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मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर, मतलब वो स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो। हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ की उपमा दी गयी है। मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध आदि लिखने को दिया जाता रहता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से हमारी ढ़ेरो यादे जुड़ी रहती है। इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

मेरा विद्यालय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School in Hindi, Mera Vidyalaya par Nibandh Hindi mein)

मेरा विद्यालय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मेरे विद्यालय में पठन पाठन उच्च स्तर का है। मेरे विद्यालय में शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए, विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है। मेरा विद्यालय सारी सुविधाओं से लैस है।

मेरे विद्यालय का स्थान

मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर, बेहद शांत माहौल में विद्यमान है। इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। जिस कारण वातावरण शुध्द रहता है और हमें शुध्द वायु भी मिलती है। मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है।

पठन पाठन का तरीका

हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मेरे विद्यालय में प्रायोगिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है। हमारे शिक्षक हमारे भीतर कौशल के विकास पर भी ध्यान देते है।

हमारा और सरकार का यह दायित्व है की हमारा विद्यालय आदर्श विद्यालय बने। हमारे विद्यालय से आदर्श विद्यार्थी निकलने चाहिए, जो राष्ट्र को नई दिशा दे सके। 

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्यालय की भूमिका

मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है। हमारा विद्यालय हमारे भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी उपयोगिता कोई नज़रअंदाज नहीं कर सकता। विद्यालय ही है, जो हमें सामान्य से विशेष बनाता है। हमारी छिपी प्रतिभा को खोज निकालता है। हमारा स्वयं से साक्षात्कार कराता है।

विद्यालय की परिभाषा

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

विद्यालय की परिकल्पना

विद्यालय की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी।

विद्यालय की भूमिका

जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है, रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय सरकारी और निजी दोनों प्रकार होते है। आजकल ऐसी लोगों की धारणा हो गयी है कि केवल निजी विद्यालयों में ही पढ़ाई होती है। यह धारण गलत है। इसी बात का लाभ ढ़ेरो  विद्यालय वाले उठाते है। हर माता-पिता अपने बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते है। किंतु सबकी हैसियत इतनी नहीं होती कि वो इन विद्यालयों की मोटी शुल्क राशि को भर सकें।

आजकल शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है। सभी केवल अपनी जेब भरने में लगे है। बच्चों के भविष्य की किसी को चिंता नहीं है। दिन पर दिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। विद्यालय ही तो वो जरिया होता है, जहां से देश के भविष्य का सृजन होता है। सरकार ने इस संबंध में कई नियम बनाये हैं। किन्तु पालन तो आम जनता को ही करना है।

निबंध 3 (500 शब्द) – विद्यालय की विशेषताएं व प्रकार

मेरे विद्यालय का नाम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। मेरे विद्यालय का परिसर काफी बड़ा है। मेरे विद्यालय में दो-दो मंजिल की चार इमारतें है। इसके चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ लगे हुए है। इसमें बड़े-बड़े पचास से भी ज्यादा कमरे है। हर कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियां और दो-दो दरवाजे है। बड़े-बड़े तीन खेल के मैदान है। साथ में लगा हुआ बास्केट-बॉल कोर्ट भी है।

हमारे विद्यालय में पचास से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। सभी बहुत ही सहृदयी और मिलनसार है। बच्चों की हर संभव सहायता करते है।

विद्यालय की विशेषताएं

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) और शिक्षा का अधिकार 2009 (RTE 2009) ने कुछ मानक तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालय की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में प्रोन्नति हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। जो बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। RTE 2009 ने विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका बतायी है। विद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखे।

मानक के अनुसार कुछ विशेषताएं अधोलिखित हैं-

  • शांत वातावरण होना चाहिए।
  • ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालय का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • नियमित गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय होना चाहिए।
  • अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर बल देना चाहिए ।
  • विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए
  • अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए।
  • सी० बी० एस० ई० के निर्देशानुसार सत्र 2009 – 2010 से ही कक्षा 9 व् 10 में भी अंको के स्थान पर ग्रेडिंग व्यवस्था लागू कर दिया गया है, जिसका पालन होना चाहिए।
  • शीतल पेय-जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए ।
  • शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए।
  • विद्यालय की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए ।

विद्यालय के प्रकार

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे

  • आंगनवाड़ी – आंगनवाड़ी में सामान्यतः छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय – प्राथमिक पाठशाला में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • माध्यमिक विद्यालय – इस व्यवस्था में प्रथम से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है। कभी-कभी यह कक्षा छः से आठ तक भी होती है।
  • उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – बारहवीं तक की शिक्षा यहां संपादित होती है।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में रहने योग्य बनाता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को ही याद करते हैं।

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FAQs: Frequently Asked Questions on My School (मेरा स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सन 1715 में, संत जॉर्ज एंग्लो-इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई में है।

उत्तर- तक्षशिला

उत्तर- सन 1848 में सावित्री बाई फुले ने देश का पहला बालिका विद्यालय खोला था।

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मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

इस लेख में आप मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi पढ़ सकते है। जिसे बेहद ही सरल भाषा में लिखा है। मेरे विद्यालय पर निबंध कक्षा 3 से 8 तक परीक्षाओं में विभिन्न रूपों से पूछा जाता है।

इसमें हमने प्रस्तावना, मेरे विद्यालय का नाम, अनुशासन, शिक्षक, पुस्ताकालय, वार्षिकोत्सव, तथा 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi)

किसी भी राष्ट्र के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान होता है। बच्चे किसी भी देश की वास्तविक निधि होते हैं क्योंकि शिक्षा के जरिए यही भविष्य में बड़े-बड़े डॉक्टर, नेता, पुलिस और कलाकार आदि बनते हैं।

बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षा स्थानों की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है। विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बना है विद्या+आलय।

शिक्षा प्राप्त करने का प्राथमिक स्रोत विद्यालय होता है जहां सभी बच्चों को शुरुआत से शिक्षा प्रदान की जाती है। विद्यालय में सभी बच्चे अनुशासन के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं। अनुशासन तोड़ने पर शिक्षकों द्वारा बच्चों को सजा भी दी जाती है।

विद्यालय में सभी कक्षाओं के लिए अलग-अलग शिक्षक होते हैं जो बच्चों को विभिन्न विषयों का ज्ञान देते हैं। विद्यालयों में कई कमरों की सुविधाएं होती है जिसमें बेंच पर बैठकर बच्चे अपनी पढ़ाई करते हैं। यहां के सभी कमरे हवादार और रोशनी वाले होते हैं।

हर वर्ष बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए अलग-अलग प्रकार के महोत्सव का आयोजन किया जाता है। सभी बच्चे बड़े हर्षोल्लास के साथ प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं जिसमें जीतने वाले को इनाम भी दिया जाता है।

हमारे विद्यालय का नाम Our School Name in Hindi

मेरे विद्यालय का नाम विवेकानंद हाई स्कूल है जो पूरे शहर में प्रख्यात विद्यालयों में से एक है। मेरे विद्यालय में कुल एक से लेकर 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है।

हमारे विद्यालय में कुल दो हज़ार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इसके अलावा बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कुल एक सौ पचास शिक्षक और आठ चपरासी हैं।

मेरे विद्यालय में बिजली की अच्छी व्यवस्था है तथा आवश्यकता के लिए जनरेटर भी लगाया गया है। बच्चों के पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था की गई है।

विद्यालय के चारों ओर हरे-भरे मैदान हैं जिनमें कई प्रकार के वृक्ष लगाए गए हैं। यह वृक्ष पूरे विद्यालय को बेहद ठंडा और सुकून भरा वातावरण प्रदान करते हैं।

मेरा विद्यालय बाहर से देखने पर बेहद शानदार दिखाई देता है। विद्यालय में कुल चार मंजिलें हैं जिनमें प्रत्येक मंजिलें में 12 कमरे स्थित हैं। यहां के प्रत्येक कमरे अत्यंत हवादार और रोशनी दार हैं।

विद्यालय के प्रत्येक कमरों में 6 खिड़कियां हैं जिनसे बाहर का हरा भरा दृश्य दिखाई देता है। बच्चों के बैठने के लिए लकड़ी के बेंच तथा शिक्षकों के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है।

प्रत्येक कमरे में बड़े ब्लैक बोर्ड लगवाए गए हैं जिन पर लिखकर मेरे शिक्षक हमें विभिन्न विषयों की शिक्षा देते हैं।

बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कंप्यूटर लैब की भी व्यवस्था की गई हैं जिनमें प्रत्येक हफ्ते में 3 दिन सभी बच्चों को यहां पर ले जाया जाता है। इसके अलावा मेरे विद्यालय में स्मार्ट बोर्ड की भी व्यवस्था है जिसके द्वारा शिक्षक हमें पाठ्यक्रम तथा इसके अलावा आवश्यक जानकारियां देते हैं।

मेरे विद्यालय का अनुशासन Discipline My School in Hindi

मेरे विद्यालय के नियम बहुत सख़्त हैं, जिन्हें सभी बच्चों को आवश्यक रूप से पालन करना होता है।

विद्यालय की सुरक्षा के लिए मुख्य द्वार पर एक चौकीदार बैठता है जिसका मुख्य कार्य समय पर द्वार खोलने तथा बंद करने का होता है।

सभी कक्षाएं नियमित रूप से प्रातः काल निश्चित समय पर लगने शुरू हो जाती हैं। विलंब से आने वाले छात्रों को शिक्षक द्वारा दंडित किया जाता है।

मेरे विद्यालय में सभी विद्यार्थियों के वेशभूषा और व्यवहार पर खास ध्यान दिया जाता है। इसके लिए हर रोज शिक्षक सभी बच्चों के नाखून, बाल और यूनिफॉर्म नियमित रूप से देखते हैं। यदि कोई विद्यार्थी विद्यालय के अनुशासन का पालन ना करें तो उसे प्रधानाचार्य द्वारा कड़ी सजा दी जाती है।

इसके अलावा विद्यालय के सभी कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। यदि कोई विद्यार्थी दूसरे विद्यार्थी के साथ लड़ाई झगड़ा करता पकड़ाया गया तो उसे विद्यालय से दरखास्त भी कर दिया जाता है।

विद्यालय में प्रवेश तथा छुट्टी के समय सभी बच्चे कतार में खड़े होकर शांति से जाते हैं। यदि कोई बच्चा अनुशासनहीनता करता है तो शिक्षक उसे सबसे आखिर में जाने देते हैं।

मेरे विद्यालय के शिक्षक My School Teachers in Hindi

मेरे विद्यालय में पढ़ाने वाले प्रत्येक शिक्षक बहुत परिश्रमी और विद्वान हैं जो हर समय बच्चों के हित का ध्यान रखते हैं। शिक्षको के परिश्रम के कारण मेरे विद्यालय के विद्यार्थियों का परिणाम बहुत अच्छा आता है।

विभिन्न विषयों को अलग-अलग शिक्षकों द्वारा हमें पढ़ाया जाता है। सभी शिक्षक पूरी लगन और श्रद्धा से बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करते हैं।

वे हमें लिखित तथा मौखिक रूप से अभ्यास करवाते हैं और घर के लिए अभ्यास कार्य भी देते हैं। मेरे शिक्षक सभी विद्यार्थियों पर समान रूप से ध्यान देते हैं और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।

मेरे विद्यालय का पुस्ताकालय Library in My School in Hindi

मेरे विद्यालय में एक विशाल पुस्तकालय भवन की स्थित है। इस पुस्तकालय में विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के पढ़ने के लिए की व्यवस्था की गई है।

पुस्तकालय भवन बहुत बड़ा है जिसमें साफ सफाई के लिए विशेष ध्यान रखा जाता है, जिसके लिए कूड़ेदान की व्यवस्था की गई है।

जहाँ अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्र , मासिक पत्र, वार्षिक पत्र, तथा अर्धवार्षिक पत्र रखे गए हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए रोमांचक तथा साहसिक कहानियों की पुस्तकें भी रखी गई हैं।

पुस्तकालय में बच्चों के परीक्षाओं के रिकार्ड्स भी रखे गए हैं। इसके अलावा चित्रकला प्रतियोगिता में जीतने वाले बच्चों के द्वारा बनाए गए चित्र यहां के दीवारों पर लगाए गए हैं।

मेरे विद्यालय का वार्षिकोत्सव School’s Annual Function in My School

मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी बड़ी प्रसन्नता से भाग लेते हैं।

शुरुआत में सबसे पहले विद्यार्थीगण द्वारा राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाए जाते हैं जिसके बाद शिक्षक तथा प्रधानाचार्य अपनी तरफ से विद्यालय के लिए भाषण देते हैं।

वार्षिक महोत्सव के प्रारंभ में प्रधानाचार्य विद्यालय के इतिहास के बारे में सभी को संबोधित करते हैं जिसके बाद कार्यक्रम का प्रारंभ होता है।

मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिकोत्सव के दिन छुट्टी होती है जिसके अंतर्गत विद्यार्थी द्वारा कला प्रदर्शनी और खेलकूद की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा नाटक, नृत्य, संगीत आदि कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है।

विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी अपनी तरफ से विद्यालय के लिए कविता और लेख प्रस्तुत करते हैं। इन सभी कार्यक्रमों में प्रधानाचार्य द्वारा जीतने वाले उम्मीदवार को पुरस्कार दिया जाता है।

अंत में प्रधानाचार्य द्वारा पूरे वर्ष में आयोजित हुए प्रतियोगिताओं में जीतने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के इनाम दिए जाते और उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया जाता है। वार्षिक उत्सव खत्म होने पर सभी बच्चों को मिठाईयां और चॉकलेट्स दी जाती है।

मेरे विद्यालय पर 10 लाइन Best 10 Lines on My School in Hindi

  • मेरे विद्यालय में सरस्वती माता का एक छोटा सा मंदिर है।
  • हमारे विद्यालय में साफ सफाई के लिए हर कक्षा में कूड़ेदान की व्यवस्था की गई है।
  • प्रत्येक वर्ष विद्यालय द्वारा सभी छात्र छात्राओं को पिकनिक पर ले जाया जाता है।
  • मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है।
  • विद्यालय में प्रत्येक दिन अन्य विषयों के साथ पीटी का भी विषय होता है।
  • मेरे विद्यालय में कंप्यूटर लैब तथा साइंस लैब की सुविधा है।
  • हमारा विद्यालय बहुत ही विशाल तथा सुंदर है।
  • मेरे विद्यालय के चारों ओर हरा भरा मैदान है।
  • हमारे विद्यालय में वर्तमान के सभी तकनीकों की सुविधाएं उपलब्ध है।
  • विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास के लिए मेरे विद्यालय में सभी प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने मेरा विद्यालय पर निबंध (My School Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगी हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

मेरे विद्यालय का नाम और रूप name and structure of my school.

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव education and celebrations in my school.

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 lines on my school in hindi, निष्कर्ष conclusion.

