गया। 
  • इसके बाद डॉ. कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में कार्य किया और देश के लिए कई मिसाइलें बनाई। 
  • डॉ. कलाम ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान दिया है, जिसकी वजह से उन्हें वर्ष 1997 में भारत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया। 
  •  डॉ कलाम ने वर्ष 1999 तक ‘ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) में सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया। वह प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी थे।
  • बता दें कि वर्ष 1998 में ‘ दूसरे परमाणु परीक्षण’ में डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई थी। 
  •  डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) 18 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने।
  • डॉ. कलाम वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन रहे और इसके बाद उन्होंने फिर से राष्ट्रपति चुनाव ना लड़ने का फैसला किया।
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने ‘ डॉ. सोमा राजू’ के साथ मिलकर वर्ष 2012 में ‘कलाम-राजू टैबलेट’ नामक छोटा लैपटॉप तैयार किया था, जो ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के लिए तैयार किया गया था। 
  • इसके बाद उन्होंने अपने जीवन के बहुत से वर्ष ‘ रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) के लिए काम करते हुए बिताए थे। 
  • देश का सर्वोच्‍च पद पर रहने के बाद भी डॉ. कलाम हमेशा अपना जीवन सादगी के साथ जीते रहे। उनका स्‍वभाव बेहद सहज, सरल और विनम्र था।
  • 27 जुलाई 2015 को ‘भारतीय प्रबंधन संस्थान’ (IIM) शिलांग में व्याख्यान देते समय हृदय गति रुकने से भारत के महान वैज्ञानिक  डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) का अचानक ही निधन हो गया था। बता दें कि विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. कलाम के अहम योगदान के लिए हर वर्ष उनके जन्म दिवस पर 15 अक्टूबर को ‘ विश्व छात्र दिवस ’ (World Student Day) मनाया जाता हैं।

यह भी पढ़ें – World Students Day in Hindi

आशा है कि आपको डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) के बारे में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। नीरज को स्टडी अब्रॉड प्लेटफाॅर्म और स्टोरी राइटिंग में 3 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में upGrad Campus, Neend App और ThisDay App में कंटेंट डेवलपर और कंटेंट राइटर रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविधालय से बौद्ध अध्ययन और चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय से हिंदी में मास्टर डिग्री कंप्लीट की है।

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi

लघु निबंध –.

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक ही नहीं अपितु देश के 11वें राष्ट्रपति भी थे। देश इन्हे ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम भी जानता है। डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में धनुषकोडी गाँव के एक मध्यमवर्ग परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे और इनकी माता आदर्श महिला थीं।

इनकी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम् में हुई। उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि ‘जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भली-भाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।’ उच्च शिक्षा के लिए वे मद्रास इस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलोजी में दाखिल हो गए। डॉ. कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

इन्होने वर्ष 1958 में बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की। इन्होने परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके द्वारा जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।

डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों का आविष्कार कर भारत की शक्ति को बढ़ा दिया। परमाणु क्षेत्र में इनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। इनके कुशल नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनाई दी।

डॉ. अब्दुल कलाम पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे। यह एक ऐसे राष्ट्रपति थे, जो अपनी मेहनत के बल पर झोंपड़ी से उठकर राष्ट्रपति पद पर पहुंचे हैं। राष्ट्रपति पद को छोड़ने के बाद, डॉ. कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के मानद फैलो एवं एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए।

ये रूद्रवीणा के वादन में भी कुशल थे। इस महान वैज्ञानिक ने 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में अपनी अंतिम सांसे ली। 30 जुलाई 2015 को इनको पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी. करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया।

डॉ. अब्दुल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से सम्मानित किया गया, जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।

डॉ. अब्दुल का जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है। आज डॉ. कलाम भले ही हमारे बीच नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi

विस्तृत निबंध –

प्रस्तावना –.

हमारा भारत देश बहुत-से ऋषियों-मुनियों और कर्मवीरों की जन्मभूमि है। इन्हीं में एक नाम डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का भी है, जो एक महान वैज्ञानिक ही नहीं अपितु देश के 11वें राष्ट्रपति भी थे। देश इन्हे ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम भी जानता है। डॉ. कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था, फिर भी वह भारत की नयी पीढ़ी के लिये प्रेरणा स्रोत हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। उन्होंने सिखाया कि जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं।

जीवन परिचय –

डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में धनुषकोडी गाँव के एक मध्यमवर्ग परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे और इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता का इनके जीवन पर गहरा असर पड़ा।

इनकी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम् में हुई। उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि ‘जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भली-भाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।’ वे कलाम से अत्यधिक प्रभावित थे। उच्च शिक्षा के लिए वे मद्रास इस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलोजी में दाखिल हो गए। डॉ. कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

वैज्ञानिक के रूप में योगदान –

स्नातक करने के उपरांत इन्हे अपने कैरियर की चिंता हुई। इन्होने वर्ष 1958 में बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की, जहाँ इन्होने अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए एक पराध्वनिक लक्ष्यभेदी विमान का डिजाइन तैयार किया। वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में आये, जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। यहाँ भी उनके काम की खूब प्रंशसा हुई।

इन्होने परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके द्वारा जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।

डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों का आविष्कार कर भारत की शक्ति को बढ़ाया तथा विश्वस्तर पर भी भारत के मान-सम्मान एवं गौरव को बढ़ाया। इन्होने अपने जीवन का अधिकांश समय अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में इनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। इनके कुशल नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनाई दी। भारत में बैलिस्टिक मिसाइल के विकास के लिये दिये गये अपने महान योगदान के कारण वह “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने गए।

