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शिक्षा के महत्व पर भाषण Speech on Importance of Education in Hindi

इस अनुच्छेद में हमने शिक्षा के महत्व पर भाषण Speech on Importance of Education in Hindi लिखा है। यह प्रेरणादायक सुन्दर भाषण स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए 1100 शब्दों में लिखा गया है। इस भाषण से जीवन में शिक्षा के मोल समझ आता है। यह स्पीच आपको ज़रूर पसंद आएगा।

आईये शुरू करते हैं – शिक्षा के महत्व पर भाषण Speech on Importance of Education in Hindi

शिक्षा के महत्व पर भाषण Speech on Importance of Education in Hindi (1100 Words)

आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण, सहपाठियों और अभिभावकों को मेरा नमस्कार। मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ।

मेरा नाम…..है. मैं कक्षा… में अध्ययन करता हूं। आज मैं “शिक्षा के महत्व” पर  भाषण प्रस्तुत कर रहा हूँ। शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। बड़े बुजुर्गों का कहना है की अनपढ़ व्यक्ति पशु समान होता है। हमारे जीवन में पढ़ाई का कितना महत्व है ये मैं आपको आज आपको बताने जा रहा हूँ।

पढ़कर ही हम सही और गलत का फैसला कर सकते हैं। हमे ज्ञान का बोध तभी होता है जब हम अपनी शिक्षा को पूर्ण रूप से ग्रहण करते हैं। आजकल बैंक, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट कही भी जाओ सब जगह पढ़ाई की जरूरत पड़ती है।

इस आधुनिक युग मे अगर आप पढ़े लिखे नहीं होंगे तो कोई भी बीच सड़क आपको ठग कर चले जाएगा। बैंक में पैसा जमा करने, निकालने से लेकर ट्रेन की टिकट काटने तक हर जगह शिक्षा की आवश्यकता होती है। शिक्षा गाँव देहात के लोगों के लिए भी जरूरी है। किसान को भी शिक्षित होना चाहिए जिससे वह सही कीटनाशकों और विटामिन के छिड़काव की सारी अखबार और मोबाईल पर एसएमएस पढ़ कर समझ सके।

अगर कोई व्यक्ति पढ़ा लिखा नही होगा तो वह किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएगा। इस तरह पढ़ाई के बिना सब बेकार है। शिक्षा की जरूरत हर उच्च से लेकर गरीब परिवार को है। शिक्षित होने पर ही व्यक्ति सही जीवन बीमा पालिसी , अन्य बचत योजना, टैक्स बचत की जानकारी लेकर सही योजना का लाभ उठा सकता है।

अनपढ़ व्यक्ति समझ ही नहीं पाता है की क्या और कौन सही है क्योंकि उसने कभी शिक्षा ली ही नहीं होती है। आज भारत जैसे बड़े देश मे निरक्षरता ही गरीबी, बेरोज़गारी का सबसे बड़ा मुख्य कारण है। शिक्षा का अर्थ हिन्दी या अंग्रेजी नहीं, बल्कि स्कूल जा कर सभी प्रकार की शिक्षा को ग्रहण करना है। कई प्रकार के खेल-कूद प्रतियोगिताएं भी शिक्षा का अभिन्न अंग हैं।

फोन, स्मार्ट फोन, टेबलेट में लोगो के नाम हिंदी या अंग्रेजी में सुरक्षित रखे जाते है। मेसेज भी हिंदी या अंग्रेजी में आता है। इसलिए अब देश में अगर कोई व्यक्ति फोन या स्मार्ट फोन इस्तेमाल करना चाहता है तो उसका पढ़ा लिखा होना बेहद जरूरी है।

अब दुकानों, ऑफिस, रेल टिकट काउन्टर, सभी जगह कम्प्यूटर पर काम होता है। कंप्युटर अब जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। इस पर काम करने के लिए हिंदी और अंग्रेजी भाषा की अच्छी जानकारी होनी चाहिये। इसलिए सभी माता-पिता अपने बच्चों को शुरू से ही कंप्युटर सिखा रहे है।

शिक्षा का महत्व हर जगह है। आजकल नेता, राजनीतिज्ञ लोगो को लुभावने वादे करके वोट मांगने है। कुछ जगहों पर तो लोग पैसा लेकर वोट दे देते हैं क्योंकि उन्हें इस बात का ज्ञान ही नहीं है की लोकतंत्र क्या होता है और वोट क्यों दिया जाता है। उन्होंने अगर शिक्षा ली होती तो वे कभी ऐसा नहीं करते।

जीत जाने पर वही नेता आसपास भी दिखाई नही देते है, ना ही कोई विकास का काम करवाते है। सिर्फ चुनाव में वो वोट मांगने आते है। ऐसे स्वार्थी नेताओं, राजनीतिज्ञों को हम उनके खिलाफ वोट देकर उनको बाहर का रास्ता दिखा सकते है, पर उसके लिए जनता का शिक्षित होना बहुत जरूरी है।

आजकल हर चुनावी साल में चुनाव के दौरान धांधली का आरोप भी लग रहा है। भ्रष्ट नेता बेईमानी और धांधली करके चुनाव जीत जाते है। हर वोटर को शिक्षित होकर ऐसी पार्टी के खिलाफ वोट करना चाहिये। आजकल हर वोटर को बहुत सावधान रहने की जरूरत है।

आज के समय में जो व्यक्ति शिक्षित नही है, समझ लो की उसने बड़ा अपराध किया है क्योंकि पढ़ाई ना करके उसने अपने साथ-साथ समाज और देश के साथ भी अन्याय किया है। इसलिए कहता हूँ दोस्तों कि बच्चे से लेकर बड़ों, महिलाओं और बूढे सभी को पढ़ना चाहिये। शिक्षा पाने के बाद ही हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है।

हम कुछ नया आविष्कार कर सकते है, कोई नही व्यवस्था और योजना बना सकते है और दूसरे के भले के लिए किसी नई तकनीकी के माध्यम से नए आविष्कार कर सकते है। इसलिए सभी को पढ़ना चाहिये। पढ़- लिख कर हम सभी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार दे सकते है। अब तो कदम-कदम पर शिक्षा की जरूरत होती है।

यदि ATM से पैसा निकालना है तो भी व्यक्ति को हिंदी, अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना चाहिये। आये दिन अखबारों में ठग और बदमाशो के बारे में ख़बरे छपती रहती है जो भोले-भाले अनपढ़ लोगो का कार्ड पिन चोरी करके उनका पैसा निकाल लेते है। इसलिए कहता हूँ की शिक्षा बहुत आवश्यक है।

जो छात्र अच्छी पढ़ाई करते है उनको सरकारी पदों पर अच्छी नौकरी मिल जाती है। उनका जीवन स्तर उच्च हो जाता है। समाज में उनका सम्मान होता है क्योंकि वे देश के लिए कई महान कार्य करते हैं। इसके विपरीत जो छात्र पढने में मन नही लगाते है या किसी भी प्रकार का ज्ञान नहीं लेते हैं वे कभी भी उन्नति के पथ पर नहीं जाते हैं।

अनपढ़ लोगो को कोई भी सरकारी हो या प्राइवेट संस्था नौकरी नही देना चाहती है। अगर नौकरी देती है तो कम वेतन पर अधिक से अधिक काम लिया जाता है। उनका शोषण किया जाता है। इसलिए कहता हूँ हमें मन लगा कर पढ़ाई करना चाहिए ।

शिक्षा के लिए लड़का-लड़की मे भेदभाव करना मूर्खता है। आज ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के सभी उच्च पदों मे महिलायें काम कर रही है। आज ज़मीन से लेकर अंतरिक्ष तक जा कर कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स जैसे महिलाओं ने हर जगह महिलाओं की काबिलियत को पुरुषों से बेहतर साबित किया है। शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे हम देश मे महिलाओं के साथ हिंसात्मक व्यवहार को रोक सकते हैं और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे सकते हैं।

साथ ही देश मे दहेज़ प्रथा जैसे कुप्रथाओं का भी अंत नारी शिक्षा से होगा। सभी बेटियों को ज़रुर पढ़ना चाहिये जिससे कभी वह पति या ससुराल पक्ष को वह बोझ नया लगे। अगर किसी महिला का पति अपनी पत्नी की काबिलियत पर शक करे तो वह नौकरी करके अपने पैरों मे खड़ी हो सकती है।

जिन बेटियों के माता-पिता गरीब है। घर की हालत अच्छी नही है। वो बेटियों पढ़ लिखकर नौकरी करके घर की स्थिति अच्छी बना सकती है। अपने माता-पिता का सहारा बन सकती है। मैंने अपने भाषण में आपको शिक्षा के सभी लाभ और महत्व के बारे में बताया है। आशा है आपको मेरा यह शिक्षा के महत्व पर भाषण (Speech on Importance of Education in Hindi) पसंद आया होगा।

अंत में कहना चाहूँगा कि “

शिक्षा है अनमोल रत्न, पढने का सब करो जतन”

इन्ही शब्दों के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ।

पढ़ें: शिक्षा के महत्व पर निबंध हिन्दी मे पढ़ें: नई शिक्षा नीति 2020 

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नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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Annual. Speech is good

Speech is very interesting I am abhay chaurasiya Mukshe yahan speech bahoot accha Aaur ase speech bhejte rahega

Thankyou ☺⏰⌚

Very very much good

अति सुंदर ,अधिकतम विषयों का समावेश तारतम्यता के साथ किया है | बहुत बहुत धन्यवाद और बधाई| एक शिक्षक

Very good speech ,

Very nice speech

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Easy Hindi

केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

शिक्षा का महत्व पर निबंध | Essay On Shiksha Ka Mahatva in Hindi, 10 Lines (कक्षा-1 से 10 के लिए)

Essay On Shiksha Ka Mahatva in Hindi

शिक्षा का महत्व पर निबंध: Essay On Shiksha Ka Mahatva in Hindi: शिक्षा ज्ञान, कौशल, मूल्य, नैतिकता, विश्वास और आदतों को सीखने या प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है। शिक्षा प्राप्त करने और प्रदान करने की पूरी प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं। इसमें शिक्षण, प्रशिक्षण, चर्चा, अनुसंधान, कहानी सुनाना और इसी तरह की अन्य इंटरैक्टिव गतिविधियाँ शामिल हैं। शिक्षण पद्धति जिसे शिक्षाशास्त्र कहा जाता है के माध्यम से शिक्षा औपचारिक और अनौपचारिक दोनों हो सकती है। औपचारिक शिक्षा प्रीस्कूल, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों जैसे शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से प्राप्त की जाती है। हालाँकि, अनौपचारिक शिक्षा स्व-निर्देशित शिक्षा, साक्ष्य-आधारित शिक्षा, खुली शिक्षा और इलेक्ट्रॉनिक शिक्षा से आती है। शिक्षा किसी भी रूप में व्यक्ति और समग्र रूप से समाज के जीवन में सुधार लाती है। 

निबंध लेखन और निबंध प्रतियोगिता , आज कल आम बात है। आए दिन निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, वहीं स्कूली बच्चों के पढ़ाई में निबंध लेखन एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस लेख के जरिए हम आपके लिए शिक्षा का महत्व पर निबंध लेकर आएं है, यह एक ऐसा टॉपिक है जिस पर निबंध लेखन आम बात है। इस लेख के जरिए जो निबंध हम आपके सामने परोसने जा रहे है, वह आप कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 से लेकर किसी भी तरह के बड़े निबंध प्रतियोगिता में काम में लिया जा सकता हैं। इस लेख को हमने सरल भाषा में तैयार किया है जिसके कारण इसका उपयोग स्कूली प्रोजेक्ट और निबंध प्रतियोगिता में लिया जा सकता हैं। इस लेख में कई पॉइन्ट्स हमारे द्वारा जोड़े गए है, जिसके चलते इसमें आपको छोटे और बड़े दोनों तरह के निबंध मिल जाएंगे। इस लेख में कई तरह के पॉइन्ट्स जोड़े गए है जैसे कि शिक्षा का महत्व पर निबंध हिंदी में Essay On Importance of Education in Hindi, शिक्षा का महत्व पर निबंध (300 शब्द) | Essay On Importance of Education in Hindi,शिक्षा का महत्व पर निबंध (500 शब्द) | समाज में शिक्षा का महत्व निबंध,शिक्षा का महत्व पर निबंध (750 शब्द) | विद्यार्थी जीवन में शिक्षा का महत्व पर निबंध,शिक्षा का महत्व पर निबंध PDF Download | शिक्षा का महत्व पर निबंध हिंदी में,शिक्षा का महत्व 10 लाइन हैं। इस लेख (Essay On Shiksha Ka Mahatva in Hindi) को पूरा पढ़े और हमारे द्वारा लिखे गए निबंध को अपने उपयोग में ले और दूसरों को भी पढ़ाएं।

शिक्षा का महत्व पर निबंध | Essay On Importance of Education in Hindi

Essay On Shiksha Ka Mahatva in Hindi: जीवन में शिक्षा का महत्व बहुत अधिक है। यह लोगों को जीवन भर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सुविधा प्रदान करता है। यह ज्ञान, विश्वास, कौशल, मूल्यों और नैतिक आदतों को विकसित करता है। यह जीवन जीने के तरीके में सुधार करता है और व्यक्तियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाता है। शिक्षा जीवन को बेहतर और अधिक शांतिपूर्ण बनाती है। यह व्यक्तियों के व्यक्तित्व को बदल देता है और उन्हें आत्मविश्वासी महसूस कराता है। नेल्सन मंडेला द्वारा कहा गया था कि “दुनिया को बदलने के लिए शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है”। विस्तार से कहें तो यह समाज की नींव है जो आर्थिक समृद्धि, सामाजिक समृद्धि और राजनीतिक स्थिरता लाती है। यह लोगों को अपने विचार रखने और अपनी वास्तविक क्षमता दिखाने की शक्ति देता है। यह नागरिकों को शासन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए उपकरण प्रदान करके लोकतंत्र को मजबूत करता है। यह सामाजिक एकता और राष्ट्रीय पहचान को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत शक्ति के रूप में कार्य करता है।

भारत में शिक्षा प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए किसी भी आयु वर्ग, धर्म, जाति, पंथ और क्षेत्र के लोग शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। एक शिक्षित व्यक्ति का हर जगह सम्मान होता है और समाज में उसके साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है। बचपन में हर बच्चा डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, अभिनेता, खिलाड़ी आदि बनने का सपना देखता है। ये सपने शिक्षा के माध्यम से सच हो सकते हैं। इसलिए, शिक्षा में निवेश सबसे अच्छा रिटर्न देता है। अच्छी तरह से शिक्षित लोगों के पास बेहतर नौकरी पाने के अधिक अवसर होते हैं जिससे वे संतुष्ट महसूस करते हैं। स्कूलों में, शिक्षा को विभिन्न स्तरों में विभाजित किया गया है, अर्थात, प्रीस्कूल, प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक। स्कूली शिक्षा में पारंपरिक शिक्षा शामिल होती है जो छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करती है। हालाँकि, अब स्कूली पाठ्यक्रम में कई प्रयोगों, व्यावहारिक और पाठ्येतर गतिविधियों को जोड़कर इनबिल्ट एप्लिकेशन-आधारित शिक्षा स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। छात्र पढ़ना, लिखना और दूसरों के सामने अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करना सीखते हैं। साथ ही, डिजिटल शिक्षा के इस युग में, कोई भी अपनी उंगलियों पर आसानी से ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर सकता है। वे नए कौशल सीख सकते हैं और अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।

ये भी पढ़ें:- डॉ. राधाकृष्णन सर्वपल्ली का जीवन परिचय

शिक्षा का महत्व पर निबंध (300 शब्द) | Essay On Importance of Education in Hindi

Nibandh On Importance of Education : शिक्षा किसी के जीवन को बेहतर बनाने का एक हथियार है। यह संभवतः किसी के जीवन को बदलने का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। एक बच्चे की शिक्षा घर से शुरू होती है। यह जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है जो मृत्यु के साथ समाप्त होती है। शिक्षा निश्चित रूप से किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करती है। शिक्षा व्यक्ति के ज्ञान, कौशल में सुधार करती है और व्यक्तित्व और दृष्टिकोण का विकास करती है। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि शिक्षा लोगों के लिए रोजगार की संभावनाओं को प्रभावित करती है। एक उच्च शिक्षित व्यक्ति को अच्छी नौकरी मिलने की संभावना बहुत अधिक होती है। शिक्षा के महत्व पर हम आपको जीवन और समाज में शिक्षा के मूल्य के बारे में बताएंगे।

शिक्षा सबसे पहले पढ़ने-लिखने की क्षमता सिखाती है। पढ़ना-लिखना शिक्षा की पहली सीढ़ी है। अधिकांश जानकारी लिखकर दी जाती है। इसलिए लेखन कौशल की कमी का अर्थ है बहुत सी जानकारी से चूक जाना। परिणामस्वरूप, शिक्षा लोगों को साक्षर बनाती है।सबसे बढ़कर, रोजगार के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। यह निश्चित रूप से एक सभ्य जीवन जीने का एक शानदार अवसर है। यह शिक्षा द्वारा प्रदान की जाने वाली उच्च वेतन वाली नौकरी के कौशल के कारण है। जब नौकरियों की बात आती है तो अशिक्षित लोगों को संभवतः भारी नुकसान होता है। ऐसा लगता है जैसे कई गरीब लोग शिक्षा की मदद से अपना जीवन सुधारते हैं।

बेहतर संचार शिक्षा में एक और भूमिका है। शिक्षा व्यक्ति की वाणी को निखारती एवं परिष्कृत करती है। इसके अलावा, व्यक्ति शिक्षा के साथ संचार के अन्य साधनों में भी सुधार करते हैं।शिक्षा व्यक्ति को प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोगकर्ता बनाती है। शिक्षा निश्चित रूप से प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल प्रदान करती है। इसलिए, शिक्षा के बिना, आधुनिक मशीनों को संभालना शायद मुश्किल होगा।

शिक्षा की सहायता से लोग अधिक परिपक्व बनते हैं। शिक्षित लोगों के जीवन में परिष्कार का प्रवेश होता है। सबसे बढ़कर, शिक्षा व्यक्तियों को अनुशासन का मूल्य सिखाती है। पढ़े-लिखे लोगों को भी समय की कीमत का एहसास कहीं अधिक होता है। शिक्षित लोगों के लिए समय पैसे के बराबर है।अंततः, शिक्षा व्यक्तियों को अपने विचार कुशलतापूर्वक व्यक्त करने में सक्षम बनाती है। शिक्षित व्यक्ति अपनी राय स्पष्ट तरीके से बता सकते हैं। इसलिए, शिक्षित लोग लोगों को अपनी बात मनवाने में काफी सक्षम होते हैं।

ये भी पढ़ें:

शिक्षा का महत्व पर निबंध (500 शब्द) | समाज में शिक्षा का महत्व निबंध

Shiksha PR Nibandh: शिक्षा लोगों का नेतृत्व करना आसान बनाती है, लेकिन चलाना कठिन बनाती है; शासन करना आसान है लेकिन गुलाम बनाना असंभव है।”उपरोक्त उद्धरण शिक्षा के महत्व को स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है। शिक्षा में ज्ञान का शिक्षण और सीखना, उचित आचरण और तकनीकी योग्यता दोनों शामिल हैं। सीखने में नैतिक मूल्यों और चरित्र में सुधार और दिमाग की ताकत बढ़ाने के तरीके शामिल हैं।