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मेरा स्कूल पर निबंध – My school essay in Hindi (1000 Words)

मेरा स्कूल पर निबंध (My school essay in Hindi): जीवन में हमारा दूसरा घर स्कूल होता है. स्कूल में ही हम सब जीवन के मुख्य उद्देश्य को समझते है. और स्कूल में हमे कभी न कभी हमारे स्कूल के बारे में लिखने का मौका मिलता है. और ये लिखने के मौके को हम सिर्फ निबंध में ही व्यक्त कर सकते हैं. इसलिए में आज आपके लिए लेकर आया हूँ मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on my school in Hindi).

मेरा स्कूल पर निबंध – My school essay in Hindi

प्रस्तावना – स्थिति – कक्षाओं और छात्रों की संख्या – स्कूल का घर – स्थापना और प्रबंधन – शिक्षक और अन्य कर्मचारी – त्योहार – बगीचा – पुस्तकालय – खेल मैदान – वस्त्र – परीक्षा परिणाम – उपसंहार

ईश्वर के पास जितने भी संसाधन है, मानव संसाधन उन सभी में सर्वश्रेष्ठ हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव संसाधनों के समुचित विकास के साथ, अन्य सभी प्राकृतिक संसाधनों का विकास संभव होगा. इस मानव संसाधन के विकास के लिए स्कूल कई औपचारिक साधनों में से एक हैं. हमारे देश में कई तरह के स्कूल हैं, जैसे प्राथमिक स्कूल और हाई स्कूल. मैं जिस स्कूल में जाता हूं वह हाई स्कूल है. उसका नाम माध्यमिक बोर्ड हाई स्कूल है. यहाँ 6 वीं से 10 वीं कक्षा तक की शिक्षा देता है.

हमारा स्कूल कटक सहर के बजरकबती रोड के पास स्थित है. मौजूदा बजरकबती रोड रानीहाट चौक को डोलमुंडई चौक से जोड़ता है. पश्चिम में फ्रेंड्स कॉलोनी है, उत्तर में रानीहाट गोपाल साही है और दक्षिण में ओडिशा माध्यमिक शिक्षा समिति का कार्यालय है.

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कक्षाओं और छात्रों की संख्या

हमारा स्कूल में 6 वीं से 10 वीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान किया जाता है. 6 वीं से 7 वीं कक्षा में 3 विभाग और अन्य कक्षाओं में 4 विभाग है. स्कूल के अठारह विभागों में लगभग 1,000 छात्रों पढ़ते हैं. यहाँ का पाठ्यक्रम का अनुसरण माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा किया जाता है. उच्च वर्ग साहित्य, अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, शारीरिक शिक्षा और काम का अनुभव के बारे में शिक्षा दिया जाता है.

स्कूल का घर

हमारा स्कूल तीन मंजिला इमारत है. महल में छोटे बड़े 12 कमरे हैं. इसमें शिक्षकों के विश्राम कक्ष, पुस्तकालय, प्रधानाध्यापक कार्यालय, विद्यालय के कार्यालय भवन, 10 वीं कक्षा के 4 विभाग, हिंदी और संस्कृत के लिए एक अलग कक्षा है. दूसरी मंजिल पर एक खेल शिक्षक का कमरा, राष्ट्रीय युद्ध शैक्षिक बलों के लिए एक विशेष कमरा और एक हवाई क्षेत्र, एक प्रयोगशाला, विज्ञान वर्ग के लिए एक गैलरी और भूगोल के लिए एक विशेष कमरा है. इस दूसरी मंजिल पर 8 वीं और 9 वीं कक्षा में से प्रत्येक में 4 विभाग भी होते हैं. इसी तरह, तीसरी मंजिल में 6 वीं और 7 वीं कक्षा है. इस मंजिल पर एक छोटा हॉल या मीटिंग रूम भी है. यद्यपि यह हमारे विद्यालय के सभी छात्रों के लिए पर्याप्त नहीं है, फिर भी यहाँ छोटी बैठकें करना संभव है.

स्थापना और प्रबंधन

हमारे स्कूल की स्थापना 3 अगस्त, 1959 को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई थी. तब से, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूल की इमारत का विस्तार कर रहा है, शिक्षकों की आवश्यक संख्या को काम पर रखने के साथ-साथ सभी स्कूल खर्चों को कवर करता है. स्कूल में अधिकारियों को सलाह देने के लिए एक प्रबंधन समिति है. माध्यमिक शिक्षा परिषद के संपादक, स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षक प्रतिनिधि और 2 निर्वाचित माता-पिता संचालन समिति के सदस्य हैं. समिति वर्ष के विभिन्न समयों में होती है और सदस्य स्कूल के बारे में सोची समझी सलाह देते हैं.

शिक्षक और अन्य कर्मचारी

हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री राम शर्मा. उन्होंने मेधावी शिक्षक के रूप में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीते हैं. उनके अलावा, 35 अन्य प्रशिक्षित शिक्षक, 13 4th ग्रेड के कर्मचारी और 2 कार्यालय सहायक यहां काम कर रहे हैं. दो शिक्षकों को राज्यपाल ने मेधावी शिक्षकों के रूप में सम्मानित किया है.

स्कूल में गणेश पूजा, सरस्वती पूजा, गुरु दिवस, पुरस्कार समारोह, स्थापना दिवस, स्वतंत्रता दिवस, बाल दिवस, जन राज्य दिवस आदि मनाया जाता है. हमारे स्कूल के छात्र कटक शहर और राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे हैं और पुरस्कार और प्रमाण पत्र जीतने के साथ-साथ स्कूल की प्रतिष्ठा भी बढ़ाते हैं.

बगीचा                                

हमारे स्कूल में एक सुंदर फूलों का बगीचा है. बगीचे के अंदर महात्मा गांधी की मूर्ति है. उद्यान को 8 भाग में विभाजित किया गया है. प्रत्येक कियारी में फ्लैट कालीन की तरह हरी घास और कियारी के चारों ओर फूलों की सुंदर बाड़ है. ये पेड़ बहुत सुंदर लगते हैं क्योंकि वे एक निश्चित ऊंचाई तक कट जाते हैं. हरी घास और उसके चारों ओर मौसमी फूलों की लाइनिंग बगीचे की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है. यद्यपि एक शिक्षक बगीचे का प्रभारी है, लेकिन स्कूल के अन्य सभी शिक्षक बगीचे के समग्र सुधार में योगदान करते हैं. छात्रों नियमित रूप से समय पर शिक्षक की देखरेख में बगीचे में काम करते हैं. सभी के प्रयासों के कारण, बगीचा बहुत आकर्षक हो गया है.

हमारे स्कूल में एक पुस्तकालय है. इसमें लगभग 10,000 पुस्तकें हैं. एक शिक्षक इसके प्रबंधन का प्रभारी होते हैं. पुस्तकालय के लिए एक निर्दिष्ट समय है. शिक्षक कक्षा की पाठ्यपुस्तकें और अन्य सहायक पुस्तकें पुस्तकालय से लेते हैं. कुछ शिक्षक और छात्र स्कूल के बाद पुस्तकालय में रहते हैं और स्कूल में आने वाली विभिन्न पुस्तकों और समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को पढ़ते हैं. जैसा कि हमारा पुस्तकालय एक अच्छी तरह से संचालित पुस्तकालय है, यह शिक्षकों और छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

हमारे स्कूल में एक छोटा सा खेल का मैदान है. शनिवार को यहां सामूहिक अभ्यास आयोजित किए जाते हैं. उत्साही छात्र खेल शिक्षक की देखरेख में स्कूल के काम और अन्य छुट्टियों के बाद खेल का अभ्यास करते हैं. छात्र शहर और राज्य में आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे हैं.

स्कूल के छात्रों निर्दिष्ट वस्त्र पहनते हैं. लड़कों  गहरे नीले रंग की पैंट और सफेद हाफ शर्ट पहनते हैं  और लड़कियों आसमानी नीले रंग की फ्रॉक पहनते हैं. स्कूल-नामांकित पदक छात्रों द्वारा उपयोग किए जाते हैं. इससे छात्रों में स्कूल के प्रति जुनून का पता चलता है.

परीक्षा परिणाम

हमारे स्कूल के परीक्षा परिणाम बहुत संतोषजनक हैं. हर साल, सैकड़ों छात्र प्रथम श्रेणी से पास होते हैं. प्रथम श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और द्वितीय श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है. हमारे स्कूल में शिक्षक नियमित कक्षाओं में पढ़ाते हैं. लगभग हर वर्ष, इस विद्यालय के छात्र विद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाकर विद्यालय में स्थान प्राप्त करते हैं.

हमारा स्कूल अन्य स्कूलों जितना पुराना नहीं है. इसलिए इसकी कोई समृद्ध परंपरा नहीं है. छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों और माता-पिता के सक्रिय सहयोग के लिए धन्यवाद, स्कूल धीरे-धीरे सुधार कर रहा है और एक उज्जवल परंपरा का निर्माण कर रहा है. मुझे अपने स्कूल पर गर्व है. यदि स्कूल का प्रत्येक छात्र इतना गर्व महसूस करता है और समर्पण के साथ काम करता है, तो स्कूल पूरे राज्य में आदर्श स्कूलों में से एक बन सकता है.

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ये था मेरा स्कूल पर निबंध (Essay on my school in Hindi) . अगर आपको कभी अपने स्कूल के ऊपर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, तो आप ऊपर दिए गए निबंध को अनुसरण कर के लिख सकते हो.

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मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi पर दिया गया हैं.

मेरी स्कूल पर सरल निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में छोटा बड़ा माय स्कूल एस्से इन हिंदी के रूप में याद करवा सकते हैं.

मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

Paragraph On My School In Hindi & English For Students: Here We Share With You Short Paragraph On My School For Students In English & Hindi Language.

Write A Short Paragraph Of About 100 Words On My School Use Following Words- Govt, Big, Building, Room, Airy, Doors, Hall, Library, Reading Room, Headmaster, Students, Teachers.

My School Paragraph In English In 100 Words

I Read In Government Upper Primary School. The Building Of The School Is Very Grand. It Is In The Center Of the City.

There Are Thirty Rooms In My School. All The Rooms Are Very Big And Airy. Our School Has a Big Hall. There Is A Good Library In Our School.

There Are Two thousand Books In It. There Is A Reading Room. We Read Newspapers And Magazines In It. Our School Has a Big Playground.

We Play Games There In The Evening. There Are Five Hundred Students In Our School. All Are Teachers Are Very Kind And Learned. Our Headmaster Is A Learned Men.

My School Paragraph In Hindi In 100 Words

मैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ. स्कूल की इमारत बहुत भव्य हैं. यह शहर के मध्य में हैं. मेरे स्कूल में तीस कमरे हैं. सारे कमरे बहुत बड़े और हवादार हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा हॉल हैं. हमारे स्कूल में एक अच्छा पुस्तकालय हैं. इसमें दो हजार पुस्तकें हैं. इसमें दो हजार पुस्तके हैं. एक वाचनालय हैं. हम इसमें समाचार पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ते हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा खेल का मैदान हैं. हम शाम को वहां खेल खेलते हैं. हमारे स्कूल में पांच सौ विद्यार्थी हैं. सब अध्यापक बहुत दयालु और विद्वान हैं.

(मेरा विद्यालय) Essay On My School In English And Hindi

why I like my school- I read in ramjas senior secondary school no 5. it always shows good results. it is situated in Karol Bagh.

its pass percentages are cent percent. the teacher is good and able. they are hard-working. the principal is a good guide. the students are hard-working and sincere. the school discipline is good.

in has the grand building is good playgrounds. the rooms are big and the games are compulsory.

our school library is housed in a hall. there are 50,000 books in it.

moral teaching is imparted to the students in our school. our principal and teachers take personal care of the students. so I like my school very much.

मेरा विद्यालय पर निबंध ( Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi)

मैंने रामजस उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या 5 में पढ़ता हूँ। यह मेरा विद्यालय हर साल अच्छे परिणाम देता है। यह करोल बाग में स्थित है।

हमारे यहाँ का पास शत प्रतिशत रहता है. सभी अध्यापक लग्न व मेहनत से शिक्षण कार्य करवाते है. हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य एक अच्छे गाइड के रूप में विद्यार्थियों को निर्देशित करते है. उनकी इमानदारी व् लग्न से विद्यालय में अच्छा अनुशासन का माहौल है.

मेरे विद्यालय में बड़ा स्कूल भवन है तथा एक अच्छा खेल मैदान है, जहाँ पर नियमित रूप से खेलों का आयोजन किया जाता है. स्कूल में कई बड़े कमरे है, जिनमें एक पुस्तकालय कक्ष भी है, जिनमें पढ़ने के लिए पचास हजार से अधिक विभिन्न विषयों की पुस्तकें है.

विद्यालय में एकेडमिक शिक्षा के अलावा नैतिक शिक्षा का भी अच्छा प्रबंध है. प्रधानाचार्य व सभी अध्यापक छात्र छात्राओं की देखभाल करते है. तथा विद्यालय में घर जैसा माहौल मिलता है. इस कारण मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है.

हमारा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

हमारा विद्यालय उदयपुर शहर के मध्य में स्थित है. इसका नाम महाराणा भूपालसिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय है. हमारे विद्यालय में लगभग 400 विद्यार्थी पढ़ते है. यहाँ पर शिक्षा का उत्तम प्रबंध है.

इसमें 15 बड़े कमरे, एक विशाल पुस्तकालय और एक वाचनालय है. वाचनालय में अनेक समाचार पत्र और पत्रिकाएँ आती है. हमारे विद्यालय में खेलकूद के लिए एक विशाल मैदान है. और खेलकूद की अच्छी व्यवस्था है.

हमारा विद्यालय अनुशासन में श्रेष्ट है. इसमें आठ अध्यापक तथा सात अध्यापिकाएं है. एक शारीरिक शिक्षक तथा एक पुस्तकालय अध्यक्ष भी है.

हमारे सभी गुरुजनों के साथ छात्रों का अच्छा व्यवहार है, हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक जी विद्यालय की प्रगति का पूरा ख्याल रखते है. हमारे स्कूल में पढाई के अतिरिक्त कई विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है.

अन्य सह शैक्षणिक क्रियाकलाप भी चलते रहते है. इन सब विशेषताओं से हमें अपने विद्यालय पर गर्व है.

500 Words विद्यालय पर निबंध Essay on School in Hindi

विद्यालय देश का वह पवित्र स्थान हैं जहाँ देश के भविष्य का निर्माण होता हैं, विद्यालय विद्या विद्या की देवी का पवित्र मंदिर हैं. जिस स्थान पर विद्यार्थी विद्याअध्ययन के लिए आते हैं.

वह स्थान ही स्कूल या विद्यालय कहलाता हैं. विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बनता हैं- विद्या+आली अर्थात विद्या का घर. विद्यालय में गुरू एवं शिष्य के सम्बन्ध अत्यंत मधुर होते हैं. मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. हमारे विद्यालय का नाम आदर्श विद्या मंदिर हैं.

मेरा विद्यालय भवन

हमारे विद्यालय का भवन अत्यंत सुंदर व विशाल है इसमें बीस कमरे हैं. प्रत्येक कमरा हवादार एवं प्रकाशयुक्त हैं. पुस्तकालय कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, खेलकूद कक्ष, स्काउट कक्ष एवं एक बड़ा मीटिग हॉल भी हमारे विद्यालय में हैं.

शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम हैं. प्रधानाचार्य का कक्ष मुख्य द्वार के पास ही हैं, प्रत्येक छात्र के बैठने के लिए अलग अलग कुर्सी मेज की व्यवस्था हैं.

मेरे विद्यालय का वातावरण

हमारे विद्यालय में चालीस शिक्षक हैं. सभी शिक्षक अपने अपने विषय के विद्वान् हैं. छात्रों के साथ शिक्षक बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं. कक्षा में शिक्षक इतनी अच्छी तरह से समझाते हैं कि छात्रों को सब कुछ समझ में आ जाता हैं.

शिक्षक अपने साथ शिक्षण से सम्बन्धित सहायक सामग्री लाते हैं. जिससे हम सब छात्र अत्यंत रूचि के साथ पढ़ते हैं.

हमारे विद्यालय का शैक्षिक वातावरण अत्यंत सुंदर हैं. जिस समय कक्षाएं चलती हैं. उस समय पूरे विद्यालय प्रांगण में शांति रहती हैं.

जिन छात्रों का समय खेलकूद का होता हैं वे चुपचाप पंक्तिबद्ध होकर मैदान में चले जाते हैं, जहाँ खेलकूद के शिक्षक तरह तरह के खेल सिखाते हैं. तथा साथ खेलते भी हैं.

मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य

हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य अत्यंत कुशल प्रशासक हैं. वे अनुशासनप्रिय हैं वे स्वयं अच्छे खिलाड़ी हैं. तथा अंग्रेजी विषय में पीएचडी हैं उनका व्यवहार हमेशा विद्यार्थियों तथा बच्चों के साथ अच्छा रहता हैं.

वे विद्यालय की सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं. विद्यालय की सफाई के लिए चार अनुचर भी हैं.

विद्यालय व्यवहारिक विषयों की जानकारी देते हैं. यहाँ हमें मिलकर रहना सिखाया जाता हैं. माता-पिता गुरूजनों का आदर करना हम यही से सीखते हैं. देश के प्रति प्रेम रखना तथा राष्ट्रीय एकता की बाते विद्यालय में ही सिखाई जाती हैं.

अपना विद्यालय मुझे कितना पसंद हैं, इसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन हैं. विद्यालय मेरा पूजाघर हैं. मैं इसकी वन्दना करता हूँ और नित्य प्रति इसे शीश झुकाकर नमन करता हूँ.

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ, मेरेव विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर हैं. इनकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती हैं. पढ़ाई खेल तथा अन्य गतिविधियाँ हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं. 30 से ज्यादा अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं. इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यहाँ कार्यरत हैं. अध्यापकगण अनुभवी विद्वान एवं परिश्रमी हैं.

हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी और अनुशासनप्रिय हैं. विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही मधुर हैं. समय समय पर वे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देते हैं.

मेरे विद्यालय की इमारत पक्की हैं. इसमें 25 हवादार कमरे हैं. विद्यालय के एक कमरे में प्रधानाचार्य कार्यालय भी हैं. जो कि साफ़ सुथरा और भली भांति सजा हुआ हैं. कक्षाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सैनानियों के फोटो लगे हुए हैं.

विद्यालय में एक पुस्तकालय भी हैं जहाँ से सभी छात्रों कप पढने के लिए पुस्तकें उपलब्ध होती हैं. विद्यालय में प्रायोगिक कक्षाओं के लिए लैब भी बनी हुई हैं. मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत प्रतिशत रहता हैं और कई विद्यार्थी मेरिट में भी स्थान पाते हैं.

निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृति भी उपलब्ध करवाई जाती हैं. मेधावी छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता हैं. बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की परम्परा हैं. मुझे अपने इस विद्यालय पर बहुत गर्व हैं.

मेरा विद्यालय निबंध Mera Vidyalaya Essay in Hindi

मैं नवम कक्षा का विद्यार्थी हूँ. मैं राजेन्द्र नगर स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूँ. यह विद्यालय नगर के मध्य में एक लम्बे चौड़े स्थान में स्थित हैं. मेरे विद्यालय का दोमंजिला भवन बहुत विस्तृत हैं.

यह नगर के श्रेष्ट विद्यालयों में से एक हैं. इसका परीक्षाफल प्रतिवर्ष बहुत अच्छा रहता हैं. इस विद्यालय के भवन में लगभग ४० कमरें हैं. जो बहुत ही सुंदर हैं ये कमरे विद्यार्थियों को बहुत पसंद हैं. इन कमरों में विद्युत् वायु प्रकाश की उचित व्यवस्था हैं. विद्यालय के प्रांगण में एक सुंदर सी फुलवाड़ी हैं.

जिसकी हरी भरी घास रंग बिरंगे फूल और लहलहाती लताएं विद्यालय में आने वालों का मन मोह लेती हैं. विद्यालय के मध्य एक बहुत बड़ा मैदान हैं. जहाँ हमारी प्रार्थना होती हैं और खेल के समय अध्यापक बच्चों को खेल खिलाते हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र एवं छात्राएं विद्या का अध्ययन करते हैं. यह विद्यालय प्रथम कक्षा से 12 वीं कक्षा तक हैं. मेरे विद्यालय में लगभग साठ अध्यापक तथा अध्यापिकाएं कार्यरत हैं. ये सभी प्रशिक्षित तथा अपने विषय के पूर्ण ज्ञाता हैं.

मेरे विद्यालय में एक प्रधानाचार्य तथा एक उप प्रधानाचार्य हैं जो बहुत अनुशासनप्रिय हैं. प्रधानाचार्य तथा उप प्रधानाचार्य जी के कमरों के साथ विद्यालय का कार्यालय भी हैं.

एक बड़े कमरे में पुस्तकालय तथा तीन बड़े बड़े कमरों में विज्ञान की प्रयोगशालाएं स्थित हैं. मेरे विद्यालय के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएं बहुत ही दयालु तथा विद्यार्थियों की हितैषी हैं वे विद्यार्थियों की कठिनाइयों को सुलझाने का प्रयास करते हैं. विद्यार्थी भी अपने गुरूजनों का बहुत सम्मान करते हैं.

विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम विद्यालय में चलाए जाते हैं. जैसे स्काउटिंग, रेडक्रोस, एनसीसी वाद विवाद प्रतियोगिता, नाटक, लोक नृत्य आदि. इसके अतिरिक्त कुछ खेल भी खिलवाएं जाते हैं. जैसे वालीवाल, क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी आदि.

प्रत्येक वर्ष मेरा विद्यालय मेरा विद्यालय खेल कूद व भाषण प्रतियोगिता में कोई न कोई पुरस्कार प्राप्त कर लेता हैं. स्वच्छता और अनुशासन तो मेरे विद्यालय की मुख्य विशेषताएं है. यहाँ विद्यार्थी अनुशासन, आज्ञाकारिता और सद्व्यवहार की शिक्षा ग्रहण करते हैं.

इन सब विशेषताओं के कारण मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. यह सारे नगर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता हैं.

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  • Hindi Grammar /

Mera School Essay in Hindi: कुछ ऐसे लिखें परीक्षा में मेरे स्कूल पर निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 20, 2023

Mera School Essay In Hindi

विद्यार्थियों को अपने स्कूली जीवन में मेरा स्कूल विषय पर निबंध दिया जाता है। क्योंकि अपने स्वयं के स्कूल के बारे में लिखने से छात्रों को अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने का मौका मिलता है। इससे वे स्कूल के माहौल के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव पर विचार करने के लिए भी प्रोत्साहित होते हैं। इसके साथ ही मेरा स्कूल विषय पर निबंध लेखन से विद्यार्थियों में संचार कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। Mera School Essay in Hindi के बारे मैं जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

मेरा स्कूल पर निबंध 100 शब्दों में, मेरा स्कूल पर निबंध 200 शब्दों में, मेरा स्कूल में पहली पसंद, मेरे स्कूल में मिलने वाली शिक्षा का स्तर, मेरे स्कूल पर 10 लाइन्स.

स्कूल हमें जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छे शिक्षकों के द्वारा अक्सर अच्छे छात्र तैयार किए जाते हैं। मेरे भी उत्कृष्ट शिक्षक हैं और वे एकेडमिक्स के साथ खेल और अन्य गतिविधियों में भी हमारी सहायता करते हैं।  

ये शिक्षक हमारे स्कूल की नींव की तरह हैं, जो हमें मूल्यवान सबक देते हैं जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं। स्कूल में हम न केवल गणित और विज्ञान जैसे विषयों के बारे में सीखते हैं बल्कि अपने दोस्तों के साथ सहयोग करने के बारे में भी सीखते हैं। 

हमारे स्कूल में विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग कक्षाएँ हैं, और पढ़ाई और पाठ्येतर गतिविधियों दोनों को समान महत्व दिया जाता है। यह हमें न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद करता है।

यह भी पढ़ें : परीक्षा में ऐसे लिखें मेरा देश पर निबंध

Mera School Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

मेरा स्कूल एक जादुई जगह है जहाँ पढ़ना एक रोमांच जैसा लगता है। हर दिन, मैं अपने दोस्तों और शिक्षकों से मुस्कुराहट के साथ स्कूल में मिलता हूं। मेरे स्कूल की इमारत बहुत ऊँची है, सभी कक्षाएं रंगीन हैं, जहां पढ़ने में और भी अधिक आनंद आता है।

सुबह में, हम असेंबली एरिया में इकट्ठा होते हैं, जहां झंडा गर्व से फहराता है और हम उत्साह के साथ राष्ट्रगान गाते हैं।  कक्षाएँ खज़ाने की पेटी की तरह होती हैं, प्रत्येक में ज्ञान का एक नया टुकड़ा होता है जो खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रहा होता है। शिक्षक जादूगरों की तरह हैं, जो संख्याओं, शब्दों और विज्ञान की दुनिया में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

ब्रेक के दौरान मेरे स्कूल का मैदान मौज-मस्ती और खेल की जगह बन जाता है। मित्र कहानियाँ साझा करते हैं और वातावरण हँसी से भर जाता है। कैफेटेरिया एक जादुई रसोईघर है जहां स्वादिष्ट सुगंध हवा में फैलती है और हम प्यार से भरे दोपहर के भोजन का आनंद लेते हैं।

मेरा स्कूल सिर्फ सीखने की जगह नहीं है; यह एक परिवार है। हम त्यौहार मनाते हैं, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और साथ मिलकर नाटक प्रस्तुत करते हैं।  दीवारें हमारी कलाकृति से सजी हैं और बुलेटिन बोर्ड हमारी उपलब्धियों की कहानी बताते हैं।

जैसे ही दिन के अंत में छुट्टी के समय घंटी बजती है, मैं ज्ञान से भरा बैग और यादों से भरा दिल लेकर निकल पड़ता हूँ।  मेरा स्कूल सिर्फ एक इमारत से कहीं अधिक है;  यह एक ऐसी जगह है जहां सपने उड़ान भरते हैं और दोस्ती बनती है।

मेरा स्कूल पर निबंध 500 शब्दों में

Mera School Essay in Hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

शिक्षा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो हमें दूसरों से अलग करती है और स्कूल इस आवश्यक यात्रा का शुरुआती बिंदु हैं। वे पहली जगह हैं जहां हम सीखना शुरू करते हैं, अपनी शिक्षा की नींव रखते हैं।  अपने स्कूल के बारे में इस निबंध में, मैं बताऊंगा कि मुझे यह क्यों पसंद है और इसने मुझे क्या महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं।

हम सभी ने स्कूल जाने की खुशी का अनुभव किया है, वहां बिताए हर पल को संजोकर रखा है क्योंकि वे हमारे जीवन की आधारशिला हैं। स्कूल वह जगह हैं जहां हमें शिक्षा की पहली चिंगारी मिलती है, हम न केवल शैक्षणिक विषयों को सीखते हैं बल्कि जीवन के बुनियादी सिद्धांतों को भी सीखते हैं, कैसे बढ़ें और फलें-फूलें। वे हमारे अंदर ऐसे मूल्य और सिद्धांत स्थापित करते हैं जो बच्चे के विकास का मूल आधार बनते हैं।

मेरा स्कूल मेरे लिए दूसरे घर की तरह है, जहाँ मैं अपना काफी समय बिताता हूँ। यह व्यक्तिगत विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है और मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है। मैं खुद को शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक का हिस्सा होने के लिए भाग्यशाली मानता हूं, जिसमें कई चीज़ें हैं जो मेरे शैक्षिक अनुभव को बढ़ाती हैं। 

किंडरगार्टन से शुरू करके प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय और फिर बारहवीं कक्षा तक की हमारी यात्रा तक, स्कूल एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम न केवल पढ़ते हैं बल्कि बढ़ते हैं, खुद को स्थापित करते हैं, मेलजोल बढ़ाते हैं, दूसरों से दोस्ती करते हैं, मदद की पेशकश करते हैं और प्यार का अनुभव करते हैं। यह एक निरंतर साथी की तरह है जो हमारे शुरुआती वर्षों से लेकर जीवन के अंत तक हमारे साथ रहता है। स्कूल में हम सभी खुशी से पढ़ते हैं, सभी दोस्त एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, खुशी के पल बांटते हैं और साथ मिलकर नए कार्यों और उत्सावों के लिए तैयार रहते हैं।

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा को क्लासिक वास्तुकला के साथ खूबसूरती से जोड़ता है। पुरानी इमारतें न केवल देखने में आश्चर्यजनक हैं; वे नए उपकरणों से सजी हैं। मैं अपने स्कूल को शिक्षा के एक स्तंभ के रूप में देखता हूं, जो मुझे ज्ञान और नैतिक मूल्य दोनों प्रदान करती हैं।

किसी स्कूल की पहचान बनाने में शिक्षण स्टाफ का बहुत महत्व होता है। वे किसी भी शैक्षिक समुदाय की रीढ़ होते हैं, छात्रों को सीखने और समझने के लिए मार्गदर्शन करते हैं, अच्छी आदतें और मूल्य पैदा करते हैं।

मेरा स्कूल हमारे शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ छात्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता देता है। यह एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान करता है, यहां प्रत्येक छात्र पर ध्यान दिया जाता है, साथ ही यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है।

जो चीज़ मेरे स्कूल को असाधारण बनाती है, वह इसकी मान्यता है कि हर एक जगह खास है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान और बास्केटबॉल कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों के पास उनकी ज़रूरत की हर चीज़ हो।

मेरे लिए, मेरा स्कूल एक शैक्षणिक संस्थान से बढ़कर है; यह मेरा दूसरा परिवार है। अद्भुत मित्रों, उत्कृष्ट शिक्षकों और स्कूल की यादों से भरपूर परिवार। मुझे अपने स्कूल से प्यार है क्योंकि यहीं मैं एक अच्छा नागरिक बनना और अपने लक्ष्यों को हासिल करना सीखता हूं।  यह एक ऐसी जगह है जहां दोस्ती बिना किसी निर्णय के बनाई जाती है और करीबी दोस्तों के साथ समय बिताना आरामदायक लगता है, चाहे स्थिति कोई भी हो।

