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Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध

दोस्तो आज हमने Mera Vidyalaya Essay in Hindi लिखा है मेरा विद्यालय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है यह हमने निबंध की सहायता से बताया है. शिक्षा प्राप्त करके हम किसी भी असंभव कार्य को कर सकते हैं इसलिए हमें विद्यालय जरूर जाना चाहिए.

(1) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Class 2,3

मेरा विद्यालय दिल्ली शहर में स्थित है यह मेरे घर से पांच मिनट की दूरी पर ही पड़ता है यह एक आदर्श विद्यालय हैं. मेरा विद्यालय नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक है . मेरा विद्यालय दो मंजिला इमारत में बना हुआ है जिसमें तीस हवादार कक्ष है. मेरे विद्यालय के चारों ओर सफेद रंग किया गया है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर और मन को शांति पहुंचाता है.

Mera Vidyalaya Essay in Hindi

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विद्यालय में बीस अध्यापक-अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि हमें अलग-अलग विषय पढ़ाते है. विद्यालय के पीछे एक ग्राउंड है जिसमें पेड़ पौधे लगे हुए हैं और हम वहीं पर सुबह प्रार्थना करते हैं और आधी छुट्टी होने पर वही पर हम खेलते है. हमारे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत रहता है.

मेरे विद्यालय में कोई सांस्कृतिक एवं अन्य प्रतियोगिताएं होती है. मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं वह हमें रोज शिक्षाप्रद कहानी सुनाते हैं मुझे मेरा विद्यालय बहुत पसंद है.

(2) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for class 4,5,6,7,8

मेरे विद्यालय का नाम आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय है यह हमारे शहर के सबसे अच्छे विद्यालय में से एक है. हमारे विद्यालय में लगभग 800 विद्यार्थी पढ़ते है, मेरा विद्यालय कक्षा 6 से 12वीं तक है. विद्यालय में 40 अध्यापक अध्यापिकाओं का स्टाफ है और 4 चपरासी हैं और एक दरबान है.

विद्यालय शहर के शोर शराबे से दूर एक शांति स्थल पर स्थित है जिसके कारण हमें पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आती है. विद्यालय के चारों ओर बहुत हरियाली है जिससे वहां का वातावरण बहुत ही अच्छा है. विद्यालय में 50 कमरे है. मेरे विद्यालय में एक कंप्यूटर लैब है

जिसमें हम कंप्यूटर की जानकारी लेते हैं और एक लाइब्रेरी भी है जहां पर हम अखबार पढ़ते हैं और अच्छे कवियों द्वारा लिखी गई किताबें भी पढ़ते हैं यहां पर करीब 1000 किताबों का संग्रह है.

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विद्यालय में प्रधानाचार्य जी के बैठने के लिए एक अलग कार्यालय बनाया गया है जो कि बहुत ही सुंदर है वहां पर अच्छी सजावट की गई है. विद्यालय में जगह-जगह पर कूड़ादान लगाए गए हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

विद्यालय मैं एक बड़ा खेल का मैदान है जहां पर हम रोज खेलते हैं विद्यालय में हमें हर सप्ताह कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन , हॉकी, क्रिकेट आदि खेलना सिखाया जाता है.

विद्यालय में NCC और स्काउट भी है. विद्यालय में कुछ दिनों पहले ही वार्षिक उत्सव मनाया गया था जिसमें हमने खूब बढ़ चढ़कर भाग लिया था इसमें हमें पुरस्कार भी मिला था.

मेरे विद्यालय के सभी लोग बहुत अच्छे हैं यहां पर पढ़ाई भी बहुत अच्छी होती है इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है.

(3) Mera Vidyalaya Essay in Hindi 500 words

विद्यालय का नाम प्रेरणा पब्लिक स्कूल है इस विद्यालय से हर बार 10वीं और 12वीं कक्षा में विद्यार्थी मैरिट में आते है इसलिए आज से यह विद्यालय पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत ही अच्छा है साथ ही यहां के छात्र-छात्राएं खेलकूद में भी अव्वल रहते है.

यहां पर आने वाले हर विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा दी जाती है. विद्यालय में प्रवेश करते हैं मां सरस्वती का मंदिर है जो कि संगीत और विद्या की देवी है हम सबसे पहले उनके दर्शन करते हैं फिर उनसे प्रार्थना करते है. मेरे विद्यालय का गर्मियों में टाइम 7:00 बजे से 1:00 बजे तक का होता है और सर्दियों में 10:00 बजे से 4:00 बजे तक का होता है.

विद्यालय में कक्षा प्रारंभ होने से पहले मैदान में प्रार्थना करवाई जाती है और प्रत्येक दिन हमारे प्रधानाचार्य हमें कुछ नई बातें बताते हैं जो कि हमारे बहुत काम आती है यहीं पर हमें विद्यालय में होने वाले कार्यक्रमों की सूचना भी दी जाती है.

Mera Vidyalaya में छात्र और छात्राएं एक साथ पढ़ते है. विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिए दो कमरे बनवाए गए हैं ताकि बच्चों की संख्या अधिक होने पर दूसरा सेक्शन बनाया जा सके. विद्यालय का भवन बहुत ही सुंदर, खुला और हवादार है. विद्यालय के आगे दो बगीचे हैं जिनमें तरह-तरह के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जो कि देखने में भी सुंदर लगते हैं और साथ ही विद्यालय के वातावरण को भी सुगंधित बना देते है. विद्यालय में एक कैंटीन भी है जहां पर हम दोपहर में खाना खा सकते है.

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विद्यालय में मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को और गरीब छात्र-छात्राओं को हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है. मेरे विद्यालय की ड्रेस सफेद शर्ट, नीली पेंट, कमर में पहनने के लिए बेल्ट है और एक नीले रंग की टाई है जो कि मुझे बहुत पसंद है.

विद्यालय में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी लगे हुए हैं जिस पर हम आराम से बैठकर पढ़ाई कर सकते है. मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय और एक कंप्यूटर लैब भी है. विद्यालय के मैदान में घात लगाई हुई है जिसके कारण रेत नहीं उड़ती है और विद्यालय साफ सुथरा रहता है.

विद्यालय के चारों ओर ऊंची चारदीवारी है जिससे कोई अन्य व्यक्ति विद्यालय में प्रवेश नहीं कर सकता है. मेरे विद्यालय में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी होती हैं जिनमें हम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. हमें योगा भी सिखाया जाता है जिससे हमारा स्वास्थ्य एकदम सही रहता है और हम हर रोज विद्यालय जा पाते है.

मेरे विद्यालय में अनेक प्रकार की खेल खेलने भी शिकायत जाते हैं जिनमें खो-खो , कबड्डी, क्रिकेट, शतरंज, फुटबॉल आदि सिखाए जाते है और हर साल हमारे विद्यालय के विद्यार्थी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं पिछले साल क्रिकेट में हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला था.

Mera Vidyalaya के प्रधानाचार्य बहुत अच्छे हैं उन्होंने जब से अपना कार्यभार संभाला है तब से विद्यालय की प्रतिष्ठा और बढ़ गई है. मेरे विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी कराया जाता है इससे हमारा सर्वागीण विकास होता है इसलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अधिक पसंद है.

(4) My School Essay in Hindi 1100 Words

मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे बहुत अच्छा लगता है मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर दूर पड़ता है इसलिए हमारे विद्यालय से रोज एक पीले रंग की स्कूल बस समय लेने आती है मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती है.

मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है जहां पर किसी प्रकार का शोर शराबा नहीं होता और यह अच्छा भी है क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है. मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है इसके चारों ओर ऊंची दीवारें है.

मेरे विद्यालय में चार मंजिला इमारत है जिसमें 80 हवादार कमरे है. इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिसे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है. मेरा विद्यालय कक्षा 6 से कक्षा 12 तक का है मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूं मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है. विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं दिल से हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकिया है.

मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालय की व्यवस्था है. विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएं एवं कहानियों की किताबें पढ़ते है. आजकल कंप्यूटर का युग है इसलिए हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों की एक बड़ी लाइव है जिसमें हर दिन हमारा एक पीरियड कंप्यूटर से संबंधित आता है जिसमें हमें कंप्यूटर सिखाया जाता है.

मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम में जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है. यहां पर एक अन्य बड़ा कमरा भी है जहां पर विद्यालय का ऑफिशियल वर्क देखा जाता है वहां से किसी भी प्रकार की विद्यालय के बारे में जानकारी ली जा सकती है.

मेरे विद्यालय में प्रवेश करते ही मां सरस्वती का मंदिर है जिसमें हम रोज जाकर प्रार्थना करते है और मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते है.

मेरे विद्यालय में बैठने के लिए प्रत्येक कक्षा में टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्यक्षा में चार पंखे लगे हुए है. हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है जिसमें हम क्लास का कूड़ा डालते हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहां पर हमारे अध्यापक अध्यापिकाएं आकर हमें किसी भी विषय के बारे में चांक से लिखकर समझाते है विषय में प्रत्येक विषय समझने में बहुत आसानी होती है. ह मारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक – अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं वह अपने विषय में विद्वान है. जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है.

Mera Vidyalaya में प्रत्येक सप्ताह योगा की क्लास भी लगती है जिसमें में योगा करना सिखाया जाता है और हमारे स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है यह बताया जाता है. योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है उन्होंने जब से विद्यालय में कार्यभार संभाला है शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है.

मेरे विद्यालय में आठ चपरासी हैं और एक दरबान है. चपरासी विद्यालय के छोटे-मोटे काम देखते है जैसे अध्यापक-अध्यापिकाओं को चाय पानी देना, स्कूल की साफ सफाई करना आदि है. दरबान स्कूल में आने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए दरवाजा खोलते हैं और ध्यान रखते हैं कि कोई अन्य व्यक्ति स्कूल में प्रवेश ना करें.

वे हमें रोज स्कूल बस से उतारते हैं हमने उनका नाम रामू काका रख रखा है वह हमें कभी-कभी टोफियाँ भी बांटते है वे हमसे बहुत प्यार करते है.

मेरे विद्यालय के आगे छोटे-छोटे चार बगीचे हैं जिनमें छोटी छोटी घास लगी हुई है और अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जिनसे मनमोहक खुशबू आती है और यह देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं यह बगीचे विद्यालय की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं.

मेरे विद्यालय के पीछे की और एक बहुत बड़ा ग्राउंड है जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेलते हैं यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है. विद्यालय के ग्राउंड के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और विद्यालय के ग्राउंड पर छोटी-छोटी घास लगी हुई है इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है.

हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह है कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है जैसे चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएं आदि की प्रतियोगिता होती रहती है जिसमें हम बढ़-चढ़कर भाग लेते है. हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएं रखी जाती है जिसमें से एक प्रतियोगिता में मैंने भाग लिया था.

वह प्रतियोगिता सुंदर डिजाइन तैयार करने पर थी मैंने उस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था उस दिन मुझे स्टेज पर बुलाकर सभी विद्यार्थियों के सामने गोल्ड मेडल दिया गया था यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात थी और मेरे विद्यालय के लिए भी.

मेरे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिता हमारे विद्यालय में ही होती है इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी विचार लेते हैं जो कि हर बार पुरस्कार भी प्राप्त करते है मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएं होती है.

Mera Vidyalaya में हर साल 15 अगस्त , 26 जनवरी, वार्षिक उत्सव और अन्य जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है जिनमें हम बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं इसके बाद हमारे विद्यालय की प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते है इसके बाद हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गानों पर तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है.

विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं इसके साथ ही स्कूल में प्रथम आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है. मैं हर बार वार्षिक उत्सव में गीत गायन में हिस्सा लेता हूं जिसमें हम सबसे पहले मां सरस्वती की वंदना करते हैं इसके पश्चात अन्य कार्यक्रम होते है.

मेरे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत ही रहता है जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है. यहां के शिक्षक गण भी बहुत ही विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व के है.

मेरा विद्यालय सभी विद्यालयों में श्रेष्ठ हैं और मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं एक अच्छे विद्यालय में पढ़ता हूं. यहां पर हमें अच्छी शिक्षा मिलती है और अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए एक अच्छा स्कूल बहुत जरूरी है.

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38 thoughts on “Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध”

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Hey!! I want to ask that which school you’re describing in the last essay because my school is almost same as you described in the last essay.

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Thank you Himanshi for appreciation

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Thank you Ishaan banerjee

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Welcome Roopesh Patel, thank you for appreciation.

Thanks for the essay aaj tumhare liye bach gya bhai teacher ne school se essay likne ko kaha thaa THANK U SOO MUCH🙂

Aap sab ki sahayta ke liye hi to hamne ye essay likha, hamari website ko itna payar dene ke liye Dhiman talukder aap ka bahut bahut dhanyawad

thanxxx fir give me essay

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Nice essay wonderful😀well done

Thank you MD.Aehtisham for appreciation.

I want 4th and 5th class level paragraph

Arshnoor Kaur, we have already provided paragraph for 4th and 5th class, please check again Thank you.

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मेरा विद्यालय पर निबंध

essay on school in hindi for class 2

By विकास सिंह

my school essay in hindi

एक स्कूल एक संस्था है, जो या तो सरकारी या निजी निकाय द्वारा संचालित है, सभी आयु वर्ग के छात्रों को व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से शिक्षा प्रदान करने के लिए यह संस्था कार्य करती है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, my school essay in hindi (100 शब्द)

मेरा स्कूल चार मंजिला इमारत है। यह एक मंदिर की तरह है जहां हम रोजाना पढ़ाई करने जाते हैं। सुबह-सुबह सबसे पहले हम अपने बेहतर अध्ययन के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और अपने क्लास टीचर को गुड मॉर्निंग कहते हैं। फिर हम अपने पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन शुरू करते हैं।

मुझे रोजाना स्कूल जाना पसंद है। मेरे विद्यालय में बहुत कठोर अनुशासन है जिसका हमें नियमित रूप से पालन करने की आवश्यकता है। मुझे अपनी स्कूल ड्रेस बहुत पसंद है। यह मेरे मीठे घर से लगभग 2 किमी दूर स्थित है। मैं पीले स्कूल की बस से स्कूल जाता हूँ। मेरा स्कूल शहर के प्रदूषण, शोर, धूल, शोर और धुएं से रहित बहुत ही शांत जगह पर है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, my school essay in hindi (150 शब्द)

school

मेरा विद्यालय लाल रंग की तीन मंजिला इमारत में बहुत उत्कृष्ट है। मुझे उचित वर्दी में दैनिक आधार पर स्कूल जाना पसंद है। मेरा क्लास टीचर बहुत दयालु है और हमें स्कूल अनुशासन का पालन करना सिखाता है। मेरा स्कूल बहुत अच्छी जगह शहर की सभी भीड़ और शोर से दूर है।

मेरे स्कूल के मुख्य द्वार के पास दो छोटे हरे बाग हैं जहाँ बहुत सारे रंग-बिरंगे फूलों के बिस्तर, घास के लॉन, फलों के पेड़ और दो खूबसूरत बौछारें हैं।मेरे स्कूल में बहुत सारी सुविधाएं हैं जैसे एक कंप्यूटर लैब, दो साइंस लैब, एक बड़ी लाइब्रेरी, एक सामान्य पढ़ने का कमरा, एक बड़ा खेल का मैदान, एक अच्छा स्टेज और एक स्थिर दुकान।

मेरे स्कूल में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं। मेरे स्कूल में पुरुषों और महिलाओं सहित लगभग सात उच्च योग्य शिक्षक, 20 हेल्पर्स, एक प्रिंसिपल और 10 गेट कीपर हैं। मेरे शिक्षक हमें बहुत विनम्रता से पढ़ाते हैं और हमें बहुत ही रचनात्मक और आकर्षक तरीके से विषयों को सीखाते हैं।

मेरा स्कूल पर निबंध, essay on my school in hindi (250 शब्द)

school

स्कूल सीखने का मंदिर है और पेशेवर और सामाजिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। मेरा स्कूल दान की गई धन की मदद से 1990 में दान की गई भूमि पर स्थापित किया गया था। मेरे स्कूल का माहौल बहुत सुखद है और स्कूल का माहौल बहुत साफ और आकर्षक है।

मेरा स्कूल भवन खेल के मैदान के केंद्र में स्थित है। स्कूल के एक तरफ एक बड़ा बगीचा है जिसमें छोटे तालाब हैं। इस तालाब में कई रंगीन मछलियाँ और अन्य पानी के जानवर हैं। मेरा स्कूल चार मंजिला इमारत है जिसमें 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं।

मेरे स्कूल में एक बड़ी लाइब्रेरी, प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क ऑफिस, एक साइंस लेबोरेटरी, एक कंप्यूटर लैब, एक कॉमन स्टडी रूम, एक बड़ी लॉबी, टीचर कॉमन रूम, एक बड़ा स्पोर्ट्स ग्राउंड, लड़कियों और लड़कों के लिए एक अलग हॉस्टल है। स्कूल परिसर।

मेरे स्कूल में उच्च योग्य और अनुभवी शिक्षक हैं जो हमें बहुत प्रभावी और रचनात्मक तरीके से पढ़ाते हैं। मेरे स्कूल में लगभग एक हजार छात्र हैं जो हमेशा स्कूल के बाहर या स्कूल के अंदर आयोजित प्रतियोगिताओं में उच्च रैंक प्राप्त करते हैं। हम सभी उचित वर्दी में स्कूल जाते हैं। हमारे पास दो प्रकार की वर्दी है, एक समान वर्दी और दूसरी घर की वर्दी।

मेरे स्कूल की समयावधि सुबह 7.50 बजे और गर्मियों के मौसम में दोपहर में 1.30 बजे और सुबह 8.50 बजे और सर्दियों के मौसम में शाम को 3.30 बजे शुरू होती है। हम रोज़ाना कुछ समय के लिए लाइब्रेरी जाते हैं जहाँ हम अपने कौशल और सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए रचनात्मक किताबें और अखबार पढ़ने का अभ्यास करते हैं।

मेरा स्कूल पर निबंध, essay on my school in hindi (300 शब्द)

मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 1 किमी दूर स्थित है। यह बहुत साफ और शांतिपूर्ण दिखता है। मेरा स्कूल एक मंदिर की तरह है जहाँ हम रोज़ जाते हैं, भगवान से प्रार्थना करते हैं और एक दिन में 6 घंटे पढ़ाई करते हैं। मेरे स्कूल के अध्यापक बहुत ही सराहनीय हैं क्योंकि वे सभी को बहुत ही संयम के साथ सिखाते हैं।

मेरे स्कूल में अध्ययन, स्वच्छता और वर्दी के सख्त मानदंड हैं। मुझे रोज़ाना स्कूल जाना पसंद है क्योंकि मेरी माँ कहती है कि रोज़ाना स्कूल जाना और सभी अनुशासन का पालन करना बहुत आवश्यक है। स्कूल शिक्षा का एक मंदिर है जहाँ हम बहुत रचनात्मक रूप से सीखने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। हम अपने अध्ययन के साथ अन्य चीजों को भी सीखते हैं जैसे अनुशासन, शिष्टाचार, अच्छा व्यवहार, समय की पाबंदी और कई अन्य शिष्टाचार।