राष्ट्रपति के रूप में योगदान –

डॉ. अब्दुल कलाम पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भारत के राष्ट्रपति थे। जब श्री के. आर. नारायणन का राष्ट्रपति पद से कार्यकाल पूरा हुआ, तभी डॉ. अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। 90% प्रतिशत बहुमत के साथ 25 जुलाई, 2002 को ये भारत के 11वें रष्ट्रपति बने। यह एक ऐसे राष्ट्रपति थे, जो अपनी मेहनत के बल पर झोंपड़ी से उठकर राष्ट्रपति पद पर पहुंचे हैं। 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक वह भारत के राष्ट्रपति पद पर सुशोभित रहे। इन्होने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पूरी निष्पक्षता और निष्ठा से कार्य किया।

राष्ट्रपति पद को छोड़ने के बाद, डॉ. कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के मानद फैलो एवं एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए। इन्होने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पढ़ाने का कार्य भी किया। डॉ. कलाम क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे तथा हिंदू संस्कृति में विश्वास रखते थे।

इन्होने अपने जीवनकाल में मर्मस्पर्शी कविताओं का सृजन किया और एक लेखक के रूप में ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’, ‘इग्नाइटेड माइंड्स : अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’, मॉय जर्नी, ‘एनविजनिंग अनएम्पावर्ड नेशन : टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटल ट्रांसफॉर्मेशन’ आदि कृतियों का निर्माण भी किया। ये रूद्रवीणा के वादन में भी कुशल थे।

डॉ. कलाम का जीवन सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों एवं राजनीति तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक जीवन को उच्च स्तर पर लाने के लिए भी वह समर्पित रहे। उनकी सोच एक राष्ट्रवादी सोच थी। भारत को एक सबल और सक्षम राष्ट्र बनाना उनका सपना था। इस महान वैज्ञानिक ने 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में अपनी अंतिम सांसे ली। 30 जुलाई 2015 को इनको पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी. करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया।

सम्मान एवं पुरस्कार –

डॉ. अब्दुल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से सम्मानित किया गया, जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि। भारत सरकार द्वारा इन्हे 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण का सम्मान प्रदान किया। 1997 में राष्ट्रपति श्री के० आर० नारायणन द्वारा इन्हे भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया, जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था।

इसके आलावा इन्हे लगभग 40 विश्वविद्यालयों द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्रदान की गयी थीं। कलाम के 79वें जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘विश्व विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाया गया था। स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने वर्ष 2005 में डॉ. कलाम के स्विट्ज़रलैंड आगमन के उपलक्ष्य में 26 मई को ‘विज्ञान दिवस’ घोषित किया।

उपसंहार –

डॉ. अब्दुल का जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है। डॉ. कलाम एक पूर्णतः धर्म निरपेक्ष वैज्ञानिक थे। वह भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद भी हमेशा देश कल्याण की चिंता में ही डूबे रहते हैं। उनकी योग्यता, सरलता और विनम्र स्वभाव के कारण सभी लोग उनसे आज भी प्रभावित हैं। आज डॉ. कलाम भले ही हमारे बीच नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे। हम उनके सपनों का भारत बनाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

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Apj abdul kalam essay in hindi.

Hello guys today we are going to discuss an APJ Abdul Kalam essay in Hindi. Who was APJ Abdul Kalam? We have written an APJ Abdul Kalam essay in Hindi. Now you can take an example to write APJ Abdul Kalam essay in Hindi in a better way. APJ Abdul Kalam essay in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में। Read Long and Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi.

hindiinhindi APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 300 Words

अब्दुल कलाम पर निबंध

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वर जिले के धनुषकोडि गाँव में 15 अक्टूबर सन् 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पाकीर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है। एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय इतिहास के 11वें सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति हैं। भारतीय लोग के दिलों में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के “मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं। वह एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन था जो एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी माता का नाम अशीयामा जैनुल्लाब्दीन था जो एक गृहिणी थीं।

डॉ. कलाम रामनाथपुरम के स्क्वार्टज मिशनरी हाईस्कूल से अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की और सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से बीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। डॉ. अब्दुल कलाम ने मद्रास तकनीकी संस्थान से एक वैमानिकी अभियंता के रूप में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने 1958 में डीआरडीओ (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में अपना करियर शुरू किया।

सन् 1963 में वे भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हुए और उन्हें एसएलवी-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया। उन्होंने स्वदेशी उपग्रह रॉकेट के डिजाइनिंग, विकास और प्रबंधन पर काम किया और कुछ समय बाद उपग्रह ‘रोहिणी’ को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण मिसाइल जैसे पृथ्वी, अग्नि, आकाश, आदि को विकसित एवं प्रक्षेपण करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत का नाम तकनीकी के क्षेत्र में आगे किया। डॉ. कलाम को अपने काम के लिए पद्मा श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वर्ष 1997 में उन्हें महानतम भारतीय पुरस्कार “भारत रत्न” प्रदान किया गया था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें जैसे ‘इंडिया 2020’ और ‘विंग्स ऑफ़ फायर’ लिखी हैं।

27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और वे बेहोश हो कर गिर पड़े। लगभग 6:30 बजे गंभीर हालत में उन्हें बेथानी अस्पताल में आईसीयू में ले जाया गया और दो घंटे के बाद इनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई। हमने भारत के महान बेटे को खो दिया है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपनी मातृभूमि के कल्याण के लिए समर्पित की। उनका जीवन और काम दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा साबित हुआ। डॉ एपीजे अब्दुल का जीवन एक इतिहास है जो सभी युवाओं के लिए सदेव एक प्रेरणा की कहानी होगी।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 325 Words