यह भी पढ़ें : जानिए परीक्षाओं पूछे जाने वाले वन महोत्सव पर निबंध

मेरे स्कूल ने ऐसे पाठ पढ़ाए हैं जो इतने मूल्यवान हैं कि मैं उन्हें एक वाक्य में प्रस्तुत नहीं कर सकता। यहां की सीख अपूरणीय हैं, और मैं उनके लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं। उदाहरण के लिए दोस्तों के साथ चीज़ें बांटना और अन्य लोगों के प्रति प्रेम भावना। यहीं पर मैंने जानवरों की सहायता करना सीखा और बाद में इसी प्रेम के चलते मैने एक पालतू जानवर भी गोद लिया। 

स्कूल न केवल शैक्षणिक ज्ञान के बारे सिखाते हैं; 

मेरा स्कूल हमें एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बनने के लिए भी प्रेरित करता है। मैने यहां बहुत सारे कौशल सीखे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों चर्चा या घरेलू कार्यों का प्रबंधन करना, मुश्किल की परिस्थिति में धैर्य से काम करना ये सभी वास्तविक दुनिया में आवश्यक हैं। 

कार्यों में नए विचारों को अपनाना और ज़रूरत पड़ने पर उनका प्रयोग करना, जिससे मुझे ग्रेड से परे अपनी कार्य क्षमता के बारे में सिखाया गया।

विद्यार्थियों के प्रति समर्पित शिक्षकों की बदौलत स्कूल के माहौल में कलात्मक कौशल विकसित हुआ। इससे मुझे अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पुरस्कार अर्जित करने का मौका मिला। सबसे अधिक महत्वपूर्ण में अपने स्कूल में असफलता का सामना और अपनी महत्वाकांक्षाओं को कभी न छोड़ने के बारे में सीखा। 

स्काउट्स और गाइड्स से लेकर खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों तक पाठ्येतर गतिविधियों ने मेरे स्कूल के अनुभव को समृद्ध किया। शिष्टाचार, चरित्र विकास और नैतिक शिक्षा पर हमारे प्रिंसिपल के दैनिक व्याख्यान ने मेरे मूल्यों को आकार दिया।  मैं आज जो भी हूं उसका श्रेय अपने स्कूल को देता हूं, इसे सर्वश्रेष्ठ संस्थान मानता हूं।

स्कूल का एक और महत्वपूर्ण सबक टीम वर्क है। यह अक्सर पहली जगह होती है जहां बच्चे अपने से भिन्न लोगों के साथ सहयोग करना सीखते हैं। यह समझना कि टीम की सफलता प्रत्येक व्यक्ति के योगदान पर निर्भर करती है, छात्रों में स्थापित एक बुनियादी सिद्धांत है, जो उन्हें टीम में मिलकर और व्यक्तिगत उपलब्धियों दोनों के लिए तैयार करता है।

संक्षेप में कहूं तो, एक प्रतिष्ठित स्कूल का हिस्सा बनना मेरे लिए एक जबरदस्त व्यक्तिगत विकास यात्रा रही है। मेरे चरित्र को ढालने और अमूल्य शिक्षाएँ प्रदान करने के लिए मैं अपने विद्यालय का बहुत आभारी हूँ। जो मित्रताएं बनीं और असाधारण शिक्षकों का मार्गदर्शन वे खजाने हैं जिन्हें मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। मेरा लक्ष्य अपने स्कूल द्वारा स्थापित मूल्यों को बनाए रखना, जीवन में सफल होने का प्रयास करना और उस संस्थान को सम्मान दिलाना है जिसने आज मैं जो कुछ भी हूं उसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Mera School Essay in Hindi पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • मेरा स्कूल हमारे क्षेत्र में प्रसिद्ध है, स्थानीय लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता और उच्च प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है।
  • स्कूल की इमारत विशाल है, हरियाली से सुसज्जित है, एक विशाल और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन वातावरण बनाती है।
  • एक विस्तृत खेल का मैदान विभिन्न बाहरी गतिविधियों और खेलों में शामिल होने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है।
  • शारीरिक शिक्षा सत्र साप्ताहिक रूप से आयोजित किए जाते हैं, जो हमारी समग्र फिटनेस और कल्याण में योगदान करते हैं।
  • स्कूल में अच्छे शिक्षक हैं जो एक सहायक और देखभाल करने वाला सीखने का माहौल बनाते हैं।
  • मैं स्कूल में कई दोस्तों के साथ आनंददायक पल साझा करता हूं, जहां हम एक साथ खेलते और पढ़ते हैं, जिससे सौहार्द की मजबूत भावना को बढ़ावा मिलता है।
  • स्कूल की व्यापक लाइब्रेरी पुस्तकों का विविध संग्रह प्रदान करती है, जो सीखने के लिए एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करती है।
  • अच्छी तरह से सुसज्जित विज्ञान और सामाजिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ हमारी व्यावहारिक समझ और प्रयोग को बढ़ाती हैं।
  • स्कूल सांस्कृतिक विविधता और एकता को बढ़ावा देते हुए कई राष्ट्रीय और धार्मिक त्योहारों को उत्साहपूर्वक मनाता है।
  • स्कूल में हर दिन एक खुशी है क्योंकि मैं नई चीजें सीखने और अपने ज्ञान का विस्तार करने के अवसर का उत्सुकता से स्वागत करता हूं।

स्कूल जीवन के ऐसे पाठ प्रदान करता है जो शिक्षा से परे है इसलिए प्रत्येक बच्चे के लिए स्कूल जाना महत्वपूर्ण है स्कूल हम सभी को शिक्षा के साथ ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जो सामाजिक कौशल, पाठ्येतर गतिविधियाँ और मूल्यवान जीवन सबक भी प्रदान करता है।

स्कूल बुनियादी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है, जिसमें बुनियादी शिक्षा और कला और सार्वजनिक बोलने जैसी प्रतिभाओं का विकास शामिल है। सबसे बढ़कर, यह छात्रों में अनुशासन पैदा करता है, भविष्य की सफलता के लिए उनके चरित्र को आकार देता है।

मेरा स्कूल अपनी उत्कृष्ट प्रतिष्ठा, विशाल और सुंदर परिसर, समर्पित शिक्षकों और समग्र विकास में योगदान देने वाली पाठ्येतर गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जाना जाता है।

मेरे स्कूल में हर सप्ताह एक बार शारीरिक शिक्षा कक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें समग्र फिटनेस और कल्याण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया जाता है।

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Mera School Essay in Hindi पर निबंध के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य   निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन

विद्यालय (पाठशाला ) एक ऐसा स्थान है जो विद्या के प्रतीक के रूप में काम करता है, अर्थात् यह वह स्थान होता है जहाँ ज्ञान(विधा) की प्राप्ति होती है। हमारे संस्कृति में विद्या को देवी के रूप में माना जाता है और विद्यालय को ‘मंदिर’ के समान महत्वपूर्ण माना गया है। आज हम विद्यालय यानि पाठशाला पर निबंध, लेख, 10 लाइन, पर विस्तार से पढ़ेंगे।

Also Read: विद्यालय का महत्व पर निबंध-पाठशाला का महत्व पर निबंध // विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध // मेरे विद्यालय में पारितोषिक वितरण समारोह // शिक्षा में चुनौतियों पर निबंध //

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 1

विद्यालय पर निबंध (200 शब्दों में)

मेरे विद्यालय का नाम अर्पण पब्लिक स्कूल है। यह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और मेरी शिक्षा की यात्रा का संवर्गस्थान है। यहाँ पर हमें न केवल पढ़ाई का मौका मिलता है, बल्कि हम खेल, कला, संगीत आदि में भी विकसित होते हैं।

हमारे विद्यालय में प्रमुख ध्येय है कि हर छात्र को सम्पूर्ण विकास मिले। यहाँ के उच्च प्रतिष्ठान वाले अध्यापक हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमें नए ज्ञान का संचय करने में मदद करते हैं।

विद्यालय में सभी छात्र एक परिवार की भावना से जुड़े रहते हैं। हम उनके साथ समय बिताकर अच्छे दोस्त बनाते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं।

हमारे विद्यालय में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-कूद प्रतियोगिताएं और शिक्षा से जुड़े अन्य गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं।

मेरे विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षक हमें न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि वे हमें अच्छे मानव और सामाजिक नागरिक बनने में भी मार्गदर्शन करते हैं।

आखिर में, मेरे विद्यालय ने मुझे ज्ञान, सामर्थ्य और सजीव शिक्षा का अद्भुत साधना स्तर प्रदान किया है। यहाँ के सुखद और शिक्षाप्रद वातावरण में मेरी पूरी शिक्षा की यात्रा अद्वितीय और प्रेरणास्त्रोत रही है।

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विद्यालय पर निबंध 300 शब्दों में-vidyalaya par nibandh

रुपरेखा : प्रस्तावना – विद्यालय की परिभाषा – विद्यालय की भूमिका – विद्यालय की परिकल्पना – विद्यालय के प्रकार – विद्यालय की विशेषता – उपसंहार।

प्रस्तावना : विद्यालय, जिसे हम सिखने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए जाते हैं, हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ पर हम न केवल पढ़ाई करते हैं, बल्कि साथ ही खेल, कला, और विकास के अन्य क्षेत्रों में भी सीख प्राप्त करते हैं।

विद्यालय की परिभाषा: विद्यालय एक स्थान होता है जहाँ छात्र अपने शिक्षा का अध्ययन करते हैं। यहाँ पर हमें अध्यापक मिलते हैं जो हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमारे ज्ञान को विकसित करते हैं।

विद्यालय की भूमिका: विद्यालय छात्रों को न केवल शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि उन्हें अच्छे मानवीय मूल्यों, नैतिकता, और समर्पण की शिक्षा भी देता है। यहाँ पर हम जीवन के महत्वपूर्ण सिक्के सीखते हैं जो हमें अच्छे नागरिक बनने में मदद करते हैं।

विद्यालय की परिकल्पना: विद्यालय की परिकल्पना एक सुरम्य और संवेदनशीलता से भरपूर स्थान का चित्रण करती है, जहाँ छात्र न केवल पढ़ाई करते हैं, बल्कि खेल, कला, और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेते हैं।

विद्यालय के प्रकार : विद्यालय कई प्रकार के होते हैं, जैसे सरकारी विद्यालय, निजी विद्यालय, आदि। इनमें हर एक का अपना विशिष्टता होता है और यह छात्रों के विकास में योगदान करते हैं।

विद्यालय की विशेषता: विद्यालय एक ऐसी जगह होती है जहाँ हमें अच्छे से सीखने का मौका मिलता है और हम नए दोस्त भी बनाते हैं। यहाँ पर हम जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को समझते हैं और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।

उपसंहार: विद्यालय हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें न केवल ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में भी मदद करता है। यहाँ पर हम सिखते हैं कि कैसे जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।”

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 2

मेरा विद्यालय पर निबंध- Essay on My School in Hindi.

विद्यालय यानी विद्या और आलय, अर्थात शिक्षा का मंदिर। जहाँ पर हर रोज़ लाखो बच्चे विद्या अर्जन करने जाते है। मेरे विद्यालय का नाम केंद्रीय विद्यालय है। यह असम की पहाड़ियों के बीच स्थित है। मेरा विद्यालय काफी बड़ा है और विश्तृत रूप से फैला हुआ है। मेरे विद्यालय में एक से बारहवीं तक की कक्ष्याएं है। यहाँ विद्यालय का परिवेश शांत और शिक्षा की उत्तम व्यवस्था है। यहाँ हर कक्षा के 4 अनुभाग यानी सेक्शंस है। यहाँ के प्रधानाध्यापक अनुशासन प्रिय है। हमारा विद्यालय तीन मंजिला इमारत है। यहाँ विद्यालय में तक़रीबन 50 कमरे है। कमरे में गुणवत्ता पूर्वक कुर्सियां, पंखे, स्मार्टबोर्ड और श्यामपट्ट का इंतज़ाम है।

यहाँ विद्यालय में विशाल वातानुकूलित पुस्तकालय है जहाँ हर विषय के पुस्तक उपलब्ध है। यहाँ बच्चे दैनिक अखबार पढ़ सकते है। विद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान के प्रक्टिकल्स के लिए विशाल कंप्यूटर का कमरा है। यहाँ विद्यार्थी कंप्यूटर क्लास में कंप्यूटर को शिक्षक के निरीक्षण में चला सकते है। यहाँ विज्ञान के हर क्षेत्र जैसे रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान और जीव विज्ञान के अलग और भव्य प्रयोगशाला है। यहाँ खेलकूद के लिए अलग कमरा है। जहाँ फूटबाल, क्रिकेट, और वॉली बॉल से सम्बंधित सारे ज़रूरत की चीज़ें मौजूद है। लेकिन अध्यापकों के निरिक्षण में इनका उपयोग करना अनिवार्य है।

यहाँ विद्यालय में संगीत और नृत्य के लिए अलग कमरा है जहाँ हर प्रकार के वाद्य यन्त्र मौजूद है। यहाँ विद्यालय में खेलने के लिए विशालकाय मैदान है और छायादार पेड़ है। यहाँ अतिसुन्दर उद्यान है जहाँ हर प्रकार के फूल लगे हुए है। हमारे विद्यालय में शिक्षण ग्रहण करने हेतु विद्वान और सुशिक्षित अध्यापक और अध्यापिका है। यहाँ हमेशा कड़े अनुशासन का पालन किया जाता है। यहाँ हर रोज सुबह की प्राथना सभा में प्रतिज्ञा, समाचार, सोच, और भाषण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। प्राथना सभा में हर विद्यार्थी उत्सुकता से भाग लेता है। उसके बाद हमारी कक्ष्याएं प्रारम्भ हो जाती है।

यहाँ हर विषय का अध्ययन बहुत ही रोचक होता है। शिक्षक गण हमे बड़े चाव से पढ़ाते है और कई नए पद्धतियों और उपकरण का प्रयोग करते है ताकि विद्यार्थियों को अच्छे से विषय का ज्ञान हो। यहाँ हर एक कालखंड 45 मिनट का होता है। विद्यालय में शुद्ध और स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध है और स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था है। यहाँ अगर किसी विद्यार्थी को कुछ विषय में समझ न आये तो उपचारात्मक कक्ष्याओं की सहायता ले सकते है। यहाँ विद्यालय में कई तरह की सह पाठ्यक्रम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जैसे वाद-विवाद, भाषण, सुलेख लेखन, कविता गायन जैसे प्रतियोगिता आयोजित की जाती है ताकि विद्यार्थी हर क्षेत्र में सक्ष्म प्रयास और उन्नति करे। इसके आलावा नृत्य, संगीत, अंताक्षरी और नाटक जैसे मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।