शिक्षा चरित्र का निर्माण करती है, मन को मजबूत करती है, ज्ञान बढ़ाती है और हमें स्वतंत्र बनाती है। शिक्षा अज्ञानता को दूर करती है। शिक्षा हमें अपनी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करने का अवसर देती है। शिक्षा मानव मस्तिष्क का सुधार है। शिक्षा के बिना मानव मस्तिष्क का प्रशिक्षण अधूरा है। मानव मस्तिष्क प्रशिक्षित होने के लिए बना है और शिक्षा के बिना व्यक्ति अधूरा है। शिक्षा व्यक्ति को सही विचारक और सक्षम निर्णय लेने वाला बनाती है। और यह केवल शिक्षा द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है जो एक व्यक्ति को उसके आस-पास और उससे परे की दुनिया के ज्ञान से परिचित कराती है, उसे तर्क करना सिखाती है और उसे इतिहास से परिचित कराती है, ताकि एक व्यक्ति वर्तमान का बेहतर न्यायाधीश बन सके।

शिक्षा के बिना, मनुष्य उस व्यक्ति के समान है जो एक बंद कमरे में कैद है, जहां बाहर निकलने या प्रवेश के लिए कोई जगह नहीं है और बाहरी दुनिया से पूरी तरह से बंद है। लेकिन शिक्षा मनुष्य को खुली दुनिया में ले जाती है। एक अशिक्षित व्यक्ति पढ़-लिख नहीं सकता और इसलिए वह किताबों और अन्य माध्यमों से प्राप्त होने वाले सभी ज्ञान और ज्ञान से वंचित रहता है। अशिक्षित या कम शिक्षित लोगों को अपनी पसंद का जीवन जीने का अवसर कम मिलता है।

एक व्यक्ति जो शिक्षा प्राप्त करता है वह अपनी पसंद के जीवन के रास्ते के लिए अधिक खुला होगा। एक शिक्षित व्यक्ति एक बेहतर नागरिक और सक्षम निर्णय लेने वाला होगा। यही कारण है कि लोग रोज़गार के लिए हमेशा एक अशिक्षित या कम शिक्षित व्यक्ति की तुलना में एक शिक्षित या अधिक शिक्षित व्यक्ति को प्राथमिकता देते हैं, यहाँ तक कि ऐसी नौकरी करने के लिए भी जिसके लिए बहुत अधिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती है, जैसे कि कार्यालय परिचारक या घरेलू नौकर।

प्रत्येक व्यक्ति की समझ और सीखने का स्तर अलग-अलग होता है लेकिन शिक्षा उन्हें निखारती और निखारती है।इस प्रकार, शिक्षा के महत्व को कभी भी कम नहीं आंका जा सकता। दुनिया भर में लोग इस बात से सहमत हैं कि शिक्षा स्वस्थ दिमाग और सफल जीवन की कुंजी है।विश्व की 82% साक्षरता दर के विपरीत भारत की साक्षरता दर 61% है। 2001 की जनसंख्या जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता दर 54.16% है। ये आंकड़े न सिर्फ शर्मनाक हैं बल्कि चिंताजनक भी हैं।कुछ लोग अपनी सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के कारण शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं और कुछ अन्य संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, लेकिन कुछ अन्य लोग शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी के कारण शिक्षा लेने से बचते हैं।

शिक्षा का महत्व सर्वविदित है, इसीलिए राष्ट्रीय नीति के रूप में शिक्षा को सदैव प्राथमिकता दी जाती है। सरकार निरक्षरता के मूल कारण पर सही निशाना साध रही है और निरक्षरता को खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। सरकार विभिन्न साक्षरता कार्यक्रम चला रही है जैसे वयस्क साक्षरता कार्यक्रम, सतत शिक्षा कार्यक्रम, सप्ताहांत और अंशकालिक अध्ययन कार्यक्रम, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम, मुफ्त शिक्षा कार्यक्रम आदि। इन कार्यक्रमों की सफलता दर निरंतरता लेकिन क्रमिक है।

जिम्मेदार और जागरूक नागरिक होने के नाते यह हमारा भी कर्तव्य है कि हम सरकार की मदद करें और इस तरह अपने देश को 100% साक्षरता का सपना साकार करने में मदद करें। हम न केवल शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैला सकते हैं बल्कि हम अशिक्षित लोगों को उनकी पढ़ाई के लिए धन और सहायता देकर शिक्षा प्राप्त करने में भी मदद कर सकते हैं।

एक सुशिक्षित राष्ट्र एक महान राष्ट्र बनता है। हम अपने जीवन में ‘हर कोई एक को पढ़ाए’ के आदर्श वाक्य को अपना सकता है। हम अपने आस-पास के अशिक्षित लोगों को पढ़ा सकते हैं, क्योंकि किसी भी दिन अनौपचारिक शिक्षा भी बिना शिक्षा के रहने से बेहतर है। आइए हम अशिक्षितों को शिक्षा के प्रकाश की ओर ले जाएं और अपने राष्ट्र का गौरव बढ़ाएं।आइए अपने देश को ज्ञान की शक्ति, यानी शिक्षा द्वारा और अधिक शक्तिशाली बनाएं, फ्रांसिस बेकन के शब्दों में: “ज्ञान ही शक्ति है।”

इंटरनेट पर निबंध

शिक्षा का महत्व पर निबंध | विद्यार्थी जीवन में शिक्षा का महत्व पर निबंध (750 शब्द)

आज के समाज में हमें कई कठोर निर्णयों का सामना करना पड़ता है। सबसे कठिन निर्णयों में से एक यह तय करना है कि हाई स्कूल स्नातक करने के बाद क्या करना है। कुछ लोग स्नातक हो जाते हैं और सीधे कॉलेज चले जाते हैं जबकि अन्य निर्णय लेते हैं कि वे कार्यबल में जाना चाहते हैं और तुरंत पैसा कमाना चाहते हैं। हर किसी को यह समझने की जरूरत है कि शिक्षा महत्वपूर्ण है, चाहे आप कहीं भी जाएं या कोई भी रास्ता चुनें। यह कुछ लोगों के लिए कठिन हो सकता है, जिन्हें यह पता नहीं है कि जब उनके करियर की बात आती है तो वे क्या करना चाहते हैं, लेकिन ऐसे हैं यदि वे समय निकालें और किसी प्रमुख या करियर पथ को चुनने से पहले खुद पर ध्यान दें तो कई अवसर उनका इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हर किसी के लिए दरवाजे खोलती है, चाहे स्थिति कोई भी हो।

शिक्षा का उद्देश्य क्या है?

शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और दक्षताएं प्रदान करना है जो व्यक्ति को अपने वांछित करियर पथ में सफल होने के लिए आवश्यक हैं। जिन व्यक्तियों में ये गुण हैं उनके पास रोजगार के अधिक अवसर होंगे और उनके पास ये गुण नहीं होने वालों की तुलना में अधिक वेतन होगा।शिक्षा संस्थानों की एक प्रणाली है जो मानव ज्ञान और विशेषज्ञता में सुधार के लक्ष्य के साथ शिक्षा प्रदान करती है। दुनिया भर में, 16 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों के लिए शिक्षा अनिवार्य है। शिक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोगों को नए कौशल विकसित करने और उन चीजों के बारे में सीखने में मदद करती है जो वे पहले नहीं जानते थे। सच्चाई यह है कि किसी भी प्रकार की शैक्षिक पृष्ठभूमि व्यक्ति की रुचियों और जुनून के आधार पर सफलता की ओर ले जा सकती है। मुख्य बात यह नहीं है कि आप क्या पढ़ते हैं, बल्कि यह है कि आप उसमें कितनी मेहनत करते हैं।यह लोगों को जीवन में बेहतर नौकरी पाने या विज्ञान और गणित जैसे विभिन्न विषयों पर अपने ज्ञान का विस्तार करने जैसे अधिक अवसर भी देता है। हालाँकि कुछ लोगों का तर्क है कि शिक्षण कोई भी कर सकता है, अध्ययनों से पता चलता है कि सभी शिक्षक समान नहीं बनाए गए हैं; कुछ शिक्षक एक ही सामग्री को पढ़ाने में दूसरों की तुलना में बहुत बेहतर काम करते हैं क्योंकि वे अपने व्यक्तिगत व्यक्तित्व गुणों और शक्तियों के आधार पर इसे एक-दूसरे से अलग तरीके से देखते हैं।

समाज के लिए शिक्षा का महत्व

समाज के लिए शिक्षा के महत्व को कभी भी कम नहीं आंका जा सकता। यह साबित हो चुका है कि एक शिक्षित आबादी समृद्ध होती है, और इसलिए सरकार के लिए मुफ्त शिक्षा प्रदान करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, लोगों को स्कूल के बाहर भी शैक्षिक अवसरों तक पहुंच मिलनी चाहिए ताकि उन्हें उन विषयों पर ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिल सके जो उनके स्कूल या विश्वविद्यालय स्तर पर पेश नहीं किए जाते हैं। सरकार को इन संसाधनों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराकर इसका समर्थन करना चाहिए ताकि सभी लोगों को आत्म-सुधार और सफलता का मौका मिले!

ये भी पढ़ें: जल का महत्व पर निबंध

शिक्षा एक प्रक्रिया है?

किसी व्यक्ति और राष्ट्र की प्रगति के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है। यह ज्ञान इकट्ठा करने और यह सीखने के बारे में है कि समस्याओं को हल करने के लिए कैसे सोचा जाए और ज्ञान को कैसे लागू किया जाए। आधुनिक दुनिया में, जहां जानकारी रोजमर्रा की जिंदगी पर हावी है, दुनिया को समझने के लिए शिक्षित होना महत्वपूर्ण है। अच्छी शिक्षा के माध्यम से हम अच्छी नौकरियाँ प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं। जीवन में सफल होने में शिक्षा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

शिक्षित व्यक्ति किसी भी राष्ट्र की संपत्ति होते हैं। इनके माध्यम से, एक राष्ट्र आगे बढ़ता है क्योंकि शिक्षा मानसिकता की बाधा को दूर करती है, ज्ञान और जानकारी प्रदान करती है, और एक व्यक्ति को एक अच्छा श्रोता और अच्छे व्यवहार वाला बनाती है। यह व्यक्ति को जीवन में एक अद्वितीय मानक प्रदान करता है और उन्हें किसी भी पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं को हल करने के लिए तैयार करता है। शिक्षा वित्तीय और मानसिक स्थिरता और आत्म-निर्भरता में मदद करती है। यह व्यक्ति में आत्मविश्वास पैदा करता है जो सफलता के बेहतरीन पहलुओं में से एक है और आत्म-विश्वास को भी बढ़ाता है।

ये भी पढ़ें: विश्व साक्षरता दिवस पर निबंध | Speech, 10 Lines (कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10)

शिक्षा का महत्व पर निबंध PDF Download

इस पॉइन्ट में हम आपको शिक्षा का महत्व पर निबंध  PDF Download कि सुविधा उपलब्ध करा रहे है, जिसे आप निबंध की पीडीएफ को डाउनलोड कर सकते है और कभी भी डाउनलोड किए गए इस निबंध को आप पढ़े सकते हैं। इसके साथ ही अपने परिजनों और दोस्तों को पढ़ा सकते हैं।

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शिक्षा का महत्व 10 लाइन | Shiksha Ka Mahatva 10 Lines

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  • हर किसी को आगे बढ़ने और जीवन में सफलता पाने के लिए बेहतर शिक्षा बहुत जरूरी है।
  • यह आत्मविश्वास विकसित करता है और व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में मदद करता है।
  • स्कूली शिक्षा हर किसी के जीवन में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है।
  • संपूर्ण शिक्षा को तीन विभागों में विभाजित किया गया है
  • प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा।
  • शिक्षा के सभी विभागों का अपना-अपना महत्व एवं लाभ है।
  • प्राथमिक शिक्षा वह आधार बनती है जो जीवन भर मदद करती है।
  • माध्यमिक शिक्षा आगे की पढ़ाई का मार्ग तैयार करती है।
  • उच्चतर माध्यमिक शिक्षा भविष्य और संपूर्ण जीवन का अंतिम मार्ग तैयार करती है।
  • हमारी अच्छी या बुरी शिक्षा यह तय करती है कि हम भविष्य में किस तरह के इंसान बनेंगे।

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शिक्षा के महत्व पर भाषण- Speech on Importance of Education in Hindi

In this article, we are providing information about Importance of Education in Hindi. Speech on Importance of Education in Hindi Language- शिक्षा के महत्व पर भाषण, स्पीच

शिक्षा के महत्व पर भाषण- Speech on Importance of Education in Hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त अध्यापक गण एवं मेरे प्यारे सहपाठियों को नमस्कार। मेरा नाम विशाल है और मैं कक्षा साँतवी का छात्र हूँ। मैं आज आप सब के समक्ष शिक्षा के महत्व पर भाषण देना चाहता हूँ।

शिक्षा मनुष्य के जीवन के उद्धार का आधार है। शिक्षा के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है और मनुष्य पशु के समान ही है। शिक्षा हर व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता है और हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। शिक्षा हमें समाज में रहना और आगे बढ़ना सिखाती है।

शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। शिक्षा की आवश्यकता हर क्षेत्र में पढ़ती है। किसी भी क्षेत्र में उन्नति करने के लिए व्यक्ति को उस विषय वस्तु की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है और यह ग्यान उसे शिक्षा ग्रहण करने से ही मिलता है। शिक्षित व्यक्ति से ही राष्ट्र का विकास हो सकता है। आज के समय में कोई भी व्यापार करने, नौकरी करने या फिर सुविधा का लाभ लेने के लिए व्यक्ति का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। यदि आप पढ़े लिखे नहीं है तो कोई भी आपकी असाक्षरता का फायदा उठा सकता है और आप बहुत सी सुविधाओं का लाभ भी नहीं उठा पाते है।

आधुनिक युग में स्मार्ट फोन के प्रयोग से लेकर किसी भी व्यापार तक व्यक्ति का पढ़ा लिखा होना आवश्यक है। शिक्षा प्राप्त करने पर ही हम सही और गलत को चुन सकते है। शिक्षा एक मात्र ऐसा हथियार है जिसके बल पर हम अपने अधिकारों का हनन होने से रोक सकते है और अपने जीवन को बेहतर बनाने के नए नए तरीके खोज सकते है। पढ़ लिख कर हम नए नए आविष्कारों को जन्म दे सकते है और प्रगति की राह पर कदम रख सकते है।

बेटियों के जीवन में शिक्षा का महत्व और भी ज्यादा है क्योंकि शिक्षा प्राप्त कर कर वह आत्म निर्भर बन सकती है और उनमें आत्म विश्वास जागृत होता है। वह शिक्षा प्राप्त करकर कोई नौकरी कर सकती है या अपना कोई व्यवसाय कर सकती है जिससे की वह अपने माता पिता का सहारा बन सकती है।

शिक्षा के बिना जीवन बड़ा नीरस सा रहता है और व्यक्ति में आत्म विश्वास जागृत नहीं होता है। शिक्षा कै बिना आज के समय में जीवन यापन करना बहुत ही कठिन है। शिक्षा सबके लिए जरूरी है और शिक्षा प्राप्त करने का हक सभी का है। शिक्षा का महत्व समझते हुए सरकार भी हमारी शिक्षा की तरफ ध्यान दे रही है और हमें सभा सुविधाएँ दे रही है और यदि फिर भी कोई व्यक्ति बिना पढ़े लिखे रहता बै तो वह खुद के साथ, समाज के साथ और देश के साथ अन्याय कर रहा है और स्वयं अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर उसे अंधकार की तरफ ले जा रहा है।

हम सबको शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए और मन लगाकर पूरी लग्न के साथ पढ़ाई करनी चाहिए ताकि हम एक उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सके और अपने माता पिता को गर्व महसूस करा सके।

आशा करता हूँ कि आप सभी मन लगाकर पढ़ेंगे और राष्ट्र की उनन्ति में सहायक बनेंगें।

धन्यवाद।

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Essay on Importance of Education in Hindi

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Importance of Education Speech in Hindi – शिक्षा के महत्व पर भाषण

May 18, 2018 by essaykiduniya

Here you will get Long and Short Importance of Education Speech in Hindi Language for students of all Classes in 200, 400 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में शिक्षा के महत्व पर भाषण मिलेगा।

Importance of Education Speech in Hindi – शिक्षा के महत्व पर भाषण

Speech on Importance of Education in Hindi

Importance of Education Speech in Hindi – शिक्षा के महत्व पर भाषण ( 200 words )

आज के युग की सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा है। इसी के बल पर हम दुनिया को और लोगों की संकुचित सोच को बदल सकते है। शिक्षा पुरे देश में क्रांति ला सकती है। शिक्षा के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है। बिना शिक्षा के मनुष्य जीवन पशु के समान है। हर व्यक्ति सिर्फ शिक्षा के माध्यम से ही सफलता को प्राप्त कर सकता है। शिक्षा हमारा मानसिक विकास करती है जिससे कि हम समाज में रह पाते है। शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तितव को सुधारती है और उसे चरित्रवान बनाती है। शिक्षित व्यक्ति का समाज में सभी लोग आदर करते हैं।

शिक्षा की वजह से लोग जागरूक बन रहे है और उन्हें अपने अधिकारों का पता चलता है। महिलाओं के लिए भी शिक्षा बहुत ही लाभदायक है जिससै कि पुरूषों द्वारा उनके अधिकारों का शोषण न हो सके। किसी भी क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। छोटे से छोटे व्यवसाय को शुरू करने के लिए हमें उस बारे में पता होना चाहिए। माता पिता बच्चों की पढ़ाई लिखाई का महत्व समझ रहे है और उन्हें पढ़ने के लिए स्कूल भेज रहे हैं। सरकार ने भी बच्चों के लिए सरकारी स्कूल खोले है और उन्हें मुफ्त में शिक्षा की सुविधा उपल्बध कराई है। इंटरनेट ने भी शिक्षा प्रणाली को आसान कर दिया है।

Importance of Education Speech in Hindi – शिक्षा के महत्व पर भाषण ( 400 words )

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सभी अध्यापक गण एवं मेरे प्यारे सहपाठियों को नमस्कार। हम सब जानते है कि शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। शिक्षा के बिना जीवन व्यर्थ है। शिक्षा आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है जिसके बल पर हम देश में क्रांति ला सकते है। शिक्षा से ही हम देश में बदलाव ला सकते हैं और देश को आसमान की नई बुलंदियों पर ले जा सकते है।

शिक्षा से ही हमें रोजगार की प्राप्ती होती है। हम अपनी आजीविका आसानी से चला सकते है। एक शिक्षित व्यक्ति ही जागरूक होता है जिससे कि उसे अपने अधिकारों के बारे में पता होता है। आज के युग में नारी शिक्षा भी बहुत ही आवश्यक है जिससे कि वो जागरूक बन सके और उनके अधिकारों का पुरूषों द्वारा शोषण न हो सके। शिक्षा के बिना इंसान का जीवन पशु के समान है। आज आप कोई भी कार्य करना शुरू करे तो आपको उसके बारे में ग्यान भी होना चाहिए। आज छोटे से छोटे काम के लिए हमें शिक्षा की आवश्यकता होती है।

शिक्षा सफलता का आधार है। हर व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है जिसका सीधा माध्यम शिक्षा है। हमें हमारी शुरूआत की शिक्षा घर पर हमारे माता पिता से ही मिलती है। शिक्षा बच्चे का आत्म विश्वास बढ़ाती है और उसके व्यक्तितव को सुधारती है। शिक्षा मनुष्य को सामाजिक, मानसिक और आर्थिक तरीके से मजबूत करती है। हमने पुरी शिक्षा को तीन हिस्सों में विभाजित कर दिया है प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा। शिक्षा के माध्यम से ही लोगों की संकुचित सोच को खत्म किया जा सकता है। अगर देश का विकास करना है तो बच्चों को पढ़ाना आवश्यक है।