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो जनसाधरण में जनता के राष्ट्रपति के रुप में मशहूर हैं। उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर 15 अक्टूबर 1931 को एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में तमिलनाडु के रामेश्वरम् में हुआ था।

वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” भी कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में। एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था। हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। डॉ कलाम के निधन से समाज को जो अपूरणीय क्षति हुई है उसे भर पाना नामुमकिन है, परन्तु उनके आदशों पर चलकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अवश्य दे सकते हैं। ऐसे युगपुरूष, महान वैज्ञानिक, दार्शनिक, कर्मयोगी और खुशहाल भारत के स्वप्नदृष्टा को हम शत शत नमन करते हैं।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 400 Words

डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 में रामेश्वरम् में हुआ था। इनका परिवार बहुत साधारण था। इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय थी। इनके पिता रामेश्वरम् और धनुषकोटि के बीच नाव चलाकर अपनी जीविका चलाते थे। अब्दुल कलाम स्वयं अखबार बांटकर अपने पिता और परिवार की आर्थिक सहायता करते थे। परन्तु कलाम में अद्भुत लग्न, परिश्रम-क्षमता और दृढ़ता इच्छाशक्ति शुरू से ही रही है। आपने मद्रास (चेन्नई) के टेक्नॉलाजी इंस्टीट्यूट से इंजिनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया और फिर साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र में सेवारत हो गये। आगे चलकर वे इसरो और परमाणु शक्ति अनुसंधान केन्द्र से जुड़कर निरन्तर प्रगति करते गये और इनकी गणना भारत के उच्चतम वैज्ञानिकों में होने लगी।

आज वे भारत के प्रथम नागरिक और ग्यारहवें राष्ट्रपति हैं। इस महान पद पर पहुंचने के लिए इन्होंने कठोर परिश्रम, तपस्या तथा त्याग किया। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन कलाम है। राष्ट्रपति बनने से पहले वे प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार थे। डॉ. कलाम भारतीय मिसाइलों के जनक कहे जाते। हैं। मिसाइल मैन के रूप में आपने ‘‘अग्नि” तथा ‘पृथ्वी” जैसे प्रक्षेपास्त्रों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारी सुरक्षा के लिए प्रक्षेपास्त्र बहुत आवश्यक हैं। इनके विकास ने भारत को एक विश्वशक्ति बना दिया है।

सन् 1998 में पोखरण में किए गये परमाणु परीक्षण की सफलता में डॉ. कलाम की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। डॉ कलाम अविवाहित हैं और इन पर कुरान के अतिरिक्त भगवद् गीता का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। ये सच्चे कर्मयोगी हैं। सादा जीवने और उच्च विचार में इनकी गहरी आस्था है। इन्हें कविता लिखने और वीणा बजाने का शौक है। कलाम चाहते हैं कि देश तेजी से विकास करे और आने वाले दशक में विश्व के विकसित देशों में गिना जाने लगे।

उन्हें भारत के युवावर्ग से बड़ी आशाएं हैं। सन् 1997 में इनकी बहुमूल्य राष्ट्रीय सेवाओं के लिए इनको देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित किया गया। धर्म से मुसलमान होते हुए भी वह पूर्ण शाकाहारी हैं और धूम्रपान तक भी नहीं करते। सादगी, सदाचरण व उत्कृष्ट राष्ट्र भक्ति के एक श्रेष्ठ उदाहरण डॉ. कलाम का जीवन सर्वथा अनुकरणीय है। उनकी दृष्टि में राष्ट्र सर्वोपरि है। एक सुदृढ़, समृद्ध, पूर्णत: शिक्षित, शक्तिसम्पन्न और विकसित भारत का सपना वे यथाशीघ्र साकार करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सारी शक्ति, चेतना और बुद्धि इसी कार्य के लिए लगा रखी है। आपको बच्चों से बहुत प्यार है क्योंकि ये ही भविष्य के कर्णधार हैं।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 500 Words

“मिसाइल मैन” के नाम से प्रसिद्ध भारत के बारहवें राष्ट्रपति डॉ. अबुल पाकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (ए. पी. जे अब्दुल कलाम) थे।

तामिलनाडु के प्रसिद्ध धर्मस्थान रामेश्वर के धनुषकोटी गांव में माँ आशियम्मब, पिता जैनुलाबदीन के घर में इनका जन्म 15 अक्तूबर 1931 ई. को एक मुस्लिम परिवार में हुआ। पिता नौका बनाने का काम करते थे, आमदनी अधिक नहीं थी। बचपन से ही वह तीव्र बुद्धि के बालक थे। वह तीन किलोमीटर की दूरी से अख़बार के बंडल लाकर शहर में अख़बार बाँटते। अपनी मेहनत एवं लगन से स्कूल एवं कॉलेज की शिक्षा शानदार ढंग से प्राप्त की। मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नालॉजी में एरोनोटिकल इंजीनिरिंग में दाखिला लेकर अपने सपनों को सच करने लगे। यहीं से उन्होंने एक रॉकेट इंजीनियर एयरोस्पेस इंजीनियर व तकनीक वैज्ञानिक की कुशलता प्राप्त की। बाद में उन्हें विज्ञान में सर्वोच्च उपाधि ‘डाक्टरेट’ मिली। राष्ट्रपति बनने से पूर्व कॉलेज में विज्ञान के शिक्षक रहे। बाद में वे कई उच्च सरकारी पदों पर कार्य करते रहे। उन्हें प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार का पद भी प्रदान किया गया।