यहाँ विद्यालय में हर साल भव्य वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाता है। इस समारोह विद्यार्थियों को उनके क्षेत्र में उत्तम कार्य करने के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। यहाँ हर साल मुख अतिथि छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर आते है। नृत्य, नाटक, प्रधानाचार्य महोदय के ज्ञान वर्धक भाषण सुनने और देखने का सुअवसर प्राप्त होता है। विद्यालय में अध्यापको के लिए सुसज्ज्ति स्टाफ कक्ष है। यहाँ शिक्षकगण विद्यार्थिओं की उत्तरपुस्तिकाओं का निरीक्षण कार्य करते है और साथ ही विद्यार्थिओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए उत्तम निर्णय लेते है। नजदीक में प्रधानचार्य महोदय का कक्ष है जो काफी विशाल और भव्य है।

स्कूल की इमारत और छात्रों  की सुरक्षा के लिए बाहर सुरक्षा कर्मी हमेशा तैनात रहते है। स्कूल में हमेशा अनुशासन का अनुकरण किया जाता है। यहाँ विद्यालय के आंगन और सभी कक्षाओं की रोज़ सफाई की जाती है। यहाँ विद्यालय के आँगन के पास जो बगीचा है वहां विभिन्न प्रकार के छायादार पेड़ है इसलिए विद्यालय का एक सुन्दर दृश्य स्थापित हो जाता है। यहाँ बच्चे हर साल दसवीं और बारहवीं में अच्छा शैक्षिक प्रदर्शन करते है। जिसके कारण जिले में हमारा विद्यालय अत्यंत लोकप्रिय है। हमारे विद्यालय में पुस्तकालय का रूप में एक ज्ञान का महसागर है। यहाँ हर विषय और क्षेत्र से सम्बंधित किताबें पायी जाती है। जो बच्चे महंगे किताबे नहीं खरीद सकते है यहाँ पुस्तकालय में आकर ज्ञान अर्जित करते है।

हर प्रकार के दिवस जैसे शिक्षक दिवस , स्वतंत्रता दिवस सुअवसर मनाये जाते है और कई प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

विद्यालय विद्या का मंदिर है जहाँ बच्चे हर प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने आते है। ज़िन्दगी में विद्यालय का महत्व अतुलनीय है। ज़िन्दगी में हर विद्यार्थी के बेहतरीन दिन यहाँ बितते है जिसे आजीवन वह याद करते है। विद्यालय का सहयोगमय वातावरण और अपार शिक्षा भविष्य में विद्यार्थिओं को आत्मनिर्भर बनाता है। यहीं से शिक्षा पाकर विद्यार्थी ज़िन्दगी में बहुत कुछ कर दिखाते है। हमे अपने विद्यालय पर गर्व है।

मेरा विद्यालय 10 लाइन-vidyalay per 10 line

  • मेरा विद्यालय मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ हमें शिक्षा के साथ-साथ खेल, कला और सामाजिक गतिविधियों का भी मौका मिलता है।
  • हमारे विद्यालय में अध्यापक हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमारे ज्ञान को विकसित करते हैं।
  • विद्यालय में हम नए दोस्त बनाते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं।
  • हमारे विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।
  • विद्यालय में हमें नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है और हमें समाज में उपयोगी नागरिक बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  • हमारे विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षक हमारे मार्गदर्शक होते हैं और हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
  • मेरे विद्यालय का वातावरण सुरक्षित और प्रेरणास्त्रोत होता है, जो हमें सीखने के लिए परिपूर्ण माहौल प्रदान करता है।
  • विद्यालय में हमें सिखाया जाता है कि कैसे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करें और संघर्ष का सामना करें।
  • मेरे विद्यालय ने मेरी प्रौद्योगिकी, सामाजिक और मानसिक दृष्टि को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • मेरा विद्यालय मेरे जीवन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो मुझे नए दर्शनियों की ओर अग्रसर करने में मदद करता है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 3

#सम्बंधित: Hindi Essay, Hindi Paragraph, हिंदी निबंध।

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मेरे विद्यालय पर निबंध | Essay on My School in Hindi

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Essay on My School in Hindi: नमस्कार दोस्तों आपका Hindipool पर स्वागत है| आज हमने Essay on My School in Hindi for Class 2, 3, 5, 6, 8th पर बहुत सरल भाषा में निबंध लिखा है| इससे पहले हमने Essay on Teacher Day in Hindi पर लेख लिखा था

लेख को शुरू करने के पहले विद्यालय का अर्थ क्या होता है और इसके बारे में थोड़ा जान लेते हैं|

विद्यालय का अर्थ – विद्या का घर|

विद्यालय एक ऐसा स्थान होता है जहाँ पे हमे पढ़ाया जाता है, हमे विद्या दी जाती है, और यह एक ऐसी जगह होती है जो हमे कई सारी मीठी-मीठी यादे देती हैं, और यही से एक विद्यार्थी ज्ञान पाकर अपने जीवन में सफल और कामयाब बनता है|

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Essay on My School in Hindi

मेरे स्कूल का नाम स्वपन लोक पब्लिक स्कूल है| यह मेरे घर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| मेरा विद्यालय बहुत ही विशाल है और यह जाने-माने विद्यालय में से एक माना जाता है| हमारे विद्यालय में किंडर गार्टन से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं है और मैं मेरे विद्यालय में दूसरी कक्षा से पढ़ रहा हूँ| मेरा विद्यालय एक शांति भरी जगह में स्थित है|

मेरे विद्यालय में 50 से ज्यादा शिक्षक – शिक्षिकाएं हैं और हमारे स्कूल में 4 से ज्यादा Peon है और एक प्रधानाचार्य महोदय हैं| मेरे स्कूल में छात्रों की संख्या 1000 से कहीं ज्यादा है| मेरा विद्यालय इतना विशाल है की इसकी सुरक्षा के लिए तीन से चार सुरक्षाकर्मी रखे गए हैं, जो मेरे विद्यालय की सुरक्षा करते हैं और जब हम वाहन से आते हैं वो उनकी भी सुरक्षा करते हैं|

मेरे विद्यालय में 50 से ज्यादा कक्षाएं हैं| यह सारी कक्षा बहुत ही बड़ी हैं, हर कक्षा में जोरदार हवा देने वाले पंखे भी लगे हुए हैं, और वेंटिलेशन के लिए हर कक्षा में खिड़कियाँ भी हैं और भी अन्य कई वजहों के लिए हर कक्षाओं में कैमरे भी लगे हुए हैं|

मेरे विद्यालय की पोशाक सिल्वर और सफेद रंग की है, मुझे इस विद्यालय में पड़ते हुए 8 साल से ज्यादा हो चुके हैं और में एक बात पुरे भरोसे के साथ कह सकता हूँ कि मेरे विद्यालय में बहुत ही बेहतर तरीके से शिक्षा दी जाती है और शिक्षा ही नहीं अगर आप अपना भविष्य किसी खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल आदि में बनाना है तो मेरा स्कूल उसमे विद्यार्थी का पूरा समर्थन करता है|

मेरे स्कूल में एक बहुत बड़ा मैदान भी है जहां पर क्रिकेट अलग से सिखाया जाता है और फुटबॉल अलग से, और भी कई सारे खेल सिखाये जाते हैं| इतना ही नहीं अगर आप अपना भविष्य संगीत या नृत्य की दुनिया में बनाना चाहते हैं तो उसमें भी मेरा विद्यालय बच्चो का पूरा समर्थन देता है| मेरे स्कूल द्वारा कई सारी प्रतियोगितायें आयोजित की जाती है जो कि छात्रों को एक बहुत बड़ा सुनहरा अवसर देती है अपनी कला को प्रदर्शित करने का बड़े-बड़े दिग्गज कलाकारों के सामने|

हमारे स्कूल में अनुशासन एक बहुत ही महत्व चीज है| मेरे विद्यालय में हर समय अनुशासन रहता है| प्रतियोगिता हो या फिर कोई फंक्शन हो रहा हो मेरे विद्यालय में अनुशासन हमेशा कायम रहता है परन्तु ऐसा नहीं है की मेरे विद्यालय में हसी मज़ाक नहीं होता, मेरे विद्यालय में हर कार्यक्रम बहुत ही हसी मज़ाक और ख़ुशी से मनाया जाता है|

मेरे विद्यालय में हर छात्र द्वारा शिक्षकों का बहुत आदर सम्मान किया जाता है और सभी शिक्षक हर छात्र के साथ बिलकुल अपने बच्चे की तरह स्वाभाव करता है|

मेरे विद्यालय के साथ मेरी कई सारी अच्छी और सुहानी यादें जुड़ी हुई है वो लंच में अपने दोस्तों के साथ खेलना, अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई करना, अपने दोस्तों के साथ हंसी मजाक करना, वो हमारे शिक्षकों का हमे डाटना ऐसी और भी कई सारी सुहानी यादे हैं जो मेरे दिल के बहुत करीब है|

I Love My School!

हमें उम्मीद है आपको हमारा Essay on My School In Hindi पर लेख पसंद आया होगा| आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले और आप हमारे द्वारा लिखे गए विद्यालय पर निबंध को अपनी परीक्षा में भी इस्तेमाल कर सकते हैं|

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Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|

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मेरा विद्यालय पर अनुच्छेद | Article on My School in Hindi

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मेरा विद्यालय पर अनुच्छेद | Article on My School in Hindi!

ADVERTISEMENTS:

मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ । मेरे विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है । इसकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती है । पढ़ाई, खेलकूद तथा अन्य गतिविधियां हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं ।

मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं । 30 से ज्यादा अध्यापक अध्यापिकाएं हैं । इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यंहा कार्यरत हैं । अध्यापक गण अनुभवी, विद्वान एवं परिश्रमी हैं । हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी एवं अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं ।

विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही मधुर है । समय-समय वे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देते रहते हैं । मेरे विद्यालय की इमारत पक्की है । इसमें 25 हवादार कमरे है । विद्यालय के एक कमरे में प्रधानाचार्य का कार्यालय भी है जो कि साफ-सुथरा और भलीभांति सजा हुआ है । कक्षाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो लगे हुए हैं ।

विद्यालय में एक पुस्तकालय भी है । जहां से सभी छात्रों को पुस्तकें पढ़ने के लिए उपलब्ध होती है । विद्यालय में प्रयोगिक कक्षाओं के लिए लैब भी बनी है । मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत-प्रतिशत रहता है और कई छात्र मेरिट में भी स्थान पाते हैं ।

निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराई जाती है । छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता है । बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की भी परंपरा है । मुझे अपने इस विद्यालय पर बहुत गर्व है ।

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Aapne school par nibandh Bahut sahi se likha hai. Thank You

Excellent Works.

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10 Lines On My School in Hindi | मेरे विद्यालय पर 10 वाक्य

10 lines on my school in hindi.

10 Lines on My School in Hindi | मेरे विद्यालय पर 10 वाक्य कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए | एक विद्यालय मंदिर के समान होता है जहाँ पर बच्चे पढ़ते है। पढ़ना सभी के लिए आवश्यक होता है। सभी विद्यालय में ज्ञान का भण्डार होता है। शिक्षक का कार्य सभी बच्चो को पढ़ाना और अच्छे ज्ञान प्रदान करना होता है। आइये जानते है विद्यालय पर 10 वाक्य।

Set (1) 10 Lines on My School in Hindi Class 1, 2, 3, 4

  • मेरे स्कूल का नाम आनंद पब्लिक स्कूल है।
  • मेरा स्कूल सूरत में स्थित है।
  • मेरा स्कूल पहली से 12वीं कक्षा तक है।
  • मेरे स्कूल में लड़के-लड़कियाँ दोनों एक साथ पढ़ते हैं।
  • मेरे विद्यालय के विद्यार्थियों की वर्दी का रंग नीला है।
  • मेरे स्कूल का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक है।
  • मेरे विद्यालय में एक सुन्दर बगीचा है।
  • मेरे स्कूल में कुल 25 कमरे हैं।
  • मेरे विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 30 है।
  • मेरे स्कूल का माहौल बहुत खुशनुमा है.

Set (2) 10 Lines on My School in Hindi Class 5, 6, 7

  • मेरा स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ मैं नई चीज़ें सीखने जाता हूँ और अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करता हूँ।
  • इसमें एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ हम फुटबॉल, क्रिकेट और बैडमिंटन जैसे खेल खेलते हैं।
  • मेरे विद्यालय के शिक्षक बहुत दयालु और मददगार हैं। वे हमें गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विभिन्न विषय पढ़ाते हैं।
  • हमारे विद्यालय में एक पुस्तकालय है जहाँ हम विभिन्न विषयों की पुस्तकें पढ़ सकते हैं और उन्हें घर ले जा सकते हैं।
  • मेरे विद्यालय में एक कंप्यूटर कक्ष है जहाँ हम कंप्यूटर चलाना सीखते हैं और शैक्षिक खेल खेलते हैं।
  • मेरा स्कूल दिवाली, ईद और क्रिसमस जैसे विभिन्न त्योहार मनाता है, और हमें पारंपरिक कपड़े पहनने और विशेष गतिविधियों का आनंद लेने का मौका मिलता है।
  • हमारे विद्यालय में एक कैंटीन है जहाँ से हम अवकाश के दौरान नाश्ता और जलपान खरीद सकते हैं।
  • मेरे स्कूल में एक खूबसूरत बगीचा है जहाँ हम विभिन्न पौधों और पेड़ों के बारे में सीखते हैं।
  • हमारे स्कूल में कला और शिल्प की कक्षाएँ होती हैं, जहाँ हम चित्र बनाना, पेंटिंग करना और अपने हाथों से चीज़ें बनाना सीखते हैं।
  • मेरा स्कूल एक अद्भुत जगह है जहां मैंने कई दोस्त और यादें बनाई हैं जिन्हें मैं हमेशा संजोकर रखूंगा।

Set (3) 10 Lines on My School in Hindi Class 8, 9, 10

  • मेरा स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ मैं अपने अधिकांश दिन सीखने और एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में बिताता हूँ।
  • यह एक विशाल खेल के मैदान और अच्छी तरह से सुसज्जित कक्षाओं के साथ एक शांतिपूर्ण क्षेत्र में स्थित है।
  • मेरे विद्यालय के शिक्षक अत्यधिक योग्य हैं और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।
  • स्कूल में एक पुस्तकालय है जिसमें विभिन्न विषयों और विषयों पर पुस्तकों की एक विस्तृत श्रृंखला है।
  • हमारे पास आधुनिक कंप्यूटर और हाई-स्पीड इंटरनेट के साथ एक कंप्यूटर लैब है जो हमें प्रौद्योगिकी के साथ अपडेट रहने में मदद करती है।
  • स्कूल में एक विज्ञान प्रयोगशाला भी है जहाँ हम प्रयोग करते हैं और सैद्धांतिक अवधारणाओं के व्यावहारिक अनुप्रयोग सीखते हैं।
  • मेरा स्कूल हमारे कौशल और रुचियों को विकसित करने में मदद करने के लिए खेल, संगीत, नृत्य और कला जैसी पाठ्येतर गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है।
  • स्कूल पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है, जैसे वार्षिक दिवस, खेल दिवस और विज्ञान प्रदर्शनी।
  • स्कूल में एक मैत्रीपूर्ण और समावेशी वातावरण है, जहां विभिन्न पृष्ठभूमि और संस्कृतियों के छात्र एक साथ सीखते हैं और बढ़ते हैं।
  • मेरे स्कूल ने मेरे व्यक्तित्व को आकार देने और मुझे एक सफल भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ये भी देखें –

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  • 10 Line on My Country in Hindi
  • Essay on My School in Hindi

FAQs. on My School in Hindi

स्कूल महत्वपूर्ण क्यों है.