मेरे विद्यालय का वातावरण अद्भुत है जहाँ बहुत सारे प्राकृतिक दृश्य और हरियाली उपलब्ध हैं। एक बड़ा बगीचा और तालाब है जिसमें मछली, मेंढक, रंग-बिरंगे फूल, पेड़, सजावटी पेड़, हरी घास आदि हैं। अन्य चीजें जैसे बड़े प्ले ग्राउंड, स्कूल के चारों ओर बड़े खुले स्थान मेरे स्कूल को एक प्राकृतिक सुंदरता देते हैं।

यहां क्रिकेट नेट, बास्केट बॉल कोर्ट और स्केटिंग ग्राउंड की भी सुविधा है। मेरा स्कूल सीबीएसई बोर्ड के मानदंडों का पालन करता है। मेरा विद्यालय नर्सरी से 12 वीं कक्षा तक के छात्रों को कक्षाओं की सुविधा प्रदान करता है। मेरे स्कूल के प्रिंसिपल स्कूल के अनुशासन, स्वच्छता और स्वच्छता के बारे में बहुत सख्त हैं।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो विद्यालय से दूर स्थित हैं। सभी छात्र सुबह खेल मैदान में इकट्ठा होते हैं और मॉर्निंग प्रेयर करते हैं और फिर अपने-अपने क्लास रूम में पहुंच जाते हैं। मेरा स्कूल हर साल नर्सरी कक्षा (लगभग 2000) छात्रों को प्रवेश प्रदान करता है।

मेरे पास अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग शिक्षक हैं जैसे पीटी, मैथ्स, अंग्रेजी, हिंदी, जी.के., संगीत, नृत्य, पेंटिंग और ड्राइंग। मेरे स्कूल में एक बड़ा पुस्तकालय, स्टेशनरी की दुकान और स्कूल परिसर के अंदर कैंटीन है। मेरा स्कूल हर साल सभी कक्षाओं के लिए एक वार्षिक समारोह आयोजित करता है जिसमें हमें भाग लेना चाहिए।

मेरी पाठशाला पर निबंध, my school essay in hindi (400 शब्द)

मेरा स्कूल बहुत भव्य है, जिसमें तीन मंजिला प्रभावशाली ढंग से संरचित इमारत और शहर के केंद्र में स्थित है। यह मेरे घर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है और मैं बस से स्कूल जाता हूँ। मेरा स्कूल राज्य के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में से एक है जहाँ मैं रहता हूँ। यह बिना किसी प्रदूषण, शोर और धूल के बहुत शांतिपूर्ण जगह पर स्थित है।

स्कूल की इमारत के दोनों सिरों पर दो सीढ़ियाँ हैं जो हमें हर मंजिल तक ले जाती हैं। इसमें पहली मंजिल पर अच्छी तरह से सुसज्जित और बड़ी लाइब्रेरी, अच्छी तरह से इंस्ट्रूमेंटेड साइंस लैब और एक कंप्यूटर लैब है। भूतल पर एक स्कूल सभागार है जहाँ सभी वार्षिक कार्य, बैठकें, पीटीएम, नृत्य प्रतियोगिताएं होती हैं।

प्रधान कार्यालय, क्लर्क कक्ष, स्टाफ रूम और सामान्य अध्ययन कक्ष भूतल पर स्थित हैं। स्कूल की कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज का कमरा और स्केटिंग हॉल भी भूतल पर स्थित हैं। मेरे स्कूल में स्कूल प्रिंसिपल ऑफिस के सामने दो बड़े सीमेंटेड बास्केटबॉल कोर्ट हैं, जबकि फुटबॉल का मैदान इसके साइड में है।

मेरे स्कूल में एक छोटा सा हरा-भरा बगीचा है, जो हेड ऑफिस के सामने, रंग-बिरंगे फूलों और सजावटी पौधों से भरा है, जो पूरे स्कूल परिसर की शोभा बढ़ाते हैं। मेरे विद्यालय में लगभग 1500 छात्रों ने प्रवेश लिया है। वे हमेशा किसी भी अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में उच्च रैंक करते हैं।

मेरे विद्यालय के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक और नवीन हैं जो किसी भी कठिन मामले को बहुत आसानी से समझने में हमारी मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से सब कुछ बताते हैं।

मेरा स्कूल किसी भी कार्यक्रम में इंटर-स्कूल सांस्कृतिक गतिविधियों और खेल गतिविधियों जैसे पहले स्थान पर है। मेरा स्कूल वर्ष के सभी महत्वपूर्ण दिन मनाता है जैसे कि खेल दिवस, शिक्षक दिवस, अभिभावक दिवस, बाल दिवस, स्कूल वर्षगांठ दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, क्रिसमस दिवस, मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, हैप्पी न्यू ईयर , महात्मा गांधी जन्मदिवस, आदि भव्य तरीके से।

हम सह-पाठयक्रम गतिविधियों जैसे तैराकी, स्काउटिंग, एनसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि में भाग लेते हैं। अनुचित व्यवहार और अनुशासनहीन गतिविधियों वाले छात्रों को स्कूल के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा दंडित किया जाता है।

हमारे प्रिंसिपल हमारे चरित्र गठन, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए मीटिंग हॉल में रोजाना 10 मिनट तक हर छात्र की कक्षाएं लेते हैं। हमारे स्कूल का समय बहुत ही रोचक और सुखद है क्योंकि हम रोजाना बहुत सारे रचनात्मक और व्यावहारिक काम करते हैं।

कहानीकार, गायन, कविता पाठ, हिंदी और अंग्रेजी में वार्तालाप का हमारा मौखिक मूल्यांकन दैनिक आधार पर कक्षा शिक्षक द्वारा लिया जाता है। तो, मेरा स्कूल दुनिया का सबसे अच्छा स्कूल है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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मेरा विद्यालय पर निबंध

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मेरा विद्यालय का नाम ज्ञानदीप पब्लिक विद्यालय है। इसमें पहली से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। यह सेण्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजूकेशन, महाराष्ट्र से सम्बद्ध है। मेरे विद्यालय का भवन विशाल और बहुत ही सूंदर है।

विद्यालय का वातावरण बहुत ही शांत है । कोई विद्यार्थी व्यर्थ में ना घूमता मिलेगा नाही कही बैठा हुआ मिलेगा। कोई बाहरी आदमी अध्ययन के समय कक्षाओं के सामने से नहीं गुजर पाएगा। कोई कक्षा बिना अध्यापक के नहीं होगी। वातावरण की यह विशेषता ही छात्रों को अध्ययन करने की प्रेरणा देती है।

विद्यालय आरम्भ होने से पहले प्रत्येक कमरा साफ होता है। शीशे, दरवाजे, तथा बेंच साफ होते है। कागज या रोटी का टुकड़ा, फलों या सब्जी के छिलके फर्श तथा गैलरी में नहीं मिलेंगे। कूड़ा-करकट डालने के लिए स्थान-स्थान पर 'डस्ट-बिन' रखे गए हैं। पेशाब-घर तथा शौचालय दुर्गन्ध रहती हैं।

शिक्षण एक कला है और सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। कलात्मक शिक्षण अथवा कला के संग शिक्षा प्रदान करना विद्यार्थी को सिखाने का सरल उपाय है। औसत विद्यार्थी को भी योग्य बनाने की विशिष्ट शैली है। शिक्षक प्रतिदिन छात्रों का गृह-कार्य देते है तथा अगले दिन उसे देखते हैं। कमजोर छात्र-छात्राओं को विद्यालय अवकाश के बाद आधा घंटा ज्यादा समय दिया जाता है। यही कारण है कि हमारे विद्यालय का परीक्षा-परिणाम न केवल शत-प्रतिशत रहता है, दसवीं में कई छात्र राज्य में अवल भी आते है।

विद्यालय सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि ज्ञान प्राप्ति के हर अवसर वहाँ पर उपलब्ध होते हैं। विद्यालय बालकों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर देता है जिससे बालकों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। उन्हीं विषयों के मार्ग दर्शन के लिए शिक्षक होते हैं इसलिए विद्यार्थी को अपने स्कूलों से पूरा लाभ उठाना चाहिए।

विद्यालय हमें हर प्रकार के ज्ञान का प्रकाश मिलता है। इसीलिए हमारा विद्यालय हर तरह से प्रेणादायक भूमिका निभाती है। इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत प्रिय है।

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मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

यह मेरी पाठशाला या मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi – Class 3, 4, 5, 7 मे अधिकतर पूछा जाता है।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां लोग बहुत कुछ सीखते हैं और पढ़ते हैं। इसे ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। अपने विद्यालय या पाठशाला में हम सब जीवन का सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिसमे हम कई विषयों में शिक्षा लेते हैं ।

स्कूल में हमारे अध्यापक गण अपना ज्ञान हमें प्रदान कर सफलता पाने का सही रास्ता दिखाते हैं। आज इस लेख में मैंने मेरे विद्यालय पर बच्चों और विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रस्तुत किया है।

मेरे विद्यालय का नाम और रूप Name and Structure of My School

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

विद्यालय की दूरी कम होने के कारण मैं चलकर ही विद्यालय जाता हूं। मेरा विद्यालय पूरे राज्य में सबसे अच्छा और बड़ा है। मेरे विद्यालय के चारों ओर का स्थान बहुत शांतिपूर्ण और प्रदूषण से मुक्त है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

सबसे नीचे विद्यालय में ऑडिटोरियम है जहां सभी वार्षिक कार्य और बैठकें संपन्न होती हैं। स्कूल में दोनों सिरों पर सीढ़ियां हैं, जो हमें हर एक मंजिल तक ले जाती हैं।

पहली मंजिल पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जो कि पुस्तकों से अच्छी तरह से सुसज्जित है इसमें अनेक विषयों से संबंधित किताबे है। यहां पर वाद्य यंत्र की कक्षायें भी है इसके अलावा एक विज्ञान प्रयोगशाला है।

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

विद्यालय में पीने के पानी एवं शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था है। शिक्षक सभी छात्रों के अंको और अन्य छात्रों से संबंधित बातों की पूर्ण जानकारी रखते है। विद्यालय में अलग-अलग कामों के लिये नौकर लगाये गये जो अपने-अपने कामों को नियम पूर्वक करते है।

जिसमें से एक रात्री के समय विद्यालय की देखभाल के लिये वहां रहता भी है। उसके लिए विद्यालय के किनारे पर एक छोटा सा घर बनाया गया है।  

हम सभी बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ कई झूले है और एक बड़ा बगीचा है जिसमें कई सारे फूल खिले रहते है, कई आम और अमरुद के बड़े-बड़े पेड़ लगे है। सभी कक्षाएं बहुत हवादार और खुली हुई हैं।

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

हमारी प्रधानाचार्या श्रीमति कल्पना जी बहुत दयालु महिला हैं। हमारे स्कूल में, 90 शिक्षक हैं , जो हमें ज्ञान देते हैं। और हमें प्यार भी करते है। विभिन्न गतिविधियों और कार्यों को साल भर आयोजित किया जाता है। मुझे अपने स्कूल पर बहुत गर्व है।

मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं और सम्मान करता हूं। मेरे विद्यालय की कई अलग अलग शहरों में शाखाएं है। मेरे विद्यालय पीले रंग से रंग किया गया है। यह पीला रंग आँखों को लुभाता है इस कारण मेरा विद्यालय दूर से ही सबसे अनोखा दिखाई पड़ता है।

प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क रूम, स्टाफ रूम और आम स्टडी रूम सबसे नीचे बने हुये हैं। स्कूल कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज कक्ष, और स्केटिंग हॉल भी जमीन तल पर स्थित हैं। स्कूल के प्रधानाचार्या ऑफिस के सामने मेरे स्कूल में दो बड़ी सीमेंट वाली बास्केटबाल कोर्ट हैं जबकि फुटबॉल मैदान इसके दूसरे तरफ है। मेरे स्कूल में एक छोटा हराभरा उद्यान भी है, जो मुख्य कार्यालय के सामने, रंगीन फूलों और सजावटी पौधों से भरा है जो पूरे स्कूल परिसर की सुंदरता बढ़ाता है।

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव Education and Celebrations in My School

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में साल के सभी महत्वपूर्ण दिन जैसे खेल दिवस , शिक्षक दिवस , मातृ-पितृ दिवस , बाल दिवस , सालगिरह दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता दिवस , क्रिसमस दिवस , मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, नव वर्ष , गांधी जयंती, आदि एक भव्य तरीके से मनाये जाते है।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो बच्चे स्कूल से बहुत दूर रहते हैं। सभी छात्र सुबह खेल के मैदान में इकट्ठे होते हैं और सुबह की प्रार्थना करते हैं और फिर सभी अपनी कक्षाओं में जाते हैं।

मेरा स्कूल हर साल लगभग 2000 छात्रों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में विभिन्न विषयों जैसे गणित, अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, जीके, इतिहास, भूगोल, विज्ञान, चित्रकला, खेल और शिल्प इत्यादि के लिए अलग-अलग अध्यापक हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

हमारे प्रधानाचार्या हमारे चरित्र निर्माण, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए 10 मिनट के लिए मीटिंग हॉल में प्रतिदिन प्रत्येक छात्र की कक्षाएं लेते हैं। इस तरह मेरी प्रधानाचार्या एक अच्छी शिक्षक भी है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

विद्यालय जाने का समय सुबह 7:30 से 2:30 गर्मियों में और सर्दियों में 9:30 से 4:30 तक है। सभी छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिये छुट्टी होने पर स्कूल से निकलने का अलग-अलग रास्ता है ताकि छोटे बच्चों को बाहर निकलने में कोई परेशानी न हो।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 Lines on My School in Hindi

  • मेरा विद्यालय बहुत ही सुन्दर है।
  • मेरा विद्यालय ज्ञान का मंदिर है।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार की शिक्षा और पाठ्यक्रम गतिविधियों की सुविधाएँ है।
  • मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत बड़ा खेलने का मैदान है जिसमे बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट भी आसानी से खेल सकते हैं।
  • मेरे विद्यालय में शिक्षा बहुत ही अच्छे प्रिंसिपल और शिक्षक हैं।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार के खेल-कूद की ट्रेनिंग दी जाती है।
  • स्कूल में कई प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।
  • मेरा विद्यालय बहुत ही साफ़-सुथरा है क्योंकि यहाँ स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सफाई पर बहुत ध्यान दिया जाता है।
  • हर साल मेरे विद्यालय के सभी छात्र और अध्यापक पिकनिक मनाने जाते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।  आशा करते हैं आपको मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi हिन्दी में अच्छा लगा होगा।

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नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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42 Comments

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हिंदी कोना

मेरा विद्यालय पर निबंध। my school essay in hindi

my school essay in hindi

विद्यालय जिसे हम लोग विद्या का मंदिर मानते है। विद्यालय को कोई पाठशाला कहता है तो कोई स्कूल कहता है। जीवन की अनगिनत यादों के साथ साथ सफलता के मुकाम पे पहुंचने का सफर स्कूल से ही होकर गुजरता है। आज आप इस पोस्ट में my school essay in hindi पढ़ेंगे। विद्यालय पर निबंध तो हमेशा ही स्कूल और कॉलेज में जरूर पुछा जाता है। इस हिंदी निबंध को आप essay on my school in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

जोर जोर से बजती हुई घंटी, माँ का हाथ कस कर पकड़ा हुआ, बिकल कर रोते हुए कुछ ऐसे पहली बार स्कूल के अंदर गया। वो पहला दिन था जब मैने मेरे स्कूल को देखा। पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ था कि कोई बड़ी सी इमारत मुझे पसंद नही आ रही थी। क्योंकि चश्मा लगाई हुई मेडम मेरी माँ से मेरा हाथ छुड़ा कर अंदर की ओर ले जा रही थी। मैंने मेडम के हाथ मे काटा और माँ के पास भागने लगा। इतने में एक मेडम ने किटकैट दिखा कर कहा इसे कौन लेगा। वो टॉफी देख मेने माँ की तरफ देखा, माँ ने कहा जाओ जल्दी जाओ तुम्हारी पसंदीदा चॉकलेट लेलो।मुझे आज भी याद है कि उस दिन मुझे स्कूल भेजने के लिए बहुत झांसे दिए। कुछ इस तरह पहली बार मेने अपने विद्यालय में कदम रखा। आपकी ज़िंदगी मे भी ज़रूर कुछ ऐसे ही रौचक किस्से हुए होंगे जो आप याद करके अकेले में भी खूब हस्ते रहते होंगे।

प्रस्तावना-  जब हमें कुछ पता ही नही होता उस वक़्त हमारा दाखिल स्कूल में होता है।रोते- गाते, खेलते- कूदते, हम ऐसे पढ़ाव पर आ जाते है जब हमारे विद्यालय के हर कोने की तस्वीर हमारे दिमाग मे छप जाती है।रोते से हसना सीख जाना बस इतना ही हमारा स्कूल का सफर होता है। विद्यालय हमे हमारे सबसे निचले स्तर से शुरुवात करा कर एक ऐसे अनुभव की और ले जाता है जो आगे जीवन मे किसी अन्य चीज़ में प्राप्त नही होता।एक ऐसा अनुभव जो अमूल्य होता है और एक ऐसा इंसान  बनाता है जो देश का भविष्य होता है।कुछ यादें जो कहीं बयां करें भी तो कहा करे, ऐसी यादें दिल मे हमेशा पहले स्थान पर विद्यालय की होती है। हर बच्चे की पहली और आखरी पसन्द उसका विद्यालय ही होता है। जीवन के सबसे ना समझ क्षण हमने हमारे विद्यालय में ही बताए है। इसीलिए इससे ऊपर कोई बच्चा किसी संस्थान को अपने पूरे जीवन मे नही रख सकता।

विद्यालय का रंग और मेरे रंगीन मित्र-  मैने अपने विद्यालय रंग बचपन मे पीला समझा था। समझ के साथ कक्षा भी बढ़ी, फिर मुझे समझ आया कि ये तो कत्थई था। ज़्यादा बड़े तो नही बस पहली कक्षा में आकर मेरे जैसे और बच्चों पर मेरी नज़र गयी। ड्राइंग का पीरियड था, कुर्सी पर मेडम बैठ सब पर नज़र रखी हुई थी। मेरे पीछे की सीट पर एक लड़का खाली पेज पर बिना कुछ बनाये रंग भर रहा था। मुझे बहुत तेज़ हंसी आयी,वो भी मुझे हस्ता देख मुस्करा दिया। फिर मैने उसकी शीट पर फूल बनाया और उसने मेरी शिट पर रंग भरे। कुछ इस तरह मेरा जिगरी रंगीन यार बना। यूं  तो जिंदगी में हम हज़ारों लोगों से मिले होंगे लेकिन ऐसे रंगीन दोस्त हर बार नही मिलते।वो दोस्त मेरा पहला व सबसे करीबी दोस्त रहा।रोज़ लंच की घंटी बजती तो साथ खाना खाते। धीरे धीरे हमारा ग्रुप बनने लगा हमारे साथ आधे घण्टे के ब्रेक में 7-8 लड़के और खेलने लगे। पकड़म पार्टी, बर्फ पानी, आमछु बदमछु ये सारे नाम मेने वही पर पहली बार सुने और खेलना सीखे। कभी कभी सोचता हूं तो समझ आता है कि वो खेल ने ही  मेरी ज़िंदगी मे मुझे आज तक सबसे ज़्यादा खुशी दी। न दुनिया की कोई  रीत थीं, न छल- न कपट, न कोई भेद था। धीरे धीरे दोस्ती गहरी होती चली गयी। जब भी सोचता हूं की मेरे स्कूल ने मुझे क्या दिया तो सब छोड़ सबसे पहले ज़ुबान पर आता है हीरे, मेरे स्कूल ने मुझे वो अनमोल रत्न दिए जो, खुशी में शामिल हो न हो पर मेरे दुख में मेरी ढाल बनकर खड़े रहते है। मेरे दोस्त है जो मुझे हर तकलीफ से दूर रखते है। 