सन् 1963 में भारत के पहले राकेट-उड़ान व अन्य उड़ानों में इनके योगदान को देखते हुए, सन् 1975 में आप डी. आर. डी. ओ. के रॉकेट विशेषज्ञ बन गए। एस. एल. वी. की सफलता के बाद आप प्रधानमंत्री के विज्ञान और तकनीकी सलाहकार बन गए। उनकी सफलताओं में प्रमुख है-अग्नि, नाग, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि शामिल शक्तिशाली मिसाइलों की सफलता ने तो आपको “मिसाइल मैन” बना दिया। सन् 1990 में आपको “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया।

वह सादा जीवन, उच्च विचार की जीती-जागती मूर्ति थे। वे जब खाली होते थे तो कविताएँ लिखकर या वीणा बजाकर अपना मन बहलाते। “मेरा देश किसी भी देश से तकनीक न खरीदे, यही उनका उद्देश्य था।” उन्हीं के परिश्रम के कारण ही भारतीय सेना की गणना दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में होती है। विभिन्न सफलताओं के कारण उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत-रत्न’ से 1997 में सम्मानित किया गया। नोबल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमण के बाद सर्वोच्च सम्मान पाने वाले ये दूसरे वैज्ञानिक हैं। डॉ.कलाम के योगदान स्वरूप सन् 1998 में भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो विश्व के विकसित राष्ट्रों की आँखें चुंधिया गई और भारत के गौरव के प्रति चकित हो गए।

“सपना वह नहीं है जो आपने नींद में देखा, सपना वह है जो आपको नींद ही न आने दे।”

मिसाइलों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख धातु कार्बन की खोज डॉ. कलाम ने की। उसी धातु का प्रयोग हैदराबाद के निज़ाम इंस्टीच्यूट ऑफ मैडिकल साइंस में अपंग बच्चों की छड़ी बनाने में हो रहा है जो अपंग बच्चों को तेज़ भागने में सहायक सिद्ध हुई है।

डॉ. अब्दुल कलाम ने अपनी मेहनत, लगन एवं इच्छा शक्ति से फर्श से अर्श तक जीवन की उड़ान भरी किन्तु अपनी सरलता, सादगी, संस्कार नहीं छोड़े। राष्ट्रीय वृक्ष बरगद की तरह अपनी संस्कृति से सदैव जुड़े रहे इसलिए इनका जीवन अनुकरण के योग्य है।

एक वैज्ञानिक हृदय में अध्यात्म, कवि हृदय संगीत-प्रियता सचमुच उन्हें महान व्यक्तित्व की गरिमा देती है। उनको अपने काम से इतना लगाव था कि निजी जीवन के विषय में उन्हें सोचने तक का समय नहीं मिला। इनका अविवाहित जीवन इसका प्रमाण है किन्तु कोमल मानवीय गुणों से भरपूर ये बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। शिक्षक के तौर पर इनके ये वचन बहुत प्रेरणादायक हैं जो प्रत्येक छात्र को धारण करना चाहिए : “इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।”

27 जुलाई 2015 की शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में भारतीय प्रबन्ध संस्थान में भाषण दे रहे थे कि अचानक हृदयघात होने से देहान्त हो गया। इनका संस्कार 30 जुलाई 2015 को सैन्य सम्मान के साथ रामेश्वरम् नगर में किया गया।

हमें अपने पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक “मिसाइल मैन” और डॉ. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम पर गर्व है, वे हमेशा छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे। इसलिए वे भारत के “युवा प्रतिरूप” (Youth Icon) हैं। देश के युवा अगर उनके बताए गए मार्ग पर चलें, तो सन् 2025 तक भारत विकसित देश कहलाएगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।

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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay On Dr APJ Abdul Kalam

Apj abdul kalam essay in hindi 2022: दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज पूण्यतिथि मनाई जा रही है। भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के का.

APJ Abdul Kalam Essay In Hindi 2022: दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मनाई जा रही है। अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। अब्दुल कलाम ने विज्ञान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया। अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के निर्माण में मदद की, जिसकी वजह से अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाने जाते है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो और भारत को परमाणु शक्ति बनाने में में उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी रही है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की उपलब्धियों के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यदि आपको डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिखना है तो करियर इंडिया हिंदी आपके लिए बेस्ट डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिखने का ड्राफ्ट लेकर आया है। जिसकी मदद से आप आसानी से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिख सकते हैं।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay On Dr APJ Abdul Kalam

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay On APJ Abdul Kalam एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ। कलाम ने भारत के लिए कई मिसाइलें बनाई। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम ने भारत के लिए अग्नि और पृथ्वी जैसी विभिन्न मिसाइलों का निर्माण किया, इसलिए उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है। अब्दुल कलाम जी हमेशा अपनी सादगी और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। अब्दुल कलाम का काम के प्रति समर्पण और राष्ट्रवादी सोच के लिए हमेशा देश के युवाओं को प्रेरित करते रहे।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उस समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी इसलिए कम उम्र से ही उन्होंने अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना शुरू कर दिया था। लेकिन उन्होंने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी। अपने परिवार का समर्थन करने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के सदस्य भी थे। देश के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अनगिनत योगदान है, लेकिन वह अपने सबसे बड़े योगदान के लिए सबसे प्रसिद्ध थे जो कि अग्नि और पृथ्वी नाम से मिसाइलों का विकास है।

महान मिसाइल मैन 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने। उनकी अध्यक्षता अवधि के दौरान, सेना और देश ने कई इतिहास रचे, कलाम ने राष्ट्र के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने खुले दिल से देश की सेवा की। अपने कार्यकाल के अंत में राष्ट्रपति कार्यालय छोड़ने के बाद डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने फिर से छात्रों को पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने देश भर में स्थित भारत के कई प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए काम किया। उन्होंने अपने एक सन्देश में कहा था कि उनके अनुसार देश के युवा बहुत प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें अपनी योग्यता साबित करने के लिए अवसर चाहिए।