उत्तर – मेरा विद्यालय मेरे लिए वरदान है क्योंकि विद्यालय एक ऐसी जगह है जहाँ हमें शिक्षा मिलती है। स्कूल हर स्थान पर होना चाहिए ताकि शिक्षा गरीब लोगों से परे न हो। शिक्षा का अधिकार हर एक को है और अशिक्षा को दूर करने के लिए हर बच्चे को स्कूल जाना चाहिए।

कौन स्कूल जा सकता है?

उत्तर – स्कूल केवल एकल व्यक्ति के लिए नहीं है। यह सभी के लिए है। चाहे वह बच्चा हो या बूढ़ा आदमी शिक्षा का अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सोच विकसित करने के लिए दिया जाता है। शिक्षा के माध्यम से, हमारे अधिकारों को जानना आसान हो गया और कोई भी शिक्षित लोगों को धोखा नहीं दे सकता।

एक बच्चे को किस तरह की शिक्षा दी जानी चाहिए?

उत्तर – बच्चे की कोई सीमा नहीं है। शिक्षा ऐसी कोई भी चीज हो सकती है जिसके द्वारा विचार को विकसित किया जा सके और ईमानदारी के रास्ते पर चला जा सके। चाहे सामाजिक शिक्षा या नैतिक शिक्षा हो लेकिन शिक्षा होनी चाहिए।

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दा इंडियन वायर

मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर निबंध

write an essay on my school in hindi

By विकास सिंह

my school library essay in hindi

एक स्कूल पुस्तकालय स्कूल के भीतर की एक संरचना है जिसमें पुस्तकों, ऑडियो-विज़ुअल सामग्री और अन्य सामग्री का संग्रह होता है जो उपयोगकर्ताओं की शैक्षिक, सूचनात्मक और मनोरंजक आवश्यकताओं को पूरा करता है।

विषय-सूचि

पुस्तकालय पर निबंध, my school library essay in hindi (200 शब्द)

इन दिनों सीखना कक्षा के व्याख्यान और प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है। यह अधिक खोज की यात्रा है जो हमें सीखने के लिए प्रोत्साहित करती है। स्कूल पुस्तकालय शिक्षा प्रणाली में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और स्कूल सेटअप का एक अनिवार्य हिस्सा हैं।

मेरा स्कूल पुस्तकालय एक अच्छी तरह से स्थापित पुस्तकालय है। यह स्कूल के भूतल पर एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी है जिसमें कई बुकस्टैंड और कैबिनेट हैं। इन किताबों और अलमारियाँ में पुस्तकों को वर्णानुक्रम में ठीक व्यवस्थित किया जाता है।

इसमें विविध विषयों पर पुस्तकों की एक विस्तृत श्रृंखला है, कहानी की किताबें, हास्य पुस्तकें, आत्मकथाएँ और पत्रिकाएँ। प्रवेश द्वार पर लाइब्रेरियन का डेस्क है। छात्रों के बैठने के लिए पुस्तकालय के केंद्र में टेबल और कुर्सियों की पंक्तियाँ हैं। एक अन्य खंड शिक्षकों के लिए लाइब्रेरी की जगह है।

सभी छात्र अपनी कक्षा की यात्रा के कार्यक्रम के अनुसार पुस्तकालय जाते हैं। पुस्तकालय का दौरा करने के लिए लाइब्रेरी कार्ड ले जाने हैं। हमारी लाइब्रेरियन हमारी जरूरतों के अनुसार पुस्तकों का पता लगाने और चयन करने में बहुत सहायक है। हमें एक बार में एक पुस्तक उधार लेने की अनुमति है और उसी के लिए रिकॉर्ड लाइब्रेरियन द्वारा बनाए रखा जाता है।

हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पुस्तकें हमारे द्वारा क्षतिग्रस्त न हों और समय पर वापस आ जाएं। लाइब्रेरी बिना किसी गड़बड़ी के पढ़ने के लिए सबसे अच्छी जगह है। मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है इसलिए मेरे लिए पुस्तकालय का दौरा करना वास्तव में बहुत रोमांचक है। मैं अपना पूरा दिन पुस्तकालय में बिता सकता हूं।

मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर निबंध, school library essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

स्कूल पुस्तकालय स्कूल में पुस्तकालय है जहां शिक्षक, छात्र और स्कूल समुदाय के अन्य सदस्यों के पास विभिन्न संसाधनों जैसे किताबें और पढ़ने की सामग्री, सूचना और सूचना प्रौद्योगिकी तक समान पहुंच होती है। स्कूल की लाइब्रेरी हमें कई सीखने के अवसर, कंप्यूटर के उपयोग और संदर्भ सामग्री प्रदान करती है। यह हमें स्वतंत्र कार्य करने के लिए लचीला शिक्षण स्थान प्रदान करता है।

मेरी स्कूल लाइब्रेरी की यात्रा :

मुझे ब्रेक के दौरान स्कूल पुस्तकालय में मेरी एक दिलचस्प यात्रा याद है। लाइब्रेरियन, मिस जेनिफर ने हमेशा की तरह अपने चेहरे पर एक बहुत ही सुखद मुस्कान के साथ मुझे बधाई दी। मेरा पसंदीदा खंड उपन्यास और नाटकों के साथ कैबिनेट है। मुझे लघु कथाएँ, उपन्यास और नाटक पढ़ना बहुत पसंद है।

इसलिए, मैंने सिर्फ एक दिलचस्प पुस्तक को पढ़ने के लिए सुझाव देने के लिए लाइब्रेरियन से पूछताछ की। उसने मुझे जार्ज बर्नार्ड शॉ का एक नाटक mal पैग्मेलियन ’दिया। उस समय पुस्तकालय में कोई नहीं था। मैं पंक्ति में टेबल के अंत में कुर्सी पर बैठ गया। एक बार जब मैंने पढ़ना शुरू कर दिया तो मैंने खुद को उसमें खो दिया। मैं सिर्फ पढ़ने के लिए गया और कुछ और कक्षाओं को छोड़ दिया क्योंकि मैं इस पुस्तक को पढ़ना नहीं चाहता था।

मैं बारह साल का था और मुझे पढ़ने से प्यार हो गया। मैं लेखन शैली और कहानी से बिल्कुल लालच हो गया। इसने मेरे दिल को पकड़ लिया और मुझे अंतिम शब्द तक तल्लीन कर दिया। यह मेरा सबसे अमिट पढ़ने का अनुभव था।

निष्कर्ष :

एक बार जब मैंने पूरा नाटक पढ़ना शुरू कर दिया तो मैं खुद मुस्कुराया और इतने शानदार अनुभव के लिए आभारी था। मुझे इतनी खुशी हुई कि मैंने इतनी बड़ी किताब की सिफारिश करने के लिए कई बार लाइब्रेरियन को धन्यवाद दिया। मेरे पास मेरे चेहरे पर एक विशाल मुस्कान थी और जब मैं अपने दोस्तों और सहपाठियों के साथ अपने पढ़ने के अनुभव को साझा करने के लिए बहुत उत्साहित था। मेरे अनुभव ने उन्हें भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर निबंध, school library essay in hindi (400 शब्द)

लाइब्रेरी में संसाधनों और सेवाओं, उपयोगी सामग्री, वीडियो और ऑडियो सामग्री का संग्रह होता है जो सभी विषयों में सामान्य उपयोग करता है, यह विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, मनोविज्ञान या कंप्यूटर विज्ञान है। यह उपयोगकर्ताओं को सभी स्तरों पर ज्ञान प्राप्त करने और प्राप्त करने के लिए संसाधन प्रदान करता है।

दूसरी ओर शिक्षा, व्यक्तिगत विकास के लिए अग्रणी ज्ञान, क्षमता और जानकारी प्रदान करके सकारात्मक मूल्यों को विकसित करती है।

पुस्तकालय और शिक्षा परस्पर जुड़े हुए हैं :

दशकों से पुस्तकालयों ने साक्षरता और सीखने के परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह एक सिद्ध तथ्य है कि प्रभावी स्कूल पुस्तकालय सेवाओं का छात्रों के सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक विकास और विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साक्षरता, शिक्षा और पुस्तकालय हाथ से जाते हैं।

शिक्षा प्रणाली पर पुस्तकालयों का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे छात्रों के लिए आवश्यक सभी प्रकार की जानकारी का एक केंद्र हैं। इसके अलावा, पुस्तकालयों ट्यूशन कार्यक्रमों और शैक्षिक कक्षाएं प्रदान करते हैं। एक पुस्तकालय स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षिक संगठनों का एक अभिन्न अंग है।

स्कूल पुस्तकालय छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन और परिणामों को बढ़ाते हैं। छात्रों को सीखने और पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे सीखने के प्रति आग्रह, रुचि और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं। यह छात्रों के समग्र प्रदर्शन, बेहतर परिणामों और उपलब्धियों में वृद्धि दर्शाता है।

शिक्षा और पुस्तकालय परस्पर जुड़े हुए हैं और मौलिक रूप से एक-दूसरे के साथ सह-अस्तित्व में हैं। शिक्षा ज्ञान, मूल्य, कौशल, आदतें और विश्वास प्राप्त करने की प्रक्रिया है। यह सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें बच्चों को सामाजिक दक्षता कर्मियों के विकास को प्राप्त करने के लिए स्कूल के वातावरण के प्रभाव के अधीन किया जाता है।

शिक्षा प्राप्त ज्ञान और अनुभव का परिणाम है। दूसरी ओर पुस्तकालय ज्ञान की उन्नति के लिए ज्ञान, सूचना और संसाधनों का स्रोत और भंडार है। पुस्तकालय शिक्षा और अनुसंधान के कारण को बढ़ाते हैं। साक्षरता में लोगों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में पुस्तकालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

छात्रों के अध्ययन में सहायता करने और अनुसंधान और शिक्षण में शिक्षकों की सहायता करने के अलावा, स्कूल पुस्तकालय छात्रों में पढ़ने की आदत विकसित करने में मदद करता है और सीखने के अनुभव को समृद्ध करने के लिए ज्ञान और संसाधन प्रदान करता है।

पुस्तकालय आत्म-शिक्षा, सूचना और ज्ञान के साधन के लिए आवश्यक है। शिक्षा औपचारिक रूप से ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने की जटिल सामाजिक प्रक्रिया है। छात्रों के विकास के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली में शामिल है। पुस्तकालय हमें आध्यात्मिक, प्रेरणादायक, सूचनात्मक और दिलचस्प पढ़ने का अनुभव प्राप्त करने की अनुमति देता है।

पुस्तकालय इस प्रकार कक्षाओं में प्रदान की गई साक्षरता की उन्नति में एक छलांग है। शिक्षा और पुस्तकालय अकेले मौजूद नहीं हो सकते और अविभाज्य हैं। पुस्तकालय किसी भी औपचारिक शैक्षिक प्रणाली का अनिवार्य हिस्सा है।

मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर निबंध, my school library essay in hindi (500 शब्द)

प्रस्तावना:.

स्कूल पुस्तकालय वह जगह है जहाँ शैक्षणिक पुस्तकों और संसाधनों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। विभिन्न विषयों पर ज्ञान, समझ और प्रदर्शन बढ़ाने के लिए पूरे वर्ष सभी छात्रों को किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। सीखने और सिखाने की प्रक्रिया के लिए स्कूल की लाइब्रेरी जरूरी है।

पुस्तकालय प्रत्येक छात्र को आवश्यक संसाधनों तक पहुँच और सीखने की प्रक्रिया को सुगम बनाने की सुविधा प्रदान करता है। यह छात्र के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बदलते समय के साथ स्कूल पुस्तकालयों के डिजाइन, आधुनिक उपकरण और रणनीतियाँ बदल जाती हैं।

स्कूल पुस्तकालयों में हमारे पास जिन प्रकार की किताबें हैं, वे हैं: फ़िक्शन बुक, नॉन-फ़िक्शन बुक, रेफ़रेंस बुक्स, लिटरेचर बुक्स, बायोग्राफ़ीज़, जनरल नॉलेज बुक्स, फेबल्स एंड फोकटल्स, कुकबुक और क्राफ्ट बुक्स, कविता बुक्स, सीरीज़ की बुक्स आदि किताबें।

स्कूल लाइब्रेरी का महत्व :

छात्रों के लिए उपयुक्त और लचीला शिक्षण स्थान प्रदान करता है। इन दिनों पुस्तकालय डिजिटल उपकरणों और प्रौद्योगिकियों से लैस हैं जो विषयों पर शोध करना आसान और तेज़ बनाते हैं।

यह हमें गुणवत्तापरक कल्पना और गैर-पुस्तकों के साथ प्रदान करता है जो हमें खुशी के लिए और अधिक पढ़ने और हमारे बौद्धिक, कलात्मक, सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। स्कूल लाइब्रेरी का माहौल परेशान किए बिना सीखने के लिए एकदम सही है। इससे हमारे लिए सीखना आसान है और तेजी से समझ आता है।

घर पर आगे सीखने के लिए हम अपनी आवश्यकतानुसार पुस्तकें उधार ले सकते हैं। विभिन्न विषयों पर पुस्तकों के अलावा हम अपनी रुचि की किताबें जैसे कहानी की किताबें, आत्मकथाएँ, कॉमिक पुस्तकें और उपन्यास भी उधार ले सकते हैं। हम जीके पुस्तकों को पढ़कर अपने सामान्य ज्ञान में सुधार कर सकते हैं।

यह मन के विकास में मदद करता है और हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है। रुचि के विषयों पर गहराई से ज्ञान के साथ हमें नए और अधिक रोचक आयामों की अंतर्दृष्टि मिलती है। हम अपने स्कूल असाइनमेंट को पूरा करने के लिए पुस्तकों की एक विस्तृत श्रृंखला से संदर्भ ले सकते हैं।

हम नोट्स बनाने और परीक्षा की तैयारी के लिए पुस्तकों का भी उल्लेख कर सकते हैं। यह शब्दावली, पढ़ने और लेखन कौशल विकसित करने में भी मदद करता है। शिक्षकों को प्रभावी सीखने के कार्यक्रमों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिए पेशेवर विकास, प्रासंगिक जानकारी और संदर्भ सामग्री तक पहुंच प्रदान करता है।

प्रभावी शिक्षण योजना और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए शिक्षकों के साथ सहयोग करें जो हमें कौशल प्राप्त करने, जानकारी एकत्र करने और मूल्यांकन करने और समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं। स्कूल की लाइब्रेरी स्कूल के प्रत्येक सदस्य के लिए सहायक होती है, चाहे उसके छात्र, शिक्षक या कोई अन्य स्टाफ सदस्य। यह व्यक्तिगत विकास के लिए कौशल और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।

स्कूल के पुस्तकालय का छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह हमें आधुनिक दिन डिजिटल और सामाजिक वातावरण में सफल होने के लिए आवश्यक समग्र कौशल विकसित करने में मदद करता है। नियमित रूप से पुस्तकालय जाने की आदत विकसित करना महत्वपूर्ण है।

हम कक्षाओं में जो कुछ भी सीखते हैं उसे पुस्तकालय में पढ़ने और शोध के साथ पूरक होना चाहिए। यह अध्ययनों को और अधिक रोचक और गहरा बना देगा। पुस्तकालयों में उपलब्ध पुस्तकों की श्रेणी और गुणवत्ता सबसे अच्छी है। एक छात्र के रूप में हम अन्यत्र पुस्तकों की इतनी विस्तृत श्रृंखला तक नहीं पहुँच सकते हैं या पहुँच नहीं सकते हैं।

इस प्रकार, पुस्तकालय हमारे अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जो ज्ञान हमें प्राप्त होता है वह जीवन काल के लिए हमारे साथ रहता है।

स्कूल लाइब्रेरी पर निबंध, essay on school library in hindi (600 शब्द)

स्कूल पुस्तकालय स्कूल के भीतर पुस्तकालय को संदर्भित करता है जहां स्कूल समुदाय के सदस्य जैसे छात्र, शिक्षक और अन्य कर्मचारी विभिन्न शिक्षण और पढ़ने के संसाधनों तक पहुंच सकते हैं। स्कूल के पुस्तकालयों का छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

वे उपयोगकर्ताओं के समग्र व्यक्तिगत विकास और विकास में मदद करते हैं। स्कूल लाइब्रेरी में मुख्य रूप से किताबें, ऑडियो, वीडियो, समय-समय पर और डिजिटल मीडिया शामिल हैं। पुस्तकालय संसाधनों को प्राप्त करने, प्रबंधित करने, व्यवस्थित करने और वितरित करने के लिए लाइब्रेरियन जिम्मेदार हैं।

उन्हें यह सुनिश्चित करने और सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पुस्तकालय प्रावधान अपने सदस्यों की जरूरतों को पूरा करता है।

एक स्कूल लाइब्रेरियन की नौकरी क्या है?