स्कूल लाइब्रेरी, किताबें और पीरियड से रिश्ता- जब तक किताबों के सागर में डूबते मेरा दोस्त साइड में प्रार्थना करता , है भगवान आज हां बस आज साइंस का पीरियड खत्म हो जाये। और ऐसे ही प्रार्थना वो रोज़ हर पीरियड में करता था। आप तो समझ ही गए होंगे कि किताबों में से पढ़ने से ज़्यादा, पीरियड खत्म होने की घंटी का इंतज़ार करते थे। कुछ भी कहो सब बच्चों को लाइब्रेरी पीरियड का बहुत इंतज़ार रहता था। बेशक वहां भी किताबें थी। पर वहां हमारे टीचर के अनुसार कोई भी किताब उठा कर पढ़ सकते थे। लेकिन हमारे अनुसार कोई भी किताब उठा कर बस उसके चित्र देख कर रखना होता था। फिर क्या था जिस भी किताब में शेर, चीतह, खरगोश नज़र आते वो उठा लेते। और पूरे पीरियड बस किताबों के पन्ने पलट कर वही चित्रों को निहारते।

किताबों के दोहों से बड़ी सीख मिलती थी। कैसे परोपकार करना है, कैसे दुसरो की सेवा करना है, कैसे दुसरो के लिए जीवन को जीना है। सब बच्चें किताब को हिंदी पीरियड में बड़े ध्यान से पढ़ते। एक अच्छे मनुष्य की पहचान क्या होती है ये मैने उन्ही किताबों से सीखा। खाली दिमाग मे जो अंकुरित करो वही परिणाम स्वरूप सामने आता है। अपने विद्यालय से जीवन जीने का सही तरीका सीखा। वो पाठ ने मेरे जीवन के पाठ में विशेष किरदार निभाया। अच्छा इंसान बनना चाहिए ये तो सब बताते है, पर अच्छा इंसान कैसे बनना है ये मेरे विद्यालय व मेरी किताबों ने सिखाया। जाने अनजाने हमने जीवन के महत्वपुर्ण पढ़ावो को पार करने की तैयारी करली थी जो हमे जीवन मे आगे बाधा बनकर उभरने वाले थे।

विद्यालय के शिक्षक-   नर्सरी से लेकर बारहवीं तक जिस अभिन्न व्यक्ति का साथ था वो थे हमारे शिक्षक। जिस दिन चलना सीखा उस दिन से मेरे जीवन के 18 साल तक उन्होंने हमे चलाया नही चलने का मार्ग भी  दिखाया। हर छोटे-छोटे झगड़े को सुलझाया और हर बार भगवान के समान माफ भी किया।विद्यालय में शिक्षक डरावने लगते थे। पर तब हम ये नही जानते थे कि इनसे कोमल इस दुनिया मे किसी ओर का हृदय नही होता। हर विषय के अलग अलग शिक्षक होते थे। वो हमारे सारे बहानों को जानते थे जो हम होमवर्क ना करके आने पर बनाते थे। उस दिन मुझे समझ आया कि सब समझ कर भी ना समझ बन जाना भी कितना विशेष प्रेम होता है। जो वो हम बच्चों से करते थे। गलती करने पर कई बार डांट भी लगते थे। पर उनका उद्देश्य कभी डांट कर नीचा दिखाने का नही बल्कि ऊपर उठाने का होता था। शिक्षा और शिक्षक का संबंध शायद एक बार को टूट सकता है। पर शिक्षक और बच्चों का संबंध कभी नही टूटता। शिक्षक बच्चों में शिक्षा का संचार कुछ ही सालों में आजीवन के लिए कर देता है।अनाराम से लेकर जीवन मे अलार्म तक का सफर हमे शिक्षक तय कराते हैं। वे सीखते है कि कैसे अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़ते रहना है, और कैसे जीवन मे अनुशाषित रहना है।

विद्यालय का प्रांगण व आखरी साल- खाली दिमाग में धीरे धीरे अक्ल आने ही लगी थी, फिर बस हमारे विद्यालय में रहने का आखरी साल आगया।कैसे सालो की बिताई यादों को कुछ क्षण में समेट पाते। फेयरवेल लेने जब मैदान में खड़े थे तब आखरी बार अपने स्कूल को निहार रहे थे।तब लगा कि कितना बड़ा है मेरा विद्यालय। आज तक विद्यालय को देखने की फुरसत ही कहा मिली थी।अपने दोस्तों के साथ खेलने, टीचर को समझने सुनने के अलावा, कभी ध्यान ही नही गया।  स्कूल के पहले दिन जब रोते हुए आये थे तब ध्यान गया था। और अब जब रोते हुए जा रहे है तब ध्यान जा रहा है। जितना डरावना पहले दिन लगा था उससे कई ज़्यादा डरावना आज लगा। फर्क इतना है की उस वक़्त विद्यालय में आने का मन नही था , ” और आज जाने का नही है”। सारी यादें  वही पुराने बस्ते में भर कर ले जाते है और आशा करते है कि काश फिर से बच्चे बन पाए। काश फिर ये पल दोबारा से जी पाए।

नम आंखों में आज मैने मेरे पूरे विद्यालय को देखा है। जैसे हर साल विद्यालय की गोद मे खेले बच्चे  जाते है, विद्यालय की आंखें भी नम नज़र आती है। 

उपसंहार- शिक्षक को कभी मैने उनका दुख जताते नही देखा। जिन बच्चों को उनने बचपन से देखा है, और जितनी भी सीख दी है। आज से सब बच्चे उन्हें अपने जीवन मे अमल करने जा रहे थे। बेशक उनका हृदय नम था। पर उन्होंने हमें आशीर्वाद देकर विदा किया। विद्यालय सभी के जीवन का ऐसा अंग होता है जो भुलाए नही भुला जाता।

शिक्षा का कर्ज उतारना अभी बांकी है,  ऐ स्कूल वापिस बुला ले हमे, हमारा बचपन अभी भी बाकी हैं,  हमारा बचपन अभी बांकी है…!!

हमें आशा है आपको my school essay पसंद आया होगा। आप इस निबंध को essay on my school के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को paragraph on my school के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

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मेरे स्कूल पर निबंध (mera vidyalaya essay in hindi) – बचपन के दिन इतने जल्दी क्यों बीत जाते हैं। हम अक्सर यही सोचते हैं कि काश हम बचपन के दिनों में ही रहते तो ज्यादा अच्छा होता। एक अलग ही एहसास होता है बचपन के दिनों में। हमें ज्यादा टेंशन नहीं लेनी पड़ती किसी भी बात की। हां, बस उस समय स्कूल हमारे जीवन के लिए एक अहम पड़ाव होती है। स्कूल के दिन भी अपने आप में बहुत खास होते हैं। स्कूल में हमें हर चीज का अनुभव होता है। स्कूल में हमें अपना कौशल विकसित करने का अच्छा मौका मिलता है। आइये नीचे mera vidyalaya par nibandh पढ़ना शुरू करें।

स्कूल यानि कि विद्यालय। स्कूल एक प्रकार की संस्थान है जहां पर बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। स्कूल बच्चों का भविष्य तैयार करने में मदद करता है। विद्यालय को विद्यार्थियों का मंदिर कहना गलत नहीं होगा। यह इस प्रकार का मंदिर है जहां पर बच्चों को पूर्ण रूप से तराशा जाता है। बिना विद्या के हमारे जीवन का ना तो कोई लक्ष्य हो सकता है और ना ही कोई महत्व। स्कूल हमें हर तरह की चुनौतियों के लिए तैयार करती है। हम शिक्षा को हासिल स्कूल जाकर ही कर सकते हैं। स्कूल की दुनिया एकदम अलग होती है। तो आज का हमारा विषय स्कूल पर आधारित है। तो आज हम अपने इस पोस्ट के जरिए जानेंगे मेरे स्कूल पर निबंध (hindi essay mera vidyalaya) हिंदी में। तो आइए हम निबंध पढ़ना चालू करते हैं।

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विद्यालय हमेशा से एक बच्चे को विद्यार्थी के रूप में ढालने में अग्रसर रहा है। हमारी स्कूल हमारे लिए ज्ञान के सागर की तरह होती है। यह हमें ज्ञान को हासिल करने में मदद करती है। स्कूल तो हमेशा से ही प्रचलन में थे। चाहे हम नालंदा विश्वविद्यालय की बात करें या तक्षशिला विश्वविद्यालय की। हमारे जीवन की असली शुरुआत स्कूल तो स्कूल के दिनों से ही होती है। वहां पर हमें अलग अलग चीजें सीखने को मिलती है। हमारा कौशल निखरता है। हम हरफनमौला बनते हैं।

स्कूल का अर्थ

जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें ज्ञान की बहुत जरूरत होती है। बिना ज्ञान के हमें कुछ हासिल नहीं हो सकता है। यह ज्ञान हमें या तो हमारे माँ बाप देते हैं या फिर स्कूल देती है। स्कूल का अर्थ एक ऐसे शिक्षण संस्थान से है जहां पर एक बालक शिक्षा हासिल करने के लिए जाता है। स्कूल सभी तरह के कौशल को निखारने में बहुत बड़ा योगदान देता है। फिर चाहे वह कोई भी कौशल हो जैसे शारीरिक, मानसिक या फिर बौद्धिक कौशल। स्कूल शब्द ग्रीक भाषा के Skohla या Skhole से पूरी दुनिया में प्रचलन में आया। स्कूल को संस्कृत में विद्यालयः कहते हैं।

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स्कूल का महत्व

स्कूल का महत्व हमारे जीवन में हमेशा से ही रहा है। बिना स्कूल के हम अपने जीवन के कोई तरह के लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते हैं। आज स्कूल की वजह से ही हमारा सुनहरा भविष्य तैयार होता है। आप एक बात खुद सोच कर देखो कि क्या हम घर पर बैठकर ही अपना भविष्य तैयार कर सकते हैं? नहीं, हम ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं। जब हम बच्चे के रूप से निकलकर एक किशोर की अवस्था में पहुंचते हैं तो हम केवल घर पर सारे संसार का ज्ञान हासिल नहीं कर सकते हैं।

हमें इसके लिए शैक्षणिक संस्थान का दामन थामना ही पड़ता है। जो कोई भी विद्यार्थी अपने जीवन में सामाजिक उन्नति, आर्थिक उन्नति, या व्यक्तिगत उन्नति करता है तो वह सब स्कूल के योगदान की वजह से ही संभव हो पाता है। स्कूल आपको बहुत अच्छी शिक्षा देती है। वह आपको एक सच्चे हीरे की तरह तराशती है। एक बेहतरीन और उम्दा स्कूल बच्चों को बड़े से बड़े पदों पर पहुंचा देती है। स्कूली शिक्षा पाना ज्ञान की गंगा को पाने के समान है। हम सभी इसको पाने की लालसा रखते हैं।

स्कूली शिक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?

स्कूल की शिक्षा हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बचपन में ही तय हो जाता है कि हम बड़े होकर क्या बनेंगे? और इस चीज में अहम भूमिका निभाती है स्कूल में मिलने वाली शिक्षा। आज दुनिया में जितने भी उन्नत देश हैं वह सभी उन्नत इसलिए हुए क्योंकि उन्होंने शिक्षा का इस्तेमाल सही ढंग से किया था। आज का समय शिक्षा और ज्ञान को महत्व देता है। उचित प्रकार का ज्ञान हमें हर मुश्किल रास्तों को भी पार करना सिखाता है।

हम जब छोटे बालक होते हैं तो हमें हमारे अभिभावक स्कूल भेजने की तैयारी करते हैं। वह हमें स्कूल इसलिए भेजते हैं ताकि हम पढ़ लिखकर समाज में कुछ ऐसा मुकाम हासिल करे ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए हम आदर्श बन जाए। स्कूल में दाखिला मिलने के बाद बच्चे को हर तरह गुण सीखने को मिलता है। वह केवल किताबी ज्ञान को ही हासिल नहीं करता बल्कि व्यावहारिक ज्ञान को भी अच्छे से सीख जाता है।

आज के समय में गरीब छात्रों के माँ बाप भी उन्हें अच्छा पढ़ाना लिखाना चाहते हैं। क्योंकि वह इस बात को अच्छे से समझते हैं कि उनको स्कूल की शिक्षा प्राप्त नहीं होने पर वह अनपढ़ रह गए। अनपढ़ लोगों की समाज में कोई कद्र नहीं होती। प्रगति वही इंसान करता है जिसको बुनियादी शिक्षा प्राप्त हो गई हो। पढ़े लिखे लोग समाज का उत्थान करते हैं। उनको अच्छे और बुरे की अच्छे से समझ होती है।

स्कूल में अच्छे टीचर कितना मायने रखते हैं?

यह एक साधारण सी बात है कि एक बच्चे को उसके जीवन में अगर कुछ बड़ा हासिल करना होता है तो वह अपने माता-पिता से ज्ञान हासिल करता है। उसके माता-पिता उसके जीवन के पहले गुरु होते हैं। लेकिन एक बच्चे के माँ बाप यही चाहते हैं कि उनका बच्चा सर्वश्रेष्ठ हो। इसलिए वह अपने बच्चे को स्कूल भेजने का मन बनाते हैं।

स्कूल में बच्चे को अभिभावक के रूप में शिक्षक मिल जाते हैं। स्कूल में पहुंचकर विद्यार्थी बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उनको स्कूल पहुंचकर एक नई दिशा मिलती है। शिक्षक अपने छात्र के भविष्य को लेकर बहुत सजग रहते हैं। वह अपने विद्यार्थियों के सपनों में पंख लगाते हैं। वह उन्हें उड़ना सीखाते हैं। शिक्षक जो अपने विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं उसी शिक्षा को वह अपने मन और दिमाग में पूरी तरह से अवशोषित कर लेते हैं।

स्कूल और शिक्षकों का यह बड़ा कर्त्तव्य बनता है कि वह बच्चों को उचित शिक्षा दे ताकि बच्चों को आगे चलकर कोई तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े। शिक्षकों की पढ़ाने की शैली ऐसी ना हो जिसके चलते बच्चे एक रोबोट के समान काम करने लग जाए। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को कुछ इस प्रकार तैयार करे कि बच्चा आने वाले भविष्य में पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक तौर पर अच्छा बने।

स्कूल के दिन जीवन के सबसे अच्छे दिन क्यों होते हैं?

स्कूल के दिन जीवन के सबसे अलग दिनों में से एक होते हैं। हमें सबसे पहले स्कूल में ही डाला जाता है। स्कूल बहुत खास होता है हमारे लिए। हम जब छोटे होते हैं तो हमें लगता है कि हम कब जल्दी से बड़े हो रहे हैं। हम समय बीतने का इंतजार करते रहते हैं। स्कूल की उस सुबह वाली प्रार्थना लाइन में लगना, सुबह सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाना, होमवर्क करना, और क्लास पीरियड बोरिंग लगना बचपन के दिनों में आम बात है।

लेकिन हम जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं हमें बचपन के दिनों की बहुत याद आने लगती है। स्कूल के बीते दिन बुरे भी होते हैं तो कोई अच्छे भी होते हैं। स्कूल के दिनों में जो सीख हमें मिलती है वह हमारे साथ ताउम्र रहती है। हमें स्कूल में नए शिक्षकों से शिक्षा मिलती है। हम स्कूल में नए दोस्त भी बनाते हैं। हम स्कूल में अनेक प्रकार की गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हैं। हमारी शारीरिक और बौद्धिक क्षमता स्कूल में बहुत ज्यादा निखरती है।

स्कूल के दिनों में आपको केवल अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान देना होता है। आपके ऊपर जॉब करने का किसी भी तरह से प्रेशर नहीं होता। आप खुलकर अपने जीवन का आनंद उठाते हैं। आप जब बड़े हो जाते हैं तब आपको आपके बचपन के दिन बहुत ज्यादा याद आते हैं। बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो सोचते हैं कि वह स्कूल के बीते हुए दिन काश वापिस से उनके पास लौट आए।

भारत के दस सबसे महंगे स्कूल

1) बिशप कॉटन स्कूल , पैसिफिक बिशप कॉटन स्कूल हिमाचल

2) बिड़ला पब्लिक स्कूल , पिलानी

3) स्टोनहिल इंटरनेशनल स्कूल , बैंगलोर

4) गुड शेफर्ड इंटरनेशनल स्कूल , ऊटी

5) वुडस्टॉक स्कूल , मसूरी

6) वेल्हम बॉयज स्कूल, देहरादून

7) इकोले मोंडियाल वर्ल्ड स्कूल, मुंबई

8) मेयो कॉलेज, अजमेर

9) सिंधिया स्कूल, ग्वालियर

10) द दून स्कूल, देहरादून

भारत में पहला स्कूल कब खुला था?

विद्या देने में हमारा देश हमेशा से अव्वल रहा है। लेकिन क्या आपको यह बात पता है कि हमारे देश का पहला मॉडर्न स्कूल कब खुला था? शायद आपको इस बात का अंदाजा नहीं होगा। दरअसल भारत का पहला स्कूल खोलने का श्रेय सावित्री बाई फुले और फातमा शेख को जाता है। यह बात उस समय की है जब भारत को उसकी आजादी भी नहीं मिली थी।

सावित्री बाई फुले और फातमा शेख ने यह तय किया कि वह पुणे के भिडेवाड़ा में केवल ल़डकियों के लिए एक स्कूल खोलेंगे। सावित्रीबाई फुले ज्योतिराव फुले की पत्नी थी। ज्योतिराव फुले ने उन्हें पूरा समर्थन दिया था। सावित्रीबाई फुले और फातमा शेख एक अच्छी सामाजिक कार्यकर्ता थी। 5 सितंबर, 1848 को अखिरकार देश की पहली अपनी स्कूल खुल गई थी। हालांकि शुरुआत में उन्हें बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा था। पर अंत में उनकी ही जीत हुई।

मेरा स्कूल में पहला दिन

सभी को अपने स्कूल का पहला दिन अक्सर याद रहता है। हालांकि कोई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपना पहला दिन याद ही नहीं रहता। मुझे आज भी याद है कि मेरे स्कूल का पहला दिन। मेरे स्कूल का पहला दिन ना ज्यादा अच्छा था और ना ही बुरा। मुझे आज भी याद है कि कैसे मेरे पापा मुझे ननिहाल से स्कूल लेकर गए थे।

उस दिन मैं ननिहाल आ रखी थी। मेरे पापा ने मेरी नानी को कहा कि वह मुझे जल्दी से तैयार कर दे। मैं तैयार हो गई। और पापा मुझे वहां से ले गए। आखिरकार मैं स्कूल पहुंची। स्कूल बहुत बड़ी थी। स्कूल में बहुत ज्यादा हरियाली थी। स्कूल का खेल का मैदान भी बहुत बड़ा था। वहां पर खूब सारे बच्चे खेल रहे थे।

मेरी स्कूल का नाम सोफिया स्कूल था। वहां पर पहुंचते ही मेरी मुठभेड़ मेरी क्लास टीचर से हो गई। पापा ने बताया कि वह मेरी क्लास टीचर है। मेरी क्लास टीचर का नाम ममता मेम था। अब मेरे पापा जब स्कूल से जाने लगे तो ना जाने क्यों मैं जोरों से रोने लगी। मेरी टीचर ने मुझे चॉकलेट देकर मुझे मुझे चुप करवाया। और फिर मुझे क्लास में ले गई। सच में, मेरा स्कूल का पहला दिन बहुत मुश्किल से बीता था। मैं बहुत ज्यादा भावुक हो गई थी।

मेरे स्कूल पर निबंध 150 शब्दों में

स्कूल दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज होती है। स्कूल ही एक ऐसी जगह होती है जहां पर एक बच्चा पहली बार कदम रखता है। स्कूल जाना सबसे यादगार पल होता है एक बच्चे के लिए। वहां पर उसको हर चीज का अनुभव होता है। स्कूल में पहुंचकर वह अपने कौशल को और भी अधिक निखारता है।

स्कूल के दिनों को हम बहुत बेफिक्री के साथ जीते हैं। वहां पर हमारे अनेकों दोस्त बनते हैं। हम वहां पर पहुंचकर खूब मस्ती करते हैं। हमें स्कूल के दिनों में पैसा कमाने की कोई चिंता नहीं होती। हमें केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करके अपना भविष्य उज्जवल करना होता है। स्कूल हमें यह अच्छे से सिखाता है कि हमारे लिए कौन सा मार्ग सही है और कौन सा मार्ग गलत। जब बच्चे स्कूल में दाखिला लेते हैं तो उन बच्चों के माता-पिता चैन की साँस लेते हैं। स्कूल में जाकर बच्चों के तौर-तरीकों में भी एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है। स्कूल में झूले होते हैं, खेल के मैदान होते हैं, लाइब्रेरी होती है।

मेरा स्कूल पर 10 लाइन

1) स्कूल एक बच्चे के लिए बहुत जरूरी संस्थान होता है।

2) स्कूल में दाखिला लेने के बाद एक बच्चे को स्कूल में कई गतिविधियों को सीखने का मौका मिलता है।

3) हमारे जीवन की असली शुरुआत स्कूल से ही होती है।

4) स्कूल के शिक्षकों का काम बच्चों को पढ़ाना लिखाना होता है।

5) स्कूल जाने पर बच्चा बहुत ज्यादा होशियार हो जाता है। वहां पर उसके ज्ञान का दायरा बढ़ता है।

6) शिक्षकों का यह फर्ज होता है कि वह बच्चों को ऐसी शिक्षा दे कि जिससे बच्चों का भविष्य सुनहरा हो सके।

7) स्कूल में पहुंचकर एक बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी सीखता है।

8) स्कूल की यादों को हमें हमेशा के लिए संजोकर रखना चाहिए।

9) स्कूल का पहला दिन सभी के लिए बहुत यादगार होता है।

10) स्कूल एक बच्चे को अनुशासन में रहना सिखाती है।

मेरे स्कूल पर निबंध FAQ’S

A1. स्कूल की शिक्षा हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बचपन में ही तय हो जाता है कि हम बड़े होकर क्या बनेंगे? और इस चीज में अहम भूमिका निभाती है स्कूल में मिलने वाली शिक्षा। आज दुनिया में जितने भी उन्नत देश हैं वह सभी उन्नत इसलिए हुए क्योंकि उन्होंने शिक्षा का इस्तेमाल सही ढंग से किया था। आज का समय शिक्षा और ज्ञान को महत्व देता है।

A2. हम स्कूल के जीवन से इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि स्कूल पहुंचकर हम अपने आप को बहुत खुशनसीब मानते हैं। स्कूल में प्रवेश करने के बाद हमें कई सारी नई चीजों का ज्ञान होता है। हमें स्कूल में हर प्रकार की गतिविधियों से परिचित करवाया जाता है। स्कूल का जीवन हमारे कौशल को निखारने में मदद करता है।

A3. मुझे अपना विद्यालय इसलिए पसंद था क्योंकि वहां पर एक बड़ा बगीचा था। वहां का प्लेग्राउंड बहुत सुंदर और बड़ा था। वहां का ऑडिटोरियम भी बहुत भव्य था। वहां पर मेरी टीचर्स भी बहुत अच्छी थी। स्कूल में एक शानदार लाइब्रेरी थी।

A4. विश्व का सबसे पुराना स्कूल तक्षशिला को माना जाता है। इसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व हुई थी।

A5. स्कूल में बच्चे को अभिभावक के रूप में शिक्षक मिल जाते हैं। स्कूल में पहुंचकर विद्यार्थी बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उनको स्कूल पहुंचकर एक नई दिशा मिलती है। शिक्षक अपने छात्र के भविष्य को लेकर बहुत सजग रहते हैं। वह अपने विद्यार्थियों के सपनों में पंख लगाते हैं। वह उन्हें उड़ना सीखाते हैं।

A6. बच्चों को स्कूल जाना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि स्कूल जाने पर उसको ढेरों सारी चीजें देखने को मिलती है। स्कूल जाने पर उसके शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास होता है।

A7. स्कूल में बच्चों को सबसे ज्यादा चीज जो पसंद आती है वह है खेल कूद। स्कूल में बच्चों को क्रिकेट खेलने को मिलता है, टेनिस खेलने को मिलता है। वह कई प्रकार के खेलों को खेल के मैदान में खेल सकते हैं।

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मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay In Hindi)

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay In Hindi), मेरी पाठशाला पर निबंध

आज के इस लेख में हम मेरा स्कूल विषय  पर निबंध (Essay On My School In Hindi) लिखेंगे। मेरा स्कूल विषय पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरा स्कूल विषय पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My School In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

Table of Contents

मेरा स्कूल पर निबंध ( My School Essay In Hindi)

प्रस्तावना 

घर के बाद एक बच्चे के जिंदगी में पहला बदलाव स्कूल होता है। स्कूल के जरिए ही एक बच्चा पहली बार दुनियाँ से सामना करता है और बहुत कुछ सीखता है। इसलिए ऐसा कह सकते हैं कि किसी भी बच्चे के जीवन मे स्कूल का बहुत अधिक महत्व होता है।

यह महत्व सिर्फ पढ़ाई की दृष्टि से नही बल्कि एक बच्चे के पूरे व्यक्तित्व विकास में भी बहुत अहम होता है। ठीक इसी तरह मेरे जीवन मे भी स्कूल का महत्व रहा है। मेरे स्कूल का नाम सरस्वती शिशु मंदिर है।

मेरे स्कूल की गिनती शहर के कुछ प्रसिद्ध स्कूलों में होती है, इस वजह से हर विद्यार्थी यहां से पढ़ने के लिए लालायित रहता है। लेकिन यहाँ आना इतना आसान नही है। मेरे स्कूल में कोई भी विद्यार्थी तभी प्रवेश पा सकता है जब वह प्रवेश परीक्षा को पास कर पाएगा।

हर वर्ष हमारे स्कूल में एक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसको देने के लिए शहर और गाँव के विद्यार्थी आते हैं। परीक्षा के बाद इन लोगों को नंबर दिए जाते हैं, जिसके आधार पर एक मेरिट लिस्ट बनाई जाती है।

मेरिट लिस्ट के आधार पर ही कोई भी यहां पर प्रवेश पा सकता है। जिसका नाम उंस मेरिट लिस्ट में होगा उसका प्रवेश सुनिश्चचित हो जाता है। लेकिन जिनका नाम नही है उन्हें प्रवेश नही मिल पाएगा। हालांकि वह दूसरी बार परीक्षा में जरूर बैठ सकते हैं, इसके लिए उन पर कोई पाबंदी नही है।

स्कूल का परिसर

हमारे स्कूल का परिसर बहुत ही भव्य है, क्योंकि यहां कक्षा 1 से लेकर 12 वी तक कि कक्षाएं लगती है। कक्षा 1 से लेकर 10 वी तक कि कक्षाओं के लिए एक अलग परिसर है, जबकि कक्षा 11 वी और 12 वी के लिए दूसरा परिसर बनाया गया है।

इन दोनों परिसरों के बीच दो बड़े खेल के मैदान हैं जिसमें एक तरफ 11, 12 वी के विद्यार्थी होते हैं ,जबकि दूसरे मैदान में 10वी और बाकी कक्षा के बच्चे होते हैं। इन दोनों मैदानों के बीचो बीच एक सड़क बनी हुई है।

जहां से गुजर कर हमारी स्कूल बस जाती है। हमारे स्कूल में कुल 3 स्कूल बस हैं। कई लोग सायकल से तो कुछ लोग बाइक से भी स्कूल आते हैं। मैं फिलहाल बस से ही स्कूल आता हूँ। स्कूल में 2 मंजिला इमारत बनी हुई है। जिसमें निचली मंजिला में 11वी की कक्षा लगती है।

और वही ऊपरी मंजिला में 12 की कक्षा लगती है, जबकि सबसे ऊपर वाले मंजिल में प्रार्थनाएं होती हैं। स्कूल का प्रार्थना कक्ष इतना बड़ा बना हुआ है, कि उसमें 350 बच्चे आसानी से बैठ सकते हैं।

प्रार्थना कक्ष के फर्श में कालीन बिछाई गई है, जिसका रंग गुलाबी है। सामने एक मंच है, जहाँ से कभी कभी हमारे प्रधानाचार्य स्पीच देते हैं। हमारे स्कूल के सबसे नीचे वाली मंजिल में ही प्रधानाध्यापक का कक्ष है। इसके ठीक बगल में पुस्तकालय बना हुआ है, हम सब अपनी जरूरत की कई किताबें पुस्तकालय से ही लेते हैं।

पुस्तकालय के बगल में फीस जमा करने का कक्ष बना हुआ है, यही पर फ़ीस से संबंधित सभी काम किए जाते हैं।

स्कूल में मिलने वाली सुविधाएँ

हमारे स्कूल में जरूरत की हर सुविधा उपलब्ध है। जैसे कि कई बच्चों को खेल में काफी रुचि होती है तो ऐसे स्टूडेंट्स के लिए खेल से जुड़े सभी सामान मिल जाते हैं।

हमारे स्कूल में क्रिकेट से संबंधित सभी सामान मौजूद है, जैसे बैट, गेंद, विकेट, ग्लब्स आदि। वही फुटबाल पसंद करने वालों के लिए यहां पर फ़ुटबॉल भी मौजूद है। इसके साथ साथ, बैडमिंटन, रस्सी कूद जैसे खेल की तमाम सुविधाएं यहाँ मिल जाती है।

कुछ स्टूडेंट्स को खेल में आगे बढ़ना होता है और उन्हें लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेक, भाला फेक जैसी कई प्रतियोगिताएं काफी लुभाती है। ऐसे विद्यार्थियों के ट्रेनिंग के लिए भी हमारे स्कूल में पर्याप्त साजो-सामान मौजूद है।

खेल से अलग बात करें तो हमारे स्कूल में एक बेहतरीन कंप्यूटर लैब है, जिसमें करीब 60 कंप्यूटर्स होंगे। हर स्टूडेंट को एक एक कंप्यूटर दिया जाता है। कंप्यूटर चलाना हम सबको बहुत पसंद होता है, इसलिये कंप्यूटर का क्लास मुझे बहुत पसंद होता है।

कंप्यूटर के अलावा पुस्तकालय भी मुझे बहुत पसंद है। जहां से मुझे अपने पसंद की कई किताबें मिल जाती है। हमारे स्कूल के पुस्तकालय में कोर्स की किताबों के साथ साथ अन्य तरह की किताबें भी रहती है। जैसे कि किस्से कहानियों की किताबें, कविताओं और महान पुरुषों की जीवनी संबंधी किताबें।

मुझे कविताओं और महान लोगों की जीवनी पढ़ने में काफी रुचि है। इसलिए मैं बार बार वही किताबें पुस्तकालय से जारी करवाता रहता हूँ।

स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम

मेरे स्कूल में हमेशा दिन में 3 वक़्त प्रार्थना होती है। पहली प्रार्थना सुबह के वक़्त होती है जब हम लोग स्कूल आते हैं। इस दौरान हम सरस्वती वंदना, गीता पाठ करते हैं। इसके बाद 5 मिनट के लिए भ्रामरी प्राणायाम, और ॐ का उच्चारण करते हैं।

प्राणायाम करने के बाद हमारी एकाग्रता काफी ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे पढ़ाया हुआ हमे आसानी से और जल्दी समझ मे आता है। इसके बाद भोजन के वक़्त भी हम एक प्रार्थना करते हैं।

फिर जब स्कूल से छुट्टी होती है तो एक छोटी सी प्रार्थना होती है। इन सब के अलावा हमारे स्कूल में हर साल सरस्वती पूजा का कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कई मुख्य अतिथि भी इसमे शामिल होते हैं।

हर साल वार्षिक समारोह का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें कई स्टूडेंट्स भाग भी लेते हैं। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण पर्व बहुत अच्छे से मनाए जाते हैं।

इसके अलावा हर वर्ष पूर्व छात्र मिलन नाम का एक प्रोग्राम चलाया जाता है, जिसमे हमारे स्कूल में पढ़े हुए कई छात्रों को बुलाया जाता है। इसमे से कई ऐसे होते हैं जो अपने कैरियर में काफी ऊँचाई में होते हैं।

ऐसे पूर्व छात्रों के जरिए लगातार हमे अच्छी अच्छी बातें बताई जाती है और साथ मे भविष्य में आने वाली चुनौतियों से भी अवगत करवाया जाता है।

स्कूल में होने वाली परीक्षाएं

मेरा स्कूल इन सब चीजों के साथ साथ पढ़ाई पर भी विशेष ध्यान देता है। इसलिए हर माह मासिक टेस्ट जरूर होती है। मासिक टेस्ट हालांकि उतना कठिन नही होता है, लेकिन फिर भी इस टेस्ट में भी अच्छा करने का दवाब हमारे ऊपर बना रहता है।

इसके साथ ही हर तीन तीन माह में हमारी परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती है। जैसे 3 माह बाद त्रैमासिक परीक्षाएं, 6 माह बाद अर्धवार्षिक परीक्षाएं और फिर आखिरी में वार्षिक परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती हैं।

इन्ही तीनो परीक्षाओं के आधार पर हमारा रिजल्ट बनाया जाता है। इसके साथ साथ हमारी स्टूडेंट्स के लिए हर वर्ष प्रवेश परीक्षाएं भी आयोजित कराई जाती है। इसके लिए स्कूल के शिक्षक ही पेपर तैयार करते हैं और नंबर के आधार पर  स्टूडेंट्स की एक सूची तैयार करते हैं।

स्कूल के शिक्षक

हमारे स्कूल के शिक्षकों की बात करें तो वह सब बहुत ही योग्य और हमारे साथ सहानुभूति जताने वाले होते हैं।  सभी शिक्षक इस बात की पूरी कोशिश करते हैं कि विषय की समझ हमारी गहरी हो। इसके लिए वह विषय को पूरी गहराई से समझाते हैं।

इसके साथ ही यदि किसी भी स्टूडेंट को विषय को समझने में दिक्कत हो रही है, तो वह क्लास के बाद अलग से उंस विषय के शिक्षक से मिलकर उस टॉपिक को दोबारा भी समझा सकता है।

इसके लिए कोई भी शिक्षक मना नही करता है। यदि मैं बताऊं की मुझे सबसे अधिक कौन से शिक्षक पसंद है तो मैं कहूंगा कि वैसे तो सभी शिक्षक पसंद है। लेकिन जो मुझे हिंदी पढ़ाते हैं, उनके पढ़ाने का तरीका काफी अलग है जो कि मुझे बहुत अच्छा लगता है।

वही स्कूल में खेल के लिए एक अलग शिक्षक नियुक्त किये गए हैं, जिनका काम सिर्फ हम लोगो को खेल खिलाना और सीखाना है।

किसी भी व्यक्ति के जीवन की मीठी यादों में स्कूल का जीवन जरूर शामिल होता है। इसलिए मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे एक ऐसे वातावरण में रहने और पढ़ने का अवसर मिल रहा है, जो बहुत ही सकारात्मक है, जहां से मैं हर दिन काफी कुछ सीखता हूँ।

यहाँ मुझे हर दिन अच्छा लगता है। शिक्षको का सानिध्य और अपने दोस्तों का साथ मुझे स्कूल छोड़ने के बाद भी बहुत याद रहेगा और मै इसे हमेशा याद करूँगा।

इन्हे भी पढ़े :-

  • 10 Lines On My School In Hindi Language
  • मेरा आदर्श विद्यालय पर निबंध (Adarsh Vidyalaya Essay In Hindi)
  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Ideal Student Essay In Hindi)
  • शिक्षा पर निबंध (Essay On Education In Hindi)
  • यदि परीक्षा ना होती तो पर निबंध (If There Were No Exams Essay In Hindi)

मेरा विद्यालय पर निबंध (Short Essay On My School In Hindi)

मेरे विद्यालय का नाम उच्चय विद्यालय हैं। ये एक बहुत बड़ी ईमारत हैं और इसमें सभी क्लास के क्षात्रो के लिए अलग अलग कमरा बनाये हुए हैं। सभी क्लास में खिड़किया बनायी हुइ हैं, जिससे हमें प्राकृतिक रौशनी मिल पाती हैं।

मेरे स्कूल में हर कक्षा में बेंच लगाये हुए हैं। इस विद्यालय में हम पहली क्लास से पढ़ते आ रहे हैं। हमारे पाठशाला में सभी विषय के शिक्षक उपलब्ध हैं। जब हम सुबह में विद्यालय आते हैं, तो हमारे बिद्यालय की साफ -सफाई होते रहती हैं और हमारे विद्यालय के क्लास रूम भी साफ सुथरे रहते हैं। जिस वजह से मुझे मेरे विद्यालय में पढ़ना अच्छा लगता हैं।

विद्यालय आने के बाद हमें सबसे पहले प्रार्थना करवायी जाती हैं। उस प्रार्थना में विद्यालय के सभी विद्यार्थी और सभी शिक्षक शामिल होते हैं। प्रार्थना के समय कोई भी बच्चा शोर नहीं करता हैं।

नहीं तो अगर कोई भी बच्चा प्रार्थना के समय कुछ और करते रहता हैं। उसे प्रार्थना ख़त्म होने के बाद हमारे विद्यालय के शिक्षक उसे कुछ न कुछ सजा देते हैं। इसलिए हमारे बिद्यालय में सभी क्षात्र शांति पूर्वक प्रार्थना करते हैं।

प्रार्थना खत्म होने के बाद सभी बच्चो को राष्ट्रीय गाण करवाया जाता हैं और “भारत माता की जय” का नारा लगाया जाता हैं। मेरे स्कूल में सभी बहुत ही अनुशासन में रहते हैं और अनुशासन से पढ़ाई भी करते हैं।

मेरे स्कूल के सभी शिक्षक अपने समय से विद्यालय में आते हैं और हमें पढ़ाने के लिए समय पर क्लास में आते हैं। मेरा विद्यालय का एक बहुत ही अच्छा नियम हैं, जो की है समय से घंटी बजाना और उसी घंटी के अनुशार हमारे सभी बिषय के शिक्षक मेरे क्लास में पढ़ाने आ जाते हैं।

हमारे सभी विषय के शिक्षक रोज पढ़ाने के बाद कुछ ना कुछ घर से (होम वर्क) बनाने के लिए जरूर देते हैं। और दुशरे दिन वो क्लास के सभी बच्चो की कॉपी देखते हैं और जो भी विद्यार्थी होम वर्क नहीं बना कर ले आता है उसे छोटी सी सजा दी जाती हैं। और जो विद्यार्थी होम वर्क बना कर के ले आता है उसे शिक्षक शाबासी देते हैं और उसकी प्रशंसा भी करते है ।

मेरे विद्यालय में सभी शिक्षक अपने -अपने विषय का साप्ताहिक जाँच (टेस्ट) लेते हैं और इसमें देखते हैं कौन विद्यार्थी कितना सीखा। इस टेस्ट में जो अच्छा नंबर लाता हैं उसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाता हैं।

इससे हम सभी के मन में बना रहता हैं की अलगे टेस्ट में हम सब से ज्यादा नंबर लाएंगे और पुरस्कार जीतेंगे और इससे हम अपने पढाई पे ज्यादा मेहनत करते हैं।

हमे दोपहर में खाना खाने के लिए समय मिलता हैं। इस समय हम सभी अपने दोस्तो के साथ विद्यालय के ग्राउंड में बैठ कर अपना अपना खाना खाते हैं। मेरा विद्यालय का फिल्ड बहुत बड़ा हैं इसमें बहुत सारे तरह -तरह के पेड़ लगा हुआ हैं। उन पेड़ो को रोज पानी दिया जाता हैं, जिससे हमारे स्कूल का मैदान हरा -भरा रहता हैं।

हमे खेलने के लिए भी समय दिया जाता हैं, जिसमे हमारे खेल के शिक्षक हमे तरह -तरह का खेल खेलणा सिखाते हैं और हम सब उन खेलो का आनंद लेते हैं। शाम तक हमारे सभी विषय की पढ़ाई हो जाती हैं और फिर हमे छुट्टी मिल जाती हैं और उसके पश्चात हम अपने घर पे चले जाते हैं।

हमारे जिंगदगी में विद्यालय एक ऐसी जगह हैं जहा हम अपने माता -पिता से दूर रह कर कुछ घंटो के लिए अपने दिक्कतो का खुद से सामना करते हैं। वहाँ से हम अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हैं।

हम अपने बचपन से बड़े होने तक अनेक प्रकर के विद्यालय में पढ़ते हैं। जैसे आंगनवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय और विशव विधालय।

आँगनवाड़ी – ये एक छोटा सा केन्द्र होता है जो की मुहल्ले में ही होता है। यहाँ पर हमारे गाँव या मोहल्ले के छोटे -छोटे बच्चो को शिक्षा देने की शुरुआत कि जाती है। यहाँ के शिक्षक बच्चो को कुछ घंटो के लिए अपने परिवार से दूर रहना सिखाते हैं।

आँगनवाड़ी केन्द्र में ज्यादा देर तक पढाई नहीं होती हैं, बच्चो को यहाँ कुछ घंटो के लिए पढ़ाया जाता हैं। ये केंद्र सरकारी होते हैं इसका सभी खर्च सरकार द्वारा दिया जाता हैं।

प्राथमिक विद्यालय – यहाँ क्लास प्रथम से लेकर क्लास (कक्षा) पाँच तक पढाई होती हैं। जिसमे बच्चो को पढ़ाई का और स्कूल आने का तौर -तरीका सिखाया जाता हैं।

माध्यमिक विद्यालय – यहाँ क्लास आठवीं तक पढ़ाया जाता हैं। इस विधालय में बच्चो को सभी विषय का थोड़ी – बहुत जानकारी दि जाती हैं। माध्यमिक विद्यालय का समय ज्यादा तक सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होता हैं।

उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – यहाँ बच्चो को अच्छे से सभी विषय का अनुभव हो जाता हैं। इस विद्यालय में आने के बाद हम अपने आप कुछ पढ़ने लायक बन जाते हैं। इस विधालय में अनुसासन भी अच्छी तरह से सीखाया जाता हैं।

विशव विधालय – यहाँ हमें दुनियाँ की सभी उच्च शिक्षा मिलती हैं। यह आने के बाद सभी बच्चे अपने पढाई को समझने लगते है और उन्हें जिस विषय में ज्यादा रूचि होती हैं। उसमें अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पढाई करते हैं।

स्कूल और विद्यालय के लिए जरुरी चीजे 

विद्यालय के आस -पास और विद्यालय में शांति का वातावरण होना बहुत जरुरी हैं। इससे विद्यालय के बच्चो को पढाई में ध्यान लगाने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

विद्यालय में सभी विषयो का अच्छा शिक्षक उपलब्ध होना चाहिए। जिससे विधार्थी को सभी विषय पर उचित जानकारी मिल सके और बच्चो को कोई भी विषय के सम्बन्ध में दिक्कत आये तो उसका जबाब शिक्षक दे सके।

विद्यालय में शिक्षक और विधार्थी को अनुशासित रहना चाहिए, इससे हमारे विद्यालय का नाम रौशन होगा। रोज नियमित रूप से सभी बच्चो को होम वर्क (H.W) मिलना चाहिए, जिससे बच्चे अपने घर पे भी कुछ देर पढाई से जुड़े रहे।

विधालय में साफ सफाई रोज होना चाहिए, जिससे विधालय में किसी को बीमारियो का सामना नहीं करना पढ़े और सभी स्वस्थ रह सके। विद्यालय में शौचालय जरूर होना चाहिए और बच्चो को पिने के लिए शुद्ध पिने के पानी की व्यबस्था जरूर होनी चाहिए।

स्कूल में कुछ ना कुछ आयोजन करते रहना चाहिए, इससे विधार्थी अपने स्कूल के साथ आसानी से जुड़ने लगते हैं। स्कूल में नियमित गाणा, डांस और खेलो का आयोजन होना चाहिए और इनकी सुविधा होनी चाहिए। जिससे बच्चो का विद्यालय में मन लगा रहेगा और कुछ न कुछ सिखने को भी मिलता रहेगा।

विद्यालय में साप्ताहिक क्लास टेस्ट होनी चाहिए, इससे बच्चो का मनोवल बढ़ते रहता हैं और विद्यार्थी अपने आप से मेहनत करने की ज्यादा कोशिश करते हैं। इससे विद्यार्थी पढाई में ज्यादा ध्यान देते हैं।

विद्यालय जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा हैं, जहाँ से हम बहुत सारी अच्छी बाते सीखते हैं। इसीलिए अपने विद्यालय का और अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना चाहिए। विद्यालय में पढ़ते पढ़ते उससे हमारे बहुत सारी यादे जुड़ जाती हैं।

हमें अपने विद्यालय के बारे में हमेसा अच्छा सोचना चाहिए और अपने लिए और साथ में अपने विद्यालय के लिए कुछ ना कुछ अच्छा करना चाहिए।

तो यह था मेरा स्कूल विषय पर निबंध, आशा करता हूं कि मेरा स्कूल विषय   पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My School) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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My School Essay in Hindi

My School Essay in Hindi: मेरे स्कूल पर निबंध

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My School Essay in Hindi

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essay on school in hindi (100 Words)

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। यहां पर बच्चों को ज्ञान का प्रकाश दिया जाता है, जिससे बच्चे उनके भविष्य को उज्जवल बना सके। यह मेरे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत जगह में स्थित है। प्राचीन काल से ही विद्यालयों के लिए ऐसे स्थान के रूप में देखा जाता है जहां ज्ञान प्राप्त करने के लिए हर साधन उपलब्ध होता है।

यहां पर किसी प्रकार का शोर नही होता क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है। मेरे विद्यालय का भवन बहुत सुंदर है। यह बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है, इसके चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें हैं। मुझे मेरे विद्यालय से अति प्रेम है।

mera school essay in hindi (200 Words)

हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हमारा बचपन होता है जिसमें हम सभी चिंताओं से मुक्त होकर अपने लिए जीते हैं। हमारे बाल्यकाल का समय विद्यालय में ही व्यतीत होता है। विद्यालय की हमारे जीवन में बहुत अहमियत होती है। मेरे विद्यालय का नाम राम किशन मिशन स्कूल है। मेरा विद्यालय बड़ा है सुंदर है यह चारों ओर से प्रकृति से घिरा हुआ है।

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहां जाता है और ज्ञान प्राप्त करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ स्थान होता है क्योंकि ज्ञान प्राप्त करने के लिए शांति और अच्छा वातावरण चाहिए होता है, जो कि आपको सिर्फ विद्यालय में ही मिल सकता है।

बच्चे स्कूल जाकर शांति से मन लगाकर पढ़ाई कर सकते हैं। मेरे विद्यालय में विभिन्न प्रकार के आउटडोर खेल खेलने के लिए एक बड़ा और सुंदर खेल का मैदान है। इसके साथ मेरे विद्यालय में सप्ताह में एक बार शारीरिक परीक्षण रखा जाता है, जिसके अंतर्गत सभी छात्र-छात्राओं की शारीरिक क्षमता को नापा जाता है।

मेरे विद्यालय में काफी अनुभवी और दयालु शिक्षक हैं, जो बच्चों को बड़े ही प्रेम के साथ पढ़ाते हैं। विद्यालय में मेरे कई सारे दोस्त हैं जिनके साथ में लंच ब्रेक में गेम खेलता हूं। मेरे विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी भी है जिसमें सभी छात्र किताबें पढ़ सकते हैं। मुझे प्रतिदिन विद्यालय जाना बहुत पसंद है।

essay on school in hindi for class 2

mera vidyalaya par nibandh (300 Words)

विद्यालय को शिक्षा और ज्ञान का द्वार कहां जाता है। यह वही द्वार है, जो हमें भविष्य में आगे सफलता की ओर ले जाता है। सभी लोगों ने अपने जीवन में विद्यालय से बहुत कुछ सीखा है, उसी तरह में भी मेरे विद्यालय में अच्छे जीवन की सीख ले रहा हूं। मेरे विद्यालय का नाम ब्रिलिएंट अकेडमी है यह नगर के अच्छे विद्यालयों में से एक है।

मेरा विद्यालय शहर की भीड़-भाड़ से दूर खुली जगह पर स्थित है। मैं प्रतिदिन स्कूल बस से स्कूल जाता हूं। विद्यालय का भवन काफी बड़ा है और इसमें एक बड़ा खेल का मैदान भी है। सुबह जल्दी विद्यालय पहुंचने के बाद सभी छात्र छात्राएं सुबह की प्रार्थना के लिए एकत्रित होते हैं। प्रार्थना के बाद सभी बच्चे अपनी अपनी क्लास में पुनः लौट जाते हैं।

विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। इसमें विज्ञान की प्रयोगशाला भी है, जिसमें बच्चों को विज्ञान से संबंधित प्रयोग कराए जाते हैं। बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए सप्ताह में एक बार योगा भी कराया जाता है।

मेरे विद्यालय के शिक्षक बच्चों को इमानदारी समर्पण और अच्छे आचरण की शिक्षा देते हैं। यहां बच्चों को अच्छे व्यवहार के बारे में सिखाया जाता है। मेरे सभी शिक्षक बड़े ही दयालु और बुद्धिमान हैं, जो अपने ज्ञान से हमें भविष्य में सफल होने योग्य बना रहे है। मेरे विद्यालय भवन की बनावट काफी सुंदर है इसमें एक बड़ा खेल का मैदान भी है जिसमें सभी बच्चे हर तरह का आउटडोर गेम बड़ी आसानी से खेल सकते हैं।

बच्चों को अधिक ज्ञान देने के लिए यहां पुस्तकालय और विज्ञान प्रयोगशाला भी है, जहां बच्चे आसानी से विज्ञान के सभी प्रयोग कर सकते हैं। विद्यालय में मेरे बहुत से मित्र हैं, मुझे मेरे विद्यालय से काफी स्नेह है और मुझे प्रतिदिन विद्यालय जा कर पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता है। 

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mera vidyalaya nibandh in hindi (400 Words)

विद्यालय का शाब्दिक अर्थ है विद्या+ आलय मतलब विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां विद्या प्राप्त की जाती है। हमारी संस्कृति में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को मंदिर का। विद्यालय विद्यार्थी जीवन का एक ऐसा विषय है जिसे वह सबसे अधिक प्रेम करता है। विद्यालय में बिताए गए जीवन को विद्यार्थी कभी नहीं भूल सकता। इसी स्थान से हमारे भविष्य का निर्माण होता है। विद्यालय में ज्ञान देने वाले शिक्षक देवता के समान होते हैं जो अपनी जीवन भर की पूंजी हमें ज्ञान के स्वरूप में प्रदान करते हैं। मेरे जीवन में मेरे विद्यालय का बड़ा प्रभाव है।

मेरे विद्यालय का वर्णन 

मेरे विद्यालय का नाम आशुतोष पब्लिक स्कूल है। यह मेरे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। मेरा स्कूल भवन काफी बड़ा है और इसमें एक हरा भरा खेल का मैदान भी है। स्कूल सुबह 7:00 बजे प्रारंभ होता है और सभी बच्चे सुबह खेल के मैदान में एक साथ एकत्रित होकर प्रार्थना करते हैं। मेरा विद्यालय मेरे लिए मेरा दूसरा घर है। यहां मेरे बहुत सारे दोस्त हैं जिनके साथ में लंच ब्रेक में गेम खेलता हूं। विद्यालय के सभी शिक्षक बड़े ही दयालु और बुद्धिमान है वह हमें हमारे अभिभावकों की तरह ही प्रेम से ज्ञान देते हैं। मेरे विद्यालय में बच्चों के लिए विज्ञान तथा बायलॉजी प्रयोगशाला भी हैं। इसके साथ ही विद्यालय में एक बड़ा सा पुस्तकालय है, जहां सभी बच्चे बड़ी आसानी से बैठकर एक साथ पढ़ाई कर सकते हैं।

विद्यालय की भूमिका

विद्यार्थी के जीवन में विद्यालय की एक अहम भूमिका होती है। विद्यालय ही वह स्थान होता है, जहां से विद्यार्थी नियम, संयम शिष्टाचार स्वास्थ्य संबंधित सभी विषयों के बारे में सीखता है। स्कूल में आयोजित होने वाली तरह तरह की प्रतियोगिताओं से ही विद्यार्थी के कौशल और ज्ञान में वृद्धि होती है। मेरे विद्यालय में बच्चों को उन सभी नियमों के बारे में सिखाया जाता है, जो कि एक वास्तविक जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

विद्यालय एक ऐसा स्थान है जो क्षमताओं को बढ़ावा देता है हमें अवधारणाएं सिखाता है। यहां होने वाले आयोजन हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का कार्य करते हैं। हमें अपनी संस्कृति से अवगत कराते हैं। विद्यालय ही हमें भौतिक व वास्तविक ज्ञान देकर भविष्य के लिए तैयार करता है। मुझे मेरे विद्यालय और विद्यार्थी जीवन से बहुत प्रेम है। यह वही जगह है, जहां मैंने दोस्ती जैसे बंधन का निर्माण होते देखा है। मुझे मेरा विद्यालय भवन अति प्रिय है और मुझे यहां आकर पढ़ाई करना बहुत पसंद है। मेरा विद्यालय हम सभी विद्यार्थियों का गौरव है, और हम इस महान संस्था में अध्ययन कर रहे हैं, यह हमारा सौभाग्य है।

my school essay in hindi (500 Words)

विद्यालय का छात्र के जीवन में एक अलग स्थान होता है। यहां बच्चों के जीवन निर्माण की नीव रखी जाती है। एक अच्छा विद्यालय सबसे अच्छे विद्यार्थियों का निर्माण करता है, जो भविष्य में अपने विद्यालय और देश का नाम रोशन करते हैं। बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में विद्यालय और उनके शिक्षकों का काफी योगदान होता है। यहीं से देश के आने वाले नेता, साइंटिस्ट डॉक्टर, इंजीनियर तैयार होते हैं। विद्यालय में ज्ञान देने वाले शिक्षक हमारे जीवन के रचयिता होते हैं, वह हमें अच्छे जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।

मेरे विद्यालय का वर्णन

मेरे विद्यालय का नाम संत कबीरदास हाई स्कूल है। यह शहर से तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मैं प्रतिदिन पैदल ही स्कूल जाता हूं, कभी-कभी मेरे पिताजी ऑफिस जाते समय मुझे विद्यालय तक छोड़ देते हैं। विद्यालय भवन बहुत ही बड़ा है, इसमें लगभग 45 कमरे हैं और बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान भी है। मेरा विद्यालय सुबह 7:00 बजे से प्रारंभ होता है। जहां सभी बच्चे खेल के मैदान में खड़े होकर प्रार्थना में भाग लेते हैं। इसके बाद सभी बच्चे अपनी अपनी क्लास में पुनः लौट जाते हैं। मेरे विद्यालय में बड़ा पुस्तकालय है जहां बच्चों को पढ़ने की पूरी आजादी है इसके साथ-साथ विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशाला खेल सामग्री नृत्य कक्षा जैसी कई कक्षाएं हैं। यहां का वातावरण हरियाली से भरा हुआ है और काफी साफ और स्वच्छ है। बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक विकास के लिए भी यहां कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हर सप्ताह विद्यालय में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं होती है, जिसमें बच्चे अपने ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं। मेरा विद्यालय शहर का सबसे अच्छा विद्यालय है और मुझे इसका विद्यार्थी होने पर गर्व है।

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। जहां बच्चे अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान अर्जित करता है, जिस तरह लोग भगवान के मंदिर का सम्मान करते हैं और उसे साफ रखते हैं। उसी तरह हमें भी हमारे विद्यालय का सम्मान करना चाहिए, और उसे साफ स्वच्छ रखना चाहिए। विद्यालय में शिक्षा दे रहे सभी शिक्षक हमारे लिए गुरु के समान होते हैं, हमें हमारे गुरु का सम्मान करना चाहिए। हमें विद्यालय के नियमों का पालन करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने में हमें अपना योगदान देना चाहिए। विद्यालय की गरिमा को बढ़ाना हमारा कर्तव्य होता है। विद्यालय से शिक्षा पूरी करने के बाद हमें अपने शिक्षक और विद्यालय को कभी भूलना नहीं चाहिए।

विद्यालय उसमें पढ़ने वाले सभी बच्चों की संपत्ति होती है, तथा उसका ध्यान रखना भी उन बच्चों का कर्तव्य होता है। विद्यालय सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि वास्तविक जीवन का ज्ञान भी है हमें यही से प्राप्त होता है। यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ने का अवसर दिया जाता है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद संगीत प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने का मौका दिया जाता है। जहां बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। यहां बच्चों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के अवसर दिए जाते हैं। जिससे बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। बच्चों को विद्यालय का पूरा लाभ उठाना चाहिए और अपनी पूरी निष्ठा से ज्ञान अर्जित करना चाहिए।  

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mera vidyalaya in hindi

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस mera vidyalaya in hindi जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह essay on school in hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह my school essay in hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay कौन से टॉपिक पर चाहिए इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह हममें आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। पूरे शिक्षा तंत्र को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा जैसे को तीन भागों में बाँटा गया है। शिक्षा के सभी स्तर अपना एक विशेष महत्व और स्थान रखते हैं। हम सभी अपने बच्चों को सफलता की ओर जाते हुए देखना चाहते हैं, जो केवल अच्छी और उचित शिक्षा के माध्यम से ही संभव है।

शिक्षा का महत्व पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Importance of Education in Hindi, Shiksha Ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द) – शिक्षा का महत्व.

जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है। यह हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करता है।

पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान हम सभी और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के प्रति आत्मनिर्भर बनाता है। यह जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न दरवाजे खोलती है जिससे कैरियर के विकास को बढ़ावा मिले। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा बहुत से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यह समाज में सभी व्यक्तियों में समानता की भावना लाती है और देश के विकास और वृद्धि को भी बढ़ावा देती है।

शिक्षा का महत्व

आज के समाज में शिक्षा का महत्व काफी बढ़ चुका है। शिक्षा के उपयोग तो अनेक हैं परंतु उसे नई दिशा देने की आवश्यकता है। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है, यहीं कारण है कि हमें शिक्षा हमारे जीवन में इतना महत्व रखती है।

आज के आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा काफी अहम है। आजकल के समय में  शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत तरीके सारे तरीके अपनाये जाते हैं। वर्तमान समय में शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल चुका है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डिस्टेंस एजूकेशन) के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क में प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है

शिक्षा स्त्री और पुरुषों दोनों के लिए समान रुप से आवश्यक है, क्योंकि स्वास्थ्य और शिक्षित समाज का निर्माण दोनो द्वारा मिलकर ही किया जाता हैं। यह उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक यंत्र होने के साथ ही देश के विकास और प्रगति में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह, उपयुक्त शिक्षा दोनों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करती है। वो केवल शिक्षित नेता ही होते हैं, जो एक राष्ट्र का निर्माण करके, इसे सफलता और प्रगति के रास्ते की ओर ले जाते हैं। शिक्षा जहाँ तक संभव होता है उस सीमा तक लोगों बेहतर और सज्जन बनाने का कार्य करती है।

आधुनिक शिक्षा प्रणाली

अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को प्रदान करती है जैसे; व्यक्तिगत उन्नति को बढ़ावा, सामाजिक स्तर में बढ़ावा, सामाजिक स्वस्थ में सुधार, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र की सफलता, जीवन में लक्ष्यों को निर्धारित करना, हमें सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने के लिए हल प्रदान करना और अन्य सामाजिक मुद्दे आदि। दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के प्रयोग के कारण, आजकल शिक्षा प्रणाली बहुत साधारण और आसान हो गयी है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली, अशिक्षा और समानता के मुद्दे को विभिन्न जाति, धर्म व जनजाति के बीच से पूरी तरह से हटाने में सक्षम है।

विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है

विद्या एक ऐसा धन है जिसे ना तो कोई चुरा सकता है और नाही कोई छीन सकता। यह एक मात्र ऐसा धन है जो बाँटने पर कम नहीं होता, बल्कि की इसके विपरीत बढ़ता ही जाता है। हमने देखा होगा कि हमारे समाज में जो शिक्षित व्यक्ति होते हैं उनका एक अलग ही मान सम्मान होता है और लोग उन्हें हमारे समाज में इज्जत भी देते हैं। इसलिए हर व्यक्ति चाहता है कि वह एक साक्षर हो प्रशिक्षित हो इसीलिए आज के समय में हमारे जीवन में पढ़ाई का बहुत अधिक महत्व हो गया है। इसीलिए आपको यह याद रखना है कि शिक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी है इसकी वजह से हमें हमारे समाज में सम्मान मिलता है जिससे हम समाज में सर उठा कर जी सकते हैं।

शिक्षा लोगों के मस्तिष्क को उच्च स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है और समाज में लोगों के बीच सभी भेदभावों को हटाने में मदद करती है। यह हमारी अच्छा अध्ययन कर्ता बनने में मदद करती है और जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ-बूझ को विकसित करती है। यह सभी मानव अधिकारों, सामाजिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में भी हमारी सहायता करता है।

निबंध 3 (500 शब्द) – शिक्षा की मुख्य भूमिका

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है । हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में एक अलग स्तर और अच्छाई की भावना को विकसित करती है। शिक्षा किसी भी बड़ी पारिवारिक, सामाजिक और यहाँ तक कि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को भी हर करने की क्षमता प्रदान करती है। हम से कोई भी जीवन के हरेक पहलू में शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता। यह मस्तिष्क को सकारात्मक ओर मोड़ती है और सभी मानसिक और नकारात्मक विचारधाराओं को हटाती है।

शिक्षा क्या है ?

यह लोगों की सोच को सकारात्मक विचार लाकर बदलती है और नकारात्मक विचारों को हटाती है। बचपन में ही हमारे माता-पिता हमारे मस्तिष्क को शिक्षा की ओर ले जाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्था में हमारा दाखिला कराकर हमें अच्छी शिक्षा प्रदान करने का हरसंभव प्रयास करते हैं। यह हमें तकनीकी और उच्च कौशल वाले ज्ञान के साथ ही पूरे संसार में हमारे विचारों को विकसित करने की क्षमता प्रदान करती है। अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने का सबसे अच्छे तरीके अखबारों को पढ़ना, टीवी पर ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों को देखना, अच्छे लेखकों की किताबें पढ़ना आदि हैं। शिक्षा हमें अधिक सभ्य और बेहतर शिक्षित बनाती है। यह समाज में बेहतर पद और नौकरी में कल्पना की गए पद को प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।

शिक्षा की मुख्य भूमिका

आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा मुख्य भूमिका को निभाती है। आजकल, शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत तरीके हैं। शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल दिया गया है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डिस्टेंस एजूकेशन) के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क पर प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

यह हमें जीवन में एक अच्छा चिकित्सक, अभियंता (इंजीनियर), पायलट, शिक्षक आदि, जो भी हम बनना चाहते हैं वो बनने के योग्य बनाती है। नियमित और उचित शिक्षा हमें जीवन में लक्ष्य को बनाने के द्वारा सफलता की ओर ले जाती है। पहले के समय की शिक्षा प्रणाली आज के अपेक्षा काफी कठिन थी। सभी जातियाँ अपनी इच्छा के अनुसार शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकती थी। अधिक शुल्क होने के कारण प्रतिष्ठित कालेज में प्रवेश लेना भी काफी मुश्किल था। लेकिन अब, दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करके आगे बढ़ना बहुत ही आसान और सरल बन गया है।

Importance of Education Essay in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द) – ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व

घर शिक्षा प्राप्त करने पहला स्थान है और सभी के जीवन में अभिभावक पहले शिक्षक होते हैं। हम अपने बचपन में, शिक्षा का पहला पाठ अपने घर विशेष रुप से माँ से प्राप्त करते हैं। हमारे माता-पिता जीवन में शिक्षा के महत्व को बताते हैं। जब हम 3 या 4 साल के हो जाते हैं, तो हम स्कूल में उपयुक्त, नियमित और क्रमबद्ध पढ़ाई के लिए भेजे जाते हैं, जहाँ हमें बहुत सी परीक्षाएं देनी पड़ती है, तब हमें एक कक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण मिलता है।

एक-एक कक्षा को उत्तीर्ण करते हुए हम धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, जब तक कि, हम 12वीं कक्षा को पास नहीं कर लेते। इसके बाद, तकनीकी या पेशेवर डिग्री की प्राप्ति के लिए तैयारी शुरु कर देते हैं, जिसे उच्च शिक्षा भी कहा जाता है। उच्च शिक्षा सभी के लिए अच्छी और तकनीकी नौकरी प्राप्त करने के लिए बहुत ही आवश्यक है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व

हम अपने अभिभावकों और शिक्षक के प्रयासों के द्वारा अपने जीवन में अच्छे शिक्षित व्यक्ति बनते हैं। वे वास्तव में हमारे शुभ चिंतक हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को सफलता की ओर ले जाने में मदद की। आजकल, शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं ताकि, सभी की उपयुक्त शिक्षा तक पहुँच संभव हो। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा के महत्व और लाभों को दिखाने के लिए टीवी और अखबारों में बहुत से विज्ञापनों को दिखाया जाता है क्योंकि पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गरीबी और शिक्षा की ओर अधूरी जानकारी के कारण पढ़ाई करना नहीं चाहते हैं।

गरीबों और माध्यम वर्ग के लिए शिक्षा

पहले, शिक्षा प्रणाली बहुत ही महंगी और कठिन थी, गरीब लोग 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे। समाज में लोगों के बीच बहुत अन्तर और असमानता थी। उच्च जाति के लोग, अच्छे से शिक्षा प्राप्त करते थे और निम्न जाति के लोगों को स्कूल या कालेज में शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। यद्यपि, अब शिक्षा की पूरी प्रक्रिया और विषय में बड़े स्तर पर परिवर्तन किए गए हैं। इस विषय में भारत सरकार के द्वारा सभी के लिए शिक्षा प्रणाली को सुगम और कम महंगी करने के लिए बहुत से नियम और कानून लागू किये गये हैं।

सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण, दूरस्थ शिक्षा प्रणाली ने उच्च शिक्षा को सस्ता और सुगम बनाया है, ताकि पिछड़े क्षेत्रों, गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भविष्य में समान शिक्षा और सफलता प्राप्त करने के अवसर मिलें। भलीभाँति शिक्षित व्यक्ति एक देश के मजबूत आधार स्तम्भ होते हैं और भविष्य में इसको आगे ले जाने में सहयोग करते हैं। इस तरह, शिक्षा वो उपकरण है, जो जीवन, समाज और राष्ट्र में सभी असंभव स्थितियों को संभव बनाती है।

शिक्षा: उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में एक अलग स्तर और अच्छाई की भावना को विकसित करती है। शिक्षा किसी भी बड़ी पारिवारिक, सामाजिक और यहाँ तक कि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को भी हर करने की क्षमता प्रदान करती है। हम से कोई भी जीवन के हरेक पहलू में शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता। यह मस्तिष्क को सकारात्मक ओर मोड़ती है और सभी मानसिक और नकारात्मक विचारधाराओं को हटाती है।

शिक्षा लोगों के मस्तिष्क को बड़े स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है तथा इसके साथ ही यह समाज में लोगों के बीच के सभी भेदभावों को हटाने में भी सहायता करती है। यह हमें अच्छा अध्ययन कर्ता बनने में मदद करती है और जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ-बूझ को विकसित करती है। यह सभी मानव अधिकारों, सामाजिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में हमारी सहायता करती है।

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Education (शिक्षा का महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- तथागत बुध्द के अनुसार शिक्षा व्यक्ति के समन्वित विकास की प्रक्रिया है।

उत्तर- शिक्षा तीन प्रकार की होती है औपचारिक शिक्षा, निरौपचारिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा।

उत्तर- शिक्षा व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है।

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मेरा विद्यालय पर निबंध / A New Essay on My School in Hindi!

मेरे विद्यालय का नाम राजकीय सहशिख्या माध्यमिक विद्यालय, किर्ति नगर है । यह एक आदर्श विद्‌यालय है । यहाँ शिक्षा खेल-कूद तथा अन्य शिक्षेतर गतिविधियों की उत्तम व्यवस्था है । यहाँ का वातावरण शांत एवं मनोरम है ।

मेरे विद्‌यालय में छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक की पढाई होती है । प्रत्येक कक्षा में दो या तीन सेक्सन (अनुभाग) हैं । विद्‌यालय का भवन दुमंजिला है । इसमें लगभग पचास कमरे हैं । कक्षा के सभी कमरे, फर्नीचर, पंखे आदि से सुसज्जित एवं हवादार हैं । प्रधानाचार्य का कक्ष विशेष रूप से सजा हुआ है । इसके अलावा स्टाफ रूम पुस्तकालय कक्ष, हॉल, कंप्यूटर कक्ष प्रयोगशाला कक्ष आदि भी सभी प्रकार की उत्तम व्यवस्था से युक्त हैं । विद्‌यालय में पेयजल और शौचालय का भी समुचित प्रबंध है ।

मेरे विद्‌यालय में लगभग ढाई हजार विद्‌यार्थी पढ़ते हैं । अध्यापक- अध्यापिकाओं की संख्या पचास है । इनके अतिरिक्त दस अन्य स्टॉफ भी हैं । इनमें तीन क्लर्क एक माली एवं पाँच चपरासी हैं । एक दरबान है जो रात्रिकाल में विद्‌यालय की चौकीदारी करता है ।

शिक्षा के मामले में मेरा विद्‌यालय शहर में अग्रणी स्थान रखता है । प्राय : सभी विद्‌यार्थी अच्छे अंकों से पास होते हैं । शिक्षकगण विद्‌यार्थियों की प्रगति का पूरा लेखा-जोखा रखते हैं । अधिकांश शिक्षक विद्वान, अनुभवी एवं योग्य हैं । हमारी प्रधानाचार्या सुसंस्कृत एवं अनुशासनप्रिय हैं । उनके नेतृत्व में विद्‌यालय दिन-दूनी रात-चौगुनी उन्नति कर रहा है । वे विद्‌यालय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध दिखाई देती हैं । विद्‌यार्थी प्रधानाचार्या के प्रति बहुत आदरभाव रखते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

आजकल तकनीकी शिक्षा का महत्त्व बढ गया है । मेरे विद्‌यालय में तकनीकी शिक्षा के रूप में कंप्यूटर सिखाने पर पूरा जोर दिया जाता है । प्रयोगशाला में विज्ञान के अनुप्रयोगों को बताया जाता है । हमारे विद्‌यालय में खेल-कूद पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है । खेल प्रशिक्षक हमें क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्‌डी आदि खेलों को खेलने की उचित ट्रेनिंग देते हैं । पिछले वर्ष मेरा विद्‌यालय अंतर्‌विद्‌यालय हॉकी प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान पर रहा था ।

मेरे विद्‌यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है । पुस्तकालय से विद्‌यार्थी पाठ्‌य-पुस्तकें पढ़ने के लिए ले जा सकते हैं । यहाँ पाठ्‌य-पुस्तकों के अतिरिक्त कहानियों, कविताओं तथा ज्ञान-विज्ञान से संबंधित पुस्तकों का अच्छा संग्रह है ।

मेरे विद्‌यालय के प्रांगण में अनेक पेड़-पौधे लगे हुए हैं । कतारों में लगे पेड़ों एवं फूल के पौधों से सुंदर प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न हो जाता है । माली पेड़-पौधों की नियमित देखभाल करता है । विद्‌यालय में हमें बताया गया है कि पेड-पौधे हमारे लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं । इसलिए हम लोग इनकी पूरी देखभाल करते हैं ।

हमें विद्‌यालय में पढाई और खेल-कूद के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है । छात्र-छात्राऐं बाल दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शिक्षक दिवस, गाँधी जयंती विद्‌यालय का वार्षिकोत्सव जैसे विभिन्न अवसरों पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं । इससे हमारे अंदर ईमानदारी धैर्य साहस आपसी सहयोग जैसे गुणों का विकास होता है ।

मेरे विद्‌यालय में सब कुछ व्यवस्थित, अनुशासित, सहयोगपूर्ण एवं आमोदपूर्ण है । मुझे अपने विद्‌यालय पर गर्व का अनुभव होता है ।

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  • मेरा विद्यालय पर निबंध |Essay on My School
  • मेरे विद्यालय का पुस्तकालय पर निबंध

100+ हिंदी निबंध – List of Hindi essay topics

List of Hindi essay topics: हेलो, दोस्तों आज हम ऐसा एक लेख लेकर आये हैं जो की class 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 से लेकर कॉलेज छात्रों के लिए फायदामंद होगा. ये लेख फायदेमंद होने का कारण यही होगा की, हर निबंध विषय के निचे headings दिया हुआ है. जिससे आपको निबंध लिखने में आसान होगा. तो आज हम आपके लिए लेकर आये हैं 100+ Hindi essay topics . तो चलिए लेख की ओर बढ़ते हैं.

हिंदी निबंध विषय – List of Hindi essay topics   

  • खेलकूद का महत्व पर निबंध

खेलकूद का महत्व – स्वास्थ्य ही सच्ची संपत्ति है – खेलों से हम क्या सीखते हैं

  • बेरोजगारी की समस्या पर निबंध

बेरोजगारी के प्रकार – बेरोजगारी की समस्या को कैसे हल किया जाए

  • भ्रष्टाचार पर निबंध

भ्रष्टाचार की सर्वव्यापकता – भारत में स्थिति – भ्रष्टाचार के कारण – समस्या का समाधान

  • इंटरनेट पर निबंध

इंटरनेट क्या है – इंटरनेट का महत्व – इंटरनेट का दुरूपयोग

  • शिक्षक दिवस पर निबंध

भारत के प्राचीन गुरुकुल – आधुनिक शिक्षा – शिक्षक दिवस का पालन – अफसोस की बात

  • मेरा देश पर निबंध

सभ्यता – विदेशी हमला – धर्म – प्राकृतिक संसाधन और आकर्षण

  • क्रिकेट पर निबंध

लोकप्रियता – खेल का मैदान, उपकरण और नियम – टेस्ट मैच – एक दिवसीय मैच – टी ट्वेंटी – प्रशिक्षण प्रणाली – खेल प्रबंधन – मैच फिक्सिंग – बल्ला निर्माण – खेल और खिलाडी – महिला क्रिकेट टीम – खेल की सफलता के लिए पुरस्कार

  • फुटबॉल पर निबंध

संक्षिप्त इतिहास – खेल के मैदान – खेल के तरीके

  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध

महिला का सही परिचय – नारी पर अत्याचार – महिला विकास

  • मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

मेरे प्रिय शिक्षक के आदर्श गुण – शिक्षा प्रदान – पढ़ने में रूचि – कक्षा में मेरे प्रिय शिक्षक – व्यक्तित्व

  • मेरा स्कूल पर निबंध

स्थान – कक्षाएं और छात्रों – स्कूल के घर – स्थापना और प्रबंधन – शिक्षक और अन्य कर्मचारी – समारोह – बगीचा – पुस्तकालय – खेल क्षेत्र – पत्रिका – छात्रावास – कपड़े – परीक्षा परिणाम

  • मोबाइल फोन पर निबंध

मोबाइल फोन का इतिहास – फोन का निर्माण – मोबाइल फोन का उपयोग और लाभ – दुष्प्रयोग – मोबाइल के बारे में जानकारी

  • टेलीविजन पर निबंध

कार्यप्रणाली – विभिन्न चैनल – विभिन्न पेशेवर कार्यक्रम – स्वास्थ्य जानकारी – लाइव और स्ट्रीमिंग – समाचार कवरेज – धारावाहिक – विज्ञापन प्रसारण – टीवी पर फिल्में – लाभ – दुष्प्रयोग

  • गणतंत्र दिवस पर निबंध

दिवस का उद्देश्य – राष्ट्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस  – राज्य स्तर पर गणतंत्र दिवस  – शिक्षण संस्थानों में गणतंत्र दिवस  – पुरस्कार और सम्मान

  • दिवाली पर निबंध

दिवाली का अर्थ – दिवाली के बारे में पौराणिक तथ्य – दिवाली का ऐतिहासिक महत्व – दिवाली उत्सव – दिवाली का आंकलन

  • दशहरा पर निबंध         

त्योहार की पौराणिक पृष्ठभूमि – भारत के विभिन्न क्षेत्र में दशहरा – मनोरंजन

  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

स्वतंत्रता दिवस का महत्व – राष्ट्रीय स्तर पर समारोह – राज्य स्तर पर समारोह – शिक्षण संस्थानों में स्वतंत्रता दिवस समारोह – सांस्कृतिक आयोजन

list of hindi essay topics

  • रक्षाबंधन पर निबंध

रक्षाबंधन का पौराणिक महत्व – इतिहास में रक्षाबंधन – भारत में राखी का भिन्नता – रक्षाबंधन में अन्य समारोह – रक्षाबंधन के पालन का उद्देश्य

  • भारतीयों त्योहारों पर निबंध

दीवाली – रामनवमी और जन्माष्टमी – दशहरा – होली – रथ यात्रा – ईद – क्रिसमस

  • नशा मुक्ति पर निबंध

नशा सेवन का कारण – नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान – नशा मुक्ति के लिए प्रयास

  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

प्रधान मंत्री के विचार और राय – देश के स्वच्छ भारत अभियान का इतिहास – स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य – अभियान का कार्यक्रम – स्वच्छता – स्वच्छता के लिए जागरूकता

  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध

प्रदूषण के विभिन्न कारण और परिणाम – प्रदूषण कम करने के तरीके

  • वायु प्रदूषण पर निबंध

वायु प्रदूषण क्या है – वायु प्रदूषण के कारण – वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव – वायु प्रदूषण को नियंत्रित कैसे करें

  • नारी शिक्षा पर निबंध

हमारे समाज में महिलाओं की भूमिका – प्राचीन भारत में महिलाओं की शिक्षा – मध्य युग में महिलाओं की शिक्षा – आधुनिक युग में महिलाओं की शिक्षा – आवश्यकता

  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

छात्रों के भविष्य के लक्ष्य – शिक्षक बनने का लक्ष्य – देशभक्त बनने का लक्ष्य – डॉक्टर होने का लक्ष्य – शास्त्र के अनुसार, जीवन का लक्ष्य

  • दहेज प्रथा पर निबंध

दहेज का रूप और इतिहास – विदेश में दहेज – दहेज एक सामाजिक बीमारी है – दहेज फैलने का कारण – सुधार की जरुरत – दहेज को कैसे कैसे खत्म करें – दहेज को खत्म करने के लिए उठाये गए कदम

  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध

भारत में अतीत में विद्यार्थी जीवन – वर्तमान विद्यार्थी जीवन – विद्यार्थी जीवन के विभिन्न आदर्श

  • सैनिक का जीवन पर निबंध

भिन्न जीवन – कर्तव्य – धैर्य – साहस – लक्ष्य – निर्भयता – अभिलाषा – अनुशासन – अनुपालन – समयनिष्ठा

  • छात्रावास का जीवन पर निबंध

छात्रावास का वातावरण – पुण्य का क्षेत्र – स्वास्थ्य और चिंता का विकास – सुशासन

  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

ईश्वर की रचना में अनुशासन – विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की आवश्यकता और प्रभाव – अनुशासन की कमी के कारण नुकसान – अनुशासन के तरीके

  • छात्र असंतोष पर निबंध

छात्र असंतोष के परिणाम – छात्र असंतोष के कारण – प्रतिकार

  • छात्रों की सामाजिक जिम्मेदारी पर निबंध

आजादी से पहले छात्रों की भूमिका – आजादी के बाद छात्रों की भूमिका

  • छात्र और सामाजिक कार्य पर निबंध

सामाजिक कार्यों में छात्रों की भूमिका – विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कार्य – सेवा संगठन और सामाजिक कार्य – सामाजिक सेवा के लाभ

  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध

नेतृत्व की इच्छा – राजनीतिक दलों के बुरे प्रभाव – छात्र की कर्त्तव्य

  • नैतिक शिक्षा पर निबंध

नैतिक शिक्षा का रूप – साधारण शिक्षा और नैतिक शिक्षा – नैतिक शिक्षा की आवश्यकता – लाभ – माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका – पाठ्यक्रम

  • शारीरिक शिक्षा पर निबंध

आवश्यकता – पहुंच – लक्ष्य – कार्रवाई के दौरान – इतिहास

  • एड्स पर निबंध

एड्स का सृष्टि और प्रसार – एड्स का संक्रमण – रोग के लक्षण – उपचार और निदान – आतंक का कारण                        

  • तकनीकी शिक्षा पर निबंध

आवश्यकता – तकनीकी शिक्षा और वर्तमान शिक्षा – विभिन्न दृष्टिकोण – देश के निर्माण में सहायता – समस्या

  • सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध

स्वतंत्रता के बाद सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के लिए कदम – भारत में सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य और आवश्यकताएं – सर्व शिक्षा अभियान की कार्यक्रम की रूपरेखा – कार्यक्रम के बारे में राय – अभियान की सफलता के लिए सलाह

  • साक्षरता अभियान पर निबंध

साक्षरता की उपयोगिता – अशिक्षा का कारण – साक्षरता की स्थिति और प्रगति – साक्षरता का इतिहास – साक्षरता कार्यक्रम का स्तर

  • पुस्तकालय पर निबंध

वर्ग विभाग – पुस्तकालय प्रबंधन प्रणाली – शिक्षक और छात्रों के सहयोग

  • राष्ट्रीय कैडेट कोर पर निबंध

उद्देश्य – सेवा का काम – प्रशिक्षण और शिविर – राष्ट्रीय सुरक्षा में NCC की भूमिका – ग्रामीणों के लिए NCC का कार्य

  • रेड क्रॉस पर निबंध

भारत में रेड क्रॉस – कनाडा में रेड क्रॉस – जूनियर रेड क्रॉस

  • मातृभाषा पर निबंध

शिक्षण प्रणाली – मातृभाषा का महत्व – चर्चा का चक्र – प्रयास – अनुसंधान

  • राष्ट्रीय भाषा पर निबंध

राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी – हिंदी राष्ट्रभाषा होने का कारण – विरुद्ध राय

  • साहित्य और समाज पर निबंध

परिवर्तनशील – साहित्यिक – साहित्य और जीवन – साहित्यिक समाज – निर्माता – आदर्शवाद – समाज पर प्रभाव

  • भारतीय संस्कृति पर निबंध

एकीकृत संस्कृति – संस्कार से संस्कृति – भारतीय संस्कृति की विशेषताएं – मुक्ति – त्याग ही सुख है – सामाजिक वर्ग – विश्व परिवार नियोजन, धर्मनिरपेक्षता – दान, सेवा

  • विज्ञान पर निबंध

संरक्षण – चिकित्सा में विज्ञान – परिवहन- घर पर विज्ञान – शिक्षा और मनोरंजन – कृषि विकास – पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन – प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता – अंतरिक्ष अनुसंधान – दुष्प्रभाव

  • रेडियो पर निबंध

स्कूल का कार्यक्रम – कॉलेज और विश्वविद्यालय के कार्यक्रम – युवाओं के लिए कार्यक्रम – कृषि कार्यक्रम – महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम – प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों में रेडियो की भूमिका – मनोरंजन – विवरण – विज्ञापन कार्यक्रम – अन्य कार्यक्रम

  • कंप्यूटर पर निबंध

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि – प्रकार – कंप्यूटर की भाषा – लाभ – नुकसान

  • चलचित्र पर निबंध

फिल्म का विकास – भारत में फिल्म का प्रसार – फिल्म के प्रकार – लाभ – नुकसान

  • बिजली पर निबंध

आविष्कार – महत्त्व – बिजली के कुछ मुख्य उपयोग

Hindi essay topics

  • विज्ञान प्रदर्शनी पर निबंध

तैयारी बैठक – विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन – विज्ञान प्रदर्शनियों की प्रभावशीलता – प्रोत्साहन प्रणाली

  • दूरसंचार पर निबंध

दूरसंचार दिवस – संबंध वृद्धि में मदद – लाभ – भारत में दूरसंचार – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूरसंचार

  • अंतरिक्ष में भारत पर निबंध

अंतरिक्ष कार्यक्रमों में विभिन्न राष्ट्रों की भूमिका – भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम – भारत का मंगल अभियान

  • वृक्षारोपण पर निबंध

वनों की कटाई का कारण – वनों की कटाई के परिणाम – वृक्षारोपण की आवश्यकता – वृक्षारोपण कार्यक्रम – वन संरक्षण

  • समाज सेवा पर निबंध

समाज सेवा की आवश्यकता – इसका दायरा – विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन – समाजसेवी का आदर्श – छात्र और सामाजिक सेवाएं

  • सामाजिक वनीकरण पर निबंध

वर्तमान जंगल – सामाजिक वनीकरण के लक्ष्य – सामाजिक वनीकरण विभाग – कृषि वनीकरण – ग्रामीण वनीकरण – शहरी वनीकरण – सफलता के लिए कदम

  • वन्य जीव संरक्षण पर निबंध

विभिन्न वन्य जीव – वन्य जीव संरक्षण की आवश्यकता – वन्य जीव संरक्षण की व्यवस्था

  • पिकनिक पर निबंध

समय – आयोजन – पिकनिक का आनंद – एक पिकनिक का विवरण

  • कृषि पर निबंध

हमारे देश में कृषि – प्राचीन पद्धति – आधुनिक पद्धति – कृषि के लिए उपाय

  • हरित क्रांति पर निबंध

खाद्यान्न पर निर्भरता हानिकारक है – कृषि भारतीयों की राष्ट्रीय आजीविका – अनाज में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता – हरित क्रांति के विभिन्न पहलू – सरकार की कदम – हरित क्रांति की सफलता के लिए सलाह

  • भारत की पंचवर्षीय योजना पर निबंध

पंचवर्षीय योजना का आधार – पहली पंचवर्षीय योजना – दूसरी पंचवर्षीय योजना – तीसरी पंचवर्षीय योजना – चौथी पंचवर्षीय योजना – पांचवीं पंचवर्षीय योजना – छठी पंचवर्षीय योजना – सातवीं पंचवर्षीय योजना – आठवीं पंचवर्षीय योजना – नौवां पंचवर्षीय योजना – दसवीं पंचवर्षीय योजना – ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना

  • ग्रामीण विकास पर निबंध

प्राचीन भारतीय गाँव की विशेषताएं – आजादी से पहले और बाद में ग्रामीण विकास के कदम – ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न सुधार

  • पंचायती राज पर निबंध

पंचायती राज स्थापित करने के लक्ष्य – त्रिस्तरीय पंचायती नियम – पंचायती शासन की दोष

  • लोकतंत्र पर निबंध

लोकतंत्र का वर्ग – सरकार का गठन – लोकतंत्र के लाभ – लोकतंत्र शासन का दोष – भारत में लोकतंत्र

  • चुनाव पर निबंध

चुनाव प्रक्रिया और उसका प्रबंधन – चुनाव प्रक्रिया – चुनाव प्रचार – मतदान केंद्र और मतदान प्रणाली – वास्तविक मतदान के लिए क्या बाधाएं हैं?

  • संयुक्त राष्ट्र संघ पर निबंध

संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थापना और लक्ष्य – संगठन का प्रबंधन – विश्व शांति दिवस – बाधाओं

  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध

भारत में जनसंख्या वृद्धि का कारण – जनसंख्या वृद्धि के परिणाम – उपाय

  • खाद्य समस्या पर निबंध

भारत खाद्य समस्याओं का कारण – प्रभाव – समस्याओं का समाधान

  • महंगाई की समस्या पर निबंध

कीमतों में वृद्धि का कारण – जनता पर प्रभाव – समस्या

  • सामाजिक पूर्वाग्रह पर निबंध

विभिन्न पूर्वाग्रह – उपाय

  • महिलाओं के विरुद्ध हिंसा पर निबंध

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के कारण – उत्पीड़न के उन्मूलन के प्रयास – उत्पीड़न को मिटाने के लिए सरकार की कार्रवाई – महिलाओं के खिलाफ हिंसा के अंत के लिए कुछ सुझाव

  • छुआछूत पर निबंध

प्रसार – जाति व्यवस्था – सामाजिक उत्पीड़न – विभिन्न कदम – सरकार के प्रयास

  • सड़क दुर्घटना पर निबंध

कारण – ठीक करने के तरीके

  • आतंकवाद पर निबंध

आतंकवाद के रूप – आतंकवाद के कारण – दुनिया में आतंकवाद का प्रचलन – भारत में आतंकवाद – आतंकवाद के परिणाम और प्रभाव – आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत की भूमिका

  • भूकंप पर निबंध

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप – उपाय – जागरूकता – मदद

  • सुनामी पर निबंध

सुनामी क्या है और क्यों है – सुनामी का इतिहास – हाल का सुनामी के प्रभाव – सुनामी का अनुभव – सुनामी पीड़ितों को सहायता – सुनामी की चेतावनी – दुनिया में सुनामी

  • खेल पर निबंध   

खेल का विभाग – विभिन्न क्षेत्रों में खेल – भारत में खेल – खेल प्रतियोगिता – प्रभावोत्पादकता – प्रयास – सफलता

  • ओलंपिक खेल पर निबंध

ओलंपिक खेलों का निर्माण – वर्तमान ओलंपिक खेलों की शुरुआत – ओलंपिक का लक्ष्य – ओलंपिक संस्थान का प्रबंधन – ओलंपिक के बारे में कुछ तथ्य – विभिन्न स्थानों पर ओलंपिक खेल – ओलंपिक खेलों में भारत – लंदन ओलंपिक – लंदन ओलंपिक में पदक – उद्घाटन समारोह

  • हॉकी पर निबंध

संक्षिप्त इतिहास – मैदान – खेल का उपकरण – खेल विधि – हॉकी खेल में भारत की सफलता – भारतीय महिला हॉकी टीम – महिला हॉकी विश्व कप

  • रथ यात्रा पर निबंध

रथ यात्रा की उत्पत्ति और प्रचलन – रथयात्रा की तैयारी – रथ की पहचान – यात्रा विवरण – सार्वजनिक सुरक्षा और अनुशासन – रथ यात्रा की विशेषताएं

  • ईद पर निबंध

अर्थ – रमजान का महीना – ईद उल फितर

  • सर्दी के मौसम पर निबंध

समय और सौंदर्य – सर्दियों की सुबह – दोपहर – सर्दी की रात – शीतकालीन त्योहार

  • वसंत ऋतु पर निबंध  

प्राकृतिक सौंदर्य – वसंत ऋतु के त्योहार और सार्वजनिक जीवन पर इसका प्रभाव

  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध

ग्रीष्मकालीन प्रकृति और स्थिति – उत्सव

  • वर्षा ऋतु पर निबंध

प्राकृतिक सौंदर्य – वर्षा ऋतु के त्योहार

  • बाल दिवस पर निबंध

बाल दिवस मनाने के उद्देश्य – बाल दिवस समारोह – राष्ट्रीय स्तर पर बाल दिवस

  • मातृ दिवस पर निबंध

मातृ दिवस का संक्षिप्त इतिहास – मातृत्व का महत्व – माँ का प्रभाव और प्रेरणा – आज के समाज में मातृत्व – कुछ योग्य माताओं के महान बच्चे

  • अहिंसा परमो धर्म पर निबंध

अहिंसा के रूप – अहिंसा परमो धर्म क्यों है – अहिंसा का सफल प्रयोग

  • आवश्यकता आविष्कार की जननी पर निबंध

आविष्कार का उद्देश्य – आविष्कार के लिए बुद्धि और प्रतिभा – आविष्कार का उदाहरण

  • परिश्रम पर निबंध

परिश्रम की आवश्यकता – छात्र जीवन में परिश्रम की भूमिका – परिश्रम का उदाहरण

  • आत्मनिर्भरता पर निबंध

दूसरे पर निर्भर करने का नुकसान – आत्मनिर्भरता का लाभ

  • कर्म ही पूजा है पर निबंध

कर्म क्या है – लाभ – नुकसान – व्यवधान – सहायक गुण

  • चरित्र पर निबंध

वैशिष्ट्य – चरित्र निर्माण – चरित्रहीन

  • जनगणना पर निबंध

जनगणना का उद्देश्य – भारत की जनगणना – जनगणना की तैयारी और कार्यान्वयन – 2001 जनगणना – 2011 की जनगणना का एक दृश्य

  • राष्ट्रीय युवा दिवस पर निबंध

राष्ट्रीय युवा दिवस, क्यों? – राष्ट्रीय युवा दिवस की सच्चाई

  • राष्ट्रीय एकता पर निबंध

राष्ट्रीय एकता के लिए बाधाएं – राष्ट्रीय एकता की रक्षा करने के तरीके

  • जीवन बीमा पर निबंध

जीवन बीमा का इतिहास – कार्यालय – कर्मचारी – जीवन बीमा क्या है? – लाभ – नुकसान

  • पर्यटन पर निबंध

यात्रा का उद्देश्य – अतीत और वर्तमान पर्यटन के बीच का अंतर – पर्यटन की तैयारी – यात्रा के लाभ – वर्तमान पर्यटन के साथ समस्याएं

  • परोपकार पर निबंध

परोपकार की आवश्यकता – प्रकृति का दान – परोपकार का रूप – आदर्श परोपकारी

  • ग्रामीण जीवन पर निबंध

ग्रामीण जीवन का आकर्षण – ग्रामीण जीवन में मौसमी अवस्थाएँ – गाँव का सामाजिक जीवन – ग्राम जीवन की मीठी यादें – ग्रामीण जीवन में गिरावट

  • मित्रता पर निबंध        

मित्रता बनाने की आवश्यकता – मित्रता एक कला है – आदर्श मित्र का उदाहरण – बेईमान मित्र

  • मानव अधिकार पर निबंध

मानवाधिकार दिवस – अधिकार – समानता – शोषण से छुटकारा – स्वर्ण जयंती

  • समयनिष्ठ पर निबंध

आवश्यकता – समय का सदुपयोग – लाभ

  • शिष्टाचार पर निबंध

शिष्टाचार शिक्षा – शिष्टाचार की सीमा – शिष्टाचार महत्व – शिष्टाचार और अनुशासन – शिष्टाचार की उपयोगिता – देश की प्रगति में शिष्टाचार –

  • समाचार पत्र पर निबंध

समाचार पत्र प्रकाशन – समाचार पत्र की आवश्यकता

  • रक्तदान महादान पर निबंध        

आवश्यकता – रक्त संग्रह – स्वैच्छिक रक्तदान दिवस – विशेष सरकारी उपाय – सावधान – रक्त अभाब – जागरूकता और जन समर्थन

  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध 

ध्वनि प्रदूषण का कारण – ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव – ध्वनि प्रदूषण को कम करने का उपाय

  • जल प्रदूषण पर निबंध

जल प्रदूषण का कारण – जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव – जल प्रदूषण को कम करने का उपाय

  • मुहर्रम पर निबंध

दुःख और शोक का पर्व – मुहर्रम मनाने के नियम

ये था हमारा लेख100+ list of Hindi essay topics . उम्मीद है यह लेख आपके लिए सहायक हुआ होगा. अगर आपको और कुछ topics के बारे में पता है, तो हमे कमैंट्स में जरूर बताएं. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.    

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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  • Kids Learning

My School Essay in English for Class 2 Students

Essay on my school for class 2 students.

Most young kids of class 2 enjoy the task of essay writing as they do not have to mug up any answers and can write it on their own. At this level of junior school, kids are taught how to put meaningful sentences into paragraphs for essay writing. Vedantu has come up with easy-to-understand sample essays for these young kids of junior school to make essay writing even more fun for them. You can find the essay on ‘My School’ for class 2, on the website of Vedantu.

Benefits of Vedantu’s Learning Procedure

Vedantu’s experts aim to not only make learning accessible for everyone but also make it fun. The days of rote learning are long over and new methods of teaching have to be implemented now. With smart classes and daily quizzes, Vedantu’s teachers make English for class 2 easy and interesting for students. Let us take a look at a sample essay for ‘My School’, which is an essay-writing topic in class 2.

The name of my school is St. Xavier School and it is located in the area of Electronic City, in Bengaluru. Our school was established by Mr. Collins and Mrs. Flavia Albuquerque in the year 2010. Our school is affiliated with the Central Board of Secondary Education and has classes from Lower Kindergarten to 12th. 

Our school campus houses classroom buildings and playgrounds. Our school building is white. All the students of our school have to go to the auditorium for our morning prayer assembly before our classes start for the day. All the students stand in straight lines and sing the prayer song in chorus. Some of the students are half asleep on most of the days, during the morning assembly. Their eyes seem to be closed for the latter part of the morning prayer and they sing the prayer in a sleepy voice. After the morning assembly, all the students go to their respective classrooms and wait for their teachers to come.

There are many classrooms on every floor of our school building and there is a long corridor just outside the classrooms. Some boys play in the corridor when no teacher is there in their classrooms. There is a big room in our school building, where our Principal sits and also there is a room where all our teachers sit. Some teachers are very friendly and loving while some teachers are strict. Most of the teachers ask for the previous day’s homework before starting the class. Few teachers give us homework only for the weekends. 

I study in section-A of class 2 and there are 36 students in our section. Our class teacher changes the sitting arrangement every week so that everyone can get a chance to sit in the front row. The desks and benches smell of fresh paints every year when the school reopens for the new session. Whenever there is no teacher in our class, we play tic-tac-toe on the desks with pencils. 

Our school has computer laboratories where we are taken by our computer teacher twice a week. We have to make groups of two or three before we get to type on a computer keyboard. Every week, there is a period for games, during which we can play games like cricket, football, etc. Some vendors sell potato chips, jellies, and toffees just outside our school premises. My friends and I love to have the jellies they sell.

There are huge playgrounds on our school premises and we all play over there during lunchtime. I have many friends at school and some of them are from other sections. We all play together during the lunch break. I love going to school every day, as I can learn a lot of new things in the class and I can play with my friends. Is this page helpful?

Class 2 Mathematics

Unit 1 - What is Long, What is Round

Unit 2 - Counting in Groups

Unit 3 - How Much Can You Carry

Unit 4 - Counting in Tens

Unit 5 - Patterns

Unit 6 - Footprints

Unit 7 - Jugs and Mugs

Unit 8 - Tens and Ones

Unit 9 - My Funday

Unit 10 - Add our Points

Unit 11 - Lines and Lines

Unit 12 - Give and Take

Unit 13 - The Longest Step

Unit 14 - Birds Come, Birds Go

Unit 15 - How Many Ponytails

Class 2 English Marigold Units

Unit 3 - The Wind and the Sun

Unit 4 - Storm in the Garden

Unit 5 - Funny Bunny

Unit 6 - Curlylocks and the Three Bears

Unit 7 - Make it Shorter

Unit 8 - The Mumbai Musicians

Unit 9 - The Magic Porridge Pot

Unit 10 - The Grasshopper and the Ant

Class 2 English Marigold Poems

Unit 3 (Poem) - A Smile

Unit 4 (Poem) - Rain

Unit 6 (Poem) - Mr. Nobody

Unit 7 (Poem) - On My Blackboard I can Draw

Unit 8 (Poem) - I am the Music Man

Unit 9 (Poem) - Granny Granny Please Comb my Hair

Unit 10 (Poem) - Strange Talk

Class 2 English Raindrops

Unit 1 - Action Song (Poem)

Unit 2 - Our Day

Unit 3 - My Family

Unit 4 - What's Going On

NCERT Class 2 Hindi

Unit 1 - Aunt Chala

Unit 2 - Bhalu Ne Kheli Football

Unit 3 - Miyaun Miyaun

Unit 4 - Adhik Balwan Kaun

Unit 5 - Dost Ki Madad

Unit 6 - Bahut Hua

Unit 7 - Meri Kitaab

Unit 8 - Titali Aur Kali

Unit 9 - Bulbul

Unit 10 - Meethi Sarangi

Unit 11 - Test Raja Beech Bazaar

Unit 12 - Bus Ke Niche Bagh

Unit 13 - Suraj Zaldi Aana Ji

Unit 14 - Natkhat Chuha

Unit 15 - Ekki Dokki

FAQs on My School Essay in English for Class 2 Students

1. How to write an easy essay on ‘my school’ for class 2?

The kids of class 2 are too young to know things like the founders’ names of their school and to which board their school is affiliated. So these key points have to be taught to them beforehand so that they can write them in their essays for ‘My School’. The very basic things that come to their minds when they think of their school, such as the colour of their school building, the classrooms, the playgrounds, and so on, are to be written in this essay.

2. What are the Points to be written about in an essay on ‘my Sschool’ for class 2?

The following points will help you understand what exactly you have to write about in your essay on ‘My School’. It is an essay-writing topic that is frequently asked in the English exam for students of class 2. Once you are aware of the points you should mention in your essay, you can write a basic layout of the essay just for practice. This will help you to prepare for the main day of the examination. 

The name of your school.

The location of your school.

What do your school premises look like?

What are the things that you all do in your school, every day?

Is there anything that you like specifically about your school premises? It can be the playground, it can be the corridors, or it can be the auditorium.

Why do you love your school?

3. What is the CBSE syllabus for class 2 english?

Two books are part of the English curriculum in class 2 for CBSE students. These books are Marigold and Raindrops. Each Unit and poem contains a message that helps shape the moral character of a young child. The importance of developing good habits is highlighted. The first poem in the book Marigold is all about a child’s first day in school. Through other topics like Smile and I Want that have been given towards the end of the book, children learn the importance of a smile and how we must all learn to be satisfied with what we have been blessed with.

4. What are some of the topics covered in the book raindrop?

Raindrop is the 2nd English textbook that is part of the Class 2 CBSE curriculum. A basic introduction to topics like family, festivals, national symbols, and colours is provided via this textbook. A variety of human emotions are touched upon and students are familiarised with concepts that can prove useful to them in their daily life. All this is done beautifully with the help of a few stanzas in a poem or an eloquently written chapter. The book encourages students to explore the world around them and take an interest in their surroundings. Fun exercises given at the end of each chapter help young students evaluate themselves all while keeping them interested.

5. Where can students download the NCERT solutions for class 2?

NCERT Solutions for Class 2 English can be downloaded in seconds from Vedantu’s website or the link provided here. Most of the questions asked in examinations for the junior school are from the exercises given at the back of each chapter. Since experts curate the NCERT Solutions according to the CBSE pattern, you can trust these solutions without a second thought. They will help you prepare for your upcoming exams and make learning interesting. In case of any doubts, you can always ask Vedantu’s teachers for help.

Kids-learning • Class 2

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CBSE NCERT Solutions

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Class 2 Hindi Worksheets

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Frequently Asked Questions by Class 2 Hindi students

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25+ Important Paragraph Writing Topics For Class 2 With Examples

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You are here means you are searching for some Paragraph Writing Topics For Class 2 . Paragraph writing is a fundamental building block that lays the foundation for effective communication and expression. In this article you will know some interesting and creative paragraph writing topics which are very important for class 2. Not only the topics, you will get the examples of each one here. Make sure to explore this article till the end, so that no topic is left out. Without any further discussion let’s start.

Importance of Paragraph Writing For Class 2 Students :

Learning to write paragraphs at a young age has many benefits for second-graders. It improves communication, grammar, and critical thinking skills. Writing encourages organization, structure, and clear expression. These skills are crucial for academic success and confident communication throughout life. Here are some helpful tips for second-graders starting their paragraph writing journey.

25+ Creative and Important Paragraph Writing Topics For Class 2 :

This article will explore more than 25 paragraph writing topics specifically for Class 2 students. By providing engaging topics and simple guidelines, we aim to help young learners develop their paragraph-writing abilities and unleash their creativity. Whether you are a teacher, parent, or someone interested in children’s education, join us in this exciting journey of paragraph writing topics for Class 2 students we mentioned below.

  • My Best Friend
  • About MySelf
  • My Favorite Food
  • My favorite Subject
  • My Favourite Season
  • My Favourite Game
  • My Favorite Place To Visit
  • Lotus Flower
  • National Flag

Examples of Paragraph Writing For Class 2:

When you write a paragraph for Class 2, start with a sentence that tells what you’re writing about. Then, add more sentences that explain and give examples about the topic. Lastly, end with a sentence that reminds readers what the paragraph is about. Below we described 10 Paragraphs. You can get some ideas through more 10 examples given below.

1. My School Paragraph For Class 2:

The name of my school is “Your School Name”. My school is the place where I spend most of my days. I have made many friends. The teachers are very caring. The classrooms are bright and filled with educational materials. From the playground to the library, there are various spaces where we can learn and have fun. I am grateful for my school, which provides me with the knowledge and opportunities to grow academically and personally.

2. My Best Friend Paragraph For Class 2:

Rohit is my best friend. My best friend is the greatest blessing in my life. Our friendship is filled with laughter, adventures, and precious memories. He knows me better than anyone else, and I am grateful to have him by my side. I cherish our friendship and consider myself incredibly lucky to call him my best friend.

3. My Family Paragraph For Class 2:

My family is very important to me. My family has four people: my mom, dad, younger sister, and me. We all live together in a small house. My mom takes care of us, cooks delicious food, and teaches me many things. My dad goes to work every day to earn money for our family. I love playing with my younger sister, and we have fun together. We celebrate festivals and birthdays together. I am happy to have such a loving family in India.

4. My Father Essay For Class 2:

My father is a kind, hardworking man who always prioritizes his family. He is my role model and my pillar of support. With his guidance and love, I have learned valuable life lessons. My Father motivates me to go after my goals and never give up. He is really smart and always inspire me to do my best. I am grateful for his presence in my life and admire him deeply.

5. My Favorite Season Paragraph for Class 2:

My favorite season is winter. I love the chilly weather and the beauty of the snow-covered landscapes. It’s a time when I can snuggle up in warm blankets. I also look forward to the festive holiday season during winter, when I can spend quality time with my family and exchange gifts. Winter brings a sense of coziness and joy, making it my absolute favorite season.

6. My Favourite Game Football Essay for Class 2:

Football is my favorite game. It is a fun and exciting sport. I love playing with my friends. It is played with a round ball, and we try to kick it into the opponent’s goal to score points. I enjoy running on the field, dribbling, and making strategic passes to my teammates. Football teaches me teamwork and cooperation and helps me stay fit and healthy. I look forward to playing football daily as it brings me joy and happiness.

7. My Village Essay For Class 2:

The name of my village is “Your Village Name”. My village is a wonderful place. It is a small village with lots of green fields and trees. People in my village are very kind and helpful. My village has a school, a market, and a playground. I love playing with my friends in the playground. We also celebrate festivals together with great joy. In the village, we have clean air and peaceful surroundings. I am proud to live in such a beautiful village.

8. My Favorite Teacher Paragraph For Class 2:

My favorite teacher is Miss Pooja. She is very kind and funny. She always makes our class interesting and fun. She teaches us new things daily and helps us when needed. She is also very patient and never gets angry. I enjoy going to her class because she makes learning enjoyable. Miss Pooja is the best teacher; I feel lucky to have her.

9. My Favourite Pet Cat:

My favorite pet is a cat. She is very playful and cute. Her fur is soft, and she loves to cuddle. I named her Kitty. Kitty likes to chase after balls and play with yarn. She also likes to sleep often and sometimes wakes me up early in the morning by meowing. I enjoy spending time with Kitty and caring for her by feeding and brushing her fur. She is my best friend!

10. My Mother Paragraph For Class 2:

My mother is very special to me. She takes care of me and loves me a lot. She cooks yummy food for me and helps me with my homework. She always makes sure I am happy and safe. I love spending time with my mother, talking and playing with her. She is the best mother in the world!

11. Independence Day Paragraph For Class 2:

Independence Day is a special day for us in India. It is celebrated on 15th August. Today, we remember and celebrate the freedom we got from British rule. We uplift our national flag and sing our national anthem. There are flag-hoisting ceremonies in schools and other places. We also have parades and cultural programs and fly kites in the sky. It is a day to feel proud of our country and remember the sacrifices made by our freedom fighters.

12. Birds Paragraph For Class 2:

Birds are lovely creatures that can fly in the sky. There are many types, colors, and sizes of birds. We have colorful birds like peacocks, parrots, and kingfishers in India. Birds have feathers to keep them warm and use their beaks to eat food. They build nests to lay eggs and take care of their babies. Some birds sing beautiful songs. We should protect birds and not harm them. They make our world more joyful and beautiful.

Tips to Help Class 2 Students with Paragraph Writing :

Writing paragraphs can be fun and easy, especially with a little guidance. If you’re a teacher or a parent, here are some simple tips to help Class 2 students with their paragraph writing:

  • Brainstorming: Encourage students to think about their chosen topic and jot down any ideas that come to mind. This will help them organize their thoughts before starting to write.
  • Creating an Outline: Teach students to make a simple outline using a few main points they want to include in their paragraph. This will give structure to their writing and help them stay focused.
  • Using Transition Words: Explain the importance of using transition words like “first,” “next,” or “finally” to connect their ideas and make the paragraph flow smoothly.
  • Practice Regularly: Encourage students to practice writing paragraphs regularly. The more they practice, the better they’ll become at expressing their thoughts and ideas clearly and organized.

Remember, writing paragraphs should be an enjoyable experience for Class 2 students. By following these tips, you can help them improve their writing skills and become confident writers.

Conclusion:

In conclusion, paragraph writing is essential for students in class 2. It helps them express their thoughts and ideas and enhances their overall writing and communication abilities. Through the examples provided in this article, students can learn to structure their paragraphs effectively and clearly convey their thoughts.

Students will develop their creativity, critical thinking, and language skills by practicing these paragraph writing topics. Educators and parents must encourage and support students in honing their paragraph writing skills, as it will serve as a strong foundation for their future academic and professional success.

paragraph writing topics for class 2

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FAQs on Paragraph Writing Topics For Class 2:

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दीपावली पर निबंध कक्षा 2 के लिए: दिवाली का त्योहार – रोशनी, खुशियाँ और मनोरंजन

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Essay on Diwali in Hindi for Class Two

दीपावली पर निबंध कक्षा 2 के लिए.

जो छात्र कक्षा 2 मे पढ़ते है, उनको अपने स्कूल मे दीपावली पर निबंध  कक्षा 2 Essay On Diwali Hindi for Class Two लिखने को दिया जाता है, तो उन विद्यार्थियो के लिए इस पोस्ट मे दीपावली पर निबंध कक्षा 2 के लिए बताने जा रहे है, जिसकी सहायता से आप अपने क्लास मे दिवाली पर निबंध Essay On Diwali Hindi for Class Two लिख सकते है। और दिवाली के बारे मे जानकारी देने के लिए इस दीपावली पर निबंध कक्षा 2 Essay on Diwali Hindi for Class Two को शेयर भी कर सकते है, और इसे पढ़कर दिवाली के महत्व को भी बता सकते है,

दीपावली पर निबंध कक्षा 2

Essay on diwali hindi for class two.

भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके त्योहार की तैयारी करते हैं।

Table of Contents

Essay on Diwali in Hindi for Class 2

दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति के हों या उत्सव में शामिल हों। इस त्योहार को मनाने के लिए दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय भी इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाते दिवाली का पर्व मनाते है।

यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोगों द्वारा दीपों व मोमबत्तियाँ जलाने से हुए प्रकाश से कार्तिक मास की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बदल जाती है। इस त्यौहार के आगमन की प्रतीक्षा हर किसी को होती है। सामान्यजन जहां इस पर्व के आने से माह भर पहले ही घरों की साफ-सफाई, रंग-पुताई में जुट जाते हैं।

इस दिन बाजार में मेले जैसा माहौल होता है। इस दिन खील-बताशों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियां तथा अन्य आतिशबाजी खरीदते हैं।

दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। वे मिलते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

उपसंहार –

दीपावली के प्रकाश से हमारा घर-आँगन और तन-मन दोनों ही आलोकित उठते हैं। हमारे दिल से मनमुटाव दूर हो जाते हैं। हमारे ह्रदय स्नेह और सदभाव से भर जाते हैं। इससे सामाजिक जीवन को नई चेतना मिलती है और लोगों को नूतन वर्ष के कर्तव्यों को पूरा करने का बल मिलता है।

दिवाली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

Faq on diwali essay in hindi.

प्रश्न:- दीपावली किसका प्रतीक है ?

उत्तर:- दीपावली अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।

प्रश्न:- दिवाली कब मनाया जाता है ?

उत्तर:- दीपावली शरद ऋतू के कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन हर वर्ष मनाया जाता है,

प्रश्न:- दिवाली कैसे मनाया जाता है ?

उत्तर:- दिवाली के पहले घरो की रंगाई पुताई करके दिवाली के दिन घरो को दियो, लाइट से सजाकर, नए वस्त्र पहनकर गणेश जी और माँ लक्ष्मी की पूजा करके एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

प्रश्न:- इस साल 2023 मे दिवाली कब है ?

उत्तर:-  इस साल 2023 मे दिवाली 12 नवंबर को है, जिस दिन रविवार है।

प्रश्न:- दिवाली को क्यो मनाया जाता है ?

उत्तर:- दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम जी 12 वर्षो के वनवास के पश्चात वापस अपने घर अयोध्या लौटे थे, जिनके लौटने की खुशी मे हर घर दिये जलाए गए थे, जिस कारण से तब से हर साल दिवाली मनाया जाता है।

प्रश्न:- दिवाली पर किसकी पूजा की जाती है ?

उत्तर:- दिवाली पर भगवान श्रीगणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

प्रश्न:- दिवाली पर घरो को कैसे सजाते है ?

उत्तर:- दिवाली के दिये घरो को दियो और लाइट से सजाते है, और रंगीन झालर भी लगाते है।

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