अपने जीवनकाल के दौरान डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को न केवल भारतीय संगठन और समितियों द्वारा बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और समितियों द्वारा भी सम्मानित किया गया था। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं लेकिन उनकी सबसे उल्लेखनीय कृति 'इंडिया 2020' थी, जिसमें भारत को एक महाशक्ति बनाने की कार्य योजना शामिल थी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सादगी और सत्यनिष्ठा के व्यक्ति थे। वह काम में इतना व्यस्त रहते थे कि वह सुबह जल्दी उठते और आधी रात तक काम करते थे।

2015 में उनका में अचानक कार्डियक अरेस्ट आने से उनका निधन हो गया, इस दौरान वह शिलांग में छात्रों को व्याख्यान देने जा रहे थे। वह एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक और एक अग्रणी इंजीनियर थे, जिन्होंने देश के लिए अपना पूरा जीवन दिया और देश की सेवा करते हुए उनकी मृत्यु हो गई। वह हमेशा युवाओं को प्रेरित करते रहे, आज के युवाओं के लिए उनके आदर्श पर चलना बड़े सौभाग्य की बात होगी।

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

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अब्दुल कलाम पर 10 लाइन (10 Lines On APJ Abdul Kalam In Hindi)

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on apj abdul kalam in hindi 200-300 words), एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 400-500 शब्दों में (essay on apj abdul kalam in hindi 400-500 words), एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में रोचक तथ्य (interesting facts about apj abdul kalam in hindi).

  • आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो , लेकिन कुछ लोगों के लिए देश प्रेम और उसका सबसे ऊपर होता है। जिस महान व्यक्तित्व की हम बात कर रहे हैं वो है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम। इनका पूरा नाम ‘ अवुल पकिर जैनुलाबदीन ‘ अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम , तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबुद्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के लोगों के दिलों में उनकी पहचान हमेशा से ‘ जनता के राष्ट्रपति ‘ और ‘ मिसाइल मैन ‘ के नाम से बनी हुई है। कलाम एक बेहद प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे , जिन्होंने कई तरह के आविष्कार किए हैं। इनका इसरो (ISRO) में बेहतरीन योगदान रहा है और इन्होंने कई तरह की मिसाइल का विकास भी किया था। सबसे प्रसिद्ध मिसाइल ‘ पृथ्वी ‘ और ‘ अग्नि ‘ के विकास में इन्होने अहम भूमिका निभाई थी। इनके इस योगदान की वजह से भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक के रूप में सम्मानित किया गया। ऐसे महान व्यक्ति के बारे आप कैसे निबंध लिखें यह जाने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

एपीजे अब्दुल कलाम बहुत सरल स्वभाव के जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। यह दुनिया भर में युवाओं के लिए प्रेरणा थे और हैं। आप हिंदी में एपीजे अब्दुल कलाम पर शॉर्ट नोट के तौर नीचे दी गए 10 आसान वाक्य से उनके बारे में जान सकते हैं।

  • अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुलाब्दीन’ अब्दुल कलाम आजाद है।
  • इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 तमिल नाडु में हुआ था।
  • इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था
  • इन्होंने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया।
  • इन्हें भारत का ‘ मिसाइल मैन ‘ कहा जाता है।
  • कलाम एक अच्छे लेखक थे।
  • कलाम एयरोनॉटिकल इंजीनियर भी थे।
  • अब्दुल कलाम 2002 में देश के 11 वें राष्ट्रपति बने थे।
  • इन्हें भारत रत्न , पद्म विभूषण , पद्म भूषण आदि जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
  • 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से इनकी मृत्यु हो गई।

स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है , हमारे लिए प्रेरणा है और देश लिए गर्व। बच्चे अगर इन्हे अपना आदर्श मानेगे तो कल वो खुद भी देश कुछ कर सकेंगे। नीचे दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में पैराग्राफ उनके बारे में बच्चों को काफी कुछ जानकारी दे सकता है और उन्हें एक अच्छा लेख लिखने में मदद कर सकता है।

डॉ . एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। राष्ट्रपति बनने से पहले उनका नाम एक वैज्ञानिक के तौर पर काफी प्रसिद्ध था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम बहुत गरीब परिवार से आते थे और अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए वे स्टेशन पर अखबार बेचते थे। इनका बचपन से ही पढ़ाई के प्रति अधिक रुझान था। 25 जुलाई 2002 में वह भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल उन्होंने साल 2002 से 2007 तक संभाला था। अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद कलाम ने ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीओ ‘ जैसे बड़े सरकारी विभाग में कई प्रमुख पदों पर काम किया था। इसके बाद भारत सरकार ने कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का पद नियुक्त किया था। भारत के लोगों ने उन्हें एक महान राष्ट्रपति होने का दर्जा दिया था। कलाम हमेशा से ही बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत थे , हैं और रहेंगे। उन्होंने हमेशा बच्चों को नया सीखने और अपने अंदर की कला तलाशने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। डॉ कलाम आज भी भारत की जनता के दिलों में एक महान राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में बसते हैं। 27 जुलाई 2015 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में अपने लेक्चर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा , जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।

Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। युवाओं के लिए कलाम किसी प्रेरणा से कम नहीं थे , शायद यही वजह थी वह उनके लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। डॉ कलाम एक प्रख्यात वैज्ञानिक थे , जिन्होंने भारत सरकार की नामी संस्था जैसे ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीडो ‘ के साथ कार्य किया था। इन्होंने देश के लिए कई मिसाइल बनाई है , जिसमे सबसे लोकप्रिय ‘ अग्नि ‘ और ‘ पृथ्वी ‘ थीं। काम को लेकर इनकी इस लगन और देश के लिए किए गए कई योगदानों की वजह से भारत सरकार ने इन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी नवाजा है। भारत के वैज्ञानिक विकास में इनका योगदान काबिले तारीफ है।