स्कूल लाइब्रेरियन द्वारा किए गए कार्यों पर एक नज़र है:

  • पुस्तकालय संसाधनों का चयन, कैटलॉगिंग, आयोजन और विकास करना।
  • कर्मचारियों की भर्ती, प्रशिक्षण और कर्तव्यों को सौंपने सहित स्टाफ का प्रबंधन करना।
  • उपयोगकर्ताओं के प्रश्नों को सुनना, समझना और उनका उत्तर देना।
  • योजना और बजट और संसाधनों का प्रबंधन।
  • छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ सदस्यों जैसे समुदाय के विभिन्न समूहों को सेवाएं प्रदान करना और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • पुस्तकालय संसाधनों का उपयोग करने में उपयोगकर्ताओं को बढ़ावा देना, शिक्षित करना और उनकी सहायता करना।
  • डिजिटल तकनीक के साथ उपयोगकर्ताओं की सुविधा और सहायता।
  • छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और पुस्तकालय के अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ सकारात्मक बातचीत करें।

एक स्कूल लाइब्रेरियन की भूमिका :

स्कूल पुस्तकालय के प्रभावी कामकाज में लाइब्रेरियन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पुस्तकालय के उपयोगकर्ताओं को सीखने के लिए मार्गदर्शन और समर्थन करने के लिए लाइब्रेरियन के पास आवश्यक कौशल हैं, और उन्हें स्वतंत्र पाठकों और शिक्षार्थियों में विकसित करने में मदद करते हैं।

स्कूल लाइब्रेरियन मुख्य रूप से एक शिक्षक, सूचना विशेषज्ञ, अनुदेशात्मक साथी और कार्यक्रम प्रशासक की भूमिका निभाता है। लाइब्रेरियन केवल पुस्तकों के केयरटेकर नहीं हैं, अब वे सलाहकार, सूचना प्रदाता, अनुदेशक पाठक, पाठ्यक्रम डिजाइनर और शिक्षक हैं।

वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में छात्रों की मदद कर सकते हैं। पुस्तकालयों का सेटअप भी कक्षा सेटअप की तरह बदल गया है। बदलते समय के साथ शिक्षा के रुझान ने स्कूल के पुस्तकालयाध्यक्षों की भूमिका को बदल दिया है:

एक लाइब्रेरियन के पास पेशेवर प्रशिक्षण, शिक्षा और नौकरी में अग्रणी होने के लिए आवश्यक क्रेडेंशियल्स हैं। वह संसाधन और सूचना प्रबंधन और प्रावधान में एक मान्यता प्राप्त पेशेवर है। उनकी भूमिका विद्यालय में किए जाने वाले साक्षरता कार्यक्रमों के सहयोगी डिजाइन और कार्यान्वयन के संबंध में सिद्धांत, शिक्षकों और शिक्षकों की बैठकों में नियमित रूप से शामिल होने की है।

उनकी जिम्मेदारी प्रभावी, नियोजन, बजट, मूल्यांकन और रिपोर्टिंग द्वारा स्कूल पुस्तकालय को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना है। उसे शिक्षकों और छात्रों के साथ प्रभावी ढंग से काम करने, प्रमुख समितियों की सेवा करने और अन्य पुस्तकालय कर्मचारियों का प्रबंधन करने के लिए एक कार्यक्रम की योजना बनाने की आवश्यकता है।

वह ऑनलाइन और इंटरनेट डेटाबेस सहित लाइसेंस प्राप्त संसाधनों और डेटाबेस का उपयोग करता है। वह स्कूल पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक सामग्री और संसाधनों का चयन करता है और राज्य के मानकों को पूरा करता है। वह शिक्षकों और छात्रों को पाठ्यक्रम और सूचना से जोड़ता है।

लाइब्रेरियन वह है जो सूचना की आवश्यकता को पहचानने और प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए दूसरों का मार्गदर्शन करता है। स्कूल समुदाय के लिए डिजिटल सूचना संसाधनों तक निरंतर पहुंच प्रदान करके उन्नत शिक्षा के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करता है।

स्कूल लाइब्रेरियन वह है जो स्कूल समुदाय में पढ़ने को प्रोत्साहित करने और समर्थन करने के लिए एक वातावरण बनाता है और विकसित करता है। वह प्रभावी नियोजन और सूचना के प्रावधान के लिए कक्षा शिक्षकों के साथ सहयोग करता है। उसे पेशेवर स्तर, सूचना प्रौद्योगिकी, शैक्षिक अनुसंधान, विकास और स्कूल पुस्तकालय कार्यक्रमों पर अद्यतन रहने की आवश्यकता है।

उन्हें स्थानीय बैठकों के साथ-साथ राज्य और राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी भाग लेने की आवश्यकता है।

स्कूल लाइब्रेरियन की भूमिका संसाधनों, सूचना, कौशल और ज्ञान के साथ दूसरों को सशक्त बनाने और लचीले सीखने और शिक्षण वातावरण की स्थापना करना है। स्कूल लाइब्रेरियन शिक्षण स्टाफ की तरह है और इसमें साक्षरता का समर्थन करने और छात्रों के सीखने को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

स्कूल लाइब्रेरियन छात्रों के सीखने का समर्थन करता है और उन्हें कुशल स्वतंत्र शिक्षार्थियों और पाठकों में विकसित करने में मदद करता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Nibandh

मेरी पाठशाला पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - मेरा पाठशाला - मेरे पाठशाला के बारे में - मेरे पाठशाला की प्राचार्य कक्ष - मेरे पाठशाला की पुस्तकालय - मेरे पाठशाला के शिक्षक - मेरे पाठशाला में खेल - पाठशाला के प्रति हमारा कर्तव्य - उपसंहार।

मनुष्य अपने जीवन में कुछ-न-कुछ सीखता है। कोई भी मनुष्य जन्म से ही ज्ञानी नहीं होता है बल्कि इस धरती पर आकर ही किसी भी विषय पर ज्ञान प्राप्त करता है। मानव जीवन को सभ्य बनाने में सबसे बड़ा योगदान पाठशाला का होता है। पाठशाला का अर्थ होता है जिस स्थान पर ज्ञान का वास हो। मैं भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए सेंचुरी पाठशाला में जाता हूँ। मेरे पाठशाला में सभी जाति, धर्म और वर्ग के बच्चे पढने आते हैं। पाठशाला शासकीय और अशासकीय दोनों प्रकार के होते हैं। हमारा पाठशाला एक मंदिर के समान है जहाँ हम रोज पढने आते है ताकि अपने जीवन में उज्ज्वल भविष्य प्राप्त कर सके। हमारे पाठशाला में सभी को एक समान दर्जा दिया जाता है। हमें प्रतिदिन पाठशाला जाना बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि पाठशाला एक ऐसा स्थान है जहाँ पर हमें प्रतिदिन कुछ-न-कुछ नया सीखने को मिलता है। सही शिक्षा से ही किसी भी बच्चे का भविष्य निश्चित होता है और सही शिक्षा की शुरुवात पाठशाला से ही होती है।

मेरा पाठशाला तीन मंजिला का है। हमारा पाठशाला हमारे लिए एक मंदिर के समान है। हमारा विद्यालय यूको बैंक से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हमारे पाठशाला को प्रदूषण, शोर, गंदगी और धुएं से दूर सुरक्षित स्थान पर बनाया गया है जिससे बच्चे शांतिपूर्ण वातावरण में मन लगाकर पढ़ सकें। हमारे पाठशाला में बहुत से पेड़ हैं जिनकी छाया में बच्चे लंच के समय एक-साथ बैठकर टिफ़िन खाते हैं। इन पेड़ों को एक पंक्ति में लगाया गया है। छोटे बच्चों के खेलने के लिए झूलों का भी प्रबंध किया गया है। हमारे पाठशाला सभी विद्यार्थियों के पढने के लिए एक पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया जिसमें विद्यार्थी निश्चिंत होकर अध्धयन कर सकते हैं। हमारे पाठशाला में एक बहुत बड़ा क्लब हाउस है जहाँ पर कार्यक्रम होते है। हमारे पाठशाला में एक बड़ा-सा मैदान भी है जहाँ रोज हमे खेलने के लिए ले जाया जाता है।

हमारा पाठशाला सुबह के समय पर होता है। पाठशाला में सबसे पहले प्रार्थना होती है। प्राथना होने के बाद हम अपने क्लास टीचर को सुभ नमस्कार करते हैं। हमारे पाठशाला में बहुत ही सख्ती से अनुशासन का पालन किया जाता है। बच्चों को घरों से पाठशाला तक पहुँचाने के लिए पीले रंग की बस की सुविधा की गई है। सभी बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए एक समान वर्दी दिया गया है जिसे पहनना अनिवार्य है।

हमारे पाठशाला में हमारी जरूरत की सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर लैब, दो विज्ञान लैब, एक पुस्तकालय, खेलने का मैदान, कार्यक्रम के लिए सुंदर क्लब आदि की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। हमारे स्कुल में नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थी पढ़ते हैं।

हमारे पाठशाला में पुरुष और महिलाओं सहित 35 शिक्षक, 15 सहायक और एक प्रधानाचार्य जी हैं। मेरे पाठशाला में 20 शिक्षक हैं जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किये है। हमारे विद्यालय में सभी शिक्षकों का केवल एक ही लक्ष्य होता है बच्चों का उज्ज्वल भविष्य प्राप्त करने में सहायता कर सके। हमारे विद्यालय में सभी विषय पर बहुत गंभीरता से विचार विमर्श किया जाता है तथा विद्यार्थियों के उचित और अनुचित को सर्वप्रथम रखा जाता है। हमारे विद्यालय में बच्चों को बहुत से विषयों पर शिक्षा दी जाती है। हमारे विद्यालय में प्रत्येक छात्र को कोई भी संदेह होने पर वह अपने कक्षा के अध्यापक से प्रश्न पूछ सकते है और अध्यापक भी उसके प्रश्नों का उत्तर बहुत ही विनम्र और प्रेम भाव से देते हैं जिससे की विद्यार्थी को सरलता से समझ आ सके।

हमारे पाठशाला में प्राचार्य महोदय के लिए एक अलग कक्ष है। अपने कक्ष में बैठे ही प्राचार्य महोदय सारे पाठशाला में चल रही गतिविधियों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। इस कक्ष में कक्षा समय सारिणी और अध्यापक समय सारिणी भी दीवार पर लटकी हुई है। इस कक्ष में महापुरुषों तथा प्रेरक उद्धरण के चित्र भी दीवार पर सजे हुए हैं।

इस कक्ष में सभी अध्यापक एक साथ-मिलकर बच्चों के भविष्य और नयी गतिविधियों के बारे में विचार विमर्श करते हैं। किसी भी निर्णय को लेने से पहले सभी अध्यापक प्रधानाचार्य से विचार विमर्श अवश्य करते हैं। अगर कोई बच्चा किसी दूसरे बच्चे को परेशान करता है तो सबसे पहले प्रधानाचार्य को पता चलता है और उस बच्चे को उचित प्रकार से समझाया जाता है जिससे वह इस गलती को दुबारा न दोहरा सके। सभी प्रकार की गतिविधियाँ प्रधानाचार्य के देख-रेख में होता है।

हमारे पाठशाला में एक बहुत ही विशाल पुस्तकालय है। इसमें नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक की विभिन्न विषयों की पुस्तकें हैं। इस पुस्तकालय में हिंदी के दैनिक समाचार पत्र और कई महत्वपूर्ण मासिक अर्धवार्षिक और वार्षिक पत्रिकाएँ भी आती है। पुस्तकालयाध्यक्ष बहुत ही परिश्रमी और अच्छे व्यक्ति हैं। हमें पुस्तकालय से हमारी जरूरत की प्रत्येक पुस्तक मिल जाती है जिसे घर भी ले जाया जा सकता है। पुस्तकालय से पुस्तक को केवल कुछ निश्चित समय के लिए ही घर पर ले जाने की अनुमति मिलती है।

हमारे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही परिश्रमी विद्वान् और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले अध्यापक हैं। हमारे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही परिश्रम और लगन से सिलेबस के अनुसार पढ़ाते हैं और साथ ही लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं। सभी अध्यापक हमारे लिखित कार्य को बहुत ही सावधानीपूर्वक देखते हैं और हमारी अशुद्धियों की ओर हमारा ध्यान दिलाते हैं। इससे हमें शुद्ध भाषा सीखने और उसका शुद्ध प्रयोग करने में सहायता मिलती है। हमारे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही दयालु हैं जो हमें अनुशासन का अनुसरण करना सिखाते हैं। हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं, प्रश्न उत्तर प्रतियोगिता, मौखिक-लिखित परीक्षा, वाद-विवाद, समूह चर्चा, आदि दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। हमारे पाठशाला के अध्यापक हमें पाठशाला में अनुशासन को बनाए रखने और पाठशाला परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। सचमुच हमारे पाठशाला के शिक्षक बहुत अच्छे है।