शिक्षित व्यक्ति समाज में आदर का पात्र होता है। कह सकते है शिक्षा देश की अर्थव्यवस्था कू रीढ़ की हड्डी है। शिक्षा के लिए सरकार ने भी बहुत से कदम उठाए हैं। जो लोग कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ने में असमर्थ थे सरकार ने उनके लिए सरकारी स्कूल खोले है जिसमें उन्हें मुफ्त शिक्षा उपल्बध कराई जाती है। लोग भी शिक्षा की जरूरत को समझ रहे है और बच्चों को पढ़ा रहे है। स्कूलों में भी बच्चों की शिक्षा के लिए नओ नए तरीके अजमाने चाहिए। बच्चों को पढ़ाई लिखाई के साथ साथ खेल कुद में भी भाग लेना चाहिए जिससे कि उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो सके। पढ़ेंगे तभी तो बढ़ेंगे।

Importance of Education Speech in Hindi – शिक्षा के महत्व पर भाषण ( 500 words )

भूमिका- शिक्षा हर व्यक्ति की मूल आवश्यकता है यह हमारी जिंदगी में अहम भूमिका निभाती है। किसी भी काम को करने के लिए उसके विषय में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है। शिक्षा ही एक ऐसा तरीका है जिसकी वजह से कोई भी देश आसानी से विकसित हो सकता है। शिक्षित व्यक्ति अपने गयान और सुझ बुझ से देश को आसमान की ऊँचाई पर ले जा सकता है। आज की ली गई शिक्षा भविष्य में भी काम आती है। अगर आज शिक्षा नहीं होगी तो कल को शिक्षक भी नही होगे। हमारा देश अनपढ़ और पिछड़ा हुआ रह जाएगा। हर किसी को शिक्षा का महत्तव समझना होगा।

शिक्षा प्राप्त करने के माध्यम-

शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंसान को इच्छुक होना चाहिए। अगर वह कुछ सीखना चाहता है तो वह किसी न किसी तरीके से सीख ही लेता है। शिक्षा प्राप्त करने के बहुत से माध्यम है-

1. स्कूल- हमारी प्राथमिक शिक्षा का माध्यम स्कूल ही है। हम सबसे पहले पढ़ना लिखना यही पर सीखते है। 2. कोचिंग सैंटर- बहुत सी प्रतियोगिता के लिए कोचिंग सैंटर होते है। वह हमें उस विषय की पूरी जानकारी उपल्बध कराते हैं। 3. पुस्तकें- पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी साथी होती है। जितनी अधिक पुस्तकें पढ़ेंगे उतना ही ज्यादा गयान मिलेगा। 4. इंटरनेट- आज के दौर में सबसे उपयोगी इंटरनेट है। यहाँ विषयों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मिलती है।

शिक्षा के लाभ-

शिक्षा के बिना जीवन व्यर्थ है। शिक्षा के निम्नलिखित लाभ है-

1. शिक्षा व्यक्ति को समाज में रहने का तरीका सिखाती है और अनुशासन प्रिय भी बनाती है। 2. शिक्षा से ही रोजगार मिलता है और हम अपनी आजीविका अच्छे से चला सकते है। 3. पढ़े लिखे होने की वजह से ही हम ने टैक्नोलोजी में भी प्रगति कर ली है। 4. तकनीकी गयान के कारण हम लड़ाकू विमान और अन्य हथियार बनाने में कामयाब हुए है जो कि हमें और हमारे देश को दुश्मनों से बचाने में सहायक है।

शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उपाय-

देश का हर व्यक्ति पढ़ा लिखा होना चाहिए। पढ़ेंगे तभी तो बढ़ेंगे। शिक्षा की तरफ लोगो को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते है-

1. सरकार द्वारा सरकारी स्कूल खोले गए है जहाँ पर मुफ्त शिक्षा दी जाती है। 2. सभी बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य की गई है। 3. माता पिता को भी बच्चौं पर अपनी मर्जी नहीं चलानी चाहिए। बच्चों की रूचि के अनुसार उसे वही विषय पढ़ाना चाहिए। 4. बच्चों को छातरवृति भी दी जानी चाहिए। 5. बच्चों की पढ़ाई में रूचि बढ़ाने के लिए नए नए तरीके अजमाने चाहिए।

निष्कर्ष-

शिक्षा व्यक्ति कीआवश्यकता है। हर व्यक्ति को पढ़ने का हक है और उसे पढ़ना चाहिए। एक सुशिक्षित व्यक्ति अपने साथ साथ समाज के हित के लिए भी कार्य करता है। आज के समय में शिक्षा हर व्यक्ति की पहचान बन चुकी है। जीवन चलाने के लिए रोजगार जरूरी है और उसके लिए गयान जरूरी है। शिक्षित व्यक्ति हमेशा जागरूक रहता है। अपनी और देश की प्रगति के लिए हमें शिक्षा को अपनाना होगा।

हम आशा करते हैं कि आप इस भाषण ( Importance of Education Speech in Hindi – शिक्षा के महत्व पर भाषण ) को पसंद करेंगे।

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सोचदुनिया

शिक्षा के महत्व पर भाषण

Importance of Education Speech in Hindi

शिक्षा के महत्व पर भाषण : Importance of Education Speech in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘शिक्षा के महत्व पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप शिक्षा के महत्व पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

शिक्षा के महत्व पर भाषण : Importance of Education Speech in Hindi

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार। मेरा नाम —– है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।

आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- शिक्षा का महत्व। यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है।

सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया। आज मैं शिक्षा के मूल्य पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा।

वर्तमान समय में शिक्षा का मूल्य शायद ही किसी को पता न हो। मनुष्य आदिकाल से ही शिक्षा के मूल्य को समझता है। शिक्षा का अर्थ होता है सीखना और सिखाना। शिक्षा शब्द को शिक्ष् धातु से लिया गया है और इसका अर्थ होता है:- सिखने व सिखाने की प्रक्रिया।

शिक्षा का मुख्य अर्थ होता है:- किसी भी समाज में लगातार चलने वाली वह प्रक्रिया, जिसके द्वारा मनुष्य अपने ज्ञान और कौशल का विकास करता है, जिससे उसके व्यवहार और आचरण में सुधार आता है।

शिक्षा एक मनुष्य के जीवन में अंधकार को हटाकर ज्ञान का प्रकाश लाती है, जिससे मनुष्य का विकास होता है। जिससे फलस्वरूप उसे सभ्य व योग्य नागरिक बनने में मदद मिलती है।

शिक्षा का मूल्य समझने के लिए हमें सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि शिक्षित न होने के क्या-क्या दुष्परिणाम हो सकते है? किसी भी समाज में यदि अशिक्षा रहेगी तो उसमे कुरुतियां लगातार बढ़ती रहेगी।

समाज में रूढ़िवादी सोच का विकास होगा। अशिक्षा समाज को कभी भी सही दिशा में नहीं बढ़ने देगा। अशिक्षा से रोजगार के अवसर लगातार कम होंगे। अशिक्षा से कोई भी देश तरक्की नहीं कर पाएगा और लगातर पिछड़ता जाएगा।

लोगों को अपने अधिकार पता नहीं होंगे और कोई भी उन्हें गलत बात बताकर गलत काम करने के लिए तैयार कर सकता है। जैसा अक्सर आप आतंकवाद को देखते होंगे।

यदि अब हम बात करें कि शिक्षा से क्या-क्या लाभ होंगे? तो इसके लिए हमें यह जान लेना चाहिए कि शिक्षा से मनुष्य में क्या-क्या परिवर्तन आते है? जैसे कि मनुष्य को बेहतर जीवनयापन करने का तरीका सिखने को मिलता है।

शिक्षा से मनुष्य में बौद्धिक, शाररिक व मानसिक विकास होता है। इससे मनुष्य को सही फैसले लेने में मदद मिलती है। इन्हीं फैसलों की बदौलत इंसान सही दिशा में विकास कर पाता है। जिससे समाज भी सही दिशा में अग्रसर होता है।

एक शिक्षित मनुष्य सिर्फ स्वयं का ही विकास नहीं करता है अपितु, वह अपने साथ-साथ पूरे समाज व देश का विकास भी करता है। वह नए-नए तरीकों से नए अविष्कार कर इस दुनिया को देता है।

जिससे आगे चलकर ये पूरी दुनिया के काम आते है। शिक्षित मनुष्य में अशिक्षित मनुष्य के मुकाबले काम को सही तरीके से व सही समय पर पूरा करने की क़ाबलियत होती है।

वर्तमान समय में जितनी किताबी शिक्षा की आवश्यकता है, उतनी ही प्रायोगिक शिक्षा की भी आवश्यक है। इससे बच्चों को चीज़ें समझने में आसानी मिलेगी। जिससे वह उस काम को सही तरीके से कर सकेंगे।

अतः शिक्षा हमारे जीवन के विकास के लिए बहुत ही जरुरी होती है। वर्तमान समय में इसके बिना मनुष्य जीवन नामुमकिन लगता है। इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ  फेसबुक  पर साझा अवश्य करें और हमारे  वेबसाइट  को सबस्क्राइब कर ले।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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importance of education school speech in hindi

शिक्षा पर भाषण – Speech on Education in Hindi

Speech on Education in Hindi

शिक्षा के महत्व और इसके मूल्यों को सिर्फ शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता, लेकिन कई बार स्कूल – कॉलेजों में कई ऐसे प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है, जिसमें बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के मकसद से अलग-अलग विषय पर भाषण आदि देने के लिए बोला जाता है।

इसलिए आज हम अपने इस पोस्ट पर शिक्षा पर भाषण (Speech on Education) उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल विद्यार्थी अपने जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं – तो आइए अब जानते हैं शिक्षा पर शानदार भाषण –

Speech on Education

शिक्षा पर भाषण – Speech on Education in Hindi

सर्वप्रथम सभी को मेरा नमस्कार!

आदरणीय मान्यवर, सम्मानीय मुख्य अतिथि, प्राचार्या जी, सभी शिक्षक गण और यहां पर बैठे मेरे छोटे-बड़े भाई-बहनों और मेरे प्रिय दोस्तों आप सभी का मैं तहे दिल से आभार प्रकट करती हूं/करता हूं।

बेहद खुशी हो रही है कि, आज मुझे इस अवसर पर, आप लोगों के समक्ष, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर शानदार भाषण देने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है। मैं अपने भाषण की शुरुआत, शिक्षा के मूल्यों समझाने पर लिखे गए एक संस्कृत श्लोक के माध्यम से करना चाहती हूं / चाहता हूं –

”विद्या नाम नरस्य रूपमधिकं प्रच्छन्नगुप्तं धनम्। विद्या भोगकरी यशः सुखकरी विद्या गुरूणां गुरुः। विद्या बन्धुजनो विदेशगमने विद्या परं दैवतम्। विद्या राजसु पुज्यते न हि धनं विद्याविहीनः पशुः॥”

जिसका मतलब है कि विद्या किसी व्यक्ति का विशिष्ट रुप है, विद्या गुप्त धन है। विद्या भोग देने वाली, यश-कीर्ति देने वाली, और सुख देने वाली है। विद्या गुरुओं की गुरु है, विदेश में विद्या बंधु है यानि कि दोस्त है। विद्या ही सबसे बड़ी देवता है, राजाओं में विद्या की पूजा होती है, धन की नहीं, विद्याविहीन व्यक्ति पशु के सामान है।

अर्थात शिक्षा, मनुष्य के जीवन का मूल आधार है, शिक्षा के बिना मनुष्य एक पशु के सामान है, क्योंकि मनुष्य के ज्ञान और विवेकशीलता के तर्ज पर ही मानव और पशु में अंतर किया जाता है।

एक शिक्षित व्यक्ति ही समाज में खुद को साबित कर पाने की क्षमता रखता है, क्योंकि शिक्षा से ही व्यक्ति के अंदर सोचने, समझने की शक्ति विकसित होती है और उसके दिमाग का पूर्ण रुप से विकास होता है, इसके साथ ही तभी वह सफलता हासिल करता है, और अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के योग्य बनता है।

शिक्षा मनुष्य का मानसिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सभी रुप में विकास करती है, और मनुष्य को यश-कीर्ति दिलवाती है। इसलिए शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए।

जो लोग पढ़ाई-लिखाई से दूर भागते हैं, अथवा इसके महत्व को नहीं समझते हैं, ऐसे लोगों को अपने जीवन में निश्चय ही घोर कष्टों का सामना करना पड़ता है। वहीं शिक्षा हासिल कर ही व्यक्ति सही मायने में एक सुखी जीवन जीता है, वहीं इसके विपरीत जो व्यक्ति शिक्षा ग्रहण नहीं करते हैं, उसे अपनी जिंदगी में दर-दर की ठोंकरे खानी पड़ती है, और अंतत: बिना कुछ हासिल किए ही ऐसे व्यक्ति का जीवन समाप्त हो जाता है।

शिक्षा से ही व्यक्ति के अंदर दुनिया की समस्त चीजों का बोध होता है, साथ ही उसे अपने जीवन में अच्छे और बुरे का पता चलता है। वहीं शिक्षा ही व्यक्ति को अंधविश्वास से दूर रखती है, उससे मन से डर भगाती है और किसी भी संदेह को मिटाने में उसकी मद्द करती है।

वहीं जरूरी नहीं कि शिक्षा स्कूल या फिर कॉलेज में ही ली जाए, शिक्षा ऐसी चीज है, जिसे व्यक्ति कहीं भी और किसी भी उम्र में हासिल कर सकते हैं। वहीं विद्या प्राप्त करने की सबसे अच्छी बात यह है कि, शिक्षा बांटने से कभी कम नहीं होती है बल्कि यह बढ़ती है और इसे कोई भी आपसे चोरी नहीं कर सकता है, यह मनुष्य के जीवन का एक अद्भुत खजाना है।

वहीं इस दुनिया में कई लोग ऐसे भी हैं जो शिक्षा तो हासिल करना चाहते हैं, लेकिन वह इसके लिए मेहनत नहीं करना चाहते हैं अर्थात ऐसे लोगों को कभी शिक्षा हासिल नहीं हो सकती है, क्योंकि इसके लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत होती है, कई सुख और नींद का त्याग करने के बाद ही इसको हासिल किया जा सकता है, और इसे हासिल कर व्यक्ति सफल हो सकता है।

वहीं शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति की सोच में बदलाव आता है, यही वजह है कि स्वामी विवेकानंद , आचार्य चाणक्य , दयानंद सरस्वती , महात्मा ज्योतिबा फुले , डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर जी समेत कई महापुरुषों और समाजसेवकों शिक्षा का जमकर प्रचार-प्रसार किया, और इसी वजह से आज आधुनिक भारत का निर्माण हो सका है। शिक्षा से सभी के अंदर समानता का भाव पैदा होता है, और जातिगत भेदभाव, ऊंच-नीच, लैंगिग भेदभाव गरीबी-अमीरी आदि का अंतर खत्म होता है।

शिक्षा महिला और पुरुषों सभी के लिए समान रुप से महत्व रखती है, और दोनों के बीच के अंतर को खत्म करने में मद्द करती है। इसके साथ ही शिक्षा से ही शासन प्रणाली में पारदर्शिता लाई जा सकती है और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की जा सकती है। अच्छी शिक्षा किसी भी राष्ट्र की उन्नति और प्रगति में सहायता करती है।

वहीं शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए बड़े स्तर पर भारत सरकार द्धारा भी कई तरह के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शिक्षा हासिल कर सकें और देश के विकास में अपना सहयोग निभा सकें हैं वहीं शिक्षा के माध्यम से आज ग्रामीणों के रहन-सहन और जीवन स्तर में भी बदलाव देखने को मिला है।

अर्थात शिक्षा ही एकमात्र ऐसा जरिया है, जो न सिर्फ संसार में व्याप्त समाप्त बुराइयों को नष्ट कर सकती है, बल्कि मनुष्य के विकास के साथ पूरे राष्ट्र को उन्नति के पथ पर अग्रसर कर सकती है। शिक्षा पर जितना भी बोला जाए कम है, अर्थात एक महान व्यक्ति के विचार द्धारा मैं अपने इस भाषण पर यहीं विराम लगाना चाहूंगी –

“शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे माध्यम से आप पूरी दुनिया को बदल सकते हैं” – नेल्सन मंडेला

अर्थात हम सभी को शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर जोर देना चाहिए और खुद तो शिक्षा के महत्व को समझना ही चाहिए इसके साथ ही अज्ञानी और अशिक्षित व्यक्ति को भी शिक्षा के मूल्य को समझाना चाहिए, ताकि हर तरफ शिक्षा की अलख जग सके और हमारा देश, दुनिया का सबसे सफल और विकसित देश बन सके।

धन्यवाद।

शिक्षा पर भाषण नंबर 2- Importance of Education speech in Hindi

सभी महानुभावो, आदरणीय अतिथियों, सम्मानीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों सभी को मेरा नमस्कार। आज मै बेहद खुश हूं कि आप सभी ने इस मौके पर मुझे शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर भाषण देने का मौका दिया, इसके लिए मै आप सभी का आभार प्रकट करती हूं या करता हूं। वहीं मै अपने भाषण की शुरुआत शिक्षा पर महान व्यक्ति के एक विचार द्धारा करना चाहती हूं –

”शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं है; शिक्षा जीवन ही है।”

शिक्षा के बिना मनुष्य अधूरा है, अर्थात अशिक्षित व्यक्ति का जीवन किसी काम का नहीं है। शिक्षा के मनुष्य के अंधकारमय जीवन में सूरज की तरह रोशनी भरने का काम करती है, साथ ही व्यक्ति को अज्ञानता से दूर ले जाती है और उसके जीवन में ज्ञान का प्रकाश डालती है।

शिक्षा वो हथियार है, जिससे मनुष्य के अंदर आत्मविश्वास की भावना जागृत होती है और खुद को समझने की शक्ति प्राप्त होती है।

शिक्षा की बदौलत ही एक सभ्य, चरित्रवान और श्रेष्ठ मनुष्य का निर्माण होता है। शिक्षा व्यक्ति के अंदर की सभी बुराईयों को दूर करती है और अच्छाईयों से उसके जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाती है।

शिक्षा से ही व्यक्ति की सोच में परिवर्तन होता है, और मनुष्य को अंदर चीजों को सही ढंग से समझने और सोचने की भावना जागृत होती है। इसके साथ ही जीवन के प्रति उसके सकारात्मक नजरिया हासिल होता है। शिक्षा से ही व्यक्ति का सही रुप में विकास होता है, उसके जीवन में बदलाव आता है।

शिक्षा ही किसी साधारण मनुष्य को आधारण बनाने में मद्द करती है, और व्यक्ति के जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने में उसकी मद्द करती है। वहीं आज शिक्षा के प्रचार-प्रसार से ही समाज की रुढिवादी सोच को बदला जा सका है और कई अंधविश्वास को दूर करने में सफलता हासिल हुई है।

इसके साथ ही आज शिक्षा के बदौलत ही हम आधुनिक तकनीकों से लैस हो सके हैं, और दुनिया के किसी भी कोने में बैठे शख्स से कुछ सैकेंड में ही बात कर लेते हैं, और बेहद कम समय पर दुनिया में कहीं भी जा सकते हैं। यही नहीं शिक्षा की बदौलत ही कुछ ऐसे तकनीकों का इजात हो सका है कि आज मनुष्य को लाइलाज और जानलेवी बीमारियों से भी बचाया जा सकता है।

शिक्षा से व्यक्ति न सिर्फ अपनी आजीविका कमा सकता है, और सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है, बल्कि एक शिक्षित व्यक्ति समाज और देश के विकास में भी उचित रुप से सहयोग दे सकता है। वहीं हमारे भारतीय संविधान में भी शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार में रखा गया है, हर व्यक्ति को शिक्षा लेने का अधिकार है।

इसलिए हम सभी को शिक्षा ग्रहण करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए और अपने आस-पास के लोगों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए। वहीं जब हमारा समाज पूर्णतया शिक्षित होगा, तभी हम आगे बढ़ सकेंगे। इसी के साथ मै अपने भाषण पर विराम लगाना चाहता हूं, चाहती हूं और आखिरी में विद्या पर एक श्लोक सुनाना चाहती हूं –

विद्या दादाति विनयं विनयाद याति पात्रताम्। पात्रत्वात् धनमाप्रोति धनात् धर्म तत: सुखम्।।

धन्यवाद, जय हिन्द।।

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Importance of Education in Hindi | शिक्षा का महत्व क्या है

शिक्षा पर निबंध, शिक्षा क्या है.

शिक्षा का महत्व ( importance of education ) हमारे जीवन में हमे बहुत प्रेरित करती है और आगे बढ़ने में मदद करती है। यह हमे समाज में बेहतर स्तिथि बनाने में मदद करती है। शिक्षा हमे अधिक सभ्य और बेहतर शिक्षित बनाती है।

शिक्षा लोगों की सोच को सकारात्मक विचार लाकर बदलती है और नकारात्मक विचारों को खत्म करती है. बचपन में ही हमारे माता-पिता हमारे मस्तिष्क को शिक्षा से ओर ले जाने का प्रयास करते हैं.

वे एक अच्छे विद्दालय में हमारा दाखिला करा कर हमें अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रदान करने का हर संभव प्रयास करते हैं.

यह हमे जीवन में एक काबिल इंजीनियर, अधिकारी, डॉक्टर, शिक्षक, पायलट आदि बनाने में सक्षम बनाता है। शिक्षा का अर्थ सभी के जीवन में बहुत कुछ है क्योंकि यह हमारे सीखने और ज्ञान को सुविधाजनक बनाता है।

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 शिक्षा का महत्व – Importance of Education in Hindi

आज के समय में शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ चुका है. शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके.

हमे जीवन में अन्य लक्ष्यो की तुलना में शिक्षा को महत्व देना चाहिए क्योंकि यह हमारे जीवन में ढेर सारी खुशियां लाने का तरीका है। अच्छी तरह से शिक्षित लोग देश के भविष्य को आगे बढ़ाते है।

शिक्षा वह उपकरण है जो जीवन, राष्ट्र और समाज में हर असंभव चीज को संभव बना देता है । अपने अंदर निखार लाना शिक्षा का मकसद है.

दोस्तो, आज मैं आपको शिक्षा के महत्व importance of education के बारे में कुछ टिप्पणी दूंगा.  मुझे यकीन है कि यह पढ़ने के बाद आप में शिक्षा को लेके जागरूकता आएगी और इसके महत्व को अच्छे से समझ भी पाएंगे। तो आइए शुरू करते है:–

importance of education in hindi

★ शिक्षा हमारे अंदर आत्म विश्वास विकसित करती है व्यक्ति के व्यक्तित्व में निर्माण करने में मदद करता है। अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए और सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है।

★ शिक्षा अवधि के दौरान प्राप्त ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति को उनके जीवन के बारे में आश्वस्त करता है। जीवन में सफल होने के लिए और एक मुकाम हासिल करने के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण उपकरण है।

यह जीवन की कठिन चुनौतियों को कम करने में बहुत योग्य है।

★ एक उज्जवल भविष्य पाने के लिए एक आवश्यक उपकरण यह है कि शिक्षा पुरुषो और महिलाओं के लिए समान रूप से होनी चाहिए क्योंकि यह दोनो एक साथ एक स्वस्थ और शिक्षित समाज बना सकते है।

यह देश के विकास और प्रगति में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

★ यह मन को जीवन में सकारात्मकता की ओर मोड़ता है

और सभी मानसिक समस्याओं और नकारात्मकता को दूर करता है। हम में से कोई भी किसी भी सूरत में जीवन के शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता है।

आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व

★ हालांकि, वर्तमान में शिक्षा के पूरे विषय को एक बड़े स्तर पर बदल दिया गया है। जिन लोगो तक शिक्षा नही पहुंचती थी, उनके सबसे ज्यादा लगन होती है पढ़ाई करके कुछ बनकर दिखाने की।

शिक्षा का असली महत्व तो छोटे शहरों तथा गांव में रहने वाले लोग ही जानते है। परंतु अब भारत सरकार द्वारा शिक्षा हर क्षेत्र में उपलब्ध हो गई है।

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★ शिक्षा आधुनिक तकनीकी दुनिया में एक महत्व भूमिका निभाता है। शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के कही तरीके है। शिक्षा के पूरे मानदंड अब बदल दिए गए है। शिक्षा हमारे लिए इतनी लाभदायक है कि 12वी कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से अध्ययन कर सकते है।

importance of education in hindi

★ आज के समय में शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ चुका है। शिक्षा के उपयोग तो बहुत है पर उसे नई दिशा देने की आवश्यकता है। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है।

★ दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विद्यालय में बहुत कम नंबर से प्रवेश ले सकते है। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे है। इसलिए शिक्षा का मोल जानिए और सही कदम से चलिए।

★ अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को प्रदान करती है जैसे व्यक्तिगत उन्नति को बड़ावा देना, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र की सफलता, जीवन में लक्षयो को निर्धारित करना, हमे सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने के लिए हाल प्रदान करना।

★ विद्या एक ऐसा धन है जो न तो कोई चुरा सकता है और न ही कोई छीन सकता है। यह एक मात्र ऐसा धन है जो बाटने पर कम नहीं होता बल्कि इसके विपरित बढ़ता ही जाता है।

हर व्यक्ति चाहता है कि वह एक साक्षर हो, प्रशिक्षित हो इसलिए आज के समय में हमारे जीवन में पढ़ाई का बहुत अधिक महत्व हो गया है।

शिक्षा का महत्व कहानी – Story on importance of education in hindi

importance of education in hindi

स्वामी विवेकानंद , एक दिन एक विद्यालय के कुछ छात्रों से बातचीत कर रहे थे और उन से प्रश्न भी पूछ रहे थे और उनके प्रश्नों के उत्तर भी दे रहे थे.

बातचीत के दौरान स्वामी जी ने उन बच्चों से पूछा, “क्या तुम लोग जानते हो कि शिक्षा क्या होती है? तुममे से कोई मुझे समझा सकता है क्या?”

एक छात्र ने आगे बढ़ कर कहा, “स्वामीजी, विद्या ग्रहण करने को ही शिक्षा कहा जाता है.”

स्वामी जी ने फिर पूछा, “अच्छा अब बताओ कि शिक्षा का उद्देश्य क्या होता है?”

सभी विद्दार्थियों ने अपने अपने विचार रखने शुरू कर दिए. स्वामी जी ने हर एक छात्र के विचार को बड़े ध्यान से सुना और फिर कहा, “जिस चीज़ से मनुष्य की शक्तियों का विकास होता है, वही शिक्षा होती है.

शब्दों को कंठ कर लेना ही शिक्षा नहीं होता है. शिक्षा से मनुष्य की मानसिक शक्तियों का इस तरह विकास होता है कि वो स्वंय सवतंत्रता से कुछ कर सकता है.”

तभी एक विद्यार्थी बोला, “स्वामी जी, शिक्षा से हम नई-नई बातें भी तो सीखते हैं.”

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यह सुन कर स्वामी जी बोले, “तुम्हारी बात ठीक है बालक, लेकिन नई जानकारी का अर्थ यह नहीं कि उस में अधकचरी ऐसी बातें हों, जिन्हें तुम पचा ही ना पाओ.

शिक्षा जीवन निर्माण करती है. चरित्र सुगठित करती है, विचारों में सामंजस्य पैदा करती है और दुर्भावनाओं पर नियंत्रण करना भी सिखाती है.

शिक्षा तभी सार्थक होती है जब विपरीत परिस्थिति में भी शिक्षा का सही प्रयोग करके विजय प्राप्त की जाए. व्यक्ति शिक्षा का सदुपयोग कर ना केवल अपना और अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का भला करता है.

स्वामी जी की बातें सुन कर वहां उपस्थित विद्यार्थी एक स्वर में बोले, “स्वामी जी, आज से हम भी शिक्षा ग्रहण कर हर अशिक्षित व्यक्ति को शिक्षित करने का प्रयास करेंगे.

जो गलत और रूढ़िवादी बातें लोगों में भ्रम बनकर फैली हैं, उन्हें दूर करेंगे.”

विद्यर्थियों की बाते सुनकर स्वामी जी बोले, “अगर तुम सब आज से ही ऐसा करना प्रारंभ कर दोगे तो वह दिन दूर नहीं  जब भारत में तकनिकी ज्ञान भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होगा और तकनिकी स्तर पर भी भारत विश्व के सामने नई नजीर पेश करेगा.”

शिक्षा का महत्व हिंदी कविता

importance of education in hindi

पढ़ना है, बढ़ना है, श्रेष्ठ शिक्षा पानी है, गुणवत्ता को लक्ष्य बनाकर, पढ़ते बढ़ते जाना है। दादा जी ने हमें सिखाया, समझदारी से मेहनत करना, आज भी उनकी उन बातों में, देखो कितनी सच्चाई है।

पढ़ना है बढ़ना है, सच्चा इंसान बनना है, अच्छाई का हाथ थामकर, संसार को बदलना है। नए दौर के नए पथों पर, कामयाबी से चलना है, सबको खुश कर देना है, पढ़ना है बढ़ना है।

शिक्षा जो सम्मीलित और समावेशी, उम्र भर सिखने की हो दूरंदेशी, न्यायसंगत न्यायोजित रहना है, ऐसी शिक्षा प्रणाली बढ़ाना है, पढ़ना है, बढ़ना है।

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खोजो सिक्षा से विन्मुख, दूर दराज में कोई बच्चे , उन्हें साक्षर करना है, गुणवत्ता के साथ, कौशल्य भी निखारना है, पढ़ना है, बढ़ना है।

सिक्षा ये वो दीपस्तंभ है, दिशाहीन जो नहीं समझता, हर किसी की अपनी नौका, संसार सागर तरना है, पढ़ना है, बढ़ना है।

ऐसी शिक्षा सपना हमारा, जो माध्यमिक तक मुफ्त मिले, सबको सब जगह मिले, शिक्षा दर्जेदार मिले। शिक्षा सिर्फ स्कूलों में नहीं, जीवन से भी मिलती शिक्षा, अनंत विराट ना खत्म हो, ऐसे रत्न भंडार है शिक्षा, उसे हासिल करना है, पढ़ना है, बढ़ना है।

शिक्षा प्रणाली में तरक्की हो, ये भी हमें देखना होगा, नवाचार के परिणामों को, समय समय पर जांचना होगा। समुचित नवीनतम जानकारी हो, संगणक मॉडलिंग का साथ हो। तन में निर्णय की क्षमता हो, और मन में शिक्षा का ध्यास हो। ऐसी श्रेष्ठतम शिक्षा, गाँव गाँव में लानी है, पढना है, बढ़ना है।

अब हर कोई देखो शिक्षित हो , बच्चे माँ से दीक्षित हो। दूर दराज में प्रतिभा चमके, आत्मविश्वास मन में दमके, ऐसी शिक्षा दीप्तीमान हो।

शिक्षा समझ देती है गुणों की, अवगुणों को रोके शिक्षा। महानता के क्षितिज परे भी, देख सकती है ये शिक्षा। उससे कदम मिलाने हैं, पढ़ना है बढ़ना है।

शिक्षा से मिलता सम्मान, शिक्षा से होता है ज्ञान, शिक्षा जो अधिकार सिखलाती, कर्तव्यबोध, विवेक जगाती, सुसंगती उससे धरनी है, पढ़ना है बढ़ना है।

शिक्षा लोगो के मस्तिष्क को उच्च स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है और समाज में लोगो के बीच सभी भेदभाव को मिटाने में मदद करती है। यह हमारे जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ बूझ को विकसित करती है। यह सभी देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में भी हमारी सहायता करता है। इसलिए शिक्षा को हमेशा अपने जीवन में सबसे ऊपर रखे और लगन के साथ पढ़ लिखकर अपने नाम रोशन करे।

दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको यह शिक्षा का महत्व ( importance of education ) समझ में आया होगा, अगर आपको यह पसंद आया हो तो कमेंट कर के ज़रूर बताएं।

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शिक्षा पर निबंध 100, 150, 200, 250, 500 शब्दों मे (Education Essay in Hindi)

importance of education school speech in hindi

Education Essay in Hindi – नेल्सन मंडेला ने ठीक ही कहा था, “दुनिया को बदलने के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण हथियार है।” शिक्षा एक व्यक्ति के विकास और उसे एक जानकार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह शिक्षा ही है जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है, सामाजिक बुराइयों को दबाने में मदद करती है और समग्र रूप से समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देती है।

शिक्षा प्रकृति के रहस्य को जानने में मदद करती है। यह हमें हमारे समाज के कामकाज को समझने और सुधारने में सक्षम बनाता है। यह बेहतर जीवन के लिए परिस्थितियाँ बनाता है। शिक्षा समाज में हो रहे अन्याय से लड़ने की क्षमता लाती है। प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार है।

परिचय (Introduction)

शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है जो ज्ञान, कौशल, तकनीक, सूचना प्रदान करती है और लोगों को अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को जानने में सक्षम बनाती है। आप हमारे आसपास की दुनिया को देखने के लिए अपनी दृष्टि और दृष्टिकोण का विस्तार कर सकते हैं। यह जीवन के प्रति हमारी धारणा को बदल देता है। शिक्षा आपकी रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए नई चीजों का पता लगाने की क्षमता का निर्माण करती है। आपकी रचनात्मकता राष्ट्र को विकसित करने का एक उपकरण है।

शिक्षा पर निबंध 10 लाइन (Education Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) शिक्षा वह प्रक्रिया है जो किसी के चरित्र को सीखने, ज्ञान और कौशल प्राप्त करने में सहायता करती है।
  • 2) शिक्षा समाज की सोच को उन्नत करती है और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में मदद करती है।
  • 3) यह समाज की असमानताओं से लड़कर देश के समान विकास में मदद करता है।
  • 4) हम शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान गतिविधियों आदि जैसे विभिन्न तरीकों से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
  • 5) कहानी सुनाना शिक्षा का एक तरीका है जो ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाने में मदद करता है।
  • 6) गुरुकुल प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली थी जब छात्र गुरुओं के साथ रहकर सीखते थे।
  • 7) शिक्षा का अधिकार अधिनियम शिक्षा को हर बच्चे का मौलिक अधिकार बनाता है।
  • 8) शिक्षा आजीविका कमाने और हमारे मूल अधिकारों के लिए लड़ने में मदद करती है।
  • 9) शिक्षा अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटने में मदद करती है।
  • 10) आय में वृद्धि और गरीबी को कम करके शिक्षा भी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

शिक्षा पर निबंध 20 लाइन (Education Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) शिक्षा ज्ञान प्रदान करने, तार्किक दृष्टिकोण विकसित करने और व्यक्ति की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है।
  • 2) शिक्षित नागरिकों वाले देश में हमेशा तार्किक सोच और विचारों वाले लोग होंगे।
  • 3) लोकतांत्रिक देशों में शिक्षा सही सरकार चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • 4) शिक्षा व्यक्ति के शारीरिक, सामाजिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में मदद करती है।
  • 5) यह एक व्यक्ति के सामाजिक और नैतिक मूल्यों को भी बढ़ाता है और उसे अधिक समझदार, सहिष्णु, सहायक और सहानुभूतिपूर्ण बनाता है।
  • 6) यह कठोर शिक्षा और विकास के माध्यम से किसी व्यक्ति के व्यवहार को संशोधित और बढ़ाता है।
  • 7) शिक्षा गरीबी उन्मूलन और समाज में समानता लाने में मदद करती है।
  • 8) यह किसी देश के नागरिकों की निर्णय लेने की क्षमता को एक बौद्धिक चैनल देने का एक तरीका है।
  • 9) कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में विकास शिक्षा के कारण ही संभव है।
  • 10) शिक्षा बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करती है ताकि वे विकास में अपना योगदान दे सकें।
  • 11) शिक्षा व्यक्ति को सामाजिक, वित्तीय और बौद्धिक पहलुओं में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाती है।
  • 12) प्राचीन भारत में शिक्षा सभी के लिए थी, लेकिन यह जाति और कर्तव्यों के आधार पर उपलब्ध हो गई।
  • 13) नालंदा और तक्षशिला प्राचीन काल के सबसे प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान थे।
  • 14) शिक्षा को कोई चुरा नहीं सकता, इसलिए यह हमेशा हमारे पास रहती है और कभी बेकार नहीं जाती।
  • 15) भारत में मुख्य रूप से तीन प्रकार के स्कूल हैं जैसे सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूल और निजी स्कूल।
  • 16) भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में उड़ान, सक्षम, प्रगति आदि जैसे विभिन्न पहलों की शुरुआत की है।
  • 17) इन पहलों ने भारत में शिक्षा की स्थिति और गुणवत्ता में सुधार करने में प्रमुख रूप से मदद की है।
  • 18) विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास ने शिक्षा प्राप्त करने के तरीके को भी बदल दिया है।
  • 19) आजकल, शिक्षा प्रदान करने के लिए ई-लर्निंग, वीडियो-आधारित शिक्षा आदि जैसी विभिन्न तकनीकें और तरीके हैं।
  • 20) शिक्षा हमेशा मानव जाति के लिए प्रेरक शक्ति रही है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • My School Essay
  • Importance Of Education Essay

शिक्षा पर लघु पैराग्राफ (Short Paragraphs on Education in Hindi)

शिक्षा मानव जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। हम सभी शिक्षित होने के पात्र हैं। यह हमारा मानवीय अधिकार है। लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जिनके पास शिक्षा प्राप्त करने का उचित अवसर नहीं है। इसके पीछे मुख्य कारण गरीबी है। इनमें ज्यादातर बाल मजदूरी से जुड़े हैं। माता-पिता को इस मुद्दे पर जागरूक होने की जरूरत है। आपको इस उम्र में अपने बच्चों को काम नहीं करने देना चाहिए। वे स्कूल जाने के योग्य हैं; अन्यथा, वे देश के लिए एक खतरनाक व्यक्ति हो सकते हैं। हम सभी को सभी के लिए शिक्षा अभियान पर अपनी आवाज बुलंद करने की जरूरत है। यह वास्तव में महत्वपूर्ण है।

शिक्षा पर निबंध 100 शब्दों मे (Education Essay 100 Words in Hindi)

सबसे पहले शिक्षा किसी को भी पढ़ने लिखने की क्षमता देती है। जीवन में आगे बढ़ने और सफल होने के लिए एक अच्छी शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में सहायता मिलती है। शिक्षा हमारे जीवन में एक बड़ी भूमिका निभाती है। शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा जैसे 3 भागों में विभाजित किया गया है। शिक्षा के इन तीनों विभागों का अपना मूल्य और लाभ है। प्राथमिक शिक्षा व्यक्ति के लिए शिक्षा का आधार है, माध्यमिक शिक्षा आगे की शिक्षा के लिए दिशा प्रदान करती है और उच्च माध्यमिक शिक्षा भविष्य और जीवन का अंतिम मार्ग बनाती है।

शिक्षा पर निबंध 150 शब्दों मे (Education Essay 150 Words in Hindi)

शिक्षा जीवन में बढ़ने और कुछ महत्वपूर्ण समझने का एक बहुत शक्तिशाली माध्यम है। मनुष्य के जीवन में कठिन जीवन की कठिनाइयों को कम करने में शिक्षा का बहुत लाभ होता है। शिक्षा युग के माध्यम से प्राप्त विशेषज्ञता हर किसी को अपने जीवन के बारे में प्रोत्साहित करती है। शिक्षा कैरियर के विकास में सुधार के लिए जीवन में अधिक वास्तविक संभावनाएं प्राप्त करने की संभावनाओं के लिए कई दरवाजों में प्रवेश करने का एक तरीका है। सरकार विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और हमारे जीवन में इसके लाभों के बारे में सभी को शिक्षित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की व्यवस्था भी कर रही है। शिक्षा समाज में सभी के बीच समानता का ज्ञान प्रदान करती है और राष्ट्र के विकास और सुधार को प्रोत्साहित करती है।

इस आधुनिक तकनीक आधारित युग में, शिक्षा हमारे जीवन में एक सर्वोच्च भूमिका निभाती है। और इस युग में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कितने ही तरीके हैं। शिक्षा का पूरा मानदंड अब आधुनिक हो चुका है। और शिक्षा किसी के भी जीवन पर एक बड़ा प्रभाव डालती है।

शिक्षा पर निबंध 200 शब्दों मे (Education Essay 200 Words in Hindi)

हर बच्चे का जीवन में कुछ अनोखा करने का अपना नजरिया होता है। कभी-कभी माता-पिता भी अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस या पीसीएस अधिकारी, या किसी अन्य उच्च-स्तरीय पेशे जैसे उच्च व्यवसायों में होने का सपना देखते हैं। बच्चों या माता-पिता के ऐसे सभी लक्ष्यों को शिक्षा द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है।

इस प्रतिस्पर्धी युग में, जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी के पास अच्छी शिक्षा और अच्छा ज्ञान होना चाहिए। शिक्षा न केवल अच्छी नौकरी देती है बल्कि जीवन को नए नजरिए से समझने की क्षमता भी बढ़ाती है। सभ्य शिक्षा जीवन में आगे बढ़ने के कई रास्ते बनाती है। यह हमारे विशेषज्ञता स्तर, तकनीकी क्षमताओं और उत्कृष्ट कार्य में सुधार करके हमें बौद्धिक और नैतिक रूप से शक्तिशाली बनाता है।

साथ ही, कुछ बच्चे अन्य क्षेत्रों जैसे खेल, नृत्य, संगीत, और भी बहुत कुछ में रुचि रखते हैं, वे अपनी संबंधित डिग्री, अनुभव, प्रतिभा और भावना के साथ अपनी अतिरिक्त शिक्षा कर सकते हैं। भारत में, शिक्षा के विभिन्न बोर्ड उपलब्ध हैं जैसे राज्यवार बोर्ड (गुजरात बोर्ड, यूपी बोर्ड, आदि), आईसीएसई बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आदि। और शिक्षा विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है जैसे कि एक बच्चा अपनी मातृभाषा में पढ़ सकता है या हिंदी माध्यम में या अंग्रेजी माध्यम में, बोर्ड या भाषा का चयन करना माता-पिता या बच्चे की पसंद है। यह वह उम्र है जहां शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और इसकी मदद से कोई भी अपने जीवन को बेहतर तरीके से बदल सकता है।

शिक्षा पर निबंध 250 शब्दों मे (Education Essay 250 Words in Hindi)

शिक्षा पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक स्वस्थ और स्मार्ट समाज के विकास में दोनों की एक आवश्यक भूमिका है। शिक्षा एक शानदार भविष्य देने का एक आवश्यक तरीका है और साथ ही राष्ट्र के विकास और सुधार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राष्ट्र के बेहतर भविष्य और प्रगति के लिए राष्ट्र के नागरिक जिम्मेदार हैं।

अत्यधिक शिक्षित नागरिक एक विकसित राष्ट्र की नींव बनाते हैं। इसलिए, सभ्य शिक्षा व्यक्ति और राष्ट्र दोनों के लिए एक शानदार कल का निर्माण करती है। शिक्षित निर्देशक ही देश को बनाते हैं और उसे समृद्धि और विकास के शीर्ष पर ले जाते हैं। शिक्षा सभी को प्रतिभाशाली और यथासंभव उत्कृष्ट बनाती है।

एक विश्वसनीय शिक्षा जीवन के लिए कई उद्देश्य प्रदान करती है जैसे व्यक्तिगत सुधार, सामाजिक स्थिति में वृद्धि, सामाजिक कल्याण में विकास, वित्तीय विकास, देश की समृद्धि, जीवन के उद्देश्यों की स्थापना, हमें कई सामाजिक सरोकारों से अवगत कराना और पेशकश करने के लिए परिस्थितियों का निर्धारण करना। किसी भी मुद्दे और अन्य प्रासंगिक मामलों के लिए सर्वोत्तम समाधान।

आजकल, हर कोई आधुनिक तकनीक आधारित प्लेटफॉर्म का उपयोग करके शिक्षा प्राप्त कर सकता है, और इसके लिए विभिन्न दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं। और इस तरह की आधुनिक शिक्षा प्रणाली विभिन्न जातियों, धर्मों और जातियों में से प्रत्येक के बीच अशिक्षा और असमानता की सामाजिक समस्याओं पर चर्चा करने में पूरी तरह से कुशल है।

शिक्षा बड़े पैमाने पर लोगों की रचनात्मकता का विस्तार करती है और राष्ट्र में सभी विविधताओं को दूर करने के लिए उन्हें लाभान्वित करती है। यह हमें ठीक से अध्ययन करने और जीवन के हर चरण को जानने की अनुमति देता है। शिक्षा सभी मानवीय स्वतंत्रताओं, सामाजिक स्वतंत्रताओं, उत्तरदायित्वों और राष्ट्र के प्रति दायित्वों को जानने का बोध कराती है। संक्षेप में, शिक्षा में किसी राष्ट्र को सर्वोत्तम तरीके से सुधारने की शक्ति है।

शिक्षा पर निबंध 500 शब्दों मे (Education Essay 500 Words in Hindi)

शिक्षा एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हर किसी के जीवन में बहुत उपयोगी है। शिक्षा वह है जो हमें पृथ्वी पर अन्य जीवित प्राणियों से अलग करती है। यह मनुष्य को पृथ्वी का सबसे चतुर प्राणी बनाता है। यह मनुष्यों को सशक्त बनाता है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का कुशलतापूर्वक सामना करने के लिए तैयार करता है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि शिक्षा अभी भी हमारे देश में एक विलासिता है और एक आवश्यकता नहीं है। शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए देश भर में शैक्षिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लेकिन, यह पहले शिक्षा के महत्व का विश्लेषण किए बिना अधूरा रहता है। केवल जब लोग यह महसूस करते हैं कि इसका क्या महत्व है, तभी वे इसे अच्छे जीवन के लिए आवश्यक मान सकते हैं। शिक्षा पर इस निबंध में, हम शिक्षा के महत्व और कैसे यह सफलता का द्वार है, देखेंगे।

शिक्षा का महत्त्व

शिक्षा गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। इसके अलावा, यह वाणिज्यिक परिदृश्य को बढ़ाता है और देश को समग्र रूप से लाभान्वित करता है। अतः किसी देश में शिक्षा का स्तर जितना ऊँचा होगा, विकास की सम्भावनाएँ उतनी ही अधिक होंगी।

इसके अतिरिक्त, यह शिक्षा व्यक्ति को विभिन्न प्रकार से लाभ भी पहुँचाती है। यह एक व्यक्ति को अपने ज्ञान के उपयोग के साथ बेहतर और सूचित निर्णय लेने में मदद करता है। इससे व्यक्ति के जीवन में सफलता दर बढ़ती है।

इसके बाद, शिक्षा एक उन्नत जीवन शैली प्रदान करने के लिए भी जिम्मेदार है। यह आपको करियर के अवसर प्रदान करता है जो आपके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है।

इसी प्रकार शिक्षा भी व्यक्ति को स्वावलम्बी बनाने में सहायक होती है। जब कोई पर्याप्त शिक्षित होगा, तो उसे अपनी आजीविका के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वे अपने लिए कमाने और एक अच्छा जीवन जीने के लिए आत्मनिर्भर होंगे।

इन सबसे ऊपर, शिक्षा व्यक्ति के आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है और उन्हें जीवन में कुछ निश्चित बनाती है। जब हम देशों के दृष्टिकोण से बात करते हैं, तब भी शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षित लोग देश के बेहतर उम्मीदवार को वोट देते हैं। यह एक राष्ट्र के विकास और विकास को सुनिश्चित करता है।

सफलता का द्वार

यह कहना कि शिक्षा आपकी सफलता का द्वार है एक अल्पमत होगा। यह कुंजी के रूप में कार्य करता है जो कई दरवाजे खोल देगा जो सफलता की ओर ले जाएगा। बदले में, यह आपको अपने लिए एक बेहतर जीवन बनाने में मदद करेगा।

एक शिक्षित व्यक्ति के पास दरवाजे के दूसरी तरफ नौकरी के बहुत सारे अवसर होते हैं। वे विभिन्न प्रकार के विकल्पों में से चुन सकते हैं और वे कुछ नापसंद करने के लिए बाध्य नहीं होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षा हमारी धारणा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। यह हमें सही रास्ता चुनने और चीजों को सिर्फ एक के बजाय विभिन्न दृष्टिकोणों से देखने में मदद करता है।

शिक्षा से आप अपनी उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और एक अशिक्षित व्यक्ति की तुलना में किसी कार्य को बेहतर ढंग से पूरा कर सकते हैं। हालांकि, हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केवल शिक्षा ही सफलता सुनिश्चित नहीं करती है।

यह सफलता का द्वार है जिसके लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और बहुत कुछ की आवश्यकता होती है जिसके बाद आप इसे सफलतापूर्वक खोल सकते हैं। ये सभी चीजें मिलकर आपको जीवन में सफल बनाएंगी।

अंत में, शिक्षा आपको एक बेहतर इंसान बनाती है और आपको विभिन्न कौशल सिखाती है। यह आपकी बुद्धि और तर्कसंगत निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है। यह किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास को बढ़ाता है।

शिक्षा किसी देश के आर्थिक विकास में भी सुधार करती है। इन सबसे ऊपर, यह किसी देश के नागरिकों के लिए एक बेहतर समाज के निर्माण में सहायता करता है। यह अज्ञानता के अंधकार को नष्ट करने और दुनिया में प्रकाश लाने में मदद करता है।

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  • Climate Change Essay

शिक्षा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 शिक्षा क्यों महत्वपूर्ण है.

A.1 शिक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक व्यक्ति के समग्र विकास के लिए जिम्मेदार है। यह आपको कौशल हासिल करने में मदद करता है जो जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक हैं।

Q.2 शिक्षा सफलता के द्वार के रूप में कैसे काम करती है?

A.2 शिक्षा सफलता का द्वार है क्योंकि यह आपको नौकरी के अवसर प्रदान करती है। इसके अलावा, यह जीवन की हमारी धारणा को बदलता है और इसे बेहतर बनाता है।

importance of education in hindi शिक्षा का महत्व (shiksha ka mahatva)

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शिक्षा का महत्व (importance of education) (shiksha ka mahatva) 

शिक्षा, मानव विकास का नाम है। मानव का विकास अनेक प्रक्रियाओं से तथा अवस्थाओं से होता है। इन अवस्थाओं में बालक स्वाभाविक रूप से विकसित होता है पर कुशल माली की तरह शिक्षक उसका संशोधन करता है। यह संशोधन उसमें मानवीय गुणों का विकास करता है।

‌शिक्षा के तत्व हैं – अध्यापक, छात्र कैसे और क्या। शिक्षा में इन चारों का समन्वय किया जाता है। अध्यापक अपने पूर्व अनुभव तथा अर्जित ज्ञान के द्वारा छात्रों को नवीन अनुभव प्रदान करता है और उनके भावी जीवन का निर्माण उसी आधार पर करता है। शिक्षा का अर्थ ही ज्ञानार्जन द्वारा संस्कारों अथवा व्यवहारों का निर्माण करना है। मानव अपने अनुभव से सदैव ही कुछ न कुछ सीखता रहा है। प्राचीन काल में मानव आपने बालकों को शिकार करने, पशुपालन एवं खेती की शिक्षा देता रहा है, उसका स्वरूप भरे ही कुछ भी रहा हो, समाज के विकास के साथ-साथ शिक्षा के वीडियो में भी परिवर्तन होता गया। शिक्षा के उद्देश्य कार्यक्षेत्र, प्रसार एवं नवीन मान्यताएं देश काल तथा परिस्थितियों के अनुसार भिन्न भिन्न रहे हैं। एक समय था जब स्पार्टा तथा एथेंस में शारीरिक शक्ति का विकास ही शिक्षा का धैर्य समझा जाता था। प्राचीन काल में शिक्षा का लक्ष्य बच्चों की शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तियों का विकास करना था। इस प्रकार शिक्षा का महत्व में व्यापक होता है।

१.व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में शिक्षा का महत्व (Importance of education in all round development of an individual) :-

आज व्यक्ति जिस मुकाम पर पहुंचा है वह शिक्षा के बलबूते ही पहुंचा है क्योंकि शिक्षा व्यक्ति को इस काबिल बनाता है जिससे व्यक्ति का संपूर्ण या सर्वांगीण विकास हो सके। शिक्षा कभी भी विनाश की ओर किसी भी मनुष्य को नहीं लेकर गया है। मानव के अंदर ही कुछ ऐसी शक्तियां होती है जो उसके अंदर से बाहर निकलते हैं सीधे तौर पर कह सकते हैं कि सीखने की प्रक्रिया को ही शिक्षा कहा जाता है व्यक्ति जो कुछ भी सोचता समझता और करता है वह शिक्षा के बदौलत ही करता है शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक होता है। शिक्षा के बिना मनुष्य मनुष्य नहीं बल्कि एक पशु के समान हैं।

२. नैतिक विकास में शिक्षा का महत्व (Importance of education in moral development): 

नैतिक यानी कि अच्छे विचार। जो एक व्यक्ति के अंदर शिक्षा के माध्यम से ही पनपता है जब बच्चा जन्म लेता है तब उनके अंदर नैतिकता जीरो होता है जैसे-जैसे वह बड़ा होते जाता है तथा समाज से घुलता मिलता है वह समाज को तथा अपने परिवार को समझने लगता है एक परिवार का बच्चा अच्छे नैतिकता वाले परिवार से संबंधित रखता है तो उनके अंदर उसी प्रकार के नैतिकता का विकास होता है सीधे रूप में कहा जाए तो शिक्षा के द्वारा ही एक बालक या बलिका अपने अंदर नैतिक विकास करता है इसलिए जैसे बालक का लालन पालन एवं गुण-अवगुण की शिक्षा दी जाती है वैसे ही बालक का स्वभाव भी होता है आज आधुनिक युग में नैतिक शिक्षा बस एक स्कूली शिक्षा तक ही सीमित रह गया है। प्राचीन काल में जिस प्रकार का नैतिक शिक्षा दिया जाता था। आज उस प्रकार की नैतिक शिक्षा गिने चुने ही दिखाई देता है बच्चे बड़ों का आदर, सम्मान करना भूल चुके हैं वह अपने जीवन में ही सीमित रह गए हैं अतः स्कूल के साथ-साथ बच्चों को अपने परिवार में भी नैतिक शिक्षा देनी चाहिए।

३. जीविकोपार्जन में सहायक (Helpful in life subsistence): 

आज किसे रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता नहीं है इनके बिना व्यक्ति का जीवन नरक के समान हैं इन जरूरतों का भरमाल शिक्षा करता है। हालांकि मजदूर या किसान जो कम पढ़े लिखे होते हैं उन्हें भी शिक्षा की आवश्यकता होती है जिससे अपनी जीविकोपार्जन को बढ़ा सकें। एक किसान खेती करने से पहले खेती के बारे में जाने ना और समझने का प्रयास करता है ताकि उनकी खेती उत्तम किस्म की हो। किसान चाहे किसी से पूछता है या किसी से सुनता है यानी कि एक प्रकार का शिक्षा ही ग्रहण करता है बालक या बालिका को शिक्षा इसलिए दी जाती है कि अपने जीविकोपार्जन कुछ सही ढंग से बढ़ा सकें। एक शिक्षित व्यक्ति किसी भी तरह से जीविकोपार्जन कर सकता है। अपनी जरूरतों को अपनी बुद्धि माता के बलबूते पूरा करता है अतः शिक्षा का महत्व जीविकोपार्जन में सहायक है।

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४. नई-नई खोज में सहायक(Helpful in new discovery) :

मानव एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहकर अपनी जरूरतों को पहचान कर उसकी निर्माण या आविष्कार करता है। मनुष्य अपनी आवश्यकता अनुसार अनेक चीजों का निर्माण करता है जिससे मानव को उससे फायदा हो सके। आज शिक्षा इतनी मजबूत हो गया है कि छोटे से छोटे बच्चे भी देश एवं समाज के बारे में सोचने लगा है इन्हीं सभी का विकास स्कूल करता है उनके अंदर की सोच को बाहर निकालना स्कूल का काम है अतः बालक के अंदर छिपे शक्तियों को बाहर निकालना एवं नए-नए खोज में सहायता करना स्कूल का काम है स्कूल से ही हम बहुत कुछ सीखते हैं। नये-नये खोज एवं अविष्कार में शिक्षक काफी मददगार होती है।

५. बालक में नागरिकता की भावना का विकास करने में शिक्षा का महत्व(Importance of education in developing a sense of citizenship in the child) : 

 नागरिकता की भावना का विकास करने हेतु सर्वप्रथम छात्रों के अंदर अच्छी आदतों का विकास करना, उनमें नेतृत्व की क्षमता का विकास करना आवश्यक होता है और ये सभी बालक के अंदर शिक्षा के माध्यम से प्रदान किया जा सकता है। तभी वे देश के लिए सुयोग्य नागरिक सिद्ध हो सकेंगे तथा देश की प्रगति को एक निश्चित दिशा प्रदान कर सकेंगे और ये सभी अच्छी शिक्षा के माध्यम से ही पूरा हो सकता है।

६. बालक की चिंतन शक्ति का विकास करना(develop child’s thinking power) :-

जो कुछ भी स्कूल बालक के लिए कर सकता है या उसे करना चाहिए वह है उसमें विचार करने की योग्यता उत्पन्न करना। अतः बालक में अंतर्निहित क्षमताओं के विकास हेतु उसकी चिंतन शक्ति का विकास आवश्यक है। एक अच्छी शिक्षा बालक की सोच उनके चिंतन शक्तियों को बढ़ाने में मदद करती हैं अतः बालक को हमें ऐसी शिक्षा प्रदान करनी चाहिए जिससे कि उनके अंदर की शक्तियां बाहर आ सके और देश तथा समाज को मदद मिल सके।

इसे भी पढ़ें:  शिक्षा का उद्देश्य (shiksha ka uddeshya) aims of education

७. सामाजिक बुराइयों का अंत करने में शिक्षा का महत्व(Importance of education in ending social evils):

भारत में रूढ़िवाद एवं अंधविश्वास के कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हुई, जिनमें प्रमुख हैं बाल विवाह , पर्दा प्रथा, विधवा पुनर्विवाह निषेध, स्त्रियों का नीचे स्तर आदि। ये समस्याएं हमेशा राष्ट्रीय प्रगति में बाधक होती हैं। अतः आज उचित शिक्षा के उद्देश्यों द्वारा ऐसे समाज का पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता है  जिससे इस प्रकार के बुराइयां समाप्त हो जाए। इसलिए स्कूली शिक्षा में बच्चों को नैतिक शिक्षा भी दी जाती है ताकि बच्चों के अंदर इस प्रकार की बुराइयां हावी ना हो सके।

८. गरीबी व बेरोजगारी को दूर करने में शिक्षा का महत्व(Importance of education in eradicating poverty and unemployment):

भारत देश में जहां गरीबी व बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, हमेशा शिक्षा का प्रारूप इस प्रकार का बनाना होगा कि वह गरीबी के स्तर से ऊंचा उठ सके वह उसे व्यवसाय प्राप्ति में सहयोग दे सकें ताकि बच्चे शिक्षा के महत्व को समझ कर शिक्षा ग्रहण करने को तत्पर हो सके।

९. आधुनिकरण की प्रक्रिया को तीव्र करने में शिक्षा का महत्व(Importance of education in accelerating the process of modernization):

आज विज्ञान और तकनीक की दौड़ में हम भारतीय अमेरिका , इंग्लैण्ड, फ्रांस आदि विकसित देशों से पीछे हैं। अतः यदि हम विश्व समाज में अपने स्तर को बनाए रखना चाहते हैं तो हमें आधुनिकरण के दौड़ में आगे बढ़ना होगा तथा विज्ञान के विकास हेतु अपनी शिक्षा प्रक्रिया में बदलाव लाना होगा। देश के आधुनिकरण के लिए आवश्यकता के अनुसार तीव्र परिवर्तन केवल शिक्षा के द्वारा ही संभव है। अतः शिक्षा का महत्व आधुनिकरण भी है।

१०. उत्पादन शक्ति व आर्थिक कुशलता में वृद्धि करने में शिक्षा का महत्व(Importance of education in increasing production power and economic efficiency):

आज हमारे देश में जनसंख्या जिस तेजी से बढ़ रही है, उस तेजी से उत्पादन नहीं बढ़ रहा है। राष्ट्र की समृद्धि के लिए यह आवश्यक है कि बड़े पैमाने पर उत्पादन में वृद्धि हो। जिन वस्तुओं को हम विदेशों से आयत कर रहे हैं, उन वस्तुओं का उत्पादन भी अपने देश में बढ़ाना होगा। अतः शिक्षा के उद्देश्य में उत्पादन में वृद्धि करना भी एक प्रमुख उद्देश्य है। आर्थिक कुशलता में वृद्धि हेतु विश्वविद्यालयों , महाविद्यालयों तथा अन्य व्यवसायिक विद्यालयों में नए व्यवसाय पाठ्यक्रम चलाए जाने चाहिए ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रयोग देश की उत्पादन शक्ति को बढ़ाने में कर सकें।

इसे भी पढ़ें:  शिक्षा का अर्थ ( shiksha ka arth ) शिक्षा की अवधारणा (Concept of education)

११. राष्ट्रीय एकता की भावना उत्पन्न करने में शिक्षा का महत्व(Importance of education in creating a sense of national integration):

राष्ट्र के पुनर्निर्माण सेतु राष्ट्रीय एकता का होना आवश्यक है। एकता के अभाव में राष्ट्रीय दुर्बल व प्रभावहीन हो जाता है। अतः राष्ट्रीय एकता के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए शिक्षा द्वारा प्रत्येक नागरिक में देश प्रेम की भावना का विकास करना अत्यंत महत्व पूर्ण होता है।

१३. जन शिक्षा के प्रसार में शिक्षा का महत्व(Importance of education in the spread of mass education):

यदि हम समाज में वास्तव में उन्नति लाना चाहते हैं तो हमें जनसाधारण तक शिक्षा को पहुंचाना होगा। इसके लिए हमें शिक्षा को निःशुल्क एवं सर्वभौमिक बनाना होगा। सभी को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करना होगा तथा जन साक्षरता का कार्यक्रम भी आयोजित करना होगा तभी हम जन जनसाधारण के उन्नति में मदद कर पाएंगे और ये सिर्फ और सिर्फ शिक्षा के माध्यम से ही पूरा हो सकेगा।

1 thought on “importance of education in hindi शिक्षा का महत्व (shiksha ka mahatva)”

Very good and informative article thanks for sharing with all of us.

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importance of education school speech in hindi

Unlocking the Power of Education: Inspiring Speech on the Importance of Education in Hindi Language

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Speech On Education In Hindi Language

The Importance of Education in Hindi Language

Education as a tool for empowerment, education and its impact on personal growth, education and its role in social development, the role of education in shaping the future, overcoming challenges in accessing education in hindi-speaking regions, inspiring stories of individuals who have achieved success through education, promoting education in hindi language: initiatives and organizations, conclusion: embracing the power of education in hindi language.

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भारतीय शिक्षा प्रणाली पर भाषण

वैसे इन दिनो भारतीय शिक्षा प्रणाली पर काफी चर्चा होती है, क्योंकि हमारे केंद्रीय शिक्षा मंत्री और सरकार द्वारा हमारे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करके और भी ज्यादे विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारे शिक्षा प्रणाली को ऐसा बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे छात्र बुनियादी शिक्षा और चीजो से लेकर आधुनिक चीजो तक को सीख सके, लेकिन फिर भी हमें अभी काफी लम्बा सफर तय करना है। इसीलिए जरुरत के अवसरो पर आप भी भारतीय शिक्षा प्रणाली के इस विषय पर भाषण देकर अपने विचार व्यक्त कर सकते है।

भारतीय शिक्षा प्रणाली पर लम्बे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on Indian Education System in Hindi)

देवियों और सज्जनो आप सभी का आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

जैसा कि आप सब जानते है कि आज हम यहा भारतीय शिक्षा प्रणाली पर चर्चा करने के लिए इकठ्ठा हुए है, इसके साथ ही हमें इस बात पर भी गौर करने की आवश्यकता है कि आखिर इतने संख्या में छात्र पढ़ने के लिए विदेश क्यो जा रहे हैं। यह बात तो हम सब ही जानते है कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली हमारी स्वंय की बनायी हुई नही है, बल्कि की यह पश्चिमी शिक्षा प्रणाली पर आधारित है। अगर हम इसकी और गहनता से जांच करते है तो पता चलता है कि आधुनिक भारतीय शिक्षा प्रणाली का आगमन भारत में अंग्रेजो के साथ आयी क्रिश्चियन मिशनरियों द्वारा हुआ था। इन क्रिश्चियन मिशनरियों ने कई तरह के विद्यालयों की स्थापना की और धर्म निरपेक्ष गतिविधियों को बढ़ावा दिने के साथ ही भारतवासियों का ईसाई धर्म के प्रति झुकाव बढ़ाया।

अगर हम भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली के उपर गौर करते है तो हम पाते है कि यह गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर आधारित थी, जिसकी बुनियाद गुरु जिन्हे आज हम शिक्षक के रुप में जानते है और शिष्य या विद्यार्थी के प्रत्यक्ष संबधो पर आधारित थी। इस तरह की शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत एक दृढ़ जीवन और अनुशासित जीवन जीने के साथ वैदिक साहित्य का ज्ञान प्राप्त करना होता था। यह शिक्षा प्रणाली ज्यादेतर दर्शन, धर्मशास्त्र और भाषा विज्ञान के ज्ञानार्जन को समर्पित थी। हम कह सकते है कि यह एक ऐसी समावेशी शिक्षा प्रणाली थी, जो आध्यात्मिकता और दर्शन से लेकर युद्ध के विषय में और अच्छे नैतिकता के साथ स्वस्थ जीवनशैली पर भी जोर देती थी।

हालांकि यह शिक्षा प्रणाली वर्ण व्यवस्था के आधार पर बंटी हुई थी तथा औरतो और शूद्रो दोनो को ही शिक्षा व्यवस्था और व्यावसायिक विषयो के ज्ञान से वंचित रखा गया था। इसके पश्चात हम देखते है कि मध्यकालीन भारत में मदरसा शिक्षा प्रणाली का उदय हुआ और इस समयकाल के दौरान इसने अपना प्रभुत्व स्थापित किया। इस तरह के मदरसो और पाठशाला जैसे ज्यादेतर विद्यालयो में क्रमशः मौलवी जोकि मुस्लिम विद्यार्थियो को शिक्षा देते थे और ब्राम्हण जोकि हिन्दू विद्यार्थियों को शिक्षा देते थे, उनके देखरेख में संचालित किया जाता था।

उस अवधि के दौरान लोगों की शिक्षा के प्रति सोच में कोई खास गंभीरता नहीं थी। क्योंकि मुख्य रूप से यह शिक्षा प्रणालियाँ हिंदू और मुस्लिम समुदायों के अपने पारंपरिक दृष्टिकोण पर आधारित थी और इनके द्वारा धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के बजाय दार्शनिक और धार्मिक शिक्षा पर ज्यादे जोर दिया जाता था।

लेकिन हमें यह भी नही भूलना चाहिए कि 17वी शताब्दी के बाद ही पश्चिमि यूरोप में धर्म-निरपेक्ष शिक्षा लोगो के बीच एक बड़ी प्रेरणा का केंद्र बनकर लोकप्रिय हुई तथा इसके बाद 19वी शताब्दी में जाकर वैज्ञानिक ज्ञान लोगो के सामने आया।

जो भी हो लेकिन फिर भी वर्तमान की भारतीय शिक्षा प्रणाली अभेद्य नही है और यह युवाओ को पर्याप्त अवसर और रोजगार देने में विफल साबित हुआ है। हमारी शिक्षा प्रणाली अभी भी मात्र कक्षा शिक्षण तक सीमित है और विद्यार्थियो के प्रयोगिक अनुभव के लिए पर्याप्त उपकरण और संसाधन नही मौजूद है, जिससे जब वह अपनी शिक्षा पूरी करते है तो उन्हे अपनी आजीविका चलाने और रोजगार के लिए काफी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। आज के समय में हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था की जांच-पड़ताल करने की आवश्यकता है, जिससे आज के इस दौर को देखते हुए विद्यार्थियों को तैयार किया जा सके, जिससे वह सही शिक्षा प्राप्त करके धनार्जन कर सके और अपने परिवार पर किसी तरह का बोझ ना बने। बस मैं आप सब से इतना ही कहना चाहता था।

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आप सब का धन्यवाद!

सर्वप्रथम आप सब का यहां पधारने के लिए आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद

मैं आदित्य खरे आज के इस कार्यक्रम में आप सब का मेजबान हुँ, इससे पहले कि मैं भारतीय शिक्षा प्रणाली के विषय में अपना भाषण शुरु करु, आप सब हमारे आज के विशेष अतिथि श्री…….., का आज के इस कार्यक्रम में यहा आने के लिए जोरदार तालियो के साथ स्वागत करे।

देवियों और सज्जनो शायद आप में से कुछ लोगो को नही पता होगा कि हमारे विशेष अतिथि श्री……, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के अध्यक्ष है। शिक्षा के क्षेत्र में इनके उपलब्धियों की प्रशंसा करने के लिए मेरे पास पर्याप्त शब्द नही है। पर फिर भी मैं आपको यह बता दू कि इनके द्वारा भारतीय शिक्षा प्रणाली के दोषो और कमियों को दूर करके इसे बेहतर करने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे है। जिससे शिक्षा का यह द्वार सभी युवाओ के लिए खुल सके और वह इस शिक्षा के असीम भंडार को प्राप्त करके और भी ज्यादे प्रतिभाशाली बन सके।

आज हम यहाँ अपने भारतीय शिक्षा पद्धति का गुणगान करने के लिए नही आये है बल्कि की इस बात पर चर्चा करने के लिए आये है कि आज भी यह विश्वस्तर पर एक बेहतरीन शिक्षा प्रणाली बनने के मामले में बहुत पीछे है। तो आइये आज के अपने शिक्षा प्रणाली के विषय को लेकर चर्चा शुरु करें, जिससे हम इन चुनौतियों और बाधाओं को पार कर सके तथा हमारे छात्रो को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरो पर ज्यादे से ज्यादे लाभ मिले।

मेरा मानना है कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली विद्यार्थियों के उम्मीदो पर खरा उतरने में विफल साबित हुई है, क्योंकि उनकी शिक्षा पूरी होने के बावजूद भी उन्हे रोजगार नही मिल रहा है। इसलिए हम कह सकते है कि हमारे विद्यार्थियों को दि जाने वाली शिक्षा का बाहरी दुनिया में मिलने वाले रोजगार के अवसरो से प्रत्यक्ष रुप से संबंध नही है। जिसके कारणवश विद्यार्थी इस परिस्थिति का सामना नही कर पाते और निराश हो जाते है। हालांकि पिछले कुछ समय से केंद्र तथा राज्य दोनो स्तर के सरकारों द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता से लिया गया है और शिक्षा तथा रोजगार के बीच के इस दूरी को कम करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।

शिक्षा के क्षेत्र में हमारा विकास काफी निराशाजनक रहा है। इसका अंदाजा हम इसी बात से लगा सकते है कि सरकार द्वारा हमारे जीडीपी का मात्र 3.85 प्रतिशत ही शिक्षा के क्षेत्र में खर्च किया जाता है, इसके अलावा लाखो छात्र-छात्राओं को विद्यालय जाने का भी अवसर नही प्राप्त होता है, हालांकि फिर भी पिछले कुछ वर्षो में इस विषय में सुधार देखने को मिला है। आजादी के पश्चात ऐसा माना जाता था कि भारत की शिक्षा प्रणाली में पूर्ण रुप से बदलाव की आवश्यकता है परन्तु वर्तमान समय में इसे तेजी से बदलते शैक्षिक तकनीको और प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है।

जैसा कि पहले देखा गया है कि हमारे की कक्षाओं में दी जाने वाली शिक्षा और बाह्य जगत के रोजगार अवसरो में कोई तालमेंल नही है। इस विषय में विशेषज्ञों द्वारा भारतीय शिक्षा प्रणाली के पाठ्यक्रम और ढांचे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा  है, ताकि इसे समय के अनुसार लोगों की बदलती जरूरतों के अनुरूप बनाया जा सके। जिसके परिणामस्वरूप रोजगार की बेहतर संभावनाओ की उत्पत्ति होगी और हम अपने देश के ‘प्रतिभा-पलायन’ की समस्या पर को भी काबू करने में सफल होंगे। जिससे छात्रो के राष्ट्रीय और व्यक्तिगत दोनो ही प्रकार के हित एक साथ पूरे हो सकेंगे।

हमे इस बात को समझना चाहिए कि हमारे राष्ट्र का भविष्य हमारे युवाओ पर निर्भर करता है, यदि वह सशक्त बनेंगे तो वैश्विक स्तर पर हमारे देश को तरक्की करने और नई उचाईयों को छूने से कोई नही रोक पायेगा। अंत में, मैं अपने आदरणीय मुख्य अतिथि से मंच पर आने और इस विषय में कुछ शब्द कहने का आग्रह करुंगा।

नमस्कार दोस्तो हमारे संस्थान……….. के 51वें वार्षिक शैक्षिक सम्मेलन में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।

मुझे इससे पहले इतनी प्रसन्नता कभी नही हुई, जितनी की आज हमारे संस्थान के 50 वार्षिक सम्मेलन पूरे करने पर हो रही है। यह हमारे इस संस्थान  के वृद्धि का एक साफ संकेत है, क्योंकि इन बीतते वर्षो में हमने सदैव ही शिक्षा में निरंतर सुधार और विद्यार्थियों को ज्ञान तथा कौशल के साथ और अच्छे ढंग से सुसज्जित करने का प्रयास किया है।

इस बार का यह सम्मेलन थोड़ा हट के होने जा रहा है, क्योंकि इस बार हम भारतीय शिक्षा प्रणाली पर चर्चा करने जा रहे है जोकि हर एक व्यक्ति के चिंता का विषय है। यह एक निराशा की बात है कि हमारी भारतीय शिक्षा प्रणाली रंटत विद्या पर आधारित है, जिसमें विद्यार्थियों को किताबो के बोझ के तले दबा दिया जाता है, जिससे की वह अच्छे अंक प्राप्त कर सके और एक अच्छी कंपनी में कोई अच्छी नौकरी पा सके।

लेकिन मैं आपसे पूछना चाहुंगा कि यह किस तरह से निर्णय लेने का एक उचित मानदंड साबित हो सकता है, क्योंकि अंक-पत्रो के नम्बर ही तो सब कुछ नही दर्शाते है। हमें एक छात्र-छात्रा के रचनात्मक क्षमता और योग्यता के अन्य स्तर के आधार पर भी उसका मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। उदहारण के लिए कोई छात्र गणित में अच्छा हो सकता है, वही किसी दूसरे विद्यार्थी का कला के ओर झुकाव हो सकता है और शायद वह एक चित्रकार बनना चाहता हो।

हम सबसे बड़ी गलती तब करते है, जब दो लोगो के बीच में तुलना करना शुरु कर देते है, जोकि अलग-अलग क्षमताओं और कौशल के साथ पैदा हुए है। एक छात्र का सिर्फ पूर्वकल्पित विचारो के आधार पर मूल्यांकन करना जैसे कि वह गणित में अच्छा है या विज्ञान या अंग्रेजी में अच्छा/अच्छी है, नाकि उसके/उसकी रुचि के आधार पर जोकि कीक्रेट, फुटबाल या टेबल टेनिस खेलना या फिर गायन या नृत्य इत्यादि भी हो सकता है। हमे किसी भी विद्यार्थी पर किसी विषय को थोपने वाली प्रवृत्ति को रोकने की आवश्यकता है। इसके साथ ही हमें छात्रो के प्रतिभा को बढ़ाने की आवश्यकता है और इसके लिए हमें उन्हे अच्छा वातावरण मुहैया करवाना होगा तभी विश्वस्तर पर हम अपने देश की गौरवानित कर सकेंगे।

अपने देश के प्रतिभा का उपयोग करने के अलावा समाज के हर जाति, वर्ग, लिंग को शिक्षा प्रदान करना भी काफी जरुरी है। अगर हमारे देश का प्रत्येक नागरिक शिक्षित होगा तो वह दुनिया भर के रहस्यो और चमत्कारो को जान सकेंगे। इस तरीके से हमारे समाज के लोग स्वंय को अंधविश्वास की बेड़ियो, आशंकाओ तथा समाज में फैली हर बुराई की जड़ अर्थात नकरात्मकता से मुक्त करने में सफल होगें। समाज के हर वर्ग को शिक्षित करना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके द्वारा उनके सोचने की क्षमता और बौद्धिक स्तर तेज होगा, जिससे वह हर चीज के पीछे का सही कारण जान पायेंगे और गलत बातो तथा अवधारणओं और शासक वर्ग के झूठे वादो के बहकावो में नही आयेंगे। अगर संक्षिप्त में कहे तो यह उन्हे सुसंस्कृत और सभ्य के साथ ही यह उन्हे गौरवानित राष्ट्र का एक अच्छा नागरिक भी बनायेगा।

अब मैं अपने श्रोताओ से आग्रह करुंगा कि वह इस विषय पर मुक्त रुप से हमसे अपने विचार और चिंताए व्यक्त करे। मेरी इन बातो को इतनी धैर्यतापूर्वक सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

आप सभी को आज के इस दिन की हार्दिक शुभकामनाएं, मैं आशा करती हुँ कि आपका आज का यह दिन शुभ होगा।

आज के इस भाषण समारोह में आप सब का स्वागत है। आज के भाषण का विषय है भारतीय शिक्षा प्रणाली। मैं साक्षी कालरा आज के अवसर पर इस कार्यक्रम पर आप सब की मेजबानी कर रही हुँ और मुझे आशा है कि आज के इस विषय हर किसी को कुछ ना कुछ तो जरुर कहना होगा, क्योंकि हम सब ही इस शिक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं। इस विषय के नकरात्मक और सकरात्मक दोनो पहलू है। शिक्षा के महत्व को कभी भी कम नही आंका जा सकता है, अगर लार्ड ब्रोगम के शब्दो में कहे तो, “शिक्षा लोगो का नेतृत्व आसान बनाती है, लेकिन उन्हे बाध्य करना मुश्किल बनाती है, अनका शासन आसान बनाती है पर उन्हे गुलाम बनाना असंभव बनाती है” यह कथन सत्य हैं क्योंकि शिक्षा के बिना में मनुष्य एक पशु बनकर रह जाता है।

क्या आपने कभी भेड़ो का झुंड देखा है? कि वह कैसे चराये जाते है और कैसे उनकी देखभाल की जाती है। ठीक उसी तरह शिक्षा के बिना एक मनुष्य भी भेड़ो के झुंड की तरह बनकर रह जाता है, जिसे जैसे चाहे वैसे रखा जा सकता है। एक सभ्य इंसान के लिए शिक्षा बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि यह उसे तर्क करने की शक्ति प्रदान करती है। जिसके बिना वह मात्र एक पशु बनकर रह जायेगा। क्या आपको पता है शिक्षा अर्थात “एजुकेशन” शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई है? इस शब्द की उत्पत्ति लैटिन के एक शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है “बाहर खीचना” इसलिए असली शिक्षा का तात्पर्य है हमारे अंदर के मानसिक ज्ञान को बाहर निकलाना इसका सम्मान करना तथा इसका महत्व समझना जोकि हमारे सार्थक अस्तित्व के लिए बहुत आवश्यक है।

हालांकि, हमारे शिक्षा व्यवस्था में कुछ खामिया है, तो आइये मिलकर जानते  है कि इसमें किस प्रकार के बदलावो की आवश्यकता है। शुरु से ही हमारे इस शिक्षा प्रणाली में कई कमिया और असंगतताएं आई है और इस समय तक हम इन विसंगतियों और त्रुटियो को अपने शिक्षा प्रणाली से दूर करने में सक्षम नही हुए है। वास्तव में एक बार रविन्द्र नाथ टैगोर ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को लेकर एक लंम्बा लेख लिखा था, जिसमें उन्होने इसके सुधारो के आवश्यकता को लेकर चर्चा की थी। हमारी इस शिक्षा प्रणाली में औपनिवेशिक काल से लेकर अब तक बहुत कम ही बदलाव हुए है।

वैसे तो हमारे देश में आई.आई.टी और आई.आई.एम, कानून विद्यालय और कई अन्य उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान चल रहे है, जहां विद्यार्थी 90 प्रतिशत अंक पाते है। इन जैसे अच्छे संस्थानो और कालेजो में दाखिला लेने के लिए कई बार 90 प्रतिशत अंक भी कम पड़ जाते है और विद्यार्थियो को उनके पसंद के संस्थानो में दाखिला नही मिल पाता है।

दुर्भाग्यवश रटंत विद्या या फिर कहे कि रटने वाली पढ़ाई हमारे शिक्षा प्रणाली में अभी भी मौजूद है जहा विद्यार्थी सिर्फ एम्स, आई.आई.टी जेईई या सीलैट जैसी परीक्षाएं उतीर्ण करने के लिए पढ़ते है। इस शिक्षा प्रणाली का निर्माण अंग्रेजो द्वारा किया गया था, जिसका मकसद सिर्फ सिविल सर्वेन्ट और क्लर्क तैयार करना था, जिसका ढ़ाचा अभी भी कुछ-कुछ वैसा ही है। जिसमें विद्यार्थी बैंक परीक्षा, प्रशासनिक सेवा, क्लर्क या फिर किसी अच्छे इन्जीनीयरींग या मेडिकल कालेज में दाखिला लेने के लिए तैयारी करते है। हमारे पास शिक्षा के अच्छे केंद्र, स्कूल और कालेज है पर उनकी संख्या हजारो के तादाद में औसत दर्जे के असंबद्धित शिक्षा संस्थानो के संख्या में काफी कम है, जोकि शिक्षा को पैसा कमाने का व्यापार समझते है और अनगिनत छात्रो का जीवन बर्बाद कर रहे है।

देश में शिक्षा प्रणाली के स्तर सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। जिससे छात्र शिक्षा रुपी अपनी इस यात्रा का पूरा आनंद ले सके और इसे एक बोझ ना समझे।

अपना बहूमुल्य समय देने के लिए आप सभी श्रोताओं का धन्यवाद!

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हमारे जीवन में शिक्षा का महत्व – Education Importance in Hindi

शिक्षा का महत्व: शिक्षा के बिना एक आदमी नींव के बिना एक इमारत की तरह है। हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व (Importance) होता है। शिक्षा मानव जीवन का अभिन्न अंग है। शिक्षा और ज्ञान न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भी आवश्यक है। शिक्षा (Education) एक व्यक्ति की सोच का पोषण करती है और उन्हें जीवन में सोचने, कार्य करने और आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करती है। शिक्षा लोगों को सशक्त बनाती है और उन्हें काम के संबंधित क्षेत्रों में रहने और अनुभव के सभी पहलुओं में कुशल बनने में मदद करती है। शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, यह लोगों के दिमाग को खोलती है और समझ, आगे बढ़ने और विकास करने की क्षमता प्रदान करती है। शिक्षा एकमात्र मूल्यवान संपत्ति है जिसे मनुष्य प्राप्त कर सकता है। शिक्षा एकमात्र आधार है जिस पर मानव जाति का भविष्य निर्भर करता है। Education Importance in Hindi.

शिक्षा का महत्व - Education Importance in Hindi

हम सभी जानते हैं कि, शिक्षा हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है। शिक्षा के साथ हम बहुत सारी चीजें कर सकते हैं। आज नौकरी या व्यवसाय हो या कोई भी अन्य काम को करने के लिए शिक्षा मूल आवश्यकता है। यदि हमें किसी काम की जरूरत है तो सबसे पहले हमारे नियोक्ता हमारी शिक्षा के बारे में पूछते है। रिश्तेवाले भी सबसे पहले, पढ़ाई के बारे में पूछते हैं। जीवन में पैसे कमाने के लिए भी शिक्षा जरूरी है। आज हमारी दुनिया के हर क्षेत्र में शिक्षा आवश्यक है। इससे पता चलता है, हमारे जीवन में शिक्षा का क्या महत्व है।

बचपन में शिक्षा उच्चतर माध्यमिक (Higher Secondary) के माध्यम से बच्चों के जीवन के प्रारंभिक वर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह उनके व्यक्तित्व, काम करने की क्षमता को आकार देता है और उनकी वास्तविक क्षमता को खोजने में मदद करता है। प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए उच्च शिक्षा आवश्यक है। इसलिए शिक्षा, सभी रूपों में और जीवन के किसी भी बिंदु पर, हमारे जीवन में एक अनिवार्य भूमिका निभाती है।

हम जब भी शिक्षा के बारे में सोचते हैं, सबसे पहले हमारा ध्यान नॉलेज प्राप्त करने पर जाता हैं। शिक्षा एक ऐसा उपकरण है जो हमारा ज्ञान, कौशल, तकनीक बढ़ाता है। साथ ही, हमें हमारे कर्तव्य को जानने में भी सक्षम बनाती है। इसके अलावा, शिक्षा हमें अन्याय, हिंसा, भ्रष्टाचार और अन्य बुरे तत्वों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।

शिक्षा ही हमें अपने आस-पास की दुनिया का ज्ञान देती है। शिक्षा राष्ट्र के विकास में सबसे महत्वपूर्ण होती है। शिक्षा के बिना, हम कुछ भी नया कर या सोच नहीं सकते हैं यानी हम नए विचार नहीं ला सकते हैं। इसका मतलब, शिक्षा के बिना किसी भी प्रकार का विकास संभव नहीं है।

हमारे जीवन में शिक्षा का महत्व (Education Importance in Hindi) Shiksha ka Mahatva in hindi, Importance of Education in our life in Hindi

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शिक्षा एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर हम बड़े हुए हैं। बचपन की शुरुआत से ही, इस क्षण तक, हम शिक्षा और इसकी आवश्यकता और महत्व से घिरे रहे हैं। हमें हमेशा अपने माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा बताया गया है कि शिक्षा आवश्यक है और हम सभी को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिक्षा क्या है, इसकी परिभाषा क्या है?

परिभाषा के अनुसार, शिक्षा एक व्यवस्थित विधा है जिसके माध्यम से छात्रों को निर्देश दिया जाता है, और स्कूल, कॉलेज या किसी अन्य संस्थागत संगठन में ज्ञान प्रदान किया जाता है। यह सैद्धांतिक परिभाषा है कि शिक्षा शब्द का अर्थ क्या है। हालांकि, व्यवहार में, शिक्षा एक व्यक्ति के समग्र और संपूर्ण प्रशिक्षण और विकास को शामिल करती है। शिक्षा यह है कि कोई व्यक्ति जीवन में विभिन्न पहलुओं के बारे में ज्ञान रखता है, सशक्त बनता है और स्वतंत्र और विशिष्ट रूप से सोचने की क्षमता प्राप्त करता है।

शिक्षा हर देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षा घर से शुरू होती है और जीवन भर जारी रहती है। शिक्षा हमें नई चीजें सीखने, अच्छी नौकरियां खोजने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करती है। एक व्यक्ति जितना अधिक शिक्षित होता है, जीवन में उसकी सफलता की संभावना उतनी ही अधिक होती है।

शिक्षा हमें एक अच्छा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती है। शिक्षा हमें विभिन्न प्रकार के भोजन के उपयोग और उनका उपभोग करने के तरीके जानने में मदद करती है। यह हमें इस बारे में भी शिक्षित करता है कि कैसे खुद को बीमारियों से बचाएं और बुरी आदतों से दूर रहें। हमारे लिए और अपने देश की रक्षा के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।

हमारे पहले शिक्षक हमारे माता-पिता हैं। वे हमें सिखाते हैं कि कैसे अपनी मूल भाषा बोलें और अपने आसपास की चीजों को पहचानें। शिक्षक और प्राध्यापक हमें विभिन्न महत्वपूर्ण और विशिष्ट विषयों की शिक्षा देकर हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षा हमें सही-गलत को जानने में मदद करती है और हमें हमारे देश के जिम्मेदार नागरिक बनाती है।

शिक्षा हमें नर्सरी स्कूल, हाई स्कूल और पूरे विश्वविद्यालय में प्रदान की जाती है। लेकिन उससे भी अलग, हमारा अपना जीवन हमें सबक सिखाता है। यह दैनिक जीवन जीने में अनुभव के माध्यम से है, जिसके माध्यम से हम जीवन और अस्तित्व के बारे में कुछ सबसे महत्वपूर्ण और कठिन सबक सीखते हैं। शिक्षा आवश्यक है क्योंकि इससे मन और बुद्धि का विकास होता है।

शिक्षा को एक ऐसी विधा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व और बौद्धिक क्षमता के समग्र विकास और निर्धारण में मदद करती है। शिक्षा के इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, हम अच्छी तरह से निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यह एक आवश्यक घटना है, और प्रत्येक मनुष्य को उचित और निश्चित शिक्षा तक पहुँचने का अधिकार होना चाहिए।

शिक्षा का प्राथमिक उद्देश्य ज्ञान प्रदान करना है। लोगों के दिमाग की सोचने की क्षमता के निर्माण में शिक्षा की भी अपनी उचित हिस्सेदारी है। इसलिए, शिक्षा लोगों को ज्ञान और तथ्यों की आपूर्ति करती है और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण के माध्यम से उस अर्जित ज्ञान को व्यावहारिक और व्यावसायिक जीवन में एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस प्रकार, शिक्षा, किसी देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र का समर्थन करने में एक प्राथमिक भूमिका भी निभाती है।

शिक्षा को पूरा करने के लिए सीखने, विकसित करने और लागू करने की आवश्यकता एक और लक्ष्य है। ज्ञान प्रदान करने के अलावा, लोग नागरिक और सामाजिक जिम्मेदारियों में भी निहित हैं। शिक्षा लोगों को उनके कर्तव्यों के बारे में जागरूक करती है और जीवन में नैतिक और अनैतिक है। प्रशिक्षण भावनात्मक एकीकरण में भी मदद करता है।

एक साहित्यिक समुदाय में, व्यर्थ और तर्कहीन संघर्ष और विरोधाभास जैसे कोई क्षुद्र मुद्दे मौजूद नहीं हैं। एक शिक्षित आबादी अपने सहकर्मियों के साथ सहयोग करना जानती है। अत: विश्व शांति, न्याय, स्वतंत्रता और समानता प्राप्त करने के लिए शिक्षा आवश्यक है। सभी को अपने आप को शिक्षित करने और जीवन को विकसित करने का अधिकार होना चाहिए।

शिक्षा जीवन में आगे बढ़ने और विकास का एक अनिवार्य पहलू है। इसके के बिना किसी देश के विकास के लिए एक उत्कृष्टता की संभावना बहुत कम है। शिक्षा चरित्र निर्माण के साथ-साथ लोगों के व्यक्तित्व को आकार देने में एक आवश्यक भूमिका निभाती है। समाज के सभी लोगों को, युवाओं को शिक्षा के अधिकार का हकदार होना चाहिए। क्योंकि युवाओं को शिक्षित करके ही एक देश अपने भविष्य के विकास और प्रगति को सुनिश्चित कर सकता है।

शिक्षा हमारे इतिहास, संस्कृति और हमारे अतीत के बारे में जानने में हमारी मदद करती है। समाज में सभी को जीवन में शिक्षा की आवश्यकता और उद्देश्य को समझना चाहिए। भारत, एक देश के रूप में, जनसंख्या के मामले में दूसरे नंबर पर है। इसकी कुल जनसांख्यिकी में से आधे से अधिक लोग बढ़ते समुदाय का हिस्सा हैं, जिनकी आयु तीस और उससे कम है। इस प्रकार एक ऐसे देश के लिए जो नए और युवा दिमाग से भरा है, शिक्षा आवश्यक है।

हर व्यक्ति सोचने और न्याय करने की अपनी क्षमता के साथ पैदा होता है। शिक्षा के माध्यम से ही हम अपनी प्रतिभा को पहचान पाते हैं और लागू करने और अमल में लाने के बारे में सीखते हैं। हमारे देश के युवा उचित शिक्षा के साथ अच्छे विचार और व्यवहार से अभिनव लहर ला सकते हैं। इसलिए, भारत के विकास के लिए भारतीय युवाओं के पास खुद को सीखने और शिक्षित करने के लिए पर्याप्त संसाधन होने चाहिए। शिक्षा देश को आगे बढ़ने और विकसित करने में सबसे अहम भूमिका निभाती है।

शिक्षा के दम पर हम जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में ज्ञान, कौशल और प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। उचित शिक्षा के बिना हम अपने जीवन को सफल और सुखी नहीं बना सकते हैं। शिक्षा हमारे जीवन में आवश्यक है क्योंकि यह हमारे लिए विकास का रास्ता खोलती है। यह हमें आत्मनिर्भर और कुशल बनाती है। शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है।

शिक्षित लोग अशिक्षित लोगों की तुलना में अधिक खुशहाल जीवन जीते हैं। अच्छी शिक्षा से हम एक बेहतरीन करियर बना सकते हैं और अधिक पैसा कमा सकते हैं। कम शिक्षित लोग छोटी नौकरियां करते हैं और कम वेतन पाते हैं। इसलिए वे अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। जिसकी वजह से वे एक खुशहाल जीवन नहीं बिता पाते हैं। इसलिए शिक्षा हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।

यह भी पढ़ें:

  • हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व

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मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

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Comments ( 2 )

एजुकेशन है इसीलिए तो इस ब्लॉग को पढ़ रहा हू नहीं तो शायद मैं इस ब्लॉग तक ही नहीं पहुंचता।

Bahut sunder post sir jee

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Speech on Education and its Importance for Students

Speech on importance of education for students.

Good Morning to one and all present here! Today I am here to deliver a speech about education. It is usually a belief that education is the foundation for all-round development. Life is based on development and that developing and growing is life. If we describe this view into the perspective of education, we can sum up that education is the all-round development of the individual’s personality. Thus, education is nothing but all-round development of the individual’s personality. Education is a process of man-making. Hence, education is necessary for all.

speech on education

Importance of Education

As per the report of the Kothari Commission, “the destiny of India is being shaped in its classrooms.” Education ingrain civic and social responsibility among everyone. India is a land of diversities. Therefore, in order to bring unity, education is a means for emotional integration. We cannot do without any kind of education. Education is an essential aspect of human development. Education is a means of achieving a world of peace, justice, freedom, and equality for all. Thus, education is extremely necessary for all. No good life is possible without education.

It indorses the intelligence of human beings, develops his skill, and enables him to be industrious. It ensures his progress. Education also channelizes the undeveloped capacities, attitude, interest, urges and needs of the individual into desirable channels. The individual can adjust and modify his environment with the help of education as per his need.

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Problems and Prospects

In a democratic country, education is necessary for all its citizens. Unless all the citizens get education, democratic machinery cannot work well. So we may emphasize that the problem of equality of educational opportunities in Indian. This situation is a very formidable one.

Our education system is at cross-roads. The Indian constitution enacted that there should be a universalization of primary education. In the order of the constitution, it was indicated that compulsory education must be for all children up to the age of 14. The universalization of elementary education has been implemented as a national goal. ‘Education for all’ is now an international goal.

The main problems are finances. Rural-urban disparity due to illiteracy. Women’s education, economic conditions of backward communities and non-availability of equipment are some other major problems.

Strategies and efforts at the national and international level

Universal elementary education has run the formulation of the project “education for all”. The provision of article 45 of the Indian constitution is a noble determination for the universalization of elementary education. Big efforts have been made to reach the goal of providing elementary education to every child of the country through, universal enrolment, universal provision, and universal retention.

Our constitution is making arrangements for free and compulsory education with the right of minorities to establish educational institutions. As well as there are education for weaker sections, secular education, women’s education, instruction in the mother-tongue at the primary stage, etc. These constitutional provisions are nothing but our effort to achieve the target of the project “Education for all”.

Thus, in the end, we find that education is a significant factor for achieving success, building characters, and for living a wholesome and happy life. True education always humanizes the person. In this reference, “Education for all” has become an international goal for both developed and developing countries.

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Speech for Students

  • Speech on India for Students and Children
  • Speech on Mother for Students and Children
  • Speech on Air Pollution for Students and Children
  • Speech about Life for Students and Children
  • Speech on Disaster Management for Students and Children
  • Speech on Internet for Students and Children
  • Speech on Generation Gap for Students and Children
  • Speech on Indian Culture for Students and Children
  • Speech on Sports for Students and Children
  • Speech on Water for Students and Children

16 responses to “Speech on Water for Students and Children”

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दा इंडियन वायर

शिक्षा का महत्व पर निबंध

importance of education school speech in hindi

By विकास सिंह

essay on importance of education in hindi

शिक्षा का महत्व हमें अपने जीवन में शिक्षा का मूल्य बताता है। शिक्षा का अर्थ सभी के जीवन में बहुत कुछ है क्योंकि यह हमारे सीखने, ज्ञान और कौशल को सुविधाजनक बनाता है। यह हमारे दिमाग और व्यक्तित्व को पूरी तरह से बदल देता है और हमें सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त करने में मदद करता है।

विषय-सूचि

शिक्षा का महत्व पर निबंध, essay on importance of education in hindi (100 शब्द)

जीवन में आगे बढ़ने और सफलता पाने के लिए सभी के लिए बेहतर शिक्षा बहुत आवश्यक है। यह आत्मविश्वास विकसित करता है और व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में मदद करता है।

स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में एक महान भूमिका निभाती है। पूरी शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा जैसे तीन प्रभागों में विभाजित किया गया है।

शिक्षा के सभी प्रभागों का अपना महत्व और लाभ है। प्राथमिक शिक्षा आधार तैयार करती है जो जीवन भर मदद करती है, माध्यमिक शिक्षा आगे के अध्ययन के लिए रास्ता तैयार करती है और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा भविष्य और पूरे जीवन का अंतिम रास्ता तैयार करती है।

हमारी अच्छी या बुरी शिक्षा यह तय करती है कि हम भविष्य में किस प्रकार के व्यक्ति होंगे।

हमारे जीवन में शिक्षा का महत्व पर निबंध, essay on value of education in hindi (150 शब्द)

ऐसी प्रतिस्पर्धी दुनिया में, सभी के लिए अच्छी शिक्षा होना आवश्यक है। अच्छी नौकरी और पद पाने के लिए उच्च शिक्षा का महत्व बढ़ गया है। उचित शिक्षा भविष्य में आगे बढ़ने के बहुत सारे रास्ते बनाती है। यह हमारे ज्ञान स्तर, तकनीकी कौशल और नौकरी में अच्छी स्थिति को बढ़ाकर हमें मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से मजबूत बनाता है।

हर बच्चे के जीवन में कुछ अलग करने का अपना सपना होता है। कभी-कभी माता-पिता अपने बच्चों को डॉक्टर, आईएएस अधिकारी, पीसीएस अधिकारी, इंजीनियर और अन्य उच्च स्तरीय पदों के लिए सपने देखते हैं। सभी सपनों का एक ही तरीका है जो अच्छी शिक्षा है।

जो छात्र खेल, खेल, नृत्य, संगीत आदि जैसे अन्य क्षेत्रों में रुचि रखते हैं, वे डिग्री, ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास के लिए अपनी विशिष्टताओं के साथ अपने आगे के अध्ययन को जारी रखते हैं। शिक्षा के कई बोर्ड हैं जैसे कि यूपी बोर्ड, बिहार बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आदि। शिक्षा एक बहुत अच्छा साधन है जो जीवन में सभी को लाभ देता है।

विद्यार्थी जीवन में शिक्षा का महत्व पर निबंध, importance of education essay in hindi (200 शब्द)

जीवन में सफल होने और कुछ अलग पाने के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण उपकरण है। यह जीवन कठिन जीवन की चुनौतियों को कम करने में बहुत मदद करता है। शिक्षा अवधि के दौरान प्राप्त ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति को उनके जीवन के बारे में आश्वस्त करता है।

यह जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न द्वार खोलता है ताकि कैरियर के विकास को बढ़ावा मिले। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के मूल्य को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैं। यह समाज में सभी लोगों के बीच समानता की भावना लाता है और देश के विकास और विकास को बढ़ावा देता है।

शिक्षा आधुनिक तकनीकी दुनिया में एक सर्वोपरि भूमिका निभाता है। अब-एक दिन, शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के कई तरीके हैं। शिक्षा के पूरे मानदंड अब बदल दिए गए हैं। हम नौकरी के साथ 12 वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से अध्ययन कर सकते हैं।

शिक्षा इतनी महंगी नहीं है, कम पैसे वाला कोई भी व्यक्ति लगातार अध्ययन कर सकता है। हम दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कम फीस वाले बड़े और लोकप्रिय विश्वविद्यालयों में प्रवेश पा सकते हैं। अन्य छोटे प्रशिक्षण संस्थान विशेष क्षेत्र में कौशल स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

शिक्षा का महत्व पर निबंध, essay on importance of education in hindi (250 शब्द)

शिक्षा पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान रूप से होनी चाहिए क्योंकि दोनों एक साथ एक स्वस्थ और शिक्षित समाज बनाते हैं। यह उज्ज्वल भविष्य पाने के लिए एक आवश्यक उपकरण है और साथ ही देश के विकास और प्रगति में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

देश के नागरिक देश के बेहतर भविष्य और विकास के लिए जिम्मेदार बनते हैं। उच्च शिक्षित लोग विकसित देश का आधार बनते हैं। इसलिए, उचित शिक्षा व्यक्ति और देश दोनों का उज्ज्वल भविष्य बनाती है। यह केवल शिक्षित नेता हैं जो राष्ट्र का निर्माण करते हैं और इसे सफलता और प्रगति की ऊंचाई तक ले जाते हैं। शिक्षा लोगों को यथासंभव परिपूर्ण और श्रेष्ठ बनाती है।

अच्छी शिक्षा जीवन को कई उद्देश्य देती है जैसे व्यक्तिगत उन्नति, सामाजिक स्थिति में वृद्धि, सामाजिक स्वास्थ्य में वृद्धि, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र को सफलता, जीवन के लक्ष्य निर्धारित करना, हमें कई सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण को हल करने के लिए समाधान देना समस्याओं और अन्य संबंधित मुद्दों।

दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के कारण, अब-एक दिन, शिक्षा बहुत सरल और आसान हो गई है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली विभिन्न जाति, धर्म और जाति के लोगों के बीच अशिक्षा और असमानता के सामाजिक मुद्दों को दूर करने में पूरी तरह से सक्षम है।

शिक्षा लोगों के दिमाग को एक बड़े स्तर पर विकसित करती है और समाज के सभी मतभेदों को दूर करने में मदद करती है। यह हमें एक अच्छा सीखने और जीवन के हर पहलू को समझने में सक्षम बनाता है। यह देश के प्रति सभी मानव अधिकारों, सामाजिक अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझने की क्षमता प्रदान करता है।

शिक्षा का महत्व पर निबंध, essay on importance of education in hindi (300 शब्द)

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक आवश्यक उपकरण है। हम शिक्षा के उपकरण का उपयोग करके जीवन में कुछ भी अच्छा हासिल कर सकते हैं। उच्च स्तर की शिक्षा लोगों को सामाजिक और पारिवारिक सम्मान और अद्वितीय पहचान अर्जित करने में मदद करती है।

व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से सभी के लिए शिक्षा का समय जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक व्यक्ति को जीवन और कल्याण की भावना में एक अनूठा मानक प्रदान करता है। शिक्षा किसी भी बड़े सामाजिक और पारिवारिक और यहां तक ​​कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं को हल करने की क्षमता प्रदान करती है।

हममें से कोई भी हर सूरत में जीवन में शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता है। यह मन को जीवन में सकारात्मकता की ओर मोड़ता है और सभी मानसिक समस्याओं और नकारात्मकता को दूर करता है।

यह सकारात्मक विचारों को लाकर और नकारात्मक विचारों को हटाकर लोगों की सोच को बदल देता है। हमारे माता-पिता बचपन से शिक्षा के प्रति हमारे मन को बदलने में एक महान भूमिका निभाते हैं। वे हमें लोकप्रिय शिक्षण संस्थानों से अच्छी शिक्षा देने की पूरी कोशिश करते हैं।

यह हमें तकनीकी और उच्च कुशल ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ पूरी दुनिया में अपने विचारों को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। कौशल और ज्ञान के स्तर को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका समाचार पत्र पढ़ने, टीवी पर शैक्षिक कार्यक्रमों को देखने, अच्छे लेखकों की किताबें पढ़ने आदि का अभ्यास करना है।

शिक्षा हमें अधिक सभ्य और बेहतर शिक्षित बनाती है। यह हमें समाज में बेहतर स्थिति बनाने में मदद करता है और नौकरी में सपने की स्थिति को प्राप्त करता है। यह हमें जीवन में एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी, पायलट, शिक्षक, आदि बनने में सक्षम बनाता है। नियमित और उचित अध्ययन हमें जीवन का लक्ष्य बनाकर सफलता की ओर ले जाता है।

पहले शिक्षा प्रणाली इतनी सख्त थी और सभी जातियों के लोग अपनी इच्छा के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे। उच्च लागत की वजह से महाविद्यालयों में प्रवेश लेना बहुत कठिन था। लेकिन अब शिक्षा में आगे बढ़ना इतना सरल और आसान हो गया है।

शिक्षा का महत्व पर निबंध, essay on importance of education in hindi (400 शब्द)

घर शिक्षा का पहला स्थान है और माता-पिता सभी के जीवन में पहले शिक्षक हैं। बचपन में, हमें अपने घर से शिक्षा का पहला आभास मिलता है, विशेष रूप से हमारी माँ का।

हमारे माता-पिता हमें जीवन में अच्छी शिक्षा का महत्व बताते हैं। जब हम तीन या चार साल के हो जाते हैं, तो हम उचित, नियमित और अनुक्रमिक अध्ययन के लिए स्कूल भेजते हैं, जहाँ हमें कई परीक्षाएँ देनी होती हैं और फिर हमें एक कक्षा के लिए एक पास प्रमाणपत्र मिलता है।

धीरे-धीरे हम 12 वीं कक्षा तक सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने तक अपनी एक कक्षा को पास करके आगे बढ़ते हैं। फिर तकनीकी या पेशेवर डिग्री में प्रवेश पाने के लिए तैयारी शुरू करें जिसे उच्च अध्ययन कहा जाता है। जीवन में अच्छी और तकनीकी नौकरी पाने के लिए सभी के लिए उच्च अध्ययन बहुत आवश्यक है।

हम अपने माता-पिता और शिक्षकों के प्रयासों से जीवन में एक शिक्षित व्यक्ति बन जाते हैं। वे हमारे वास्तविक शुभचिंतक हैं जो हमें अपने जीवन को सफलता की ओर ले जाने में मदद करते हैं। अब-एक दिन, शिक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए कई सरकारी कार्यक्रम लागू किए गए हैं ताकि सभी को उचित शिक्षा प्राप्त हो सके।

टीवी और समाचारों पर बहुत सारे विज्ञापन दिखाए जाते हैं और लोगों को शिक्षा के लाभों और महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में क्योंकि पिछड़े या ग्रामीण क्षेत्रों में लोग शिक्षा के प्रति गरीब और अनुचित समझ के कारण अध्ययन नहीं करना चाहते हैं।

पहले शिक्षा प्रणाली इतनी सख्त और महंगी थी, 12 वीं कक्षा के बाद गरीब लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे। लोगों में समाज में बहुत मतभेद और असमानता थी। उच्च जाति के लोग अच्छी तरह से अध्ययन कर रहे थे और निम्न जाति के लोगों को स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने की अनुमति नहीं थी।

हालाँकि वर्तमान में, शिक्षा के पूरे मानदंड और विषय को एक बड़े स्तर पर बदल दिया गया है। भारत सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को सभी स्तर के लोगों के लिए सुलभ और कम खर्चीली बनाने के लिए कई नियम और कानून बनाए गए हैं और उन्हें लागू किया गया है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों ने उच्च अध्ययन को इतना सरल और सस्ता बना दिया है कि पिछड़े क्षेत्रों के लोग, गरीब लोग और अच्छी जिंदगी जीने वाले लोग भविष्य में शिक्षा और सफलता तक समान पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। अच्छी तरह से शिक्षित लोग देश के स्वस्थ स्तंभ बनाते हैं और भविष्य में इसे आगे बढ़ाते हैं। तो, शिक्षा वह उपकरण है जो जीवन, समाज और राष्ट्र में हर असंभव चीज को संभव बना सकता है।

[ratemypost]

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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mujhe shiksha ka current level or positive thinking topic chahiye

Nice get 20 marks in this

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Speech on Importance of Forests in English for Students

importance of education school speech in hindi

  • Updated on  
  • May 30, 2024

Speech on Importance of Forests

This page will discuss a speech on the Importance of Forests for school students. According to the National Forest Policy of India, at least 33% of the country’s total area must be forest land or surrounded by trees and grasslands to maintain ecological balance. Together, let’s explore why preserving forests is not just an environmental concern but a necessity for our planet’s and future generations’ health.

1 Minute Speech on Importance of Forests 

3 minute speech on importance of forests .

Ans: We depend on forests for our survival, from the air we breathe to the wood we use. Besides providing habitats for animals and livelihoods for humans, forests also offer watershed protection, prevent soil erosion, and mitigate climate change.

Ans: Forests offer multiple direct benefits like: Provide a home for indigenous life. Sustain ecological balance and biodiversity. Provide a huge variety of commercial and food products. Help in the sustenance of tribal people.

Ans: The full form of F-Food, O-oxygen, R-rain, E-eco progress, S-soil conservation, and T-Timber. 

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Aayushi Vardhan

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Headlines around higher education this year have centered on protests, free speech and student safety. But some important changes on the academic and admissions front have gotten less attention, including some schools turning back to standardized testing after deciding they would no longer require it. Paul Solman reports for our series, Rethinking College.

Read the Full Transcript

Notice: Transcripts are machine and human generated and lightly edited for accuracy. They may contain errors.

Amna Nawaz:

Headlines around higher education this year have centered on protests, free speech and students safety. But some important changes on the academic and admissions front have gotten less attention, including some schools turning back to standardized testing after deciding they would no longer require it.

Paul Solman has that story for our latest series on Rethinking College.

Kelly Damphousse, President, Texas State University:

I was terrible in math.

Paul Solman:

Meet Kelly Damphousse, president of Texas State University in San Marcos.

Kelly Damphousse:

So I end up going to community college, and I got a 2.54 GPA.

When he made it to a four-year school, he was the first in his family, just like 43 percent of the 34,000 undergrads here at Texas State.

So you're sympathetic to the idea that tests should be optional.

Yes. Well, yes. If I had had to take the test, I probably wouldn't have gotten into college.

That test, the SAT, or ACT, which for years most colleges required for admission, research having shown test scores correlated with college GPAs.

But during the pandemic, many dropped the requirement. Post-pandemic, Texas State remains test-optional. And yet retention rates are still rising, while, more than ever:

We look like the state of Texas,the most diverse university in the state.

One that welcomes students like the president once was.

We are creating greater opportunities for people to access the opportunity to get a four-year college degree, something we know is a life-changing experience for these people.

Just 40 minutes away, the University of Texas at Austin, 42,000 undergrads, average SAT 1355 out of 1600. U.T. also went test-optional during COVID, but it's now reinstated test scores, joining a host of other schools.

Why? Yes, it's already selective, says U.T. president Jay Hartzell.

Jay Hartzell, President, The University of Texas at Austin: Anybody who applies from a Texas high school and is in the top 6 percent of their class is admitted.

But, he emphasizes:

Jay Hartzell:

That doesn't mean they're admitted to business or finance, for example, or computer science or liberal arts necessarily. So we use the test scores historically to put them in the right schools and colleges when they get here, put them in the right spots to ultimately succeed.

And reroute some of the automatic admits, though they might have had low test scores, and perhaps others, from difficult majors that might frustrate them, he says, even to the point of giving up.

So Hartzell thinks testing can be used compassionately, and should even improve a crucial objective, graduation rates, now at about 75 percent.

Kendra Strange, Breakthrough Central Texas:

I am excited for you both.

But Kendra Strange, who helps low-income students prepare for college, begs to differ.

Kendra Strange:

There's so much that goes into deciding what you want to study in college. And the test score alone doesn't necessarily indicate whether or not a student is going to be successful in one particular career or major. For many students, what you find is, they're picking majors around their passion.

And, to Strange, passion inspires grit, which she says is the real key to success.

Maybe the student didn't test well. Maybe the student is not good at timed tests. It shouldn't equate to whether or not I'm going to be a successful as an engineer.

Moreover, says admissions coach Yvonne Espinoza.

Yvonne Espinoza, College Counselor:

Requiring testing can close doors for those students who don't have access to resources. When test scores are required, my students from lower socioeconomic backgrounds were much less likely to apply because they would see what colleges were publishing on their Web sites as their average SAT score, and they were scoring well below that and didn't understand that that was OK for them because of the schools they went to, because they didn't have access to resources.

Miguel Wasielewski, Head of Admissions, The University of Texas at Austin: I'm a first-generation student. My mom didn't graduate high school.

Head of admissions and U.T. alum Miguel Wasielewski.

Miguel Wasielewski:

My dad didn't go to college. And so we came from a very low-income background.

And so kids like he was are those he cares most about. And not only can the tests can and not only can the tests help from being overmatched in tough courses, he says, but, worse, for a school as rich in resources as U.T. Austin, with test-optional:

We were not putting somebody into a program that could have benefited from those resources. So, with the reinstitute of those scores, we will be able to begin providing that additional support to them.

Who is not getting in now because of test scores being required?

I would say that there's not a higher likelihood or unlikelihood of that student getting in. It's just another variable that we have within the application.

In fact — and this is an argument you hear at other universities like MIT that have restored test scores — more students from poor schools may now get in when compared to similar students from similar backgrounds in their region.

People have in their head things like 1500, 1600 SAT scores. And so a student that doesn't have that level and maybe has like a 1200 SAT may say, you know what, I'm not going to submit that information to the university.

But then when we go in and contextually evaluate that student, and we see that they're in the 99th percentile of their high school with that score, that's a very meaningful figure.

Moreover, the average high school grade has risen over time, shrinking the grade range, so-called grade inflation. As a result, grades can mean less than they used to.

So while they may have had that 4.0 GPA, they're on the lower end of the standardized scores. And that helps us to be able to understand that maybe the student is going to benefit from some resources that we have available here.

Things like being able to get placed into programs that puts you with mentors, being able to sit down with other students and get assistance, assistance with writing, assistance with tutoring for classes that they're attending.

At the outreach nonprofit Breakthrough Central Texas, they provide such help to low-income students with college dreams early on.

In fifth grade, we go into schools across Central Texas and we say, hey, are you the first in your family to go to college? Are you from a traditionally underserved background? Then we want to help you on your journey.

Again, Breakthrough's Kendra Strange.

We recognize that food insecurity, housing insecurity, mental health support, students can't think about performing well in school if they're not eating. And so we support our students with wraparound services.

Students like high school senior Samuel Bautista-Zamora.

Samuel Bautista-Zamora, Student:

My parents migrated from Mexico. I think they barely graduated middle school, and they were just like, we really can't help you with this.

He worried about taking the SAT because:

Samuel Bautista-Zamora:

Well, SAT plays everybody in the — puts everybody in the same field technically, but it's like some might have more resources. Some might pay for private tutors, which, unfortunately, we don't have that luxury.

So, we — I had to look for my own resources, spend time while balancing a job, taking care of my siblings, and still trying to do extracurriculars to boost my resume to be able to get to these schools without these SAT scores.

But Bautista-Zamora took the test, got a 1060 the first time, then 1160, then 1310, but that last one was too late, so he submitted no scores, figuring:

My extracurriculars and my grades reflected better.

And he got into U.T. Austin.

High school junior Terrance Taylor Johnson is looking at U.T. too.

Terrance Taylor Johnson, Student:

I think my chances are pretty good. I just need to focus on my test scores more. I averaged 1080 on the — I mean, 1060 on the first run, and so I need to do better on the next one.

How did you feel during the test? Did you — were you nervous? Were you not nervous?

Terrance Taylor Johnson:

I was nervous because, on the PSAT, I had got an 830. But then, as soon as I saw my test score, I was actually pretty happy how high it jumped.

Jumped just above the national average of 1050.

Back on campus at U.T., freshman Aniya Matthews, who arrived here with a relatively low score for Austin, 1090.

Aniya Matthews, College Student:

Some of my peers have thousand-dollar tutors they get for their SATs. Now, me, I come from a low-income background, so there wasn't no help on that SAT.

What were you applying for your major?

Aniya Matthews:

I wanted to be a medical laboratory scientist. But thank God I didn't get into that, because I realize that I do not like STEM.

So the fact that they discouraged you from what you were originally going to go into it, maybe on the basis of your SAT, was a good thing?

Yes, but I feel like, though, I feel like, when it comes to some students who have maybe a lower score who genuinely have a passion and want to go into, like, engineering, I do feel as though they definitely don't have that shot sometimes.

And thus the question colleges face with requiring tests: Are they more or less likely to discourage the disadvantaged from pursuing their passion or even applying, weighed against signals that could help with admission, lead to savvier placement, and more resources to succeed?

For the "PBS NewsHour," Paul Solman in Central Texas.

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Paul Solman has been a correspondent for the PBS NewsHour since 1985, mainly covering business and economics.

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