एपीजे अब्दुल कलाम का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of APJ Abdul Kalam)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम जी के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था जो कि एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थें और उनकी माता का नाम आशियम्मा था। कलाम के 4 भाई – बहन थे , जिनमें वह सबसे छोटे थें। इनका बचपन बहुत ही कठिनाई में बिता है क्योंकि यह एक गरीब परिवार से थें। घर के खर्चों और अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के लिए कलाम जी ने अखबार बेचने का काम भी किया था। बचपन में वह पढ़ाई में एक औसत छात्र थे , लेकिन इनके अंदर कुछ नया सीखने और बड़ा कर दिखाने की ललक हमेशा से थी। इनकी इस लगन को देखते हुए इनके शिक्षक भी उन्हें पसंद करते थे। यह पढ़ाई करने में बहुत समय बिताते थें , खासकर की गणित में क्योंकि यह उनका पसंदीदा विषय था। इनकी शुरूआती शिक्षा रामनाथपुरम के श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई , जिसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में पढ़ाई की। वहां से उन्होंने 1954 में भौतिकी ( फिजिक्स ) विषय में स्नातक किया। इसके बाद साल 1960 में अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया था।

अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक करियर (Scientific career of Abdul Kalam)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने बाद डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम करने लगे थें। इस बीच इन्होने प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था। साल 1969 में डॉ कलाम डीआरडीओ को छोड़कर इसरो (ISRO) में शामिल हो गए। इसरो में इनको प्रोजेक्ट डायरेक्टर का पद दिया गया था। इसी पद पर काम करते समय साल 1980 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट ( रोहिणी ) पृथ्वी के ऑर्बिट पर स्थापित किया था। इसरो में शमिल होने के बाद डॉ कलाम बेहद खुश थें क्योंकि उनका मानना था कि जिस उद्देश्य से वह अपना जीवन जी रहे हैं , वह अब थोड़ा – थोड़ा कर के पूरा हो रहा है। साल 1963-64 में अब्दुल कलाम ने अमेरिकी संस्था नासा (NASA) में भी दौरा किया। भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहले परमाणु परिक्षण में डॉ कलाम को बुलाया था। ऐसे करते करते वह देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के तौर पर उभर कर सबके सामने आने लगे।

एपीजे अब्दुल कलाम का राजनीतिक जीवन (Political Life of APJ Abdul Kalam)

राजनीती में आने से पहले ही डॉ कलाम देश में अपने कार्यों से मशहूर थें। पहली बार जून 2002 में रूलिंग पार्टी एनडीए ( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ) ने कलाम का नाम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। कलाम की इस उम्मीदवारी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समर्थन भी मिला था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति के . आर . नारायणन ने डॉ कलाम के लिए जगह बनाने के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। कलाम के विपरीत सिर्फ एक विरोधी लक्ष्मी सहगल थीं। लेकिन कलाम जी की कौशलता और लोकप्रियता के कारण यह चुनाव एक तरफा रहा जिसमे कलाम की विजय हुई। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और वह देश के 11 वें राष्ट्रपति बने।

एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार ( APJ Abdul Kalam Awards)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं , उनकी इस काबिलियत को समझते हुए उन्हें कई पुरस्कार और उपलब्धियों से नवाजा गया है। भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार ये रहें –

  • पद्म भूषण (1981)
  • पद्म विभूषण (1990)
  • भारत रत्न (1997)
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1997)
  • वीर सावरकर (1998)

एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु (Death Of APJ Abdul Kalam)

27 जुलाई 2015 को डॉ कलाम ने शिलांग के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 84 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। कॉलेज में अपने लेक्चर के दौरान डॉ कलाम को दिल का दौरा पड़ा और वह वहीँ बेहोश हो गए। अस्पताल ले जाने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामेश्वरम में 30 जुलाई 2015 को हुआ था। इस में देश के प्रधानमंत्री और कई जाने – माने मंत्री आदि शामिल हुए थे।

  • डॉ अब्दुल कलाम ने कभी भी शादी नहीं की थी।
  • कलाम को 40 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।
  • पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण में कलाम का अहम योगदान था।
  • मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद डॉ कलाम शाकाहारी थे।
  • यह भारत के पहले अविवाहित राष्ट्रपति बने थे।
  • इनसे प्रेरित होकर साल 2011 में ‘ आई एम कलाम ‘ नाम की फिल्म रिलीज हुई थी।
  • इनके अंतिम संस्कार में लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।

आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से ? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रख्यात और प्रतिभा से भरे वैज्ञानिक और बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे , जो हमेशा से भारत के विकास के बारें में सोचते थे। भारत के वैज्ञानिक विभाग में इनका योगदान बेमिसाल रहा है। डॉ कलाम बच्चों को बहुत पसंद करते थें और उन्हें हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित भी किया करते थे। बच्चे भी इन्हें अपना आदर्श मानते थें , हैं और रहेंगे। ऐसे में डॉ कलाम के इस निबंध से बच्चे और भी ज्यादा प्रेरित होंगे और उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। हमारे देश के इस प्रतिभाशाली पुरुष के बारें में हर किसी को ज्ञान होना जरूरी।

1. डॉ कलाम द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा का क्या नाम है ?

डॉ कलाम की आत्मकथा का नाम ‘ विंग्स ऑफ फायर ‘ है।

2. मृत्यु के दौरान कलाम ने कौन सा व्याख्यान दिया था ?

डॉ कलाम द्वारा उनकी मृत्यु के दिन दिया गया व्याख्यान ‘ क्रिएटिंग अ लिवेबल प्लैनेट अर्थ ‘ था।

3. एपीजे अब्दुल कलाम ने कौनसा ई – पेपर लॉन्च किया था ?

कलाम ने ‘ बिलियन बीट्स ‘ नाम का ई – पेपर का नाम लॉन्च किया था।

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Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – essay on dr. a.p.j. abdul kalam in hindi.

संकेत बिंदु –

  • शिक्षा-दीक्षा
  • राष्ट्रपति डॉ कलाम
  • सादा जीवन उच्च विचार निबंध-लेखन
  • मिसाइल मैन डॉ० कलाम
  • सम्मान एवं अलंकरण

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना – भारत भूमि ऋषियों-मुनियों और अनेक कर्मवीरों की जन्मदात्री है। यहाँ अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं तो देश का नाम शिखर तक ले जाने वाले वैज्ञानिक भी हुए हैं। इन्हीं में एक जाना-पहचाना नाम है- डॉ० ए०पा. ने० अब्दुल कलाम का जिन्होंने दो रूपों में राष्ट्र की सेवा की। एक तो वैज्ञानिक के रूप में और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में। देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता-पहचानता है।

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

जीवन-परिचय – डॉ० कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता पढ़े-लिखे मध्यमवर्गीय व्यक्ति थे जो बहुत धनी न थे। इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता और रामेश्वरम मंदिर के पुजारी में गहरी मित्रता थी, जिसका असर कलाम के जीवन पर भी पड़ा। इनके पिता रामेश्वरम् से धनुषकोडि तक आने-जाने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए नौकाएँ बनवाने का कार्य किया करते थे।

Essay On Dr. A.P.J. Abdul Kalam In Hindi

शिक्षा-दीक्षा – डॉ० कलाम की प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु में हुई। इसके बाद वे रामनाथपुरम् के श्वार्ज़ हाई स्कूल में भर्ती हुए। हायर सेकंडी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पूरी करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया। यहाँ चार साल तक पढ़ाई करने और बी०एस०सी० प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने ‘हिंदू पत्रिका’ में विज्ञान से संबंधित लेख-लिखने लगे। उन्होंने एअरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी किया।

मिसाइल मैन डॉ० कलाम – डॉ० कलाम को अपने कैरियर की चिंता हुई। वे भारतीय वायुसेना में पायलट पद के लिए चुने गए पर साक्षात्कार में असफल रहे। इसके बाद वे वर्ष 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। उनकी पहली नियुक्ति हैदराबाद में हुई। वहाँ वे पाँच वर्षों तक अनुसंधान सहायक के रूप में कार्य करते रहे। उन्होंने यहाँ वर्ष 1980 तक कार्य किया और अंतरिक्ष विज्ञान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया गया। मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक ले जाने के कारण उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है।

राष्ट्रपति डॉ० कलाम – भारत के गणराज्य में 25 जुलाई, 2002 को वह सुनहरा दिन आया, जब मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ० कलाम ने राष्ट्रपति का पद सुशोभित किया और इसी दिन पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। यद्यपि उनका संबंध राजनीति की दुनिया से कोसों दूर था फिर भी संयोग और भाग्य के मेल से उन्होंने भारत के बारहवें राष्ट्रपति के रूप में इस पद को सुशोभित किया। उन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए निष्पक्षता और पूरी निष्ठा से कार्य किया।

सम्मान एवं अलंकरण – डॉ० कलाम ने जिस परिश्रम से परमाणु एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक पहुँचाया उसके लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित एवं अलंकृत किया गया। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म विभूषण एवं वर्ष 1990 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले वे देश के तीसरे वैज्ञानिक हैं।

सादा जीवन उच्च विचार – डॉ० कलाम पर गांधी जी के विचारों का प्रभाव था। वे सादगीपूर्वक रहते थे। उनके विचार अत्यंत उच्च कोटि के थे। वे बच्चों से लगाव रखते थे। वे विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करते थे। वे आज का काम आज निपटाने में विश्वास रखते थे। बच्चों को प्यार करने वाले डॉ० कलाम की मृत्यु भी बच्चों के बीच सन् 2015 में उस समय हुई जब वे उनके बीच अपने अनुभव बाँट रहे थे।

उपसंहार – डॉ० कलाम अत्यंत निराभिमानी व्यक्ति थे। वे परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ थे। एक वैज्ञानिक होने के साथ ही उन्होंने मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई पर पहुँचाया तो राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने देश की प्रगति में भरपूर योगदान दिया। उनका जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

StoryRevealers

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

by StoriesRevealers | May 8, 2020 | Essay in Hindi | 1 comment

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।

उनकी माँ आशियम्मा एक देखभाल करने वाली और प्यार करने वाली गृहिणी थीं। एपीजे अब्दुल कलाम घर के कई बच्चों में से एक थे। वह उस पैतृक घर में रहते थें और अपने बड़ें परिवार के एक छोटे से सदस्य थे।

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एपीजे अब्दुल कलाम लगभग 8 वर्ष के बच्चे थे। वह युद्ध की जटिलता को नहीं समझ सकते थे। लेकिन उस दौरान बाजार में अचानक इमली के बीज की मांग बढ़ने लगी। और उस अचानक मांग के लिए, कलाम बाजार में इमली के बीज बेचकर अपनी पहली मजदूरी अर्जित करने में सक्षम हुए। उन्होंने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया है कि वह इमली के बीज एकत्र करते थे और उन्हें अपने घर के पास एक प्रावधान की दुकान में बेचते थे।

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युद्ध के दिनों के दौरान उनके बहनोई जल्लालुद्दीन ने उन्हें युद्ध की कहानियों के बारे में बताया। बाद में कलाम को दिनामनी नामक अखबार में युद्ध की उन घटनाओं का पता चला। अपने बचपन के दिनों में, एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने चचेरे भाई समसुद्दीन के साथ समाचार पत्र बाटने का काम भी किए।

एपीजे अब्दुल कलाम बचपन से ही एक प्रतिभाशाली बच्चे थे। उन्होंने शवार्ट्ज हायर सेकेंड्री स्कूल, रामनाथपुरम से हाई स्कूल पास किया और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाख़िला लिया। और वहाँ से उन्होंने अपनी विज्ञान में ग्रेजुएशन कि डिग्री प्राप्त की। और 1958 में वह DRDO में काम करने लगे। बाद में वह ISRO में चले गए। जहाँ वह SLV3 प्रोजेक्ट के मुख्य प्रशिक्षक बन गए। यह उल्लेख करने के लिए उपयुक्त है कि अग्नि, आकाश, त्रिशूल, पृथ्वी आदि मिसाइलें उस परियोजना का हिस्सा थी। 

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एपीजे अब्दुल कलाम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2011 में IEEE Honorary सदस्यता से सम्मानित किया गया। 2010 में वाटरलू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। सिवाय इसके एपीजे कलाम को 2009 में यूएसए के एएसएमई फाउंडेशन से हूवर मेडल भी मिला, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए से उन्हें (2009) में इंटरनेशनल वॉन कॉरमैन विंग्स अवार्ड मिला और, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर से उन्हें डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (2008) में सम्मानित किया गया, किंग चार्ल्स 2 मेडल, यूके 2007 में और इसके इलावा और भी बहुत कुछ। उन्हें भारत सरकार द्वारा द भारतरत्न,  पदम् विभूषण, पदम् भूषण से भी सम्मानित किया गया है।

एपीजे अब्दुल कलाम का यह लेख अधूरा रहेगा यदि मैं देश के युवाओं के प्रति उनके योगदान का उल्लेख नहीं करता। डॉ। कलाम ने हमेशा देश के युवाओं को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रेरित करके उनके जिवन को सफल बनाने का प्रयास किया। अपने जीवनकाल के दौरान डॉ कलाम ने कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और छात्रों के बीच अपना बहुमूल्य समय दिया।

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दुर्भाग्य से, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु को हमेशा भारतीयों के लिए सबसे दुखद क्षणों में से एक माना जाएगा। वास्तव में, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। अगर आज एपीजे अब्दुल कलाम होते तो भारत और तेजी से विकसित होता।

Thanks for Reading: Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Srikanth

Fine way of describing, and fastidious article to get data regarding my presentation topic, which i am going to present in school.

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    ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी - A. P. J. Abdul Kalam Biography in Hindi. वास्तविक नाम (Real Name) ... THIS ESSAY IS VERY INTERESTING. I GET ALL INFORMATION HERE ABOUT A. P. J. ABDUL KALAM JI. THANKS. Reply. Kumar Devesh.

  11. Essay on apj abdul kalam in hindi, article, paragraph: एपीजे अब्दुल

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  14. APJ Abdul Kalam Essay for Students and Children

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  15. Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

    Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi (डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध). डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम की व्यक्तिगत जीवन, राजनैतिक जीवन, उपलब्धियां के बारे में जानेगे I

  16. Dr. A.P.J. Abdul Kalam: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 20 लाइन

    एपीजे अब्दुल कलाम" (A.P.J. Abdul Kalam) जिन्हें हम "मिसाइल मैन" के नाम से भी जानते हैं। ... Revise with short form content Learn through pre-recorded courses ... Acharya Chatursen Shastri in Hindi Essay on Earthquake : कैसे ...

  17. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

    ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi लघु निबंध - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक ही नहीं अपितु देश के 11वें राष्ट्रपति भी थे। देश इन्हे ...

  18. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

    APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 500 Words. अब्दुल कलाम पर निबंध. "मिसाइल मैन" के नाम से प्रसिद्ध भारत के बारहवें राष्ट्रपति डॉ. अबुल पाकीर जैनुलाबदीन अब्दुल ...

  19. Essay On Dr APJ Abdul Kalam

    APJ Abdul Kalam Essay In Hindi 2022: The birth anniversary of Dr APJ Abdul Kalam, one of the great scientists of the world, is being celebrated. Abdul Kalam's full name was Dr. Avul Pakir Jainullabdeen Abdul Kalam. Abdul Kalam was born on 15 October 1931 in Rameswaram, Tamil Nadu. His father's name was Jainullabdeen and mother's name was Ashiamma.

  20. अब्दुल कलाम के भाषण "हम भारत के लिए क्या कर सकते हैं?"

    अब्दुल कलाम के भाषण "हम भारत के लिए क्या कर सकते हैं?" | Speech of A.P.J. Abdul Kalam on "What Can We Do for India ?" in Hindi Language! भारत के सन्दर्भ में मेरे तीन स्वप्न है । हमारे इतिहास के तीन हजार ...

  21. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

    एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 200-300 Words) स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है, हमारे लिए ...

  22. Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

    ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध - Essay On Dr. A.P.J. Abdul Kalam In Hindi संकेत बिंदु - प्रस्तावना शिक्षा-दीक्षा राष्ट्रपति डॉ कलाम सादा जीवन उच्च विचार निबंध-लेखन जीवन-परिचय ...

  23. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

    Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi - A short autobiography about Dr. Abdul Kalam his journey and initiative for the progress of Indian Aeronautics. [email protected]. ... Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi. 1 Comment. Srikanth on May 26, 2020 at 9:50 am Fine way of describing, and fastidious article to get data regarding my presentation ...