हमारे पाठशाला में एक बड़ा-सा मैदान है। हमारे पाठशाला में खेल कूदों जैसे गतिविधियों पर बहुत महत्व दिया जाता है। सभी विद्यार्थियों के लिए खेल में भाग लेना अनिवार्य होता है जिस कारन पाठशाला के विद्यार्थी खेल में बहुत रूचि लेते हैं। हमारे पाठशाला के खिलाडी कई खेलों में पुरस्कार भी प्राप्त किये है। हमारे पाठशाला में बहुत सी खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं जिससे वह अपने शारीरिक और मानसिक विकास में वृद्धि कर सके। जिस प्रकार से पढाई मनुष्य के भविष्य के लिए बहुत जरूरी होती है उसी प्रकार खेल भी मनुष्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं। खेलों से मनुष्य बहुत कुछ जान पाता है तथा अपने पाठशाला का नाम को रोशन करने हेतु अपना योगदान देते है।

पाठशाला एक विद्या का मंदिर होता है जहाँ मनुष्य ज्ञान प्राप्त करता है। जिस तरह भक्तों के लिए मंदिर और पूजा स्थल पवित्र स्थान होता है उसी तरह से एक विद्यार्थी के लिए उसका विद्यालय एक पवित्र स्थल होता है। इस पवित्र मंदिर के भगवान हैं हमारे शिक्षक जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हमारे मन में ज्ञान रूपी प्रकाश को फ़ैलाने में मदत करते है। इसी लिए हमें अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए तथा उनके कहने के अनुसार अपने शिक्षण कार्य का संपादन करना चाहिए। हमें अपने विद्यालय के नियमों का श्रद्धा के साथ पालन करना चाहिए। हमारा कर्तव्य बनता है की जब तक हम पाठशाला में है तब तक हमें उचित ज्ञान प्राप्त करनी चाहिए तथा अपने शिक्षकों को सम्मान देना चाहिए। पाठशाला जीवन समाप्त होने के बाद भी हमे अपने शिक्षक एवं पाठशाला को भूलना नहीं चाहिए। जब मौका मिले या जब हम अपने कामों से मुक्त रहे तो हमें अपने पाठशाला अपने शिक्षक से भेट करने जाना चाहिए जो कि मैं भविष्य में अवश्य जाऊँगा।

पाठशाला एक सार्वजनिक संपत्ति होती हैं। यह हमारी राष्ट्रिय निधि है, इसलिए विद्यार्थी को इसकी रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए। पाठशाला सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि ज्ञान प्राप्ति के हर अवसर वहाँ पर उपलब्ध होते हैं। पाठशाला बालकों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर देता है जिससे बालकों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। उन्हीं विषयों के मार्ग दर्शन के लिए शिक्षक होते हैं इसलिए विद्यार्थी को अपने स्कूलों से पूरा लाभ उठाना चाहिए। पाठशाला हमें हर प्रकार के ज्ञान का प्रकाश मिलता है। इसीलिए हमारा पाठशाला हर तरह से प्रेणादायक भूमिका निभाती है। इसीलिए मुझे मेरा पाठशाला बहुत प्रिय है।

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Hindi Diwas Essay: हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें? 100, 250, 500 शब्दों में निबंध प्रारूप

Hindi Diwas 2024 Essay in Hindi: इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हिंदी भाषा भारतीयों की पहचान का हिस्सा है। भारत में यूं तो कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती है लेकिन जो दर्जा हिंदी को मिला है वो अहम है। भाषाई विविधता के जश्न के रूप में प्रति वर्ष हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हमारे देश की मातृभाषा हिंदी के महत्व को समझाने और उसे सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

हिंदी हमारी पहचान है और करोड़ों भारतीयों को इस पर गर्व है। हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला था। इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। हमारे विद्यालयों में भी हिंदी दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जैसे निबंध लेखन, कविता पाठ, भाषण और अन्य प्रतियोगिताओं का विशेष रूप में आयोजन किया जाता है।

बच्चों को हिंदी भाषा के महत्व और उसकी सुंदरता को समझाने के लिए यह दिन विशेष होता है। इस अवसर पर स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। यदि आप भी स्कूल में हिंदी दिवस पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो इस लेख से संदर्भ ले सकते हैं।

इस लेख में स्कूली बच्चों की सहायता के लिए 100, 250 और 500 शब्दों में हिंदी दिवस पर निबंध लेखन के कुछ प्रारूप प्रस्तुत किए हैं। इस लेख में तीन अलग-अलग हिंदी दिवस निबंध प्रारूप प्रस्तुत किए जा रहे हैं जो स्कूली छात्रों को हिंदी दिवस के महत्व को समझाने में मदद करेंगे। स्कूली छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay) नीचे दिये गये हैं। ये निबंध हिंदी दिवस के महत्व को सरल और स्पष्ट तरीके से समझाने में मदद करते हैं।

हिंदी दिवस 2024 पर 100, 250, 500 शब्दों में आसान निबंध प्रारूप नीचे दिये गये हैं-

निबंध 1 (100 शब्दों में ): हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व के प्रचार एवं प्रसार के लिए मनाया जाता है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसे हमें सम्मान देना चाहिये। भारत के करोड़ों लोग अपनी बोल चाल की भाषा में हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं। भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला हुआ है। इसका अर्थ है कि भारत सरकार ने कामकाज की भाषा के रूप में हिंदी को विशेष स्थान दिया है। हमें गर्व होना चाहिये कि हमारी एक समृद्ध और प्राचीन भाषा है, जिसे हम हिंदी कहते हैं। यह हमारे देश की पहचान है।

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निबंध 2 (250 शब्दों में): हिंदी भाषा भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग

प्रति वर्ष 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस मनाते हैं। हिंदी दिवस, हिंदी के महत्व को समझाने और उसे प्रचारित करने के लिए समर्पित है। हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला। हिंदी देश की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न अंग है। हिंदी न केवल भारत में बल्कि नेपाल, मॉरीशस, फिजी और अन्य देशों में भी बोली जाती है।

हिंदी दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है। स्कूलों, कॉलेजों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्र-छात्राओं में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी न केवल एक भाषा है, बल्कि यह हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है। हमें हिंदी भाषा को गर्व से बोलना चाहिये और इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए बढ़ावा देना चाहिये। हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हमें सभी क्षेत्रों में इसे अपनाना चाहिये और इसके महत्व को समझना चाहिये।

निबंध 3 (500 शब्दों में): हिंदी दिवस और हिंदी भाषा का महत्व

हिंदी दिवस भारत में हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत की राजभाषा हिंदी के सम्मान और उसके महत्व को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। हिंदी भाषा का इतिहास बहुत पुराना है और इसका भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान है। हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जो देश के अधिकांश हिस्सों में बोली और समझी जाती है।

हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य हिंदी को न केवल सरकारी कार्यों में बल्कि आम जीवन में भी अधिक से अधिक प्रयोग में लाना है। हिंदी दिवस पर कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना और उसकी उपयोगिता को बढ़ावा देना है।

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आज के समय में अंग्रेजी भाषा का बढ़ता हुआ प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि हिंदी हमारी पहचान है। हमें गर्व होना चाहिये कि हम एक ऐसी समृद्ध भाषा बोलते हैं, जो हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है। हिंदी दिवस के उत्सव से हम यह समझने में सहायता मिलती है कि भाषा केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और पहचान का प्रतीक है।

इसलिए, हमें हिंदी भाषा के महत्व को समझना चाहिये और इसे गर्व से बोलना चाहिये। हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हम अपने स्तर पर भी प्रयास कर सकते हैं। हम इसे अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक उपयोग कर सकते हैं। हिंदी दिवस हमें यह प्रण लेना चाहिये कि हम अपनी हिंदी भाषा का सम्मान करेंगे और इसे आगे बढ़ाने में अपना भरपूर योगदान देंगे।

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हिंदी दिवस 2024 पर बड़े और छोटे निबंध स्कूली छात्रों और बच्चों के लिए

हिंदी दिवस पर निबंध: हिंदी, भारत की मातृभाषा है। यह सबसे अधिक बोली जाने वाली और सम्मानित भाषाओं में से एक है। छात्रों को नीचे दिए गए निबंधों को पढ़कर इसके बारे में अधिक जानना चाहिए।   हिंदी दिवस 2024 पर 150 - 200 शब्दों का निबंध हिंदी में पाने के लिए इस लेख को पढ़ें।.

Atul Rawal

Hindi Diwas Par Nibandh: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और उसका जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रीय एकता और विविध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देता है।   इस अवसर पर, स्कूल, छात्रों को हिंदी और इसके महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूल प्राधिकारी और शिक्षक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। स्कूल छात्रों को अधिक जानकार और खुद को अभिव्यक्त करने में आत्मविश्वासी बनाने के लिए निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।

यहां आपको हिंदी दिवस पर निबंधों के कुछ उदाहरण मिलेंगे। ये हिंदी दिवस निबंध हिंदी में हैं, जिसका उद्देश्य हिंदी दिवस 2024 के लिए आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करना है। हिंदी दिवस निबंध 150-200 शब्दों के हैं। छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध देखें।

  • Hindi Diwas Essay in English
  • Hindi Diwas Speech For Students
  • Hindi Diwas Slogans

हिंदी दिवस पर 10 पंक्तियां (10 Lines on Hindi Diwas)

  • हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है।
  • यह भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी को बढ़ावा देने और मनाने के लिए है।
  • हिंदी भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • हिंदी भाषा का प्रयोग भारत में व्यापक रूप से किया जाता है।
  • हिंदी दिवस पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • इन कार्यक्रमों में कविता पाठ, नाटक, गायन आदि शामिल होते हैं।
  • हिंदी दिवस का उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
  • यह दिन हमें हिंदी भाषा का सम्मान करने और इसका उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
  • हिंदी दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • हिंदी भाषा का प्रयोग भारत के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Hindi Diwas in Hindi)

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (150 शब्द).

अधिकांश भारतीयों के लिए हिंदी एक भाषा नहीं बल्कि एक भावना है। 14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।

हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसकी लिपि देवनागरी है। यह भाषा विविध भाषाई और सांस्कृतिक परिदृश्य को एक साथ जोड़ने में एकीकृत भूमिका निभाती है। एक भाषा के रूप में हिंदी संचार के माध्यम के रूप में कार्य करती है जो लोगों और क्षेत्रों को जोड़ती है, राष्ट्रीय पहचान की भावना को बढ़ावा देती है।

हिंदी दिवस 2024 के अवसर पर हमें अपनी भाषा का सम्मान करने और इसके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की शपथ लेनी चाहिए। हिंदी दिवस का उत्सव भाषाई और सांस्कृतिक बहुलवाद के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (200 शब्द)

हिंदी दिवस पर, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि भारत कई क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों के साथ भाषाई विविधता का देश है। हिंदी दिवस राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में हिंदी को कायम रखते हुए इस विविधता को संरक्षित और सम्मान करने की आवश्यकता की याद दिलाता है। हिंदी दिवस सिर्फ एक भाषा का उत्सव नहीं बल्कि भारत की विविधता में एकता का भी उत्सव है।

14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (250 शब्द)

14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। 26 जनवरी, 1950 को हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाया गया था, उसी दिन जब भारतीय संविधान लागू हुआ था। इस निर्णय को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया, जिसने अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी, जिसका उपयोग एक संक्रमणकालीन अवधि के लिए किया जाना था।

14 सितंबर वह दिन है जब भारतीय हर साल हिंदी दिवस मनाते हैं। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।

हिंदी दिवस मनाने के और भी कई कारण हैं; आइए उन पर चर्चा करें। समय के साथ, आधुनिकीकरण के इस दौर में विकसित होने के साथ-साथ हमारा हिंदी का ज्ञान भी कम होता जा रहा है। इस प्रकार, हिंदी दिवस का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण हिंदी को एक भाषा के रूप में बढ़ावा देना है। दूसरा कारण राष्ट्र में भाषाई इकाइयों को बढ़ावा देना है। हिंदी दिवस का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत और बहुभाषावाद को बढ़ावा देना भी है। इससे हम अपनी राष्ट्रीय पहचान, शिक्षा और साक्षरता की रक्षा कर सकते हैं। दार्शनिकों और महान शिक्षाविदों ने कहा है कि जो राष्ट्र अपनी भाषा का सम्मान और पालन नहीं करता, उसका विनाश आसान होता है। इस प्रकार, हमें अपनी विरासत को जीवित रखना चाहिए और अपनी भावी पीढ़ियों और उनकी जड़ों के ज्ञान को मजबूत करने के लिए इसका पालन करना चाहिए। आइए मिलकर इस हिंदी दिवस को मनाएं। 

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (500 शब्द)

हिंदी दिवस, भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी को बढ़ावा देने और मनाने के लिए मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हिंदी भाषा के महत्व और योगदान को उजागर करता है।

हिंदी दिवस का पहली बार मनाया जाना 1949 में हुआ था। उस समय, भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। हिंदी दिवस को मनाने का निर्णय इस महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए लिया गया था।

हिंदी भाषा भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह देश की विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों को जोड़ने में मदद करती है। हिंदी भाषा का व्यापक रूप से भारत में और दुनिया भर में उपयोग किया जाता है। यह शिक्षा, व्यापार, और सरकारी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

हिंदी दिवस के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में कविता पाठ, नाटक, गायन, और भाषण शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को हिंदी भाषा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

हिंदी दिवस का भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है। हिंदी भाषा का उपयोग बढ़ने से देश की एकता और राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने में मदद मिली है। हिंदी भाषा का व्यापक उपयोग भारत के विकास और प्रगति में भी योगदान देता है।

यदि आपको 500 शब्दों का हिंदी दिवस निबंध दिया गया है, तो शब्द संख्या बढ़ाने के लिए उपरोक्त हिंदी दिवस निबंध में अधिक जानकारी जोड़ें। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिए गए हिंदी दिवस भाषण को देख सकते हैं। अपने निबंध में हिंदी दिवस के नारे जोड़ने से यह और अधिक आकर्षक हो जाएगा।

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  • हिंदी दिवस पर निबंध में क्या शामिल करना चाहिए? + आप हिंदी का इतिहास, भारतीय संस्कृति में इसका महत्व और हिंदी सीखने और बोलने के फायदों के बारे में लिख सकते हैं। आप हिंदी भाषा से जुड़े अपने व्यक्तिगत अनुभवों या कहानियों को भी साझा कर सकते हैं।
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  21. My school library essay in hindi, paragraph: मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर

    पुस्तकालय पर निबंध, my school library essay in hindi (200 शब्द) इन दिनों सीखना कक्षा के व्याख्यान और प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है। यह अधिक खोज की यात्रा है जो हमें सीखने के लिए ...

  22. Essay on My School in hindi

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  23. मेरी पाठशाला पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  24. Hindi Diwas Essay: हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें? 100, 250, 500 शब्दों

    Explore easy essay ideas on Hindi Diwas for school kids. Find essays on Hindi Diwas in 100, 250, and 500 words, available in Hindi for students to understand its significance and celebration. Story first published: Wednesday, September 11, 2024, 21:42 [IST]

  25. हिंदी दिवस 2024 पर निबंध छात्रों और बच्चों के लिए (Long and Short Essay

    Hindi Diwas Par Nibandh: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